शुरुआती के लिए विदेशी मुद्रा पाठ्यक्रम

डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है?

डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है?
    Bitcoin (BTC): बिटकॉइन ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर पर आधारित एक डिजिटल करेंसी है जिसका आविष्कार ‘सतोषी नाकमोतो‘ नामक एक प्रोग्रामर ने किया था। इसका आदान-प्रदान पियर-टू-पियर तकनीक के जरिए होता है।

Cryptocurrency क्या है? कैसे काम करता है? इसके फायदे और नुकसान (Best Cryptocurrencies List)

सभी देशों की अपनी अलग अलग Currency (मुद्रा) होती है जिस तरह भारत में रुपया चलता है उसी तरह अमेरिका में डॉलर और अन्य देशों में अपनी अलग-अलग मुद्राएं चलती है जिन्हें आप जेब, घर अथवा बैंक में रख सकते हैं। परंतु अब बाजार में नई आभासी मुद्रा (Virtual Currency) तेजी से लोकप्रिय हो रही है जिसे क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) कहा जाता है।

यह एक डिजिटल या वर्चुअल करेंसी है जिसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है। यह कंप्यूटर प्रोग्रामिंग द्वारा निर्मित एक डिजिटल डिजिट है जिसे आप छू नहीं सकते लेकिन बाजार में इसकी वैल्यू सभी भौतिक मुद्राओं से काफी अधिक है।

Top 5 Best Cryptocurrencies

बीते सालों में क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज लोगों में काफी तेजी से बढ़ा है और लोग इस डिजिटल करेंसी की तरफ तेजी से शिफ्ट हो रहे हैं तथा की कीमत में काफी तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है ऐसे में लोग इसे इन्वेस्टमेंट का सबसे बढ़िया जरिया बता रहे हैं।

इस Digital Currency को लेकर कई अवैध गतिविधियों के मामले भी तेजी से सामने आ रहे हैं, ऐसे में सरकार ने पहले प्राइवेट क्रिप्टो-करेंसी को भारत में बैन करने का फैसला लिया तथा और सरकारी क्रिप्टोकरंसी को लॉन्च करने की बात कही थी। अब सरकार इसके इस्तेमाल को लेकर एक बिल ला रही है।

आज के इस लेख में हम आपको क्रिप्टो-करेंसी या आभासी मुद्रा क्या है? (Crypto currency in डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है? Hindi) यह कैसे काम करता है? और Best Cryptocurrencies की जानकारी देने जा रहे हैं जहां इसके फायदे (Benifits) और नुकसान के बारे में भी आपको जानकारी मिलेगी।

क्रिप्टोकरेंसी क्या है? (Cryptocurrency in Hindi)

Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी एक आभासी मुद्रा है, जो पीयर-टू-पीयर इलेक्ट्रॉनिक कैश सिस्टम पर काम करती है। इसे कंप्यूटर एल्गोरिथ्म की मदद से बनाया गया है जिसमें क्रिप्टोग्राफी और ब्लॉकचैन टेक्निक का इस्तेमाल किया जाता है।

यहां होने वाले ट्रांजैक्शन डिजिटल सिगनेचर द्वारा वेरीफाई किये जाते है, और ब्लॉकचेन तकनीक की मदद से इसका पूरा लेखा-जोखा रखा जाता जिसे ledger (बही खाता) कहते है। यह विकेंद्रीकृत (Decentrallized) प्रणाली पर काम करती है इसलिए अधिकतर क्रिप्टो करेंसी स्वतंत्र होती है और इसे किसी वित्तीय डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है? संस्थान या अथॉरिटी द्वारा काबू नहीं किया जाता।

हालंकि इसका कोई भौतिक आस्तित्व नहीं है इसलिए इसे डिजिटल करंसी (E-currency) के तौर पर जाना जाता है। इस वर्चुअल करेंसी का इस्तेमाल लेन-देन और इन्वेस्टमेंट करने के लिए किया जा डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है? सकता डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है? है।

