जब एक ले व्यापार में पाने के लिए और जब बाहर निकलना है

कर्ज के जाल से बाहर निकलने में आपकी मदद करेंगी ये जरूरी बातें
इस समस्या के समाधान के लिए सबसे पहले विक्रांत को सभी कर्ज की एक लिस्ट बनाने की जरूरत है
कर्ज चुकाने के लिए उन्होंने अपने कई दोस्तों और रिश्तेदारों से कर्ज लिया है. अब उनकी समझ में यह नहीं आ रहा है कि अपनी देनदारी को कैसे कम करें और किस तरह कर्ज के इस दुष्चक्र से बहर निकलें.
विक्रांत यह जानते हैं कि वे मुश्किल स्थिति में फंस गए हैं. लेकिन इससे बचने के लिए वे क्या करें, यह उनकी समझ में नहीं आ रहा है. कर्ज में फंसे होने की वजह से अब विक्रांत के क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ेगा. उनके वित्तीय लक्ष्य/बचत पर भी इसका निगेटिव असर दिखेगा.
इस समस्या के समाधान के लिए सबसे पहले विक्रांत को सभी कर्ज की एक लिस्ट बनाने की जरूरत है. इस लिस्ट में चुकाए जाने वाले ब्याज और न्यूनतम रकम एवं मासिक क़िस्त की तारीख को भी नोट करने की जरूरत है.
एक बार इस सूचना के तैयार हो जाने के बाद विक्रांत सही तरीके से प्लानिंग कर सकते हैं. अब उन्हें एक बजट बनाने की जरूरत है जिसमें कम से कम रकम का हिसाब लगाना होगा जो उन्हें कर्ज चुकाने के लिए हर महीने चाहिए.
इसमें उन्हें ध्यान रखना होगा कि इससे जब एक ले व्यापार में पाने के लिए और जब बाहर निकलना है जब एक ले व्यापार में पाने के लिए और जब बाहर निकलना है उनके क्रेडिट स्कोर पर कम से कम असर पड़े.इसमें उन्हें पेमेंट में प्राथमिकता का ध्यान रखना जरूरी है. इसके साथ ही किसी पेमेंट के डिफॉल्ट/देरी पर लगने वाले जुर्माने का भी ध्यान रखना उनके लिए उतना ही जरूरी है.
इससे उन्हें यह समझने में मदद मिलेगी कि किस क्रेडिट कार्ड के बैलेंस ट्रांसफर से उन्हें अंत में कम ब्याज चुकाने में मदद मिलेगी. इसके अलावा मासिक क़िस्त के लिए रकम की व्यवस्था करने में भी उन्हें मदद मिलेगी.
इसके बाद विक्रांत को खर्च पर कंट्रोल करने की जरूरत है. उन्हें पिछला बकाया चुकाने तक नए कर्ज से बचने की जरूरत भी है. किसी पेमेंट के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल नहीं करना भी जरूरी है.
जब तक उनके सभी कर्ज न चुक जायें तब तक पेमेंट के लिए नकदी का इस्तेमाल करना ही सही विकल्प है. इससे उन्हें खर्च पर नजर रखने में मदद मिलेगी.
विक्रांत के लोन रीपेमेंट प्लान में आखिरी तारीख जरूर होनी चाहिए. कर्ज चुकाने की वजह से उनके पास नकदी की दिक्कत रहेगी. इससे उन्हें यह भी सबक मिलेगा कि हमें अपनी क्षमता के हिसाब से ही खर्च करना चाहिए.
(सेंटर फॉर इन्वेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग के सौजन्य से)
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कर्ज के जाल से बाहर निकलने में आपकी मदद करेंगी ये जरूरी बातें
इस समस्या के समाधान के लिए सबसे पहले विक्रांत को सभी कर्ज की एक लिस्ट बनाने की जरूरत है
कर्ज चुकाने के लिए उन्होंने अपने कई दोस्तों और रिश्तेदारों से कर्ज लिया है. अब उनकी समझ में यह नहीं आ रहा है कि अपनी देनदारी को कैसे कम करें और किस तरह कर्ज के इस दुष्चक्र से बहर निकलें.
