इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे काम करता है?

इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें | Intraday का क्या मतलब होता है
हेलो दोस्तों, आज के इस लेख में आपको ( intraday trading kya hai) के बारे में अच्छे से समझाया गया है. यदि आप इस लेख को पूरा पढ़ते है तो आपको किसी अन्य वेबसाइट या यूटूब विडियो को देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी. ज्यादातर आपने कुछ लोगों के मुह से सुना होगा की intraday में बहुत रिस्क होता है और कुछ लोग कहते है की intraday में बहुत पैसा है. हां यह बात सच है डिलवरी ट्रेडिंग के मुकाबले intraday में बहुत अच्छा मुनाफा होता है लेकिन इसमें रिस्क भी बहुत होता है.
Intraday का क्या मतलब होता है?
इसके बोलने में ही इसका अर्थ निकल के आ रहा है “intraday” किसी भी share को 1 दिन में खरीद कर उसी दिन बेचने को intraday कहाँ जाता है.
इस stock/share market से वही पैसा कमा सकता है जो इसके बारे में अच्छे से जानता हो, इसके लिए आपके पास अच्छी रणनीति, फाइनेंशियल और एक्सपर्ट मर्केटर की जरूरत होती है. यदि इसे कोई long term के लिए इन्वेस्ट करता है तो उसे अच्छा मुनाफा मिलता है. यदि आप intraday में किसी भी share को खरीदेंगे तो उसको शाम तक बेचना ही होगा बरना मार्किट के चलती कीमत में अपने आप वह share बिक जायगा.
इंड्राडे ट्रेडिंग क्या है – Intraday trading kya hai)
Intraday मान लीजिये, आपने मार्किट के कीमत से किसी भी कंपनी के shares को ख़रीदा है और उस share की कीमत बढने लगे तो आप फायदे में चल रहे है आप चाहे तो share की कीमत गिरने से पहले उनको बेच के बहार भी निकल सकते है. आपको intraday के खुलने के समय से बंद होने के समय तक shares को खरीदना और बेचना होता है. इसमें फायदा हो या नुक्सान उसी दिन हिसाब हो जाता है, दूसरी तरफ डिलवरी ट्रेडिंग में एक बार share को खरीदने के बाद कभी भी बेच सकते है
Intraday Trading में एक बहुत बड़ी समस्या है जो नय ट्रेडर्स और पुराने ट्रेडर्स के साथ अक्सर होती है. कितना भी अनुभवी ट्रेडर्स हो उसे indicators की ही मदद जरुर लेनी चाहिए. इनसे हमें काफी लाभ होता है मैंने आपको कुछ मुख्य idicators के बारे में समझाया है.
Moving Average
बहुत से ट्रेडर्स इस dayli moving average (DMA) इंडिकेटर पर भरोसा करते है.(Intraday trading kya hai) इस इंडिकेटर से चार्ट पर एक लाइन आती है जो हमें मार्किट के व्यवहार को दर्शाते है. और ये stock के उतार-चढ़ाव प्राइस के बारे में संकेत देता है. Moving Average indicator
Bollinger Bands
Bollinger bands एक बेहतरीन इंडिकेटर है जिसे काफी ट्रेडर्स पसंद करते है. स्टॉक की कीमत इस इंडिकेटर के अंदर मूव करती है. इसमें 3 प्रकार की लाइन होती है सबसे पहली लाइन को upper bands कहते है और निचे वाली लाइन को lower bands कहते है.
जब भी stock की कीमत upper bands की ओर पहुचती है तो से overbought कहते है. इसमें हमें निकलने का संकेत मिलता है. जब भी stock की कीमत lower bands की ओर पहुचती है तो उसे oversold कहते है, इसमें हमें enter होने का संकेत मिलता है. (intraday trading kya hai) Bollinger Bands
इसके बाद stock की कीमत अधिक बार ऊपर निचे हो तो उसे bands expoand बोलते है और इसके बिपरीत कीमत धीरे-धीरे ऊपर निचे हो तो उसे bands narrow बोलते है. इस तरह से ही सभी indicator stock की volatility को दर्शाता है.
Momentum Oscillators
यह इंडिकेटर हमें यह संकेत करता है की stock की कीमत गिरेगी या ऊपर जायेगी. इसे काफी ट्रेडर्स उपयोग करते है इससे उनको यह पता चलता है की कब हमें share खरीदना और बेचना होता है. Momentum Oscillators
Relative Strength Index (RSI)
यह ट्रेडिंग करने में अच्छी मदद करता है ट्रेडर्स इसका भी अच्छा उपयोग करते है और उनको इससे काफी लाभ भी मिलता है. RSI के साथ दूसरे इंडिकेटर का उपयोग करे जिससे हमें अच्छे से मार्किट की moving का पता चले. हमें कब share खरीदना और बेचना होता है. (intraday trading kya hai) Relative Strength Index (RSI)
Intraday Time Analysis
Intraday में सबसे जरुरी समय को एनालिसिस करना होता है. यदि आप ये सिख गय तो आपको intraday में पैसा कमाना आसान हो जायगा. इसके लिए आपको पिछले दिन का चार्ट देखना बहुत उपयोगी होता है. इसमें उपयोग होने वाले इंडिकेटर से हमें अधिक अवश्यक जानकारी प्राप्त हो जाती है.
