भारतीय निवेशक

2. राधाकिशन दमानी: राधाकिशन दमानी (Radhakishan Damani) लाइमलाइट से दूर रहते हैं. लेकिन बड़े निवेशक के तौर पर गिने जाते हैं. दमानी एक सफल निवेशक के साथ-साथ सफल बिजनसमैन भी हैं. डी-मार्ट नाम के रीटेल चेन के मालिक भी राधाकिशन दमानी हैं. भारत के रिटेल किंग कहे जाने वाले दमानी दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला के भी गुरु हैं. शेयर बाजार में उनकी टिप्स को फोलो किया जाता है. राधाकिशन दमानी भारत के टॉप 10 अमीरों की लिस्ट में शामिल हैं. हाल ही में दमानी ने दक्षिण मुंबई के मलाबार हिल्स इलाके में 1,001 करोड़ रुपये का बंगला खरीदा था.
शेयर बाजार से कौन कमाता है सबसे ज्यादा पैसा, इन 5 को आप जानते हैं?
हर कोई शेयर बाजार से पैसा बनाना चाहता है. पिछले कुछ महीनों में शेयर बाजार के प्रति रिटेल निवेशकों का झुकाव बढ़ा है. लेकिन अधिकतर लोग शेयर बाजार से पैसे नहीं कमा पाते हैं. कम अनुभव और बाजार की भारतीय निवेशक चाल को सही से नहीं समझ पाने के कारण स्टॉक मार्केट में नाकामी मिलती है. लेकिन कई ऐसे लोग हैं, जो बाजार की नब्ज को समझते हैं और आज देश से बड़े निवेशक माने जाते हैं. आज हम आपको 5 ऐसी शख्सियत के बारे में बताने जा रहे हैं, जो हर शेयर बाजार से करोड़ों कमाते हैं. एक तरह से ये शेयर बाजार के धनकुबेर हैं. (Photo: Getty Images)
'भारतीय निवेशक'
मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के समक्ष कई चुनौतियां हैं और मौजूदा वैश्विक स्थिति में विदेशी निवेशक सतर्क रुख अपनाए हुए हैं.
Business | Reported by: हिमांशु शेखर मिश्र, Edited by: तूलिका कुशवाहा |मंगलवार अगस्त 2, 2022 02:05 PM IST
भारतीय रुपये ने पिछले महीने 80 रुपये प्रति डॉलर के साथ अपना सर्वकालिक निचला स्तर देखा था. पिछले दिनों में इसने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले तेजी दिखाई है, मंदी के आसार के बीच बाजार में निवेशक सतर्क हैं, जिससे डॉलर कमजोर हुआ है. हालांकि, 80 डॉलर तक गिरने के बाद विश्लेषकों ने आशंका जताई थी कि रुपया 82 प्रति डॉलर के पार जा सकता है. मंगलवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में रुपये को भारतीय निवेशक लेकर बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि रुपया पस्त नहीं हुआ है, और इसमें उतार-चढ़ाव डॉलर के मूवमेंट की वजह से आ रहा है.
विदेशी निवेशकों को आकर्षित कर रहा भारतीय बाजार, घरेलू अर्थव्यवस्था मजबूत होने से हुआ रिकार्ड निवेश
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का भारतीय शेयर बाजारों में खरीदारी का सिलसिला जारी है। नवंबर में अब तक उन्होंने शेयरों में 30385 करोड़ रुपये का निवेश किया भारतीय निवेशक है। घरेलू अर्थव्यवस्था मजबूत होने से विदेशी निवेशक एक बार फिर भारत में निवेश कर रहे हैं।
नई दिल्ली, पीटीआइ। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का भारतीय शेयर बाजारों में खरीदारी का सिलसिला जारी है। नवंबर में अब तक उन्होंने शेयरों में 30,385 करोड़ रुपये का निवेश किया है। भारतीय रुपये के स्थिर होने और दुनिया की अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में घरेलू अर्थव्यवस्था मजबूत होने से विदेशी निवेशक एक बार फिर भारत में निवेश कर रहे हैं। अक्टूबर में विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों से शुद्ध रूप से आठ करोड़ रुपये निकाले थे। सितंबर में उन्होंने 7,624 करोड़ रुपये की निकासी की थी।
एफपीआइ का रुख नहीं रहेगा बहुत आक्रामक
सितंबर से पहले अगस्त में एफपीआइ ने 51,200 करोड़ रुपये की खरीदारी की थी। वहीं जुलाई में उन्होंने 5,000 करोड़ रुपये की खरीदारी की थी। इससे पहले पिछले साल अक्टूबर से लगातार नौ महीने तक एफपीआइ बिकवाल बने रहे थे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि आगे चलकर एफपीआइ का रुख बहुत आक्रामक नहीं रहेगा, क्योंकि उच्च मूल्यांकन की वजह से वे अधिक खरीदारी से बचेंगे।
