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बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं

बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं

Crypto Currency क्रिप्टो करेंसी पर केंद्र सरकार की दो टूक; बिटकॉइन या एथेरियम को नहीं कोई मान्यता, कहा- नुकसान के लिए हम जिम्मेदार नहीं

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने भारत में चल रही प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। सरकार ने दो टूक कह दिया है कि, बिटकॉइन, एथेरियम या एनएफटी को क़ानूनी मान्यता नहीं मिलेगी। बुधवार को आयोजित प्रेस वार्ता में वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने यह जानकारी दी। इसी के साथ सरकार ने यह भी साफ़ कर दिया है कि, बिटकॉइन या किसी भी निजी क्रिप्टोकरेंसी में जनता निवेश करेगी और उसमें नुकसान होता है तो उसकी जिम्मेदारी सरकार की नहीं होगी।

समाचार एजेंसी एनएनआई से बात करते हुए वित्त सचिव ने कहा, “बिटकॉइन या एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी कभी भी कानूनी निविदा नहीं बनेंगी, केवल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी डिजिटल रुपया ही कानूनी निविदा होगा।”

उन्होंने कहा, “डिजिटल रुपया आरबीआई द्वारा समर्थित होगा जो कभी भी डिफ़ॉल्ट नहीं होगा। पैसा आरबीआई का होगा लेकिन प्रकृति डिजिटल होगी। आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल रुपया कानूनी निविदा होगा। हम गैर- डिजिटल संपत्ति के साथ डिजिटल संपत्ति जैसे हम अपने वॉलेट का उपयोग करके आइसक्रीम या अन्य चीजें खरीदते हैं या यूपीआई प्लेटफॉर्म के माध्यम से भुगतान करते हैं।”

उन्होंने कहा, “बाकी सभी कानूनी निविदा नहीं हैं, नहीं होंगे, कभी कानूनी निविदा नहीं बनेंगे। बिटकॉइन, एथेरियम, या अभिनेता की एनएफटी बनने वाली कोई भी तस्वीर कभी भी कानूनी निविदा नहीं बन पाएगी।”

सोमनाथन ने कहा कि क्रिप्टो संपत्ति ऐसी संपत्ति है जिसका मूल्य दो लोगों के बीच निर्धारित किया जाता है, आप सोना, हीरा और क्रिप्टो संपत्ति खरीद सकते हैं, लेकिन उस मूल्य को सरकार द्वारा अधिकृत नहीं किया जाएगा।”

उन्होंने कहा, “निजी क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों को यह समझना चाहिए कि इसके पास सरकार का प्राधिकरण नहीं है। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आपका निवेश सफल होगा या नहीं, किसी को पैसा गंवाना पड़ सकता है और इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है। वित्त सचिव ने स्पष्ट किया कि जो चीजें कानूनी नहीं हैं, उनका मतलब यह नहीं है कि वे अवैध हैं।

सोमनाथन ने कहा, “मैं यह नहीं कह रहा हूं कि बिटकॉइन या एथेरियम अवैध है, लेकिन यह वैध भी नहीं है। लेकिन मैं कह सकता हूं कि अगर क्रिप्टोकरेंसी के लिए विनियमन आता है तो यह कानूनी निविदा नहीं होगी।”

सोमनाथन ने कहा कि विनियमन केवाईसी, विक्रेता के लाइसेंस की मांग कर सकता है, लेकिन सरकार द्वारा बाद में हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के साथ निर्णय लिया जाएगा।” उन्होंने कहा कि, “हम यह भी देखेंगे कि दूसरे देशों में क्या हो रहा है।” डिजिटल रुपये के बारे में अधिक विस्तार से बताते हुए, सोमनाथन ने कहा कि, “डिजिटल रुपया बिटकॉइन और एथेरियम की तरह नहीं होगा।”

सोमनाथन ने आगे कहा, “डिजिटल रुपये के माध्यम से, आप अपना लेन-देन करते हैं जैसे आप वर्तमान में अपने डिजिटल वॉलेट जैसे पेटीएम, यूपीआई के माध्यम से कर रहे हैं। डिजिटल रुपया एक कानूनी निविदा है और नकद भुगतान के बराबर है।”