स्टॉक की कीमत सुरु होने से लेकर बन्द होने तक की जानकरी देते है. Time Analysis intraday ट्रेडिंग मे बहुत ही महत्पूर्ण है क्योकि मार्किट की गति तेजी से बढती/घटती रहती है और ऐसे में जिन stock पर आप पैसा इन्वेस्ट करते है वह कही ऊपर तो कहीं निचे चला जाता है. (intraday trading kya hai)
इस तरह से चार्ट को समझना मुश्किल हो जाता है इसीलिए (intraday) दिन के व्यापारियो को बहुत अवश्यक हो जाता है की वह इस तरह से चार्ट को देखे जो उनको आसानी से समझ आ जाये. हमने intraday ट्रेडिंग में इन्वेस्ट करने के लिए कुछ जरुरी चीजों के बारे में समझाया है.
Intraday के लिए कौनसा stock चुने?
जब भी कोई share market के बात आती है तो उसमे सबसे जरुरी shares खरीदना कैसे है और किस कंपनी के share खरीदने है. जब आप अपने पैसो से share को खरद कर मुनाफे में बेचते हो तो वह पैसा आपके लायक होता है. आइये जानते है की बुद्धिमानी से stock को कैसे चुने? (intraday trading kya hai)
Avoid volatile stocks- अस्थिर शेयरों से बचें
आपको कभी भी अस्थिर shares में पैसे नहीं इन्वेस्ट करने है उससे हमेशा बचे रहना चाहिए. उस जगह पैसा इन्वेस्ट क्यों करें जहाँ से बापस मिलने का चांस नहीं है. इसलिए, हमेशा stock के व्यवहार को देखते रहना चाहिए और अस्थिर shares पर इन्वेस्ट करने से अपने आप को रोकना चहिये.
Resarch- इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे काम करता है? अनुसंधान:
हमें shares लेने से पहले analysis और समझना फिर उसके बाद इन्वेस्ट करना एक ट्रेडर के लिए बेसिक सा step है. जिसे सभी को करना बहुत अनिवार्य है और बिना resarch के कोई भी बिज़नेस सफल नहीं होता है. (intraday trading kya hai)जब तब बिज़नेस करते समय भाग्य भी आपके पक्छ में ना हो क्योकि भाग्य भी कभी आपके साथ कृपा नहीं दिखता है तो बिज़नेस करने से पहले उसके बारे में resarch करना वेहद जरुरी है.
Trends-
कभी-कभी अकेले भटकने से बेहतर झुंड के साथ चलना बेहतर होता है. हमें सामान्य मार्किट में या फिर उस shares को सर्च करे, जिन्होंने ट्रेडर्स को अच्छा मुनाफा दिया है. जब भी share market में तेज से गिराबट आती है तब ट्रेडर्स को उन shares को तलाश करनी चाहिए जिनकी कीमत गिरती है, जब वह गिरते है तो आपके analysis के मुताबिक उनकी कीमत बढेगी.
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Stock Market में Trading कैसे करे, ट्रेडिंग कैसे करें, ट्रेडिंग करना सीखे
स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करना बहुत ही आसान है लेकिन स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास स्टॉक मार्केट की पूरी जानकारी होना चाहिए. अगर आपके पास स्टॉक मार्केट की पूरी जानकारी नहीं है तो आप स्टॉक मार्केट में पैसे कमाने की जगह पैसे गवा सकते है.
क्योंकि स्टॉक मार्केट एक ऐसा बाजार है जो की पूरी तरह जोख़िम से भरा है. यहां अगर आपको पूरी जानकारी होती है तो आप बहुत पैसे कमा सकते हैं लेकिन अगर आपको जानकारी नहीं है तो आप कुछ ही मिनट के अंदर कंगाल भी हो सकते हैं. तो चलिए सबसे पहले स्टॉक मार्केट और ट्रेडिंग के बारे में जानते है .
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Stock Market Me Trading Kaise Kare
Stock Market में आप Intraday, Scalping और Swing आदि Trading कर सकते है यह सब स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने के तरीके है जिनका उपयोग कर के आप स्टॉक मार्केट में शेयर को खरीद व बैच कर मुनाफा कामते है. जिसके लिए आपको एक किसी ट्रेडिंग Technique को चुनना होता है जैसे की इंट्राडे, स्काल्पिंग और स्विंग फिर इन ट्रेडिंग के नियमों का पालन करना होता है.
अगर आप सभी नियमों का पालन करते है और Technique को Follow करते है तो आप रोज स्टॉक मार्केट से मुनाफा कमा सकते है इन ट्रेडिंग की Technique का उपयोग कर के बस आपके पास एक Demat Account और Trading Account होना चाहिए जिनकी मदद से आप Stock Exchange में से शेयर को खरीद सके और बेचने का काम कर सके.
Demat Account Kya Hai
डीमेट अकाउंट, हमारे बैंक के सेविंग अकाउंट की तरह ही होता है. जैसे सेविंग अकाउंट का उपयोग पैसों को रखने के लिए करते हैं. ठीक उसी तरह डिमैट अकाउंट का उपयोग शेयर को रखने के लिए किया जाता है. अपना खुद का डिमैट अकाउंट कैसे खोलें यह जानने के लिए हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़.
Trading Account Kya Hai
ट्रेडिंग अकाउंट हमारे बैंक के चालू खाते की तरह होता है. जिस तरह हम चालू खाते का उपयोग पैसों का लेनदेन करने के लिए करते हैं. ठीक उसी तरह ट्रेडिंग अकाउंट का उपयोग शेयर का लेनदेन करने के लिए किया जाता है. अपना खुद का ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोलें उसके बारे में जानने के लिए हमारे नीचे दी गई पोस्ट को पढ़ें.