दुनिया की पहली Crypto-Currency बिटकॉइन (Bitcoin) थी जिसकी शुरुआत वर्ष 2009 में हुई। इसकी खोज जापान के सतोषी नाकमोतो नामक एक प्रोग्रामर (इंजीनियर) द्वारा की गई। बाद में कई लोगों ने अलग-अलग जगहों से क्रिप्टोकरंसी के संस्थापक (Founder) Satoshi Nakamoto होने का दावा किया।

क्रिप्टो करेंसी कैसे काम करती है? (Crypto Mining in Hindi)

क्रिप्टोकरंसी के लेनदेन में Peer to Peer तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है और Crypto currency आम लोगों के बीच बटे Blockchain की मदद से भेजा जाता है, यहाँ सभी लेन-देन का हिसाब इस Blockchain में रखा जाता है।

प्रत्येक लेनदेन पर नजर बनाए रखने और इस ब्लॉकचेन को सुरक्षित बनाए रखने के लिए इसे वेरीफाई किया जाता है जिसे पावरफुल कंप्यूटर पर बैठे हजारों लोग करते हैं जिन्हें माइनर्स (Crypto Minners) कहा जाता है।

Crypto Mining किसे कहते है: कंप्यूटर की मदद से क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन को हल करके ई-करेंसी ट्रांजैक्शन को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचाने या CryptoCurrency प्राप्त करने की प्रक्रिया को क्रिप्टो माइनिंग/खनन (Crypto Mining) कहा जाता है।

List Best Cryptocurrencies to Buy in 2021

Bitcoin के अलावा दुनिया भर में 1000 से अधिक क्रिप्टोकरेंसी मौजूद है, जिनमें से कुछ पॉपुलर Cryptocurrencies है: Ethereum, Ripple, Monero, Litecoin, आदि।

Top 5 Best Cryptocurrencies

    Bitcoin (BTC): बिटकॉइन ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर पर आधारित एक डिजिटल करेंसी है जिसका आविष्कार ‘सतोषी नाकमोतो‘ नामक एक प्रोग्रामर ने किया था। इसका आदान-प्रदान पियर-टू-पियर तकनीक के जरिए होता है।

बीते साल 2019 में Facebook ने भी Libra Cryptocurrency को Launch करने का ऐलान किया था।

क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल (Use of Crypto Currency)

  • Remitance: बिटकॉइन का सबसे ज्यादा इस्तेमाल रेमिटेंस (विदेश से आने वाले पैसे) डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है? के क्षेत्र में होता है क्योंकि यहाँ बैंक के मुकाबले काफी कम चार्ज लिया जाता हैं। जब विदेशी लोग बैंक के जरिए यह पैसा अपने देश भेजते हैं तो इस पर बैंक 5% से 30% तक फीस लेती डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है? है। तो वही सामान्य मनी ट्रांसफर की फीस 10% होती है।

CryptoCurrency के फायदे (Benifits)

  • क्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल करेंसी है जिसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में आसानी होती है।

बिटकॉइन के नुकसान (Disadvantages of Crypto)

  • बिटकॉइन का सबसे बड़ा नुकसान यही है कि इसे किसी सरकार या अथॉरिटी द्वारा Manage नहीं किया जाता, इसीलिए इसकी कीमत में अचानक उछाल और गिरावट देखने को मिलती है। ऐसे में यहां इन्वेस्ट करना जोखिम भरा हो सकता है।

क्या India में Cryptocurrency Legal है?

दुनिया भर के 90 से अधिक देश आज क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल कर रहे हैं परंतु कुछ देशों में यह कानूनी रूप से सही (Legal) ठहराया गया है तो इसे कुछ देशों में अवैध (Illegal) घोषित किया गया है। क्योंकि वहां अब तक इसे लेकर कोई कानूनी मान्यता या फैसला नहीं हुआ है। हालाँकि India में Cryptocurrency Legal (मान्य) है।

