शेयर मार्केट में वोल्यूम क्या है?

यह तरीका सबसे आसान है। इससे आसान तरीका आपको कोई भी नहीं बता सकता है।
अच्छा शेयर कैसे चुनें? अच्छा शेयर मार्केट में वोल्यूम क्या है? शेयर चुननें के तीन आसान तरीके जानिए।
पिछले दिनों मैंने एक लेख लिखा था जिसका विषय था स्टॉक मार्केट में सफल शेयर मार्केट में वोल्यूम क्या है? निवेशक कैसे बने। इसमें मैंने बताया था कि हमें हमेशा अच्छा शेयर खरीदना चाहिए। अच्छे शेयर की पहचान के लिए हमें उस कंपनी का Balance Sheet एवं Profit & Loss A/c को अच्छी तरह देखना चाहिए।
कई दोस्तों ने कमेंट किया है कि हमारे पास इतना नॉलेज नहीं है कि हम कंपनी का Balance Sheet एवं Profit & Loss A/c समझ सकें और पढ़ना भी चाहे तो नहीं पढ़ सकते हैं। कुछ shortcut तरीका बताएं जिससे पता लगे किस कंपनी का stock अच्छा है जिसे हम खरीद कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
एक अच्छा शेयर का चुनाव करने से पहले हमें अपने आप से एक बात पूछना होगा कि हम शेयर को खरीद कर कितने दिनों तक रख सकते हैं। यानी हम लंबे समय के लिए शेयर खरीद रहे हैं या फिर एक-दो घंटे के लिए।
Intraday trading के लिए अच्छी शेयर की पहचान
यदि आप Intraday trading शेयर मार्केट में वोल्यूम क्या है? शेयर मार्केट में वोल्यूम क्या है? के लिए शेयर खरीदना चाहते हो उसके लिए आपको कंपनी के बारे में विशेष जानने का कोई आवश्यकता नहीं है। आपको जिस दिन शेयर खरीदना है उस दिन मार्केट के शुरुआती 1 घंटे में शेयर की चाल को देखना है। यदि यह लगातार बढ़ रहा है तो आप उसे खरीद ले। 1- 2 घंटे बाद 2- 4% जो भी लाभ-हानि हुआ उसे शेयर मार्केट में वोल्यूम क्या है? बेचते हैं।
जैसे एक उदाहरण द्वारा इसे समझते हैं यदि हमें किसी व्यक्ति के साथ एक-दो घंटे गुजारना है तो हम उसके बारे में विशेष जानकारी नहीं रखना चाहते हैं जैसे उसका स्वभाव कैसा है? किस खानदान से जुड़ा हुआ है? आदि-आदि। हमें 1- 2 घंटे निकाल कर अलग हो जाना है। ठीक उसी प्रकार Intraday trading में हमें उस शेयर को लेना है और बेचना है।
कई कंपनी जो दिवालिया होने के कगार पर रहते हैं लेकिन Intraday trading में 10% से ज्यादा मुनाफा दे देते हैं। क्योंकि कोई पॉजिटिव न्यूज़ उसके शेयर को उछाल देता है। उस समय यह बात का कोई मतलब नहीं कि वह कंपनी दिवालिया होने वाली है या कुछ और।
लंबी अवधि के लिए एक अच्छी शेयर का चुनाव कैसे करें?
यदि आप किसी शेयर को 1 साल या इससे अधिक समय तक खरीद कर रखना चाहते हैं तो इसकी पहचान के लिए कई तरीके हैं। यदि आप के पास कंपनी का Fundamental, Value, Growth, Balance Sheet, Profit and Loss Account, Company Management, Dividend Policy, P/E Ratio इत्यादि जानने का समय है एवं यह सब जानने में रुचि रखते हैं तो इसे जानकर आप कंपनी के बारे में अच्छी जानकारी ले सकते हो और पता लगा सकते हो कि शेयर अच्छा है या खराब है।
लेकिन अगर आप उपरोक्त जानकारी हासिल करने में Interested नहीं हो और कुछ Shortcut अपनाना चाहते हो जिससे पता लगे कौन सा शेयर अच्छा है। इस पहचानने के लिए मैं आपको कुछ अलग तरीका बताऊंगा जो कहीं भी आपको नहीं मिलेगा।
मैं आपको एक अच्छे शेयर चुनाव करने के लिए कुल 3 तरीके बता रहा हूं जो बिल्कुल सरल एवं practical है। चाहे आप financial background से हो या ना हो अच्छे Share का चयन जरुर कर सकते है।
अच्छा शेयर चुननें के 3 शेयर मार्केट में वोल्यूम क्या है? तरीके निम्नलिखित है-
1. Mutual Fund Portfolio देखकर
आपको केवल यह करना है कि आप जो भी शेयर लेना चाहते हैं या अभी तक कोई आपने विचार नहीं किया है कौन सा शेयर लेें तो आप तो Top 5 Mutual Fund को Google में सर्च कर ले।
प्रत्येक Mutual Fund में 70 से 80 कंपनी का शेयर शामिल रहता है। आप ऊपर के 10 शेयर को एक नोटबुक में लिखें। इसी प्रकार पांचों Mutual Fund के 10-10 शेयर को नोटबुक में लिख ले।
आप पांचों Mutual Fund से लिखे गए 10-10 शेयरों को आपस में चेक करें कि कौन सा ऐसा कंपनी का शेयर है जो पांचों शेयर मार्केट में वोल्यूम क्या है? Mutual Fund या 4 में शामिल है। जो अधिकतर Mutual Fund पोर्टफोलियो में शामिल है वही एक अच्छा शेयर है।
दोस्तों एक Mutual Fund मैनेजर के अंदर कई मार्केट विशेषज्ञ काम करते हैं। वह सभी अच्छी तरह कंपनी के हर एक पहलू को गौर कर उसे अपने Mutual Fund में शामिल करता है।
Trade Spotlight| आपको Dabur, IDBI Bank और Bank of India में आज क्या करना चाहिए?
Moneycontrol 15 घंटे पहले Moneycontrol Hindi
© Moneycontrol द्वारा प्रदत्त Trade Spotlight| आपको Dabur, IDBI Bank और Bank of India में आज क्या करना चाहिए? शेयर मार्केट एक के बाद एक नई ऊंचाई हासिल कर रहा है। 29 नवंबर को मार्केट में लगतार छठे सत्र तेजी देखने को मिली थी। FMCG, Metal और Pharma शेयरों में खरीदारी देखने को मिली। बाजार के प्रमुख सूचकांक Sensex और Nifty रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुए। 30 नवंबर को भी बाजार में तेजी है। 29 नवंबर को जिन शेयरों में ज्यादा एक्शन दिखा, उसमें Dabur India शामिल था। यह डेरिवेटिव सेगमेंट में सबसे ज्यादा चढ़ने वाला शेयर रहा। 6 फीसदी उछाल के साथ इसका प्राइस 593 रुपये पर पहुंच गया। डेली चार्ट पर इसने लार्ज बुलिश कैंडल बनाया है। वॉल्यूम भी ज्यादा है। IDBI Bank के शेयर 3 फीसदी चढ़कर 54.30 रुपये पर पहुंच गया। यह 10 नवंबर, 2021 के बाद इस शेयर का सबसे हाई क्लोजिंग लेवल है। इसने डेली चार्ट पर हाई वेव शेयर मार्केट में वोल्यूम क्या है? जैसा पैटर्न बनाया है। इसने लगातार तीसरे दिन हायर लो और हायर बनाया। Bank of India का शेयर भी फोकस में रहा। यह 3 फीसदी चढ़कर 83.75 रुपये पर पहुंच गया। यह 7 जून, 2021 के बाद इसका सबसे हाई क्लोजिंग लेवल है। इसने डेली चार्ट्स पर लॉन्ग बुलिश कैंडल बनाया है। 5paisa.com के रुचित जैन ने 30 नवंबर को इन शेयरों के बारे में निवेशकों को यह सलाह दी है: IDBI Bank इस स्टॉक ने हाल में अपने पिछले स्विंग हाई रेसिस्टेंसेज से ब्रेकआउट देखा है। यह 'हायर टॉप हायर बॉटम' स्ट्रक्चर बनाता दिख रहा है। इससे इस स्टॉक में शॉर्ट टर्म अपट्रेंड का संकेत मिलता है। इससे RSI oscillator भी पॉजिटिव मूमेंटम का संकेत दे रहा है। इस साल इस स्टॉक में तेजी का ट्रेंड जारी रह सकता है। इस स्टॉक के लिए 20 DEMA सपोर्ट करीब 48 रुपये पर मौजूद है, जबकि रेसिस्टेंस करीब 57 और 63 रुपये पर देखने को मिलेगा। Bank of India पिछले दो महीनों में इस सरकारी कंपनी के शेयरों में तेजी का रुख दिखा है। दूसरे बैंकिंग स्टॉक्स में भी अच्छा प्राइस वॉल्यूम एक्शन रहा है। स्ट्रक्चर बुलिश होने से ट्रेड आगे भी पॉजिटिव बने रहने की उम्मीद है। हालांकि, मोमेंटम रीडिंग्स ओवरबॉट जोन में पहुंच गया है। इसलिए टाइम वाइज करेक्शन देखने को मिल सकता है। मौजूदा पॉजिशंस वाले ट्रेडर्स इस ट्रेंड के साथ बने रह सकते हैं। गिरावट आने पर नई खरीदारी की जा सकती है। इस स्टॉक के लिए सपोर्ट करीब 81 और 74 रुपये पर दिखता है। Dabur India Nifty FMCG इंडेक्स ने लॉन्ग कंसॉलिडेशन फेज से एक ब्रेकआउट दिया है। ऐसा लगता है कि तेजी का ट्रेंड शुरू हो चुका है। Dabur ने भी Falling trendline resistance से अच्छी वॉल्यूम के साथ एक ब्रेकआउट दिया है। RSI oscillator पॉजिटिव मोमेंटम का संकेत दे रहा है। इसलिए छोटी अवधि में इस शेयर में तेजी का रुख जारी रह सकता है। इस रैली के छोटी अवधि में 630-640 रुपये तक जाने की उम्मीद है। इस स्टॉक में तुरंत सपोर्ट करीब 570 रुपये पर मौजूद है।
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शेयरों की श्रेणी | Category of Shares in Hindi.
शेयरों की श्रेणी की बात करें तो Bombay Stock Exchange में सूचीबद्ध शेयरों को विभिन्न श्रेणियों में बाँटा जा सकता है, इनमें से कुछ मुख्य श्रेणियां A, B1, B2 इत्यादि हैं | शेयरों को इन विभिन्न श्रेणियों में विभाजित करने के अपने मतलब तथा अपनी अपनी व्याख्याएँ हो सकती हैं । किसी भी शेयर को शेयरों की श्रेणी में रखने से पहले कई बातों पर विचार किया जाना जरुरी होता है जो की किया भी जाता है । शेयरों को शेयरों की श्रेणी में रखते समय प्रमुख दो बिन्दुओं ‘मार्केट कैपिटलाइजेशन’ तथा ‘ट्रेडिंग वॉल्यूम’ पर प्रमुख रूप से गौर किया जाता है ।
इन दोनों प्रमुख बातों अर्थात Market Capitalization एवं Trading Volume को मिलाकर ही तय किया जाता है कि किसी कंपनी का शेयर किस श्रेणी के अंतर्गत रखा जाना चाहिए । A श्रेणी के अंतर्गत रखी जाने वाली कंपनियों का ‘उच्च बाजार पूँजीकरण’ (High Market Capitalization) तथा उच्च ट्रेडिंग वॉल्यूम’ अर्थात बड़ी मात्रा में शेयरों का लेन-देन होता है । यद्यपि उच्च बाजार पूँजीकरण (लार्ज कैप) तथा मध्यम बाजार पूँजीकरण’ (शेयर मार्केट में वोल्यूम क्या है? मिड कैप) के वर्गीकरण के मापदंडों में परिवर्तन होता रहता है ।
‘एस’ ग्रुप के शेयर
शेयरों की श्रेणी में पहली श्रेणी एस’ ग्रुप के शेयर की है, छोटी कंपनियाँ, जिनका पैडअप कैपिटल 20 करोड़ रुपए तक का हो तथा वे बी.एस.ई. (Bombay Stock Exchange ) में लिस्टेड अर्थात सूचीबद्ध हों, तो ऐसे शेयर ‘एस’ ग्रुप के शेयर्स कहलाते हैं । शेयर मार्केट में वोल्यूम क्या है? यहाँ ‘एस’ का अभिप्राय ‘स्मॉल कैपिटल स्टॉक’ से है । इनमें से कई कंपनियाँ पहले क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होती थीं, फिर उन्हें इस श्रेणी अर्थात एस’ ग्रुप में डाल दिया गया ।