Trading Kya Hai
रोज Stock Exchange से शेयर को खरीद कर बेचने का काम Trading कहलाता है इसे ही हम Trading कहते है और इस ट्रेडिंग को Daily 2 Days Hold और Weekly भी किया जाता है. जो की अलग अलग ट्रेडिंग Technique में Divided होती है.
ट्रेडिंग के बारे में और भी अधिक विस्तार से जानने के लिए आप हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़े उसमे आपको Trading क्या है उसके कितने प्रकार है पूरी जानकारी मिलेगी.
Trading Kaise Kare
ट्रेडिंग करना बहुत ही आसान होता है. ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट एवं डिमैट अकाउंट होना बहुत जरूरी है. क्योंकि इनके बिना आप ट्रेडिंग नहीं कर सकते. अगर आपके पास ये है तो अब आपको ट्रेडिंग अकाउंट की मदद से शेयर मार्केट से शेयर को कम दामों में खरीदना है और उस शेयर की कीमत बढ़ जाने पर उसे ज्यादा दाम में बेच कर मुनाफा कमाना है इसी तरह हम ट्रेडिंग करते हैं. ट्रेडिंग कैसे करें इसके बारे में और विस्तार से जानने के लिए हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़ें.
Share Market Me Trading Kaise Kare
शेयर मार्केट में मुख्य रूप से तीन प्रकार की ट्रेडिंग ज्यादा होती हैं.
- Intraday Trading
- Scalping Trading
- Swing Trading
Intraday Trading Kya Hai
इंट्राडे ट्रेडिंग या डे ट्रेडिंग एक ही दिन के अंदर की जाने वाली ट्रेडिंग होती है. इसमें आम शेयर मार्केट के खुलने से बंद होने के बीच में शेयर को खरीद और बेच कर ट्रेडिंग करते हैं.
एक ही दिन के अंदर की जाने वाली इस ट्रेडिंग को हम इंट्राडे ट्रेडिंग या डे ट्रेडिंग भी कहते है. इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में और भी विस्तार से जानने के लिए हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़ें.
Intraday Trading Kaise Kare
शेयर मार्केट रोज सुबह 9:15 पर खुल जाती है और दोपहर में 3:30 पर बंद हो जाती है. हमें इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए सुबह 9:15 से लेकर 10:00 के बीच में शेयर को खरीदना होता है.
ताकि हम शेयर को कम से कम दाम पर खरीद सकें और 3:00 से लेकर 3:20 तक 20 मिनट के अंदर अंदर हमें शेयर को हर हाल में बेचना होता है. इस प्रकार हम इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं. इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में और भी विस्तार से जाने के लिए हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़ें.
Scalping Trading Kya Hai
सकैलपिंग ट्रेडिंग इंट्राडे ट्रेडिंग की तरह ही एक दिन के अंदर की जाती है. लेकिन सकैलपिंग ट्रेडिंग को हम कुछ ही मिनट या घंटे के अंदर पूरा कर लेते हैं.
यह ट्रेडिंग कुछ ही समय के लिए की जाती है इसलिए इसे सकैलपिंग ट्रेडिंग कहा जाता है. सकैलपिंग ट्रेडिंग के बारे में और भी अधिक विस्तार से जानने के लिए आप नीचे दी गई पोस्ट को पढ़ें.
Scalping Trading Kaise Kare
सकैलपिंग ट्रेडिंग को करने के लिए भी हमें शेयर मार्केट के खुलने और बंद होने के बीच में शेयर को खरीदना होता है. लेकिन सकैलपिंग ट्रेडिंग में की जाने वाली ट्रेडिंग कुछ ही मिनट या घंटे के अंदर पूरी हो जाती है.
इसलिए मान लीजिए कि अगर आपने 9:15 पर ही शेयर मार्केट से शेयर खरीद लिए तो आपकी ट्रेडिंग 9:30 तक ही पूरी हो जाएगी. इस तरह से हम कुछ ही मिनट के अंदर ज्यादा से ज्यादा पैसों के साथ ट्रेडिंग करते हैं और सकैलपिंग ट्रेडिंग का फायदा उठाकर ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाते हैं.
सकैलपिंग ट्रेडिंग के बारे में और भी अधिक विस्तार से जानने के लिए आप हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़ें.
Swing Trading Kya Hai
स्विंग ट्रेडिंग दोनों इंट्राडे ट्रेडिंग और सकैलपिंग ट्रेडिंग से बहुत अलग है. क्योंकि स्विंग ट्रेडिंग को हम 1 दिन या 1 हफ्ते या फिर 1 महीने के लिए करते हैं.
स्विंग ट्रेडिंग का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि हम इसमें शेयर मार्केट के खुलने से लेकर बंद होने के बीच में कम से कम कीमत पर शेयर को खरीद कर रख इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे काम करता है? लेते हैं और फिर टारगेट लगाकर उस शेयर की कीमत बढ़ने का इंतजार करते हैं.
जैसे ही उस शेयर की कीमत बढ़ जाती है तब हम उस शेयर को बेचकर ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा लेते हैं.
स्विंग ट्रेडिंग के अंदर हमें ट्रेडिंग एक ही दिन या एक ही घंटे के अंदर पूरी नहीं करनी होती. इसे हम एक दिन एक हफ्ते या 1 महीने तक भी कर सकते हैं.