विक्रांत यह जानते हैं कि वे मुश्किल स्थिति में फंस गए हैं. लेकिन इससे बचने के लिए वे क्या करें, यह उनकी समझ में नहीं आ रहा है. कर्ज में फंसे होने की वजह से अब विक्रांत के क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ेगा. उनके वित्तीय लक्ष्य/बचत पर भी इसका निगेटिव असर दिखेगा.
इस समस्या के समाधान के लिए सबसे पहले विक्रांत को सभी कर्ज की एक लिस्ट बनाने की जरूरत है. इस लिस्ट में चुकाए जाने वाले ब्याज और न्यूनतम रकम एवं मासिक क़िस्त की तारीख को भी नोट करने की जरूरत है.
एक बार इस सूचना के तैयार हो जाने के बाद विक्रांत सही तरीके से प्लानिंग कर सकते हैं. अब उन्हें एक बजट बनाने की जरूरत है जिसमें कम से कम रकम का हिसाब लगाना होगा जो उन्हें कर्ज चुकाने के लिए हर महीने चाहिए.
इसमें उन्हें ध्यान रखना होगा कि इससे उनके क्रेडिट स्कोर पर कम से कम असर पड़े.इसमें उन्हें पेमेंट में प्राथमिकता का ध्यान रखना जरूरी है. इसके साथ ही किसी पेमेंट के डिफॉल्ट/देरी पर जब एक ले व्यापार में पाने के लिए और जब बाहर निकलना है लगने वाले जुर्माने का भी ध्यान रखना उनके लिए उतना ही जरूरी है.
इससे उन्हें यह समझने में मदद मिलेगी कि किस क्रेडिट कार्ड के बैलेंस ट्रांसफर से उन्हें अंत में कम ब्याज चुकाने में मदद मिलेगी. इसके अलावा मासिक क़िस्त के लिए रकम की व्यवस्था करने में भी उन्हें मदद मिलेगी.
इसके बाद विक्रांत को खर्च पर कंट्रोल करने की जरूरत है. उन्हें पिछला बकाया चुकाने तक नए कर्ज से बचने की जरूरत भी है. किसी पेमेंट के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल नहीं करना भी जरूरी है.
जब तक उनके सभी कर्ज न चुक जायें तब तक पेमेंट के लिए नकदी का इस्तेमाल करना ही सही विकल्प है. इससे उन्हें खर्च पर नजर रखने में मदद मिलेगी.
विक्रांत के लोन रीपेमेंट प्लान में आखिरी तारीख जरूर होनी चाहिए. कर्ज चुकाने की वजह से उनके पास नकदी की दिक्कत रहेगी. इससे उन्हें यह भी सबक मिलेगा कि हमें अपनी क्षमता के हिसाब से ही खर्च करना चाहिए.
(सेंटर फॉर इन्वेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग के सौजन्य से)
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एक लड़की के देह व्यापार में फंसने और निकलने की कहानी- ग्राउंड रिपोर्ट
मध्य प्रदेश में मंदसौर से नीमच की ओर बढ़ने वाले हाइवे पर ये नज़ारा आम है. जिस्मफ़रोशी के इस बाज़ार में रोज़ाना ना जाने कितनी ही लड़कियां चंद सौ रुपयों के लिए अपनी बोली लगाती हैं.
हिना भी इनमें से एक थीं, जिन्हें 15 साल की उम्र में वेश्यावृत्ति के दलदल में धकेल दिया गया. ऐसा करने वाले कोई और नहीं, बल्कि उनके अपने ही थे.
हिना ने बचपन से अपने आस-पास की लड़कियों को ये काम करते हुए देखा था मगर सोचा नहीं था कि ऐसा समय भी आएगा कि वो ख़ुद को उन्हीं लड़कियों के साथ सड़क के किनारे पर खड़ा पाएंगी.
हिना ने ख़ूब विरोध किया था. जब कहा कि पढ़ना चाहती हूं तो परंपरा की दुहाई दी गई. फिर भी नहीं मानी तो कहा गया कि तुम्हारी नानी और मां ने भी यही काम किया है. आख़िर में दो जून की रोटी का वास्ता दिया गया.