भारत में वर्ष 2018 में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा क्रिप्टो करेंसी को बैन कर दिया गया था, जिसके बाद वर्ष 2019 में आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक के ड्राफ्ट में प्रस्ताव पास कर Cryptocurrency की खरीद फरोख करने वालों को 10 साल की सजा का प्रावधान लाया गया। लेकिन मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा क्रिप्टोकरेंसी (आभासी मुद्रा) पर लगे आरबीआई के बैन को हटाते हुए इससे ट्रेड करने की मंजूरी दे दी गयी।

फरवरी 2021 में सरकार ने प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी को बैन कर दिया है और सरकारी क्रिप्टो करेंसी को लॉन्च करने की तैयारी में है। यानी अब Bitcoin की तरह ही भारत की अपनी खुद की डिजिटल करेंसी होगी और हो सकता इसके बाद बिटकॉइन को भारत में पूर्ण रूप से बैन कर दिया जाए। एक रिपोर्ट के मुताबिक डिजिटल करेंसी के संबंध में भारत में तेजी से काम चल रहा है।

अंतिम शब्द

आने वाला युग डिजिटल करेंसी का युग होने जा रहा है ऐसे में यदि आप भी क्रिप्टोकरंसी में इन्वेस्ट करना चाहे तो कर सकते हैं लेकिन ध्यान रहे यह फायदेमंद होने के साथ ही जोखिम भरा भी हो सकता है।

नोट: यदि आपके पास खोने के लिए कुछ पैसे है तो आप उसे यहां इन्वेस्ट कर सकते हैं कभी भी उधार लेकर या लोन पर लिए गए पैसों को इस तरह के इन्वेस्टमेंट में लगाने से बचें। केवल वही राशि निवेश करें जिसका आप वहन कर सकते हैं।

भारत भी अब क्रिप्टो करेंसी को स्वीकार चुका है ऐसे में आपको क्रिप्टोकरंसी क्या है? यह कैसे काम करती है? और कुछ पॉपुलर क्रिप्टो करेंसी के बारे में तथा इसके फायदे एवं नुकसान के बारे में भी आपको पता होना चाहिए इसलिए यदि आपको यह लेख अच्छा लगा तो इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ भी जरूर शेयर करें।

TATA Coin ने महज 24 घंटे में दिया 1200% का रिटर्न! कुबेर का खजाना है यह क्रिप्टोकरेंसी, जानिए क्यों?

Cryptocurrency: बिकवाली के इस दौर में TATA Coin पिछले 24 घंटे में 1200 फीसदी की मजबूती के साथ वर्तमान में 0.09515 डॉलर पर ट्रेड कर रही है. टाटा कॉइन (TATA Coin) का उद्देश्य डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस को सुरक्षित बनाना है और दुनिया भर के निवेशकों के साथ-साथ मल्टीनेशनल कंपनियों और संस्थानों को बेहतरीन सुरक्षित पेमेंट सिस्टम उपलब्ध कराना है.

  • टाटा कॉइन ने 24 घंटे में दिया 1200% का रिटर्न
  • यहां जानिए क्यों खास है यह क्रिप्टोकरेंस
  • डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस को पूरी तरह सुरक्षित बनाना है उद्देश्य

alt

7

alt

5

alt

5

alt

5

TATA Coin ने महज 24 घंटे में दिया 1200% का रिटर्न! कुबेर का खजाना है यह क्रिप्टोकरेंसी, जानिए क्यों?

नई दिल्ली: TATA Coin: इस समय शेयर बाजार में बिकवाली का माहौल है. ऐसे में हर कोई ऐसी जगह निवेश करना चाहता है जहां सुरक्षित और बढ़िया रिटर्न मिले. एक डिसेंट्रलाइज्ड क्रिप्टोकरेंसी (Decentralised Cryptocurrency) में पिछले 24 घंटों में 1,200 फीसदी की मजबूती देखी गई है. कॉइन मार्केट कैप से मिले डाटा से यह जानकारी मिली है.

पिछले कुछ महीनों में क्रिप्टोकरेंसी का जबरदस्त बाजार बना है. टाटा कॉइन इस समय 1200 % की मजबूती के साथ 0.09515 डॉलर पर ट्रेड कर रहा है. वहीं, टाटा कॉइन की पूरी तरह डायल्यूटेड मार्केट कैपिटलाइजेशन (market capitalisation) 8,56,355 डॉलर है.