वित्त सचिव ने डिजिटल संपत्ति हस्तांतरण पर 30 प्रतिशत कर की दर के बारे में भी स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि कृषि को छोड़कर कोई भी अन्य आय सरकार की नीति के अनुसार कर योग्य है। उन्होंने कहा, “वर्तमान में हमारे पास क्रिप्टोकरेंसी पर स्पष्टता नहीं है, चाहे वह व्यावसायिक आय हो, पूंजीगत लाभ हो या यह एक सट्टा आय हो। कुछ लोग अपनी क्रिप्टो संपत्ति घोषित करते हैं, कुछ नहीं करते हैं। अब 1 अप्रैल, 2022 से, प्रति माह 30 की एक समान दर डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण पर शत-प्रतिशत कर लागू होगा।”

उन्होंने आगे कहा, “यह केवल क्रिप्टो के लिए नहीं है, यह सभी सट्टा आय के लिए है। उदाहरण के लिए, यदि मैं घुड़दौड़ लेता हूं, तो उस पर भी 30 प्रतिशत कर लगता है। किसी भी सट्टा लेनदेन पर पहले से ही 30 प्रतिशत कर है। इसलिए हमने कर का निर्णय लिया है क्रिप्टो एक ही दर पर। क्रिप्टो एक सट्टा लेनदेन है, इसलिए हम इसे 30 प्रतिशत की दर से कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “इथेरियम का वास्तविक मूल्य कोई नहीं जानता है। उनकी दर में दैनिक उतार-चढ़ाव होता है। क्रिप्टो के माध्यम से आय अर्जित करने वाले को अब 30 प्रतिशत का भुगतान करना होगा। यह सरकार की नई नीति है।

बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं

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क्या बिटकॉइन भारत में लीगल है या नहीं - Is Bitcoin Legal In India

क्या भारत में Bitcoin वैध है

जो लोग बिटकॉइन के बारे में नहीं जानते है उनको एक ही सवाल मन में आता है, की क्या हमारे भारत में बिटकॉइन वैध माने जाते है या नहीं?

क्या कहा वित्त मंत्री अरुण जेटली जी ने :

मंगलवार 2 जनवरी 2018 वित्त मंत्री अरुण जेटली संसद में कहा की भारत में कानूनी मुद्रा के रूप में बिटकॉइन की स्वीकृति से इनकार किया है. जेटली जी ने कहा है कि भारत में बिटकॉइन एक कानूनी निविदा नहीं है.

जेटली जी ने ये भी कहा की भारत में कुल 11 crypto currency exchanges है. सरकार के पैनल भारत में crypto currency से निपटने की एक रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं , जेटली ने कहा.

जेटली जी ने कहा की “ सरकार विशेषज्ञ समूह की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, ताकि बाद में ये तय किया जाए की इसके बारे में क्या कदम उठाने है”.

बिटकॉइन का मूल्य पिछले साल दिसंबर में 19000 डॉलर पार कर गया. और आज इसकी कीमत हमारे इंडियन रुपस में 10 , 59015 है.

ये एक आभासी मुद्रा है, जिसका लेन देंन इन्टरनेट के माध्यम से होता है. इस प्रकार की कई cryptocurrency दुनिया में मौजूद है. इस प्रकार की 700+ से भी ऊपर आभासी मुद्राए पुरे विश्व में चल रही है.

एक लाइन में कहा जाए तो वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं है की bitcoin और बिटकॉइन जैसी और क्रिप्टोकरेंसी को भारत में कोई क़ानूनी मान्यता नहीं है.

फ़िलहाल The Department of Economic Affairs had constituted an Inter-disciplinary committee इस पर काम कर रही है.

इसलिए bitcoin और बिटकॉइन जैसी और क्रिप्टोकरेंसी को भारत में कोई क़ानूनी मान्यता न होने के कारण इसको किसी भी प्रकार का प्रोटेक्शन भी नहीं दिया जाएगा.

इसलिए जो लोग इन जैसी cryptocurrency पर काम कर रहे है, निवेश कर रहे है, उनको अब सावधान होने की जरुरत है.

भारत सरकार बिटकॉइन और दूसरी क्रिप्टोकरेंसी पर क्यों प्रतिबंध लगाना चाहती है ?