इसलिए इसमे नुकसान कम और फायदा ज्यादा होता है. इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए नीचे दी गई पोस्ट को पढ़े।
Swing Trading Kaise Kare
ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास एक बहुत ही अच्छी स्ट्रेटजी होनी चाहिए. उसी के साथ आपको स्विंग ट्रेडिंग के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए एवं डिमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए.
अगर आपके पास यह सब चीजें हैं तो अब आपको शेयर मार्केट में जाकर सबसे ज्यादा उछाल आने वाले शेयर को चुनना है. अगर उस शेयर की कीमत आज की दिनांक से बढ़ने वाली है या घटने वाली है तो उसके हिसाब से शेयर खरीदना है.
मान लेते है अगर उस शेयर की कीमत आज की दिनांक से बढ़ने वाली है तो आप उस शेयर को आज की तरीख में खरीद के रख लें एवं अपना स्ट्रेटेजी के हिसाब से टारगेट बनाएं और जैसे ही वह टारगेट की कीमत इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे काम करता है? शेयर छू जाए तब उसे बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं.
स्विंग ट्रेडिंग के बारे में और अधिक विस्तार से जानने के लिए हमारी नीचे लिखे पोस्ट को पढ़ें.
अगर आपको हमारी पोस्ट Stock Market Me Trading Kaise Kare और Trading Kaise Kare अच्छी लगी तो इसे लोगों के साथ शेयर करे और कोई सवाल पूछना चाहते है तो comment करे.
घर बैठे फ्री ऑनलाइन ट्रेडिंग टूर्नामेंट अब है मुमकिन! जानें कैसे?
अगर आप भी ऑनलाइन ट्रेडिंग करने की सोच रहे हैं या एडिशनल कमाई का जरिया ढूंढ रहे हैं, तो इसके बारे में पूरी जानकारी लेना बहुत जरुरी है. ट्रेडिंग के लिए एक ऐसे प्लेटफॉर्म को चुनना जरुरी है जो न केवल आपको सुरक्षा का भरोसा दे, बल्कि आपको ट्रेड करने के लिए सही जानकारी और टूल देने के साथ-साथ प्रैक्टिस भी करवाए.
aajtak.in
- 16 मार्च 2021,
- (अपडेटेड 17 मार्च 2021, 3:07 PM IST)
लाइफ में अच्छी नौकरी और बैंक बैलेंस हर कोई चाहता है इसलिए अपनी लाइफ सिक्योर करने के लिए लोग सेविंग्स भी करते हैं. बैंक बाजार एस्पिरेशन इंडेक्स 2019 के मुताबिक 24 से 27 साल के बीच के ज्यादातर फीसदी नौजवान अपनी इनकम का 40 फीसदी बचा लेते हैं. लेकिन क्या बचत करना ही काफी है? हम में से कई लोग इस बात को नहीं समझ पाते कि सिर्फ बचत करना ही काफी नहीं है. बल्कि बचत को सही तरह से निवेश करना भी जरूरी है.
निवेश करना क्यों है जरुरी?
बचत की रकम को बढ़ाने के लिए निवेश करना जरूरी है. फंड का अपनी सूझबूझ से सही जगह निवेश करना कई बार फायदेमंद भी हो सकता है, लेकिन ये फायदे बाज़ार जोखिमों के आधीन होते है. साथ ही फिजूल खर्च से बचने के लिए अपनी सूझबूझ से सही जगह निवेश युवाओं के लिए एक बेहतर विकल्प है जो एडिशनल इनकम का नया जरिया बन चुका है.
निवेश करने के तरीके
‘सेविंग अकाउंट’ या ‘फिक्स्ड डिपॉज़िट’: बैंक के ‘सेविंग अकाउंट’ या ‘फिक्स्ड डिपॉज़िट’ कम समय के लिए अच्छा निवेश माना जाता है. इनमें आपको कम समय में ही आपके पैसे के साथ ब्याज भी मिल जाता है. इसमें निवेश करने के दौरान आपको बैंक के द्वारा 100 % सुरक्षा दी जाती है.
रियल एस्टेट में निवेश: मार्केट में निवेश के कई सारे विकल्प मौजूद हैं लेकिन रियल एस्टेट यानी प्रॉपर्टी में निवेश करना लोगों की पहली पसंद होती है. आमतौर पर लोग घर और निवेश के लिए ली गयी प्रॉपर्टी में अंतर नहीं कर पाते. हालाँकि दोनों की जरूरतें और प्राथमिकताएं अलग- अलग होती है. इसलिए प्रॉपर्टी में निवेश करने से पहले इन चीज़ों पर ध्यान देना बहुत जरुरी है.
गोल्ड में निवेश: गोल्ड को भारतीय संस्कृति का हिस्सा माना जाता है साथ ही निवेश करने का एक सुरक्षित माध्यम भी. गोल्ड में निवेश करने वालों के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स और गोल्ड ईटीएफ जैसे माध्यम भी हैं, जो अतिरिक्त आय और सुरक्षित धन के रूप में काम आता हैं. यही कारण है कि फिजिकल गोल्ड के साथ लोग अब लिक्विड गोल्ड में भी निवेश करने लगे हैं.
