स्टॉक ग्राफ क्या है?

अगर करंट इंटरवल का क्लोजिंग प्राइस पिछले इंटरवल से कम है और अगर यह अधिक है तो कलर्ड लाइन चार्ट लाइन सेगमेंट को लाल रंग से मूल्य में उतार-चढ़ाव का बेहतर दृश्य देते हैं। यह एक व्यापारी या निवेशक को एक विशिष्ट अवधि में स्टॉक के प्रदर्शन का जल्दी से आकलन करने की अनुमति देता है।
Badruddin Ajmal Controversy: मैं शर्मिंदा हूं… हिंदुओं पर विवादित बयान के लिए AIUDF चीफ बदरुद्दीन अजमल ने मांगी माफी, गुजरात चुनाव से जोड़कर TMC का हंगामा
Badruddin Ajmal Apology: AIUDF सुप्रीमो और असम से लोकसभा सांसद बदरुद्दीन अजमल (Badruddin Ajmal) ने हिंदू समुदाय पर की गयी अपनी विवादित टिप्पणी के लिए माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि वह इस विवाद से शर्मिंदा हैं। अजमल की टिप्पणी को लेकर राज्य के कई हिस्सों में उनके खिलाफ पुलिस में शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणियों को तोड़ा-मरोड़ा गया है और उन्होंने किसी समुदाय को निशाना नहीं बनाया है।
AIUDF चीफ ने कहा, “मैंने किसी व्यक्ति को निशाना नहीं बनाया है और न ही हिंदू शब्द का इस्तेमाल किया है। मैं किसी का दिल नहीं दुखाना चाहता था, लेकिन यह एक मुद्दा बन गया और मुझे इसके लिए खेद है।” उन्होंने कहा कि मैं इसके लिए शर्मिंदा हूं। यह मेरे जैसे वरिष्ठ व्यक्ति के साथ नहीं होना चाहिए था। अजमल ने शनिवार को दावा किया कि उनकी टिप्पणियों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया था। वहीं, इस मुद्दे पर उनके खिलाफ पुलिस केस पर सांसद ने कहा कि पुलिस केस राजनेताओं के ग्राफ को ऊपर ले जाते हैं।
Indian Railway : इस कंपनी को मिलेगा Vande Bharat Express का ठेका? जानें –
डेस्क : पिछले 2 महीने में वंन्दे भारत ट्रेन कुल 4 व बार दुर्घटना ग्रस्त हो चुकी है कभी गाय से टकरा कर, तो कभी किसी और वजह से, हाल-फिलहाल में वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) के दुर्घटनाग्रस्त होने की काफी खबरें आयी और वंदे भारत ट्रेन काफी ट्रोल भी हुई इसलिए अब सरकार ने इनके रखरखाव के लिए अब बोलियां मंगाई हैं. कुल 5 कंपनियों ने अपनी बिड्स भेज दी हैं जिनमें एक सरकारी कंपनी ने भी इसपर बोली स्टॉक ग्राफ क्या है? लगाई है. वहीं सरकार का साल 2024 से स्लीपर क्लास वाली वंदे भारत ट्रेन शुरू करने को भी योजना है.
क्या BHEL को मिलेगी मेंटिनेंस की जिम्मेदारी?
शेयर मार्केट चार्ट कैसे पढें | Share Market Chart Kaise Samjhe | How to Read Stock Market Chart
How to Understand Stock Market Chart: यहां हम शेयर मार्केट के विभिन्न चार्ट पैटर्न की अधिक गहराई से समीक्षा करेंगे और चार्ट को समझने के लिए उपयोग किए जाने वाले विभिन्न पैटर्न को समझेंगे। तो आइए जानते है कि Share Market Chart Kaise Samjhe (How to Read Stock Market Chart)
How to read stock charts?: स्टॉक चार्ट को पढ़ना और समझना एक कठिन काम लग सकता है, लेकिन एक बार जब आप कौशल में महारत हासिल कर लेते हैं, तो आप सीख सकते हैं कि विनिंग स्टॉक कैसे खोजें, स्टॉक कैसे खरीदें, और अपने स्टॉक को बेचने के लिए सही समय का पता कैसे लगाएं। एक शेयर मार्केट चार्ट (Stock Market Chart) करंट ट्रेंड और ट्रेंड रिवर्सल की पहचान करने में मदद करता है। यह खरीदने और बेचने के संकेतों को ट्रिगर करने में भी मदद करता है।
Rajasthan Police SI Syllabus 2022 FAQ’s
Q.1: Rajasthan Police SI का परीक्षा पैटर्न क्या है?
Ans: 200 अंकों के लिए प्रत्येक में दो पेपर होते हैं, एक सामान्य ज्ञान है और दूसरा सामान्य हिंदी या सामान्य विज्ञान है।
Q.2: Rajasthan Police SI परीक्षा के लिए कुल अंक क्या हैं?
Ans: राजस्थान पुलिस एसआई परीक्षा के लिए कुल अंक 400 हैं।
Q.3: Rajasthan Police SI की सामान्य श्रेणी के लिए कट-ऑफ प्रतिशत क्या है?
Ans: सामान्य श्रेणी के पुरुष के लिए न्यूनतम कट-ऑफ प्रतिशत 53-55 है और महिला 51-53 है।
Sensex क्या है?
सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का बेंचमार्क इंडेक्स है. इसीलिए इसे बीएसई सेंसेक्स भी कहा जाता है. सेंसेक्स शब्द सेंसेटिव और इंडेक्स को मिलाकर बना है. हिंदी में कुछ लोग इसे संवेदी सूचकांक भी कहते हैं. इसे सबसे पहले 1986 में अपनाया गया था और यह 13 विभिन्न क्षेत्रों की 30 कंपनियों के शेयरों में होने वाले उतार-चढ़ाव को दिखाता है. इन शेयरों में बदलाव से सेंसेक्स में उतार-चढ़ाव आता है. सेंसेक्स का कैलकुलेशन फ्री फ्लोट मेथड से किया जाता है.
- सेंसेक्स में शामिल सभी 30 कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन निकाला जाता है. इसके लिए कंपनी द्वारा जारी किए गए शेयरों की संख्या को शेयर के भाव से गुणा करते हैं. इस तरह जो आंकड़ा मिलता है, उसे कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन या हिंदी में बाजार पूंजीकरण भी कहते हैं.
- अब उस कंपनी के फ्री फ्लोट फैक्टर की गणना की जाती है. यह कंपनी द्वारा जारी किए कुल शेयरों का वह परसेंटेज यानी हिस्सा है जो बाजार में ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होता है. जैसे कि किसी कंपनी ABC के 100 शेयरों में 40 शेयर सरकार और प्रमोटर के पास हैं, तो बाकी 60 फीसदी ही ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होंगे. यानी इस कंपनी का फ्री फ्लोट फैक्टर 60 फीसदी हुआ.
- बारी-बारी से सभी कंपनियों के फ्री फ्लोट फैक्टर को उस कंपनी के मार्केट कैपिटलाइजेशन से गुणा करके कंपनी के फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन की गणना की जाती है.
- सेंसेक्स में शामिल सभी 30 कंपनियों के फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन को जोड़कर उसे बेस वैल्यू से डिवाइड करते हैं और फिर इसे बेस इंडेक्स वैल्यू से गुणा करते हैं. सेंसेक्स के लिए बेस वैल्यू 2501.24 करोड़ रुपये तय किया गया है. इसके स्टॉक ग्राफ क्या है? अलावा बेस इंडेक्स वैल्यू 100 है. इस गणना से सेंसेक्स का आकलन किया जाता है.
निफ्टी 50 क्या है ?
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 50 भी एक प्रमुख मार्केट इंडिकेटर है. निफ्टी शब्द नेशनल और फिफ्टी को मिलाने से बना है. नाम के अनुरूप इस इंडेक्स में 14 सेक्टर्स की 50 भारतीय स्टॉक ग्राफ क्या है? कंपनियां शामिल हैं. इस प्रकार यह बीएसई की तुलना में अधिक डाइवर्सिफाइड है. बीएसई की तरह ही यह लार्ज कैप कंपनियों के मार्केट परफॉरमेंस को ट्रैक करता है. इसे 1996 में लांच किया गया था और इसकी गणना फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर की जाती है.
- निफ्टी की गणना लगभग सेंसेक्स की तरह ही फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटालाइजेशन के आधार पर होती है लेकिन स्टॉक ग्राफ क्या है? कुछ अंतर भी है.
- निफ्टी की गणना के लिए सबसे पहले सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण यानी मार्केट कैपिटलाइजेशन निकाला जाता है, जिसके लिए आउटस्टैंडिंग शेयर की संख्या को वर्तमान भाव से गुणा करते हैं.
- इसके बाद मार्केट कैप को इंवेस्टेबल वेट फैक्टर (RWF) से गुणा किया जाता है. RWF पब्लिक ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध शेयरों का हिस्सा है.
- इसके बाद मार्केट कैप को इंडिविजुअल स्टॉक को एसाइन किए हुए वेटेज से गुणा किया जाता है.
- निफ्टी को कैलकुलेट करने के लिए सभी कंपनियों के वर्तमान मार्केट वैल्यू को बेस मार्केट कैपिटल से डिवाइड कर बेस वैल्यू से गुणा किया जाता है. बेस मार्केट कैपिटल 2.06 लाख करोड़ रुपये तय किया गया है और बेस वैल्यू इंडेक्स 1 हजार है.
इतने खास क्यों हैं Nifty और Sensex ?
भारतीय शेयर बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव का संकेत देने वाले सिर्फ यही दो इंडेक्स नहीं हैं. इसके अलावा भी तमाम इंडेक्स मौजूद हैं, जिनका इस्तेमाल शेयरों की चाल को समझने के लिए किया जाता है. इनमें ज्यादातर इंडेक्स किसी खास सेक्टर या कंपनियों के किसी खास वर्गीकरण से जुड़े हुए हैं. मिसाल के तौर पर किसी दिन के कारोबार के दौरान 12 प्रमुख बैंकों के शेयरों की औसत चाल का संकेत देने वाला Bank Index या सिर्फ सरकारी बैंकों के शेयरों का हाल बताने वाला PSU Bank Index, स्टील, एल्यूमीनियम और माइनिंग सेक्टर की कंपनियों के शेयरों के चाल का संकेत देने वाला मेटल इंडेक्स या फार्मा कंपनियों के शेयरों का फार्मा इंडेक्स, वगैरह-वगैरह.
ये सभी इंडेक्स बाजार में पैसे लगाने वाले निवेशकों या उन्हें मशविरा देने वाले ब्रोकर्स या सलाहकारों के लिए बेहद काम के होते हैं. लेकिन अगर एक नजर में बाजार का ओवरऑल रुझान समझना हो या उसके भविष्य की दशा-दिशा का अंदाज़ा लगाना हो, तो उसके लिए सबसे ज्यादा सेंसेक्स और निफ्टी जैसे बेंचमार्क इंडेक्स पर ही गौर किया जाता है. इन्हें मोटे तौर पर मार्केट सेंटीमेंट का सबसे आसान इंडिकेटर माना जाता है.