अगर सरकार के नए क्रिप्टोकरेंसी रेगुलेशन बिल को संसद की मंजूरी मिल जाती है तो बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री भारत में गैरकानूनी हो जाएगी. सरकार के इस प्रस्ताव के बाद क्रिप्टोकरेंसी औंधे मुंह गिर रही है.

हैदराबाद : 29 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है. इस सत्र में सरकार 26 नए विधेयकों को विचार के लिए संसद में पेश करेगी. इन नए विधेयकों में 'द बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021' भी शामिल है. अभी इस बिल का मसौदा सार्वजनिक नहीं किया गया है, मगर यह माना जा रहा है कि इस बिल को संसद से मंजूरी मिल जाती है, तो भारत में क्रिप्टो करेंसी की खरीद बिक्री पर प्रतिबंध लग सकता है. इसके बाद इथेरियम और बिटकॉइन जैसी करेंसी में निवेश करना गैर-कानूनी हो जाएगा.

ban bitcoin and other cryptocurrencies

लोकसभा बुलेटिन के 10वें नंबर पर 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021' शामिल है.

सरकार के फैसले से लुढ़क गई क्रिप्टो करेंसी : लोकसभा की बुलेटिन में 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021' की लिस्टिंग होने की खबर से क्रिप्टो या डिजिटल करेंसी की बिकवाली शुरू हो गई. बाद डॉगकॉइन, शीबा इनू, इथेरियम और बिटकॉइन जैसे क्रिप्टोकरेंसी के रेट में जबर्दस्त गिरावट हुई. Bitcoin की कीमत 9 नवंबर को 68,327.99 डॉलर थी. बुधवार को इसकी वैल्यू वजीरएक्स पर 25.51 प्रतिशत घटकर 46,601 डॉलर (लगभग 34 लाख रुपये) हो गई. दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी इथेरियम भी आज 22.86 फीसदी गिर गई थी. इसके अलावा अन्य क्रिप्टोकरेंसी रिप्पल, डोगेक्वाइन, कारडानो और शीबा इनू में भी 25 से 30 फीसदी की गिरावट आई है.

अब सरकार ने यह फैसला क्यों किया ? : सरकार ने दो नवंबर, 2017 को आर्थिक मामलों के सचिव की अगुवाई में एक समिति गठित की थी. समिति ने वर्चुअल करेंसी से संबंधित मुद्दों पर अध्ययन करने के बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं बाद सरकार को जुलाई 2021 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. समिति के अन्य सदस्यों में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी सचिव, सेबी के चेयरमैन और रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर शामिल थे. समिति ने निजी क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े जोखिमों, उनके मूल्य में उतार-चढ़ाव के मद्देनजर इन पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी. साथ ही देश में क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित किसी भी तरह की गतिविधि के लिए जुर्माना लगाने का भी सुझाव दिया था.

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भारत सरकार लाएगी अपनी वर्चुअल करेंसी ? : आरबीआई (RBI) चरणबद्ध तरीके से भारत में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) लॉन्च करेगा. यह करेंसी रिटेल और होलसेल दो तरीके से उपलब्ध होगी. रिटेल डिजिटल करेंसी का उपयोग आम जनता और कंपनियां करेंगी जबकि होलसेल डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल वित्तीय संस्थाओं द्वारा किया जाएगा. भारत सरकार और रिजर्व बैंक क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री पर लगाम लगाने जा रहा है ताकि डिजिटल करेंसी को सही तरीके से लॉन्च किया जा सके और बाजार में इसकी प्रमाणिकता बनी रहे. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, देश में 70 लाख भारतीयों के पास करीब एक अरब डॉलर मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी है. पिछले साल 2020 के मुकाबले इसमें सात गुना उछाल आया है.

इससे पहले रिजर्व बैंक ने 2018 में क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) की लेनदेन पर रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने 4 मार्च, 2020 को यह पाबंदी हटा दी थी.