हिना की आंखों के सामने अपने छोटे-छोटे भाई-बहनों के चेहरे घूमने लगे और घुटने टेकते हुए समझौता कर लिया.
खुद वेश्यावृत्ति के दलदल से निकली, अब दूसरों को भी निकाल रही है
परंपरा
हिना बाछड़ा समुदाय से आती हैं. इस समुदाय की लड़कियों को परंपरा का हवाला देकर छोटी उम्र में ही देह व्यापार के दलदल में धकेल दिया जाता है.
गांव के एक बुज़ुर्ग बाबूलाल का कहना है, "बाछड़ा समुदाय में लड़कियों को वेश्यावृत्ति में भेजना हमारी परंपरा का हिस्सा है और ये सदियों से चला आ रहा है."
वे एक किस्सा सुनाते हुए कहते हैं, "पहले हमारे लोग गांव में नहीं रहते थे. वे एक रात कहीं रुकते थे तो दूसरी रात उनका डेरा कुछ और होता था. एक बार कहीं चोरी हो गई और पुलिस ने हमारे लोगों को पकड़ लिया. तब थानेदार की निगाह हमारी एक लड़की पर पड़ी. लड़की बहुत सुंदर थी. उसने बोला कि एक रात मुझे इस लड़की के साथ रहने दो और उसके बाद गांव छोड़कर निकल जाओ."
बाबूलाल ने कहा, "उस दिन लड़की ने बाप-दादा की जान बचाई. वो दिन था कि हमारे समाज के लोगों में ये बात बस गई कि लड़कियां जान बचाती हैं. हम लोगों के पुरखों ने चोरी-चकारी जैसा कुछ काम नहीं किया था लेकिन उनपर झूठा आरोप लगा दिया गया. बस वहीं से ये कहावत आ निकली कि लड़की जान बचाती है. समाज को लगने लगा कि लड़की किसी भी समस्या का समाधान निकाल लेती है और तब से इस परंपरा की शुरुआत हो गई."
कुप्रथा की बेड़ियों को तोड़ा
इस समुदाय की लड़कियों को वेश्यावृत्ति से निकालने का काम करने वाले आकाश चौहान बताते हैं कि मध्य प्रदेश के नीमच-मंदसौर-रतलाम में बाछड़ा समुदाय के 72 गांव हैं, जहां 68 गांवों में खुलकर देह व्यापार होता है.
उनके मुताबिक, "क़रीब 35 हज़ार आबादी वाले समुदाय में लगभग सात हज़ार महिलाएं वेश्यावृत्ति के काम में लगी हैं, जिनमें से क़रीब दो हज़ार नाबालिग हैं. समुदाय में 10 से 12 साल की बच्चियों को अपने माता-पिता द्वारा जबरन देह व्यापार में डाल दिया जाता है. एक लड़की के पास एक दिन में 10 से 12 ग्राहक आते हैं. वो एक दिन के दो हज़ार रुपये कमा लेती है."
हिना भी इन्हीं परिस्थितियों से गुज़र रही थीं. उनका दम घुट रहा था और इसी बीच उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया. इसी के बाद हिना ने ठान लिया था कि वो अपनी बेटी को अब इस पेशे में नहीं आने देंगी.
वे बताती है, "गुस्सा आता था. ग़लत लगता था. तक़लीफ़ होती थी शरीर में. लेकिन मज़बूरी के कारण करना पड़ता था. नहीं करते तो खाते क्या. बहुत सारी ऐसी लड़कियां थीं जिन्हें बीमारी भी लग गई."