ऑनलाइन ट्रेडिंग में निवेश
ट्रेडिंग किसी भी सामान या सेवाओं को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया है, साथ ही किसी विशेष परिसंपत्तियों की कीमत पर पूर्वानुमान लगाने के लिए उसके ग्राफ का विश्लेषण करना भी ट्रेडिंग का एक हिस्सा है. ये मुख्य रूप से अतिरिक्त आय और लाभ कमाने की आशा से की जाती है. लेकिन क्या आपकी कंपनी को अच्छा करेगी, शेयर के दाम ऊपर जाएंगे और क्या आपको फायदा होगा? इन सभी बातों को ध्यान में रखना भी बहुत जरूरी है. अगर अपनी समझदारी और सतर्कता से निवेश न किया जाये तो ये घाटे का सौदा भी हो सकता है.
अगर आप भी ऑनलाइन ट्रेडिंग करने की सोच रहे हैं या एडिशनल कमाई का जरिया ढूंढ रहे हैं तो इसके बारे में पूरी जानकारी लेना बहुत जरुरी है. ट्रेडिंग के लिए एक ऐसे प्लेटफॉर्म को चुनना जरुरी है, जो न केवल आपको सुरक्षा का भरोसा दे बल्कि आपको ट्रेड करने के लिए सही जानकारी, टूल और प्रैक्टिस भी करवाए. ऐसे में Binomo आपके लिए एक अलग और बेहतर प्लेटफॉर्म साबित हो सकता है. जो कुछ परिसंपत्तियों पर डील्स खोलने और इसकी कीमत पर एक पूर्वानुमान लगाने का अवसर देता है, चाहे वह ऊपर या नीचे जाए.
घर बैठे ट्रेडिंग अब है सुविधाजनक
अगर आप अपनी सूझभूझ से काम लें तो Binomo ट्रेडिंग के लिए एक सुविधाजनक और यूज़र फ्रेंडली प्लेटफॉर्म साबित हो सकता है. लेकिन ऑनलाइन ट्रेडिंग करना कोई बच्चों का खेल नहीं है यहाँ बड़े- बड़े अनुभवी ट्रेडर्स भी मात खा जाते हैं. इसलिए ट्रेडिंग की शुरुआत करने से पहले इसकी हर बारीकी को समझना बहुत जरूरी है ताकि आने वाले इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे काम करता है? जोखिमों से कुछ हद तक बचा जा सके. ऐसे में Binomo ऑनलाइन ट्रेडिंग के क्षेत्र में यूजर्स को ट्रेनिंग देने पर फोकस करता है और दूसरी तरफ ऑनलाइन ट्रेडिंग में अनुभवी ट्रेडर्स को इस क्षेत्र मेंविशेषज्ञ बनने में मदद करता है.
इसके अलावा डेमो अकाउंट में Binomo ट्रेडिंग ऐप आपको $1000 के साथ शुरू करने इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे काम करता है? का अवसर देता है. डेमो अकाउंट पर $1000 वर्चुअल होता है, जो निकालना मुमकिन नहीं है. लेकिन ट्रेड्स में नुकसान होने पर ये वर्चुअल अमाउंट वापस हो जाता है. ये केवल प्रैक्टिस के उद्देश्य के लिए है, जिसकी मदद से आप अपनी ट्रेडिंग स्किल्स को बेहतर और तेज कर सकते हैं.
सिर्फ कुछ स्टेप्स में घर से शुरू करें ट्रेडिंग
Binomo.com की वेबसाइट पर जाकर ग्राहकों को रजिस्टर करने के बाद रियल अकाउंट पर ट्रेडिंग करने के लिए डिपॉजिट करने की जरूरत होगी. फंड विथड्रॉ करने की स्थिति में वेरिफिकेशन की जरुरत पड़ती है. 350 रुपये की न्यूनतम रकम के साथ आप अपने अकाउंट को शुरू भी कर सकते हैं, जिसमें ट्रेड की न्यूनतम कीमत 70 रुपये होगी. जबकि ट्रेड्स के नंबर पर कोई पाबंदी नहीं है.
हालाँकि निवेश करना अच्छी बात है लेकिन ट्रेडिंग में निवेश करने से पहले उससे जुड़े जोखिमों को जानना और समझना बहुत जरुरी है. इसके साथ ही घर की सभी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ही फंड का निवेश करना चाहिए. ट्रेडिंग किसी भी प्लेटफॉर्म पर की जाए इस क्षेत्र में अनुभव और जानकारी होना बहुत जरूरी है. अपनी सूझबूझ से किया गया निवेश आपको समय आने पर फायदा भी दिला सकता है.