इस ‘टी’ ग्रुप नामक शेयरों की श्रेणी में टी से अभिप्राय ट्रेड टू ट्रेड सेग्मेंट से है इस श्रेणी के अंतर्गत वे कंपनियाँ आती हैं, जिनकी शेयरों की ट्रेडिंग में बहुत ज्यादा स्पेकुलेशन तथा वोलेटिलिटी रहती है । स्पेकुलेशन अर्थात अटकलों के प्रभाव को कम करने के लिए शेयरों को इस श्रेणी में डाला जाता है ।
इस श्रेणी के तहत दर्ज शेयरों की ट्रेडिंग के दौरान प्रत्येक लेन-देन में शेयरों की डिलीवरी देना अनिवार्य होता है, यह सब इसलिए होता है ताकि जब तक कोई निवेशक शेयरों की डिलीवरी देने में सक्षम न हो, शेयरों का लेन-देन न कर सके । इससे स्पेकुलेशन पर नियंत्रण अर्थात कण्ट्रोल बना रहता है ।
‘जेड’ श्रेणी के शेयर
माना यह जाता है की निवेशकों को ‘जेड’ श्रेणी के शेयरों के प्रति सदैव सावधान रहना चाहिए, क्योंकि शेयरों की श्रेणी में इस श्रेणी की कंपनियों द्वारा स्टॉक एक्सचेंज के मापदंडों का पूरी तरह पालन नहीं किया गया होता है । इस श्रेणी के शेयरों में निवेश जोखिम भरा हो सकता है; क्योंकि इन कंपनियों के साथ डिलिस्टिंग शेयर मार्केट में वोल्यूम क्या है? की संभावना जुड़ी होती है ।
ऐसी स्थिति में निवेशक कभी मालामाल तो कभी कंगाल भी ओ सकते हैं यही कारण है की निवेशकों को इस शेयरों की श्रेणी के प्रति हमेशा सतर्कता बरतनी पड़ती है ।
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इनका नाम महेंद्र रावत है। इनकी रूचि बिजनेस, फाइनेंस, करियर जैसे विषयों पर लेख लिखना रही है। इन विषयों पर अब तक ये विभिन्न वेबसाइटो एवं पत्रिकाओं के लिए, पिछले 7 वर्षों में 1000 से ज्यादा लेख लिख चुके हैं। इनके द्वारा लिखे हुए कंटेंट को सपोर्ट करने के लिए इनके सोशल मीडिया हैंडल से अवश्य जुड़ें।
प्रदेश में रोजाना का वॉल्यूम हुआ आधे से कम
0300 करोड़ के वॉल्यूम से घटकर 100 करोड़ हुआ 0 पुराने के साथ नए निवेशक भी बाहर निकलने लगे 0 विशेषज्ञों ने कहा- बाजार के सिद्धांत के अनुसार ही चले निवेशक रायपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि शेयर मार्केट में पिछले महीने भर से आ रहे भारी उथल पुथल के चलते इन दिनों बाजार निवेशकों पर भी इसका असर गहराते जा रहा है। बताया जा रहा है कि प्रदेश में शेयर मा
रायपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि
शेयर मार्केट में पिछले महीने भर से उथल पुथल के चलते शेयर मार्केट में निवेशक पर भारी असर पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि प्रदेश में शेयर मार्केट में रोजाना का वॉल्यूम घटकर आधे से भी कम हो गया है। माह भर पहले रोजाना का वॉल्यूम 300 करोड़ के आसपास था। बीते कुछ दिनों से यह घटकर 100 करोड़ हो गया है। पुराने निवेशकों के साथ ही नए निवेशक भी बाहर निकलने लगे हैं। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों की संख्या भी घटती जा रही है। एक बार फिर से निवेशक सुरक्षित निवेश को ही सही मानने लगे हैं।
टॉप-लाइन और बॉटम-लाइन ग्रोथ के आधार पर विश्लेषण कर शेयर चुनें
यूटिलिटी डेस्क. जब हम बुनियादी कारकों के आधार पर कंपनी के मूल्यांकन की बात करते हैं उस वक्त \'टॉप-लाइन\' और \'बॉटम-लाइन\' दो ऐसे शब्द हैं जो आमतौर पर इस्तेमाल में आते हैं। टॉप-लाइन का आशय एक निश्चित अवधि में कंपनी की बिक्री से होने वाली आमदनी से है। जबकि बॉटम लाइन से आशय उस नेट प्रॉफिट से है जिसमें से सारे ऑपरेटिंग एक्सपेंसेस, डेप्रिसिएशन, ब्याज व टैक्स घटाए जा चुके हैं। कंपनियां तिमाही नतीजों के अलावा सालाना आधार पर अपने टॉप-लाइन और बॉटम-लाइन का जिक्र करती हैं।