होली के 19 अचूक उपाय और टोटके, जो हर समस्या का निवारण कर घर लाते हैं सुख-समृद्धि
हिंदुओं के प्रमुख त्यौहारों में से एक त्यौहार होली का भी है, जो इस साल 28 व 29 मार्च 2021 को पड़ रहा है। जब एक ले व्यापार में पाने के लिए और जब बाहर निकलना है इसमें जहां 28 मार्च 2021 को होली का दहन किया जाएगा, वहीं इसके अगले दिन यानि 29 मार्च को धुलैडी यानि रंगों से खेलने वाली होली मनाई जाएगी।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, होली के दिन किए गए उपाय बहुत जल्दी शुभ फल प्रदान करते हैं। इस संबंध में ज्योतिष के जानकार पंडित सुनील शर्मा के अनुसार इस बार कई जगहों पर लॉकडाउन रहेगा, ऐसे में लोगों को घर से बाहर निकलने की मनाही होगी वहीं कुछ जगह लॉक डाउन नहीं होने से लोग बाहर भी आ सकेंगे। ऐसे में कुछ अचूक उपाय घर पर भी किए जा सकते हैं।
इसी को देखते हुए आज हम आपको होली के कुछ ऐसे अचूक उपाय बता रहे हैं जो घर पर ही रहकर भी किए जा सकते हैं। वहीं कुछ उपायों के लिए घर से बाहर भी निकलना पड़ेगा। अत: जो लॉक डाउन में हैं वे घर पर और जो लॉकडाउन में नहीं हैं वे बाहर आकर अन्य उपाय कर सकते हैं।
ये हैं होली के अचूक उपाय व टोटके.
1. होली की रात सरसों के तेल का चौमुखी दीपक घर के मुख्य द्वार पर लगाएं व उसकी पूजा करें। इसके बाद भगवान से सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें। मान्यता के अनुसार ऐसा करने से हर प्रकार की बाधा का निवारण होता है।
2. यदि व्यापार या नौकरी में उन्नति न हो जब एक ले व्यापार में पाने के लिए और जब बाहर निकलना है रही हो, तो 21 गोमती चक्र लेकर होलिका दहन की रात में शिवलिंग पर चढ़ा दें। इससे बिजनेस में फायदा होने लगेगा।
3. होली पर किसी गरीब को भोजन अवश्य कराएं। माना जाता है कि ऐसा करने से आपकी मनोकामनापूरी हो जाती है।
4. यदि राहु के कारण परेशानी है तो एक नारियल का गोला लेकर उसमें अलसी का तेल भर दें। उसी में थोड़ा सा गुड डालें और इस गोले को जलती हुई होलिका में डाल दें। मान्यता के अनुसार ऐसा करने से राहु का बुरा प्रभाव समाप्त हो जाता है।
5. धन हानि से बचने के लिए होली के दिन घर के मुख्य द्वार पर गुलाल छिड़कें और उस पर दोमुखी दीपक जलाएं। दीपक जलाते समय धन हानि से बचाव की कामना करें।
जब दीपक जब एक ले व्यापार में पाने के लिए और जब बाहर निकलना है बुझ जाए तो उसे होली की बग्नि में डाल दे। यह किया श्रद्धापूर्वक करें, माना जाता है कि ऐसा करने से धन हानि नहीं होगी।
6. घर की सुख-समृद्धि के लिए परिवार के प्रत्येक सदस्य को होलिका दहन में घी से भिगोई हुई दो लौंग, कए बताशा और एक पान का पत्ता अवश्य चढ़ाना चाहिए। साथ ही होली की 11 परिक्रमा करते हुए होली में सूखे नारियल की आहुति देनी चाहिए।
7. अगर किसी ने आप पर कोई टोटका किया है तो होली की रात जहां होलिका दहन हो, उस जगह एक गड्ढ़ा खोदकर जब एक ले व्यापार में पाने के लिए और जब बाहर निकलना है उसमें 11 अभिमंत्रित कौड़ियां दबा दे। अगले दिन कौड़ियों को निकालकर अपने घर की मिट्टी के साथ नीले कपड़े में बांधकर बहते जल में प्रवाहित कर दें। जो भी तंत्र क्रिया आप पर किसी ने की होगी वह नष्ट हो जाएगी।
8. यदि आपके घर में किसी भूत-प्रेत का साया है तो जब होली जल जाए, तब आप होलिका की थोड़ी-सी अग्नि अपने घर ले आंए और अपने घर के आग्नेय कोण में उस अग्नि को तांबे या मिट्टी के पात्र में रखें। सरसों के तेल का दीपक जलाएं। माना जाता है कि इस उपाय से आपकी परेशानी दूर हो जाएगी।
9. बेरोजगार हैं तो होली की रात 12 बजे से पहले एक नींबू लेकर चौराहे पर जाएं और उसके चार टुकड़े कर चारों दिशाओं में फेंक दें। फिर वापिस घर आ जाएं किंत ध्यान रहे,वापिस आते समय पीडे मुड़कर न देखें।
10. यदि आपका पैसा कहीं फंसा है तो होली के दिन 11 गोमती चक्र हाथ में लेकर जलती हुई होलिका की 11 बार परिक्रमा करते हुए धन प्राप्ति कीर प्रार्थना करें. फिर एक सफेद कागज पर उस व्यक्ति का नाम लाल चंदन से लिखें जिससे पैसा लेना है फिर उस सफेद कागज को 11 गोमती चक्र के साथ में कहीं गड्ढ़ा खोदकर दबा दें। माना जाता है कि इस प्रयोग से धन प्राप्ति की संभावना बढ़ जाती है।
11. यदि आपको कोई अज्ञात भय रहता है तो होली पर एक सूखा जटा वाला नारियल, काले तिल व पीली सरसों एक साथ लेकर उसे सात बार अपने सिर के उपर से उतार कर जलती होलिका में डाल देने से अज्ञात भय समाप्त हो जाता है।
12. होलिका दहन के दूसरे दिन होलिका की राख घर लाकर उसमें थोड़ी सी राई व नमक मिलाकर रख लें। इस प्रयोग से भूत-प्रेत या नजर दोष से मुक्ति मिलती है।
13. शत्रुओं से छुटकारा पाने के लिए होलिका दहन के समय 7 गोमती चक्र लेकर भगवान जब एक ले व्यापार में पाने के लिए और जब बाहर निकलना है से प्रार्थना करें कि आपके जीवन में कोई शत्रु बाधा न डालें। प्रार्थना के बाद पूर्ण श्रद्धा व विश्वास के साथ गोमती चक्र जलती हुई होलिका में डाल दें।
14. शीघ्र विवाह के लिए होली के दिन किसी शिव मंदिर जाएं और अपने साथ 1 साबूत पान, 1 साबूत सुपारी औश्र हल्दी की गांठ रख लें। पान के पत्ते पर सुपारी व जब एक ले व्यापार में पाने के लिए और जब बाहर निकलना है हल्दी की गांठ राखकर शिवलिंग पर अर्पित करें। इसके बाद पीछे देखे बिना अपने घर लौट आएं। यहीं उपाय दूसरे दिन भी करें। इसके साथ ही समय-समय पर शुभ मुहूर्त में यह उपय करते रहें। माना जाता है कि ऐसा करने से जल्द ही विवाह के योग बन जाएंगे।
16. अपने हाथों से गोबर के कंडे बनाएं और इन कंडो को बहनें अपने भाई के उपर से 7 बार वार लें। इसके बाद ये कंडें होलिका दहन में डालें, माना जाता है कि ऐसा करने से भाई की बुरी नजर से रक्षा होती है।
17. गरीबी दूर करने के लिए
: एक काला कपड़ा लें और उसमें काले तिल , 7 लौंग, 3 सुपारी, 50 ग्रम सरसों और थोड़ी सी मिट्टी लेकर एक पोटली बना लें, फिर इसे अपने पर से 7 बार वार लें और होलिका दहन में डाल दें।
: उडद की दाल के दही बड़े और जलेबी बनाएं और 7 सफाई कर्मियों को बांट दें।
18. होलिका दहन के समय जो अंगार जलती है, उसमें पापड़ सेंककर खाएं। इससे शरीर को कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं।
एक लड़की के देह व्यापार में फंसने और निकलने की कहानी- ग्राउंड रिपोर्ट
मध्य प्रदेश में मंदसौर से नीमच की ओर बढ़ने वाले हाइवे पर ये नज़ारा आम है. जिस्मफ़रोशी के इस बाज़ार में रोज़ाना ना जाने कितनी ही लड़कियां चंद सौ रुपयों के लिए अपनी बोली लगाती हैं.
हिना भी इनमें से एक थीं, जिन्हें 15 साल की उम्र में वेश्यावृत्ति के दलदल में धकेल दिया गया. ऐसा करने वाले कोई और नहीं, बल्कि उनके अपने ही थे.
हिना ने बचपन से अपने आस-पास की लड़कियों को ये काम करते हुए देखा था मगर सोचा नहीं था कि ऐसा समय भी आएगा कि वो ख़ुद को उन्हीं लड़कियों के साथ सड़क के किनारे पर खड़ा पाएंगी.
हिना ने ख़ूब विरोध किया था. जब कहा कि पढ़ना चाहती हूं तो परंपरा की दुहाई दी गई. फिर जब एक ले व्यापार में पाने के लिए और जब बाहर निकलना है भी नहीं मानी तो कहा गया कि तुम्हारी नानी और मां ने भी यही काम किया है. आख़िर में दो जून की रोटी का वास्ता दिया गया.
हिना की आंखों के सामने अपने छोटे-छोटे भाई-बहनों के चेहरे घूमने लगे और घुटने टेकते हुए समझौता कर लिया.
खुद वेश्यावृत्ति के दलदल से निकली, अब दूसरों को भी निकाल रही है
परंपरा
हिना बाछड़ा समुदाय से आती हैं. इस समुदाय की लड़कियों को परंपरा का हवाला देकर छोटी उम्र में ही देह व्यापार के दलदल में धकेल दिया जाता है.
गांव के एक बुज़ुर्ग बाबूलाल का कहना है, "बाछड़ा समुदाय में लड़कियों को वेश्यावृत्ति में भेजना हमारी परंपरा का हिस्सा है और ये सदियों से चला आ रहा है."
वे एक किस्सा सुनाते हुए कहते हैं, "पहले हमारे लोग गांव में नहीं रहते थे. वे एक रात कहीं रुकते थे तो दूसरी रात उनका डेरा कुछ और होता था. एक बार कहीं चोरी हो गई और पुलिस ने जब एक ले व्यापार में पाने के लिए और जब बाहर निकलना है हमारे लोगों को पकड़ लिया. तब थानेदार की निगाह हमारी एक लड़की पर पड़ी. लड़की बहुत सुंदर थी. उसने बोला कि एक रात मुझे इस लड़की के साथ रहने दो और उसके बाद गांव छोड़कर निकल जाओ."
बाबूलाल ने कहा, "उस दिन लड़की ने बाप-दादा की जान बचाई. वो दिन था कि हमारे समाज के लोगों में ये बात बस गई कि लड़कियां जान बचाती हैं. हम लोगों के पुरखों ने चोरी-चकारी जैसा कुछ काम नहीं किया था लेकिन उनपर झूठा आरोप लगा दिया गया. बस वहीं से ये कहावत आ निकली कि लड़की जान बचाती है. समाज को लगने लगा कि लड़की किसी भी समस्या का समाधान निकाल लेती है और तब से इस परंपरा की शुरुआत हो गई."
कुप्रथा की बेड़ियों को तोड़ा
इस समुदाय की लड़कियों को वेश्यावृत्ति से निकालने का काम करने वाले आकाश चौहान बताते हैं कि मध्य प्रदेश के नीमच-मंदसौर-रतलाम में बाछड़ा समुदाय के 72 गांव हैं, जहां 68 गांवों में खुलकर देह व्यापार होता है.
उनके मुताबिक, "क़रीब 35 हज़ार आबादी वाले समुदाय में लगभग सात हज़ार महिलाएं वेश्यावृत्ति के काम में लगी हैं, जिनमें से क़रीब दो हज़ार नाबालिग हैं. समुदाय में 10 से 12 साल की बच्चियों को अपने माता-पिता द्वारा जबरन देह व्यापार में डाल दिया जाता है. एक लड़की के पास एक दिन में 10 से 12 ग्राहक आते हैं. वो एक दिन के दो हज़ार रुपये कमा लेती है."
हिना भी इन्हीं परिस्थितियों से गुज़र रही थीं. उनका दम घुट रहा था और इसी बीच उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया. इसी के बाद हिना ने ठान लिया था कि वो अपनी बेटी को अब इस पेशे में नहीं आने देंगी.
वे बताती है, "गुस्सा आता था. ग़लत लगता था. तक़लीफ़ होती थी शरीर में. लेकिन मज़बूरी के कारण करना पड़ता था. नहीं करते तो खाते क्या. बहुत सारी ऐसी लड़कियां थीं जिन्हें बीमारी भी लग गई."