शेयर खरीदने के नियम | Share Kharidne Ke Niyam
शेयर खरीदने के नियम क्या हैं? यह सवाल हर उस व्यक्ति के मन में जरुर से आता है जो की पहली बार शेयर मार्किट में कदम रख रहा होता हैं। शेयर बाज़ार में कौन से कंपनी के शेयर खरीदें, कब खरीदें, कैसे खरीदें, और किस भाव पर खरीदें, यह कुछ ऐसे सवाल हैं जिसका जवाब हर नए और पुराने निवेशक को पता होना आवश्यक है।
पिछले 5-8 सालों में शेयर खरीदने के नियम बहुत ही आसान हो गए हैं। आज के समय में आप घर बैठे अपने कंप्यूटर या मोबाइल से ही ऑनलाइन शेयर मार्केट में निवेश कर सकते हैं।
तो चलिए जानते हैं कुछ बहुत ही जरुरी शेयर खरीदने के नियम (Share Kharidne Ke Niyam) के बारे में जोकि आपको शेयर मार्किट में बेहतर करने में सहायता कर सकते हैं।
चलिए शुरू करते हैं।
यह भी पढ़े – शेयर बाजार के नियम
शेयर खरीदने के नियम (Share Kharidne Ke Niyam)
शेयर बाज़ार में किसी भी कंपनी के शेयर को खरीदने के लिए कुछ सिद्ध हो चुके नियम हैं जिसका पालन कर आप अपने निवेश जर्नी को और भी फायदेमंद बना सकते हैं। तो चलिए शेयर खरीदने के नियम के बारे में विस्तार से जानते हैं –
1. अपने फाइनेंशियल उद्देश्यों को ध्यान में रखें
शेयर खरीदने के नियमों में सबसे पहला नियम यह है कि शेयर खरीदने से पहले हमें अपने उद्देश्यों को ध्यान में रखना चाहिए। अर्थात सबसे पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आप लंबी अवधि का निवेश करना चाहते हैं या छोटी अवधि का।
शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स इंट्राडे ट्रेडिंग या स्विंग ट्रेडिंग चुनते हैं। दूसरी ओर, लंबी अवधि के निवेशक डिलीवरी ट्रेडिंग या पोजिशनल ट्रेडिंग का विकल्प चुन सकते हैं।
अगर आप छोटी अवधि के माध्यम से रिटर्न प्राप्त करना चाहते हैं तो आप निवेश के अन्य माध्यमों पर विचार कर सकते हैं। हालांकि, अगर आपके पास लंबी अवधि का निवेश प्लान है, तो इक्विटी में निवेश करने से आपको शानदार रिटर्न मिल सकता है।
लंबी अवधि में, निवेशक किसी कंपनी के शेयर सस्ते होने पर खरीदते हैं, और जब उन्हें लगता है कि शेयर की कीमत पर्याप्त रूप से बढ़ गई है, तो वे शेयरों को अधिक कीमत पर बेचना शुरू कर देते हैं। इस तरह की ट्रेडिंग में रिस्क कम होता है।
इसके विपरीत, अल्पकालिक व्यापार में इंट्राडे ट्रेडिंग शामिल होती है। इसमें अगर सही स्टॉक की पहचान की जाए तो रोजाना शेयर बाजार में पैसा लगाकर मुनाफा कमाया जा सकता है। लेकिन ध्यान रहे कि इसमें जोखिम भी बहुत है।
इसलिए, शेयर बाजार को शॉर्ट टर्म मनी मेकिंग टूल के रूप में सोचने के बजाय, इसे लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट ऑप्शन के रूप में देखें। लंबी अवधि के रिटर्न को ध्यान में रखते हुए शेयर खरीदें, क्योंकि शेयर बाजार में लंबी अवधि के निवेश अन्य निवेश खंडों की तुलना इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे काम करता है? में बेहतर रिटर्न देते हैं।
2. मौलिक और तकनीकी विश्लेषण करें
यह भी शेयर खरीदने के बहुत ही महत्वपूर्ण नियमों में से एक है। बिना उचित शोध या विश्लेषण के शेयर बाजार में धड़ल्ले से स्टॉक खरीदना अपने पैरो पर कुलहाड़ी मारने जैसा है।
शेयर बाजार में निवेश करने से पहले आपको यह समझने की कोशिश करनी चाहिए कि शेयर बाजार कैसे काम करता है। किसी कंपनी विशेष के शेयर खरीदते समय, कंपनी के पिछले प्रदर्शन के साथ-साथ भविष्य की संभावनाओं पर कुछ शोध करना आवश्यक होता है।
इसी तरह शेयर खरीदने से पहले बाजार का रुख देख लें और जानें कि पहले शेयर बाजार कैसा था और अब कैसा चल रहा है। इसके आधार पर ही शेयर खरीदें।
आप शेयर बाजार में मौलिक और तकनीकी विश्लेषण कर सकते हैं। यदि आप किसी स्टॉक का मौलिक विश्लेषण करना चाहते हैं, तो आपको कंपनी के वित्तीय वक्तव्यों को देखना होगा। अंततः, यह आपको कंपनी के स्वास्थ्य और विकास क्षमता के बारे में बताता है।
बैलेंस शीट, प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट, इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे काम करता है? ऑपरेटिंग मार्जिन, प्रति शेयर कमाई और अन्य जानकारी को समझने से आपको यह जानने में मदद मिलेगी कि कंपनी कैसा प्रदर्शन कर रही है।
इसके अलावा, तकनीकी विश्लेषण का मूल उद्देश्य स्टॉक के भविष्य और पिछले मूल्य आंदोलनों के बारे में पता लगाना है। दूसरे शब्दों में, तकनीकी विश्लेषण का अर्थ शेयर बाजार चार्ट और शेयर बाजार संकेतकों का उपयोग करके मूल्य और मात्रा के पिछले रुझानों को देखकर शेयर की कीमत के बारे में सही भविष्यवाणी करना है।
यहां आप मूविंग एवरेज, कैंडलस्टिक चार्ट, बोलिंगर बैंड, इचिमोकू चार्ट और कई अन्य चार्ट और संकेतक का उपयोग कर सकते हैं। इसलिए, इंडिकेटर और ऑसिलेटर का उपयोग करें जो मूल्य गति का समर्थन करते हैं ताकि आपको खरीदारी का निर्णय लेने में मदद मिल सके।
3. सही कीमत पर शेयर खरीदें
आपके द्वारा वहन की जा सकने वाली कीमत पर स्टॉक खरीदना बहुत महत्वपूर्ण है। हो सकता है कि आप एक ऐसे स्टॉक की तलाश कर रहे हों जो बहुत लोकप्रिय हो और जिसे अन्य लोग खरीद रहे हों। लेकिन इसके लिए आपको यह भी देखना होगा कि अपने बजट के अनुसार ही शेयर खरीदें और जो आपको बेहतर रिटर्न दे सके।
जो स्टॉक आपके बजट में फिट न हो उसे छोड़ दें। सही समय का इंतजार करें और ऐसा स्टॉक चुनें जो आपके बजट के अनुकूल हो और आपको मुनाफा भी दे। इसके अलावा जब आपको लगे कि आप अपना शेयर बेचना चाहते हैं और आपको अच्छा रिटर्न मिल रहा है तो आपको शेयर बेच देना चाहिए।
शेयर की कीमत कुछ और बढ़ने का इंतजार करना फायदेमंद हो सकता है। लेकिन ध्यान रहे कि अगर इसकी कीमत गिरती है तो आपको नुकसान भी हो सकता है। इसलिए हमेशा सही समय पर शेयर खरीदें और सही समय पर बेचें।
4. एक ही बार में पूरी राशी निवेश न करें
शेयर बाजार में शेयर की कीमतों में रोजाना उतार-चढ़ाव होता है। यदि आपने एक ही दिन में सारा पैसा निवेश कर दिया है, तो आप खरीद मूल्य से औसत पैसा नहीं बना पाएंगे।
अगर आप धीरे-धीरे शेयर खरीदते हैं तो आप अलग-अलग कीमतों पर किसी कंपनी के शेयर खरीद पाएंगे। इसमें लाभ की संभावना अधिक है।
आप चाहें तो इसके लिए सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) का रास्ता चुन सकते हैं। जिसमें आपको एक निश्चित अंतराल पर निवेश करना होता है। इस तरह के निवेश में जोखिम कम होता है और रिटर्न भी अच्छा मिलता है।
5. सेबी के नियमों का पालन करें
शेयर बाजार की नियामक संस्था (सेबी) ने 1 सितंबर 2020 से शेयरों की खरीद-बिक्री के नियमों में भारी बदलाव किया है। एक तरफ जहां इन नियमों से निवेशकों की सुरक्षा बढ़ी है, वहीं दूसरी तरफ इससे शेयर खरीदना थोड़ा मुश्किल हो गया है।
जैसा कि आप जानते हैं कि “कार्वी ऑनलाइन” ने निवेशकों के पैसे का घोटाला किया था। उसके बाद सेबी ने नियम बनाने के लिए कड़े कदम उठाए। ऐसे में अगर आप शेयर खरीदना चाहते हैं तो आपको शेयर खरीदने के नियम पता होने चाहिए।
आप जानते हैं कि निवेशक अपने ब्रोकर से पावर ऑफ अटॉर्नी लेते थे। यहां ब्रोकर उनके शेयरों से मनमानी करता था और निवेशकों की सहमति के बिना शेयरों का इस्तेमाल करता था। लेकिन अब सेबी के नए शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ही रहेंगे और क्लियरिंग हाउस वहीं गिरवी रख देगा। इस तरह आपके शेयर ब्रोकर के खाते में नहीं जाएंगे।
इसके अलावा शेयरों को कैश में खरीदने और बेचने पर भी अपफ्रंट मार्जिन देना होगा। क्लाइंट से मार्जिन नहीं लेने पर ब्रोकरों पर जुर्माना लगाया जाएगा। 1 लाख रुपये से अधिक की कमी पर 1% पेनल्टी लगेगी और मार्जिन प्लेज/री-प्लेज सिस्टम भी लागू किया गया है।
अंतिम शब्द
तो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने शेयर खरीदने के नियम (Share Kharidne Ke Niyam), के बारे में विस्तार से जाना हैं। मैं आशा करता हूँ की आप सभी को हमारा यह आर्टिकल जरुर से पसंद आया होगा।
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सुधांशु HindiQueries के संस्थापक और सह-संस्थापक हैं। वह पेशे से एक वेब डिज़ाइनर हैं और साथ ही एक उत्साही ब्लॉगर भी हैं जो हमेशा ही आपको सरल शब्दों में बेहतर जानकारी प्रदान करने के प्रयास में रहते हैं।
शेयर बाजार में क्या है कमोडिटी ट्रेडिंग, जानिए कैसे करते हैं खरीद-बेच, कितना फायदेमंद
मुंबई. जिस तरह से हम अपनी रोजमर्रा की जरुरतों के लिए कोई वस्तु यानी कमोडिटी (commodity) जैसे अनाज, मसाले, सोना खरीदते हैं वैसे ही शेयर बााजार (share market) में भी इन कमोडिटी की खरीद बेच होती है. शेयर बााजार के कमोडिटी सेक्शन में इनकी ही खरीद बेच को कमोडिटी ट्रेडिंग (commodity trading) कहते हैं. यह इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे काम करता है? कंपनियों के शेयरों यानी इक्विटी मार्केट की ट्रेडिंग से थोड़ी अलग होती है. कमोडिटी की ट्रेडिंग ज्यादातर फ्यूचर मार्केट में होती है. भारत में 40 साल बाद 2003 में कमोडिटी ट्रेडिंग पर लगा प्रतिबंध हटा लिया गया था.
सामान्य तौर पर, कमोडिटी को चार प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है.