अर्थव्यवस्था में आई है स्थिरता
उन्होंने कहा कि इस समय चीन, दक्षिण कोरिया और ताइवान के बाजारों में मूल्यांकन काफी आकर्षक है और एफपीआइ का पैसा उन बाजारों की ओर जा सकता है। मार्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि एफपीआइ के हालिया निवेश की वजह भारतीय शेयर बाजारों में तेजी, अर्थव्यवस्था भारतीय निवेशक में स्थिरता और अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपये की स्थिति बेहतर रहना है।
FPI Inflow: भारतीय शेयर बाजार पर विदेशी निवेशकों ने बरसाया पैसा, नवंबर में किया 30,000 करोड़ से अधिक का निवेश
FPI Inflow वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच भारतीय बाजारों पर विदेशी निवेशकों का भरोसा कायम है। नवंबर में आखिरी कारोबारी सत्र तक विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों में 30385 करोड़ का निवेश किया है। भारत के साथ अन्य विकासशील बाजारों भी निवेश कर रहे हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार को लेकर काफी बुलिश नजर आ रहे हैं। विदेशी निवेशकों ने नवंबर के महीने में ही भारतीय शेयर बाजार में 30,400 रुपये का निवेश किया भारतीय निवेशक है। ये निवेश ऐसे समय पर किया गया है, जब डॉलर भारतीय निवेशक के मुकाबले रुपया स्थिर हो रहा है।
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भारतीय बाजार हुआ महंगा
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि विदेशी निवेशक अब शायद ही इतने आक्रामक तरीके से भारतीय शेयर बाजार में निवेश करेंगे, क्योंकि बाजार पहले के मुकाबले काफी महंगे हो चुके हैं। उन्होंने आगे कहा कि पिछले दिनों विदेशी निवेशकों की ओर से आईटी, ऑटो और टेलीकॉम सेक्टर में खरीदारी हुई हैं।
मॉर्निंग इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर- मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि बड़ी विदेशी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती और रुपये की स्थिरता के कारण भारतीय शेयर बाजार में मजबूती आई है। वहीं, भारतीय निवेशक कोटक सिक्योरिटीज की इक्विटी रिसर्च (रिटेल) के प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि चीन की जीरो- कोविड पालिसी में छूट देने के चलते भी वैश्विक बाजारों में इजाफा देखने को मिला है।
भारतीय शेयर बाजार पर मेहरबान हुए विदेशी निवेशक, नवंबर में खरीद डाले ₹30,385 करोड़ के शेयर
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का भारतीय शेयर बाजारों में जबरदस्त लिवाली का सिलसिला जारी है। नवंबर में अबतक उन्होंने शेयरों में 30,385 करोड़ रुपये का निवेश किया है। भारतीय रुपये भारतीय निवेशक के स्थिर होने तथा दुनिया की अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में घरेलू अर्थव्यवस्था मजबूत होने की वजह से विदेशी निवेशक एक बार फिर भारत पर दांव लगा रहे हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि आगे चलकर एफपीआई का रुख बहुत आक्रामक नहीं रहेगा, क्योंकि ऊंचे मूल्यांकन की वजह से वे अधिक लिवाली से बचेंगे। उन्होंने कहा कि इस समय चीन, दक्षिण कोरिया और ताइवान के बाजारों में मूल्यांकन काफी आकर्षक है और एफपीआई का पैसा उन बाजारों की ओर जा सकता है।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एक से 18 नवंबर के दौरान एफपीआई ने शेयरों में शुद्ध रूप से 30,385 करोड़ रुपये डाले हैं। इससे पहले पिछले महीने यानी अक्टूबर में उन्होंने भारतीय बाजारों से शुद्ध रूप से आठ करोड़ रुपये निकाले थे। सितंबर में उन्होंने 7,624 करोड़ रुपये की निकासी की थी।