विदेशी मुद्रा विश्वकोश

वायदा अनुबंध क्या है

वायदा अनुबंध क्या है
महंगाई दर- किसी भी देश की महंगाई दर मुद्रा की स्थिति पर असर डालती है। दो देशों में जहां महंगाई दर कम होगी वहां की करेंसी ज्यादा मजबूत होने के आसार हैं।

जानिए क्या होता है वायदा कारोबार.

करेंसी फ्यूचर्स के तहत करेंसी का भविष्य की किसी तारीख के लिए वायदा कारोबार किया जाता है। इसके तहत यह तय होता है कि भविष्य में किसी तारीख को करेंसी की बिक्री किस कीमत पर होगी।

  • News18India.com
  • Last Updated : October 19, 2015, 08:19 IST

नई दिल्ली। करेंसी फ्यूचर्स के तहत करेंसी का भविष्य की किसी तारीख के लिए वायदा कारोबार किया जाता है। इसके तहत यह तय होता है कि भविष्य में किसी तारीख को करेंसी की बिक्री किस कीमत पर होगी। करेंसी फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट के अंतर्गत निवेशकों को विदेशी मुद्रा विनिमय के जोखिम से बचने के लिए हेजिंग करने की अनुमति दी जाती है। निवेशक को अगर वायदा अनुबंध क्या है लगता है कि आगे उसे नुकसान उठाना पड़ेगा, तो उस स्थिति में वह अनुबंध की डिलीवरी की तारीख से पहले भी मुद्रा को बेच या खरीद सकता है। अगर कोई निवेशक डिलीवरी की तारीख वायदा अनुबंध क्या है से पहले अनुबंध से पहले बाहर निकलना चाहता है तो उस तारीख में बाजार में मुद्रा की जो कीमत होती है, उसके आधार पर कॉन्ट्रैक्ट का निपटान किया जाता है, न कि कॉन्ट्रैक्ट की डिलीवरी वाली तारीख के हिसाब से।

सेबी ने गेहूं सहित 7 कमोडिटीज़ के वायदा कारोबार पर लगाया प्रतिबंध, जानिए आप पर क्या होगा असर

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: December 20, 2021 13:14 IST

सेबी ने गेहूं सहित 7. - India TV Hindi News

Photo:PTI

सेबी ने गेहूं सहित 7 कमोडिटीज़ के वायदा कारोबार पर लगाया प्रतिबंध, जानिए आप पर क्या होगा असर

Highlights

  • गेहूं, कच्चे पाम वायदा अनुबंध क्या है तेल, मूंग में नए डेरिवेटिव अनुबंध शुरू नहीं करने का निर्देश
  • एग्री कमोडिटी के वायदा कॉन्ट्रैक्ट में कारोबार को एक साल के लिए निलंबित
  • सरकार चाहती है कि दलहन और तिलहन की कीमतें काबू में रहें

नयी दिल्ली। बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को शेयर बाजारों को अगले आदेश तक गेहूं, कच्चे पाम तेल, मूंग और कुछ अन्य जिंसों में नए डेरिवेटिव अनुबंध शुरू नहीं करने का निर्देश दिया। इसके साथ सरकार की कोशिश महंगाई पर काबू पाने की है। वित्त मंत्रालय ने कुछ एग्री कमोडिटी के वायदा कॉन्ट्रैक्ट में कारोबार को एक साल के लिए निलंबित कर दिया है।

एक विज्ञप्ति के अनुसार ये निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। धान (गैर-बासमती), गेहूं, सोयाबीन, कच्चे पाम तेल और मूंग के लिए नए अनुबंधों की शुरूआत पर नियामक ने अगले आदेश तक रोक लगा दी है। सूची में चना, और सरसों के बीज और इसके डेरिवेटिव भी शामिल हैं। इन जिंसों में डेरिवेटिव अनुबंधों को इस साल की शुरुआत में निलंबित कर दिया गया था। सेबी के आदेश के तहत पहले से चल रहे अनुबंधों के संबंध में कोई भी नया सौदा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और केवल सौदे को पूरा करने की अनुमति होगी। वायदा अनुबंध क्या है बयान के मुताबिक ये निर्देश एक साल के लिए लागू होंगे।

किन जिंसों के वायदा पर प्रतिबंध

सरकार ने 7 एग्री कमोडिटी के वायदा पर रोक लगाई है। इसके तहत सोयाबीन और इसके डेरिवेटिव प्रोडक्ट्स पर प्रतिबंध, मूंग, चना, क्रूड पाम तेल सरसों, धान (गैर-बासमती), गेहूं पर 1 साल तक रोक, 20 दिसंबर से नई पोजीशन लेने पर रोक लगी है। निवेशकों के पास मौजूदा सौदे को सिर्फ खत्म करने की इजाजत है। अगले आदेश तक फ्यूचर्स-ऑप्शंस के नए कॉन्टैक्ट लॉन्च नहीं होंगे।

महंगाई के आंकड़ सरकार को परेशान करने वाले हैं। सरकार चाहती है कि दलहन और तिलहन की कीमतें काबू में रहें। इसके चलते सरकार ने यह कदम उठाया है। इनकी कीमतों को काबू में करने के लिए सरकार ने इन कमोडिटीज के वायदा कारोबार पर रोक लगाई है। सरकार के इस फैसले से वायदा बाजार का संतुलन कमजोर होगा।

रेटिंग: 4.89
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 182
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *