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ज्यादा फायदे के लिए कंहा निवेश करें?

ज्यादा फायदे के लिए कंहा निवेश करें?
बीच में न रोकें एसआईपी:
अक्सर देखा गया है कि बाजार में गिरावट आने पर निवेशक एसआईपी रोक देते हैं या पैसा निकाल लेते हैं। यहां ध्यान ज्यादा फायदे के लिए कंहा निवेश करें? रखने वाली बात ये है कि गिरते बाजार के साथ शेयर भी सस्ते होते हैं और आपको कम पैसे में ज्यादा यूनिट मिलते हैं। फिर जब बाजार चढ़ता है तो आपकी यूनिटों की कीमत बढ़ जाती हैं, इसलिए एसआईपी बीच में रोकना आपके लिए घाटे का सौदा साबित होता है।

पैसे निवेश करने के सर्वोत्तम तरीके

आजकल, बहुत से लोग पैसा निवेश करने के सर्वोत्तम तरीकों की तलाश करते हैं, लेकिन ज्यादातर लोग अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने वाले सही निवेश साधन को चुनने में भ्रमित होते हैं। हालाँकि,निवेश पैसा या निवेश का निर्णय लेना इतना आसान नहीं है, क्योंकि निवेशक सिर्फ एक साधन में कई उद्देश्यों की तलाश करते हैं। इसलिए एक सवाल उठता है-कहां निवेश करें? वैसे, पैसा निवेश करने के लिए विविध विकल्प हैं, लेकिन हमने कुछ को शॉर्टलिस्ट किया है जो विचार करने योग्य हैं!

सर्वोत्तम साधन में पैसा निवेश करें

1. म्युचुअल फंड

म्यूचुअल फंड्स पैसा निवेश करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक माना जाता है। शब्द के अनुसार, एक म्युचुअल फंड धन का एक सामूहिक पूल है जिसका उद्देश्य प्रतिभूतियों की खरीद (फंड के माध्यम से) करना है। यह निवेशकों को एक मार्ग प्रदान करता हैपैसे बचाएं और समय के साथ रिटर्न कमाते हैं। म्यूचुअल फंड विविध निवेश विकल्प प्रदान करते हैं जैसेबांड, कर्ज,इक्विटीज, आदि, निवेशकों को अलग खरीदारी और व्यापार करने की आवश्यकता के बिना। विभिन्न हैंम्यूचुअल फंड के प्रकार जिस पर आप पैसा निवेश करने की योजना बनाते समय विचार कर सकते हैं।

निवेशक कम से कम राशि के साथ निवेश शुरू कर सकते हैं INR 1000 और के मामले मेंघूँट जितना कम INR 500 . कई म्यूचुअल फंड कैलकुलेटर उपलब्ध हैं, जो पहली बार निवेशकों को यह तय करने में मदद करते हैं कि किस राशि से शुरुआत करनी है। ये म्यूचुअल फंड कैलकुलेटर मदद करते हैंइन्वेस्टर किक-स्टार्ट निवेश।

भारत में 44 म्यूचुअल फंड कंपनियां हैं (जिन्हें कहा जाता है)संपत्ति प्रबंधन कंपनियां "एएमसी") जो म्यूचुअल फंड योजनाएं प्रदान करते हैं। इन कंपनियों द्वारा नियंत्रित किया जाता हैसेबी.

भारत में निवेश करने के लिए सर्वश्रेष्ठ म्युचुअल फंड

Fund NAV Net Assets (Cr) 3 MO (%) 6 MO (%) 1 YR (%) 3 YR (%) 5 YR (%) 2021 (%) Sub Cat.
Principal Emerging Bluechip Fund Growth ₹183.316
↑ 2.03
₹3,124 2.9 13.6 38.9 21.9 19.2 Large & Mid Cap add_shopping_cart

2. सावधि जमा (एफडी)

सावधि जमा पैसा निवेश करने के सबसे आम तरीकों में से एक है। हर एकबैंक में विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान करता हैएफडीजो आकर्षक रिटर्न की ओर ले जाएगा। FD एक निश्चित परिपक्वता अवधि के साथ आती है। साथ ही, चूंकि इसकी परिपक्वता अवधि 15 दिनों से लेकर पांच वर्ष तक होती है, इसलिए इसे अल्पकालिक और दीर्घकालिक निवेश दोनों के लिए माना जा सकता है। निवेशक औसतन 9.5% प्रति वर्ष की ब्याज दर से कमा सकते हैं। इसलिए, यदि आप एक सुरक्षित निवेश चाहते हैं तो FD पैसे निवेश करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है।

3. रियल एस्टेट

रियल एस्टेट सबसे पसंदीदा निवेश विकल्प है। मूल रूप से, अचल संपत्ति निवेश करती है और स्वामित्व, भूमि या संपत्ति (संपत्ति) की खरीद से संबंधित है। किसी भी प्रकार की संपत्ति में निवेश करने से पहले, पहले गहराई से विवरण प्राप्त करना बहुत महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, आपको संपत्ति/भूमि के स्थान पर विचार करना चाहिए, थोक संपत्तियों की तलाश करनी चाहिए, आदि। इसमें निवेश करने के लिए एक बड़ी राशि लग सकती है, लेकिन यह उच्च रिटर्न निवेश के साथ कम जोखिम वाला है। हालांकि, अगर आप पैसे निवेश करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक की तलाश कर रहे हैं तो रियल एस्टेट सोचने लायक है!

पैसा निवेश करने के लिए सोना हमेशा सबसे अच्छे तरीकों में से एक रहा है। इसके अलावा, भारतीयों का पारंपरिक रूप से के प्रति लगाव रहा हैसोने में निवेश. उन्होंने हमेशा सोने को एक संपत्ति के रूप में देखा है, जो समय के साथ धन जमा करता है। सोने ने हमेशा वर्षों तक अपना मूल्य बनाए रखा है। इसके अलावा, यह के खिलाफ एक उत्कृष्ट बचाव रहा हैमुद्रास्फीति, यानी, इसे मुद्रा के घटे हुए मूल्य से सुरक्षा प्रदान करने वाला माना जाता है।

हालांकि, सोने में पैसा लगाने के इच्छुक निवेशक ईटीएफ या अधिक विशेष रूप से गोल्ड ईटीएफ के माध्यम से ऐसा कर सकते हैं। वहां कई हैंनिवेश के लाभ सोने के माध्यम से सोने मेंईटीएफ. यदि आप निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो आपको सबसे अच्छा चुनना चाहिएगोल्ड ईटीएफ सभी गोल्ड ईटीएफ के प्रदर्शन को ध्यान से देखकर निवेश करें और फिर एक सोच-समझकर निर्णय लें।

SIP Investment Tips: SIP शुरू करते समय रखें इन बातों का खयाल, वरना झेलना पड़ सकता है भरी नुकसान

SIP Investment Tips: वैसे तो सिप में निवेश करना ज्यादातर फायदे का सौदा ही साबित होता है, लेकिन कई बार कम जानकारी के कारण एसआईपी निवेशक कुछ गलतियां कर बैठते हैं। अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करने जा रहे हैं तो इन गलतियों से जरूर बचें-

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(SIP Investment Tips), नाई दिल्ली. सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी (SIP) म्यूचुअल फंड में निवेश करने का सबसे पॉपुलर तरीका हो गया है। एसआईपी उन लोगो के लिए बेहतर है जो शेयर बाजार की पेचीदगियों से खुद को दूर रखना चाहते हैं और जो मार्केट के जोखिम से बचना चाहते हैं।


आपको बता दें कि एसआईपी से आप अपनी पसंद के म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में अपनी सुविधा के हिसाब से नियमित रूप से एक निश्चित धनराशि जमा कर सकते हैं। आज– कल लोग फंड्स की बदलती नेट असेट वैल्‍यू (NAV) के आधार पर अपने निवेश को संतुलित कर अच्‍छा पैसा बनाते हैं।


हमेशा बाजार के उछाल पर न करे निवेश:
शेयर बाजार में जब उछाल होता है तो कई निवेशक फायदा उठाने के लिए म्यूचुअल फंड में बिना सोचे निवेश करना शुरू कर देते हैं। लेकिन बाजार हमेशा स्थिर नहीं रहता, कभी ऊपर तो कभी नीचे होता रहता है। इसलिए बाजार देखकर कभी निवेश ना करें.
म्यूचुअल फंड में निवेश हमेशा अनुशासन और धैर्य से करना चाहिए, इसलिए सिस्टेमेटिक निवेश योजना के जरिये आप एक निश्चित अंतराल में थोड़ी-थोड़ी रकम किसी फंड में डाल सकते हैं। ये आपके बाजार को जोखिम से बचाता है।


गिरते बाजार पर क्या करें:
ऐसे कई निवेशक हैं, जो बाजार नीचे आने पर एसआईपी रोक देते हैं और बाजार बढ़ते समय निवेश शुरू करते हैं. यह निवेश के बुनियादी सिद्धांत ‘बाय लो एंड सेल हाई’ के बिल्कुल उलट है। यह फैसला आपको घाटे में डाल सकता है। गिरते बाजार के समय भी निवेश जारी रखकर इस गलती से बच सकते हैं। बाजार की चाल का आकलन करने के बजाय निवेश अवधि के साथ मेल खाते फंड्स की कैटेगरी में निवेश करना चाहिए। इस तरह, आप निवेश की गई पूंजी को खोए बिना सही फंड चुन सकते हैं।


कम एनएवी का सस्ते फंड से मतलब नहीं:
कई खुदरा निवेशक कम एनएवी (Low NAV) को सस्‍ते फंड के तौर पर लेते हैं और उनमें एसआईपी के जरिये निवेश करके ज्यादा रिटर्न ज्यादा फायदे के लिए कंहा निवेश करें? की उम्‍मीद करते हैं।

बता दें कि किसी फंड की एनएवी ज्‍यादा या कम होने के कई कारण हो सकते हैं। किसी फंड की एनएवी उसके असेट अंडर मैनेजमेंट की ज्यादा फायदे के लिए कंहा निवेश करें? मार्केट प्राइस पर निर्भर करती है। अच्छे मैनेजर्स वाले फंड की एनएवी दूसरे फंड्स के मुकाबले ज्‍यादा तेजी से बढ़ेगी, इस ही तरह नए फंड की एनएवी पुराने फंड के मुकाबले कम होगी क्‍योंकि नए फंड को ग्रोथ के लिए कम समय मिला है।

ऐसे में निवेशकों को म्‍यूचुअल फंड में सिप के जरिये निवेश करते समय उसकी एनएवी पर ज्‍यादा ध्‍यान देने की जरूरत नहीं है। निवेशक को कंपनी के पिछले प्रदर्शन पर ध्‍यान देना चाहिए और भविष्‍य की योजनाओं पर फोकस करना चाहिए।


लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट पर दें ध्यान:
म्यूचुअल फंड में निवेश से अच्छा रिटर्न की उम्मीद जल्दी न करें, किसी साल आपको अच्छा रिटर्न मिले और किसी साल कम रिर्टन, ऐसे में निवेश न रोकें। दरअसल म्यूचुअल फंड के जरिये शेयरों में निवेश से अच्छे रिटर्न के लिए 5 से 7 साल के समय की जरूरत होती है। देखा गया है कि लंबे समय तक शेयरों में निवेश अच्छा रिटर्न देता रहा है, इसलिए खराब रिटर्न पर अपना पैसा तुरंत न निकालें।

म्यूचुअल फंड में एसआईपी निवेशकों की चांदी, महिंद्रा स्कीम ने दिया 27.2 प्रतिशत का फायदा

बीच में न रोकें एसआईपी:
अक्सर देखा गया है कि बाजार में गिरावट आने पर निवेशक एसआईपी रोक देते हैं या पैसा निकाल लेते हैं। यहां ध्यान रखने वाली बात ये है कि गिरते बाजार के साथ शेयर भी सस्ते होते हैं और आपको कम पैसे में ज्यादा यूनिट मिलते हैं। फिर जब बाजार चढ़ता है तो आपकी यूनिटों की कीमत बढ़ जाती हैं, इसलिए एसआईपी बीच में रोकना आपके लिए घाटे का सौदा साबित होता है।


टारगेट कर करें निवेश:
म्यूचुअल फंड के तहत निवेश करने से पहले आपके अपने टारगेट साफ होने चाहिए कि आप किस काम के लिए पैसा इकट्ठा कर रहे हैं। तभी आप सही फंड चयन कर सकेंगे, जो लोग बिना टारगेट निवेश करते है वे अक्सर गलत फंड में अपना पैसा लगा देते हैं।

स्थिरता रखें:
फंड के मामले में दूसरों की देखा-देखी या खरीद-बिक्री न करें इस से आपको नुकसान हो सकता है, हर किसी के वित्तीय लक्ष्य और स्थितियां एक जैसी नहीं होती हैं। इसलिए अपने टारगेट और जेब के हिसाब से निवेश करें, कई बार हम फंड के पिछले प्रदर्शन के आधार पर निवेश करते हैं लेकिन ध्यान रखें कि फंड का रिटर्न बदलता रहता है. फंड का मूल्य हर तिमाही में बदलता है।

Mutual Fund में निवेश की प्‍लानिंग? ऐसे उठाएं अधिक ब्‍याज का लाभ, जानें कैसे करें तैयारी

शॉर्ट टर्म इनवेस्टर्स, जिनके पास 6 महीने से लेकर दो साल तक का टाइम है, उन्हें डेट म्यूचुअल फंड्स- लिक्विड, मनी मार्केट और बॉन्ड फंड्स में निवेश करना चाहिए।

Mutual Fund में निवेश की प्‍लानिंग? ऐसे उठाएं अधिक ब्‍याज का लाभ, जानें कैसे करें तैयारी

Mutual Funds में निवेश की कैसे करें प्‍लानिंग (फोटो-Freepik)

म्यूचुअल फंड में अधिक समय के लिए निवेश की सलाह दी जाती है, ताकि आपको एक अच्‍छा फंड मिल सके। अगर आप भी निवेश की प्‍लानिंग कर रहे हैं और म्‍यूच्‍युअल फंड से अच्‍छा पैसा बनाना चाहते हैं तो यह खबर आपकी मदद कर सकती है। आइए विशेषज्ञों से जाने कैसे करें निवेश की प्‍लानिंग और किस तरह आपको अधिक रिटर्न मिल सकता है?

किस तरह के फंड में अधिक रिटर्न
कर और निवेश विशेषज्ञों के अनुसार, दरों में बढ़ोतरी का असर इक्विटी म्यूचुअल फंड्स के रिटर्न पर शॉर्ट टर्म यानी 6 महीने से लेकर दो साल तक हो सकता है। मिंट की एक रिपोर्ट में एक्सपर्ट्स के हवाले से बताया गया है कि शॉर्ट टर्म इनवेस्टर्स, जिनके पास 6 महीने से लेकर दो साल तक का टाइम है, उन्हें डेट म्यूचुअल फंड्स- लिक्विड, मनी मार्केट और बॉन्ड फंड्स में निवेश करना चाहिए। इस तरह के फंड से उनके मौजूदा वार्षिक औसत रिटर्न से 0.50 से 1 फीसदी अधिक ब्‍याज मिल सकता है।

एक से तीन महीने के लिए इन फंडों में कर सकते हैं निवेश
माईफंडबाजार के सीईओ और संस्थापक विनीत खंडारे ने मिंट से कहा कि प्रत्येक निवेशक पोर्टफोलियो को उन फंडों में निवेश कर सकते हैं, जिनके ब्‍याज दर बढ़ रहे हैं। हालाकि इसमें 2 से कम के लिए निवेशित रहना चाहिए। वहीं अगर एक महीने या उससे कम के निवेश करना चाहते हैं तो अल्ट्रा-शॉर्ट टर्म बॉन्ड फंड ले सकते हैं, जबकि तिमाही महीने के निवेश के लिए मनी मार्केट फंड खरीद सकते हैं।

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लंबे समय तक निवेशित रहने वाले टारगेट फंड का कर सकते हैं चयन
इसके अलावा अगर आप एक साल के लिए निवेश की प्‍लानिंग कर रहे हैं, तो निवेशकों को हाई रिटर्न और बाजार में उसके स्थिति को देखना चाहिए। लंबे समय तक निवेशित रहने वाले निवेशक टर्म निवेश के साथ टारगेट मैच्योरिटी फंड में निवेश कर सकते हैं।

बदल सकते हैं म्‍यूच्‍युल फंड
आरबीआई ब्‍याज दरों में बढ़ोतरी पर म्यूचुअल फंड निवेश में बदलाव पर, मास्टरट्रस्ट की वरिष्ठ उपाध्यक्ष, पालका अरोड़ा चोपड़ा ने कहा कि बढ़ती मुद्रास्फीति के कारण ब्याज दरों में वृद्धि के साथ, निवेशकों को अपने मौजूदा डेट फंड पोर्टफोलियो को बदलना होगा। साथ ही नए निवेश की योजना भी बनाई चाहिए। बढ़ती ब्याज दरों से लाभ प्राप्त करने के लिए तरल और मुद्रा बाजार फंड में निवेश करना चाहिए। निवेशक लंबे समय तक डायनेमिक बॉन्ड फंड देख सकते हैं।

शॉर्ट टर्म के लिए किस फंड में अधिक ब्‍याज
शॉर्ट टर्म में डेट फंड से उम्‍मीद जैसे रिटर्न पर ट्रस्ट म्यूचुअल फंड के सीईओ संदीप बागला ने कहा कि दो साल तक की मैच्योरिटी वाला कोई भी डेट म्यूचुअल फंड लिक्विड या ओवरनाइट फंड की तुलना में काफी अधिक ब्याज दे सकता है। लिक्विड फंड में कम अस्थिरता के साथ लगभग 4.75 प्रतिशत से 5 प्रतिशत ब्याज आय की पेशकश करने की संभावना है। एक बैंकिंग और पीएसयू डेट फंड जिसमें 6.80 प्रतिशत से 7 प्रतिशत दो साल के लिए बैलेंस फंड हो सकते हैं। इन फंडों के 3-6 महीनों में काफी अच्छा होने की उम्‍मीद है।

ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के पंकज मथपाल के अनुसार, डेट म्यूचुअल फंड के लिए नीचे दिए गए कुछ फंडों में निवेश कर सकते हैं, जिसमें निवेशकों को वार्षिक रिटर्न से 0.50 प्रतिशत से 1.0 प्रतिशत अधिक ब्‍याज मिल सकता है।

Mutual Fund में निवेश की प्‍लानिंग? ऐसे उठाएं अधिक ब्‍याज का लाभ, जानें कैसे करें तैयारी

शॉर्ट टर्म इनवेस्टर्स, जिनके पास 6 महीने से लेकर दो साल तक का टाइम है, उन्हें डेट म्यूचुअल फंड्स- लिक्विड, मनी मार्केट और बॉन्ड फंड्स में निवेश करना चाहिए।

Mutual Fund में निवेश की प्‍लानिंग? ऐसे उठाएं अधिक ब्‍याज का लाभ, जानें कैसे करें तैयारी

Mutual Funds में निवेश की कैसे करें प्‍लानिंग (फोटो-Freepik)

म्यूचुअल फंड में अधिक समय के लिए निवेश की सलाह दी जाती है, ताकि आपको एक अच्‍छा फंड मिल सके। अगर आप भी निवेश की प्‍लानिंग कर रहे हैं और म्‍यूच्‍युअल फंड से अच्‍छा पैसा बनाना चाहते हैं तो यह खबर आपकी मदद कर सकती है। आइए विशेषज्ञों से जाने कैसे करें निवेश की प्‍लानिंग और किस तरह आपको अधिक रिटर्न मिल सकता है?

किस तरह के फंड में अधिक रिटर्न
कर और निवेश विशेषज्ञों के अनुसार, दरों में बढ़ोतरी का असर इक्विटी म्यूचुअल फंड्स के रिटर्न पर शॉर्ट टर्म यानी 6 महीने से लेकर दो साल तक हो सकता है। मिंट की एक रिपोर्ट में एक्सपर्ट्स के हवाले से बताया गया है कि शॉर्ट टर्म इनवेस्टर्स, जिनके पास 6 महीने से लेकर दो साल तक का टाइम है, उन्हें डेट म्यूचुअल फंड्स- लिक्विड, मनी मार्केट और बॉन्ड फंड्स में निवेश करना चाहिए। इस तरह के फंड से उनके मौजूदा वार्षिक औसत रिटर्न से 0.50 से 1 फीसदी अधिक ब्‍याज मिल सकता है।

एक से तीन महीने के लिए इन फंडों में कर सकते हैं निवेश
माईफंडबाजार के सीईओ और संस्थापक विनीत खंडारे ने मिंट से कहा कि प्रत्येक निवेशक पोर्टफोलियो को उन फंडों में निवेश कर सकते हैं, जिनके ब्‍याज दर बढ़ रहे हैं। हालाकि इसमें 2 से कम के लिए निवेशित रहना चाहिए। वहीं अगर एक महीने या उससे कम के निवेश करना चाहते हैं तो अल्ट्रा-शॉर्ट टर्म बॉन्ड फंड ले सकते हैं, जबकि तिमाही महीने के निवेश के लिए मनी मार्केट फंड खरीद सकते हैं।

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लंबे समय तक निवेशित रहने वाले टारगेट फंड का कर सकते हैं चयन
इसके अलावा अगर आप एक साल के लिए निवेश की प्‍लानिंग कर रहे हैं, तो निवेशकों को हाई रिटर्न और बाजार में उसके स्थिति को देखना चाहिए। लंबे समय तक निवेशित रहने वाले निवेशक टर्म निवेश के साथ टारगेट मैच्योरिटी फंड में निवेश कर सकते ज्यादा फायदे के लिए कंहा निवेश करें? हैं।

बदल सकते हैं म्‍यूच्‍युल फंड
आरबीआई ब्‍याज दरों में बढ़ोतरी पर म्यूचुअल फंड निवेश में बदलाव पर, मास्टरट्रस्ट की वरिष्ठ उपाध्यक्ष, पालका अरोड़ा चोपड़ा ने कहा कि बढ़ती मुद्रास्फीति के कारण ब्याज दरों में वृद्धि के साथ, निवेशकों को अपने मौजूदा डेट फंड पोर्टफोलियो को बदलना होगा। साथ ही नए निवेश की योजना भी बनाई चाहिए। बढ़ती ब्याज दरों से लाभ प्राप्त करने के लिए तरल और मुद्रा बाजार फंड में निवेश करना चाहिए। निवेशक लंबे समय तक डायनेमिक बॉन्ड फंड देख सकते हैं।

शॉर्ट टर्म के लिए किस फंड में अधिक ब्‍याज
शॉर्ट टर्म में डेट फंड से उम्‍मीद जैसे रिटर्न पर ट्रस्ट म्यूचुअल फंड के सीईओ संदीप बागला ने कहा कि दो साल तक की मैच्योरिटी वाला कोई भी डेट म्यूचुअल फंड लिक्विड या ओवरनाइट फंड की तुलना में काफी अधिक ब्याज दे सकता है। लिक्विड फंड में कम अस्थिरता के साथ लगभग 4.75 प्रतिशत से 5 प्रतिशत ब्याज आय की पेशकश करने की संभावना है। एक बैंकिंग और पीएसयू डेट फंड जिसमें 6.80 प्रतिशत से 7 प्रतिशत दो साल के लिए बैलेंस फंड हो सकते हैं। इन फंडों के 3-6 महीनों में काफी अच्छा होने की उम्‍मीद है।

ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के पंकज मथपाल के अनुसार, डेट म्यूचुअल फंड के लिए नीचे दिए गए कुछ फंडों में निवेश कर सकते हैं, जिसमें निवेशकों को वार्षिक रिटर्न से 0.50 प्रतिशत से 1.0 प्रतिशत अधिक ब्‍याज मिल सकता है।

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