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किन देशों में क्रिप्टो करेंसी को मान्यता मिली है : अभी मध्‍य अमेरिका के देश अल सल्‍वाडोर बिटकॉइन को लेकर सुर्खियों में हैं. अल सल्वाडोर ने दुनिया की पहली 'बिटकॉइन सिटी' बनाने की घोषणा की है. राष्ट्रपति नायब बुकेले ने कहा कि इस शहर के निवासियों को कोई आय, संपत्ति, पूंजीगत लाभ या पेरोल कर भी नहीं देना होगा. वहां की सरकार 'बिटकॉइन सिटी' के लिए 1 बिलियन डॉलर के बिटकॉइन बॉन्ड जारी करेगी. हालांकि अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने बिटक्‍वाइन से जुड़े जोखिमों को देखते हुए अल सल्‍वाडोर को बिटकॉइन को वैध मुद्रा के तौर पर इस्‍तेमाल नहीं करने की सलाह दी है.

इससे पहले कनाडा ने फरवरी 2021 में बिटकॉइन-ट्रेडेड फंड को मंजूरी दी थी. ब्रिटेन में क्रिप्टोकरेंसी को संपत्ति का दर्जा प्राप्थ है और निवेशक क्रिप्टो मुनाफे पर इनकम टैक्स भरते हैं. अधिकतर यूरोपीय संघ (ईयू) देशों में क्रिप्टोकरेंसी भी कानूनी है. नेपाल में बिटकॉइन पर बैन है. वियतनाम में इसकी खरीद-बिक्री पर भारी जुर्माना लगता है. चीन में भी क्रिप्टोकरेंसी की लेन-देन पर प्रतिबंध लगाया गया है.

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क्रिप्टोकरेंसी के प्रति टेस्ला के सीईओ एलन मस्क की दीवानगी अक्सर दिखती है. कुछ दिन पहले उन्होंने एक ट्वीट कर कहा था कि टेस्ला को बिटकॉइन के माध्यम से भी खरीद सकते हैंं.

क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन कैसे बनता है : क्रिप्टो करेंसी का वर्चुअल सिक्का माइनिंग के जरिये बनता है. इसके लिए माइनर को जटिल क्रिप्टोग्राफिक मैथमेटिकल पहेली सुलझानी होती है. बिटकॉइन ऑनलाइन माइनिंग पूल का मेंबर को मैथ्स से जुड़े समीकरण सुलझाने की इजाजत दी जाती है. क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग के लिए स्पेशल सॉफ्टवेयर वाले कम्प्यूटर की जरूरत होती है. जब माइनर एक इक्वेशन सुलझा लेता है, तो एक क्रिप्टोकरेंसी का जारी किया जाता है. बदले में माइनर को क्रिप्टोकरेंसी ही दी जाती है. बिटकॉइन के डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर में केवल मान्यता प्राप्त माइनर्स को ही डिजिटल लेजर में ट्रांजैक्शंस अपडेट करने की अनुमति है.

Crypto को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, केंद्र सरकार से कहा- अपना रूख साफ करें

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डीएनए हिंदी: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को केंद्रीय बजट 2022-23 पेश किया था. इस बजट में सीतारमण ने क्रिप्टो पर कहा था कि यह देश में लीगल नही होगा. हालांकि अगर कोई इसमें निवेश करता है तो उसे सरकार को 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा. अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को क्रिप्टो पर स्पष्ट बात कहने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार यह स्पष्ट करे कि भारत में बिटकॉइन वैध या नहीं. बता दें कि यह निर्देश साल 2018 से जुड़े एक मामले से है. बता दें कि 2018 में सामने आए बिटकॉइन फ्रॉड के एक मामले के आरोपियों को जांच में सहयोग करने का निर्देश देते हुए कोर्ट ने यह सवाल पूछा है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का क्रिप्टो पर रुख

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि क्रिप्टो (Crypto) को बैन करने का निर्णय उचित परामर्श के बाद लिया जाएगा. सीतारमण ने बजट में सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि 'क्रिप्टो पर प्रतिबंध लगाने पर सलाह लेने के बाद फैसला लिया जाएगा. क्रिप्टो को लागू या बैन करना अभी एक अलग सवाल है.'

क्रिप्टो पर 30 प्रतिशत टैक्स

हालांकि सरकार ने बजट में ऐलान किया था कि अगर आप क्रिप्टो में निवेश करते हैं तो आपको 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा. यह टैक्स कुछ नियमों-कायदों को ध्यान में रखकर लगाया जाएगा. गौरतलब है कि अभी भी जनता उधेड़-बुन में है कि क्रिप्टो लोग है या इलीगल.

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