कीमती धातु - सोना, इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे काम करता है? चांदी और प्लेटिनम
बेस मेटल - कॉपर, जिंक, निकल, लेड, टीन और एन्युमिनियम
एनर्जी - क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस, एटीएफ, गैसोलाइन
मसाले - काली मिर्च, धनिया, इलायची, जीरा, हल्दी और लाल मिर्च.
अन्य - सोया बीज, मेंथा ऑयल, गेहूं, चना
कमोडिटी ट्रेडिंग में क्या अलग है
- कमोडिटी ट्रेडिंग और शेयर बाज़ार ट्रेडिंग करने में बुनियादी फर्क है. शेयर बाजार में आप शेयरों को एक बार खरीद कर कई साल बाद भी बेच सकते हैं लेकिन कमोडिटी मार्केट में दो-तीन नियर मंथ में ही कारोबार होता है. इसलिए सौदे खरीदते या बेचने में एक निश्चित अवधि का पालन करना जरूरी होता है. यह इक्विटी फ्यूचर ट्रेडिंग (equity future trading) की तरह होता है.
फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट क्या है -
दो पार्टियों के बीच यह खरीदने बेचने का ऐसा सौदा होता है जो आज के दाम पर फ्यूचर की डेट में एक्सचेंज होता है. कमोडिटी राष्ट्रीय स्तर ऑनलाइन मॉनिटरिंग और सर्विलांस मैकेनिज्म के साथ ट्रेड होता है. एमसीएक्स और एनसीडीएक्स में कमोडिटी फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट एक महीने, दो महीने और तीन महीने के लिए एक्सापाइरी सायकल के आधार पर खरीदे जाते हैं.
पोर्टफोलियो में विविधता के लिए कमोडिटी में निवेश फायदेमंद -
विशेषज्ञों के मुताबिक पोर्टफोलियों में विविधता के लिए निवेशक को इक्विटी के साथ साथ कमोडिटी में भी निवेश करना चाहिए. इससे कीमतों में उतार-चढ़ाव का फायदा लिया जा सकता है. हालांकि, रिटेल और छोटे निवेशकों को कमोडिटी में निवेश में विशेष सावधान होना चाहिए. बाजार की अस्थिरता और कम जानकारी पूरा पैसा डूबा सकती है. निवेशकों को इसमें डिमांड सायकल और कौन से कारक कमोडिटी बाजार को प्रभावित करते हैं यह जानना जरूरी होता है.
कमोडिटी ट्रेडिंग से फायदा -
भारत में 25 लाख करोड़ रुपए सालाना का कमोडिटी मार्केट तेजी से बढ़ रहा है. यह मुख्यत लिवरेज मार्केट होता है. मतलब छोटे और मध्यम निवेशक भी छोटी सी राशि से मार्जिन मनी के जरिये कमोडिटी ट्रेडिंग कर सकते हैं.
हेजिंग -
किसानों, मैन्युफैक्चरर और वास्तविक उपयोगकर्ताओं के लिए कमोडिटी के दाम में उतार चढ़ाव का रिस्क कम हो जाता है.
पोर्टफोलियों में विविधता -
कमोडिटी एक नए एसेट क्लास के रुप में विकसित हो रही है. यह पोर्टपोलियों में प्रभावी विविधता लाती है.
ट्रेडिंग अपॉरच्यूनिटी -
कमोडिटी का डेली टर्नओवर लगभग 22,000 - 25,000 करोड़ रुपए है, जो एक बेहतर ट्रेडिंग अपॉर्च्यूनिटी उपलब्ध कराती है.
हाई लिवरेज -
इसमें बहुत कम पैसे में आप मार्जिन मनी के सहारे बड़े सौदे कर सकते हैं.
समझने में आसानी-
कमोडिटी के बेसिक नेचर और सिंपल इकोनॉमिक फंडामेंटल की वजह से इसे समझना भी आसान होता है
इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज का क्या है रोल -
इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज वह संस्था है जो कमोडिटी फ्यूचर में ट्रेडिंग के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराती है. जैसे स्टॉक मार्केट इक्विटी में ट्रेडिंग के लिए स्पेस उपलब्ध कराता है. वर्तमान में फ्यूचर ट्रेडिंग के लिए 95 कमोडिटी उपलब्ध है जो रेगुलेटर फॉर्वर्ड मार्केट कमिशन ( एफएमसी) द्वारा जारी गाइडलाइन और फ्रेमवर्क के अंदर हैं. भारत में 3 नेशनल और 22 क्षेत्रिय एक्सचेंज अभी काम कर रहे हैं.
एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) क्या है -
एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) द्वारा सुगम कमोडिटी मार्केट में कमोडिटी का कारोबार अक्सर एमसीएक्स ट्रेडिंग के रूप में जाना जाता है. जिस प्रकार बीएसई और एनएसई स्टॉक में कारोबार के लिए मंच प्रदान करते हैं, वैसे ही एमसीएक्स कमोडिटी में कारोबार के लिए एक मंच प्रदान करता है. इसमें कारोबार मेजर ट्रेडिंग मेटल और एनर्जी में होती है. इसमें रोजाना एक्सचेंज वैल्यूम 17,000-20,000 करोड़ है.
एनसीडीएक्स-
यह दिसंबर 2003 में अस्त्तिव मे आया. इसमें मुख्यत एग्री ट्रेडिंग होती है. रोजाना एक्सचेंज वैल्यूम लगभग 2000 - 3000 करोड़.
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