क्या है इस खास क्रिप्टो का उद्देश्य

टाटा कॉइन (TATA Coin) का उद्देश्य डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस को सुरक्षित बनाना है और दुनिया भर के निवेशकों के साथ-साथ मल्टीनेशनल कंपनियों और संस्थानों को बेहतरीन सुरक्षित पेमेंट सिस्टम उपलब्ध कराना है. इससे उन्हें ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) का इस्तेमाल करते हुए आसान और सुरक्षित डिजिटल ट्रांजेक्शन की सुविधा मिलेगी. इससे लोगों का निवेश सुरक्षित रहेगा.

कम्युनिटी आधारित है यह क्रिप्टोकरेंसी

क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए इसे दुनिया की सबसे सुरक्षित ग्लोबल डिजिटल करेंसी और दुनिया भर में पेमेंट के तरीके के रूप में इस्तेमाल होने का लक्ष्य भी बनाया जा रहा है. यह एक पूरी तरह डिसेंट्रलाइज्ड क्रिप्टोकरेंसी (decentralised Cryptocurrency) है. TATA Coin को पूरी तरह कम्युनिटी पर आधारित बनाया गया है.

क्या है इसकी खासियत?

यह क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह डिसेंट्रलाइज्ड पीयर टू पीयर इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम है जो सरकार या फाइनेंशियल सिस्टम जैसी किसी केंद्रीय अथॉरिटी पर निर्भर नहीं है.
- TATA Coin दुनिया, मर्चेंट्स और यूजर्स को कम फीस के साथ अच्छा रिटर्न देने का दावा करती है.
- Tata Coin को 'You' के स्वामित्व वाली दुनिया की पहली डिजिटल मुद्रा के रूप में लॉन्च किया गया है.
- यह डिजिटल करेंसी किसी व्यक्ति, संगठन, संस्था या समूह के स्वामित्व या कंट्रोल में नहीं रहेगी.
- बाइनैंस स्मार्ट चैनल पर इसके सिर्फ 90 लाख कॉइन बनाए जाएंगे.
- TATA Coin जमीन या गोल्ड की तरह एक मजबूत एसेट है, जो लोगों को लंबे समय तक डिजिटल रूप में वैल्यू को स्टोर करने का अवसर देती है.

वेब 3.0 क्या है | WEB 3.0 इंटरनेट को कैसे बदलेगी

वेब 3.O क्या है

आमतौर पर हम जो अभी इंटरनेट यूज करते हैं उसमें सभी मोबाइल फोन हमारे अगल-बगल के किसी टावर से कनेक्टेड होते हैं उसके बाद यह टावर द्वारा सेटेलाइट को इंफॉर्मेशन भेजा जाता है फिर वही इंफॉर्मेशन सरवर से सेटेलाइट द्वारा लेकर मोबाइल टावर से होते हुए हमारे मोबाइल पर भेज आता है

जिससे कि डाटा कई जगह से होते हुए हम तक पहुंचता है इसका मुख्य नुकसान बहुत ज्यादा संसाधन का उपयोग करना है जिससे कि इंटरनेट सुविधा की महंगाई भी बढ़ जाती है

डेटा की सुरक्षा और पारदर्शिता के लिए वेब 3.O का कांसेप्ट का लाया गया है

इसमें हो सकता है की डाटा का भंडारण के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा जिसमें डेटा एक छोटे-छोटे ब्लॉक के रूप में सभी server में स्टोर होंगे

और जब डाटा को एक साथ मर्ज किया जाएगा ऑनलाइन तभी वह अपने आप में एक कंपलीट डाटा होंगे

इस प्रकार ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी ( ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है )में डाटा को एक्सेस करने के लिए थोड़ा सा अधिक वक्त लगता है किंतु यह पूरी तरह से सिक्योर होता है जिससे कि डाटा किसी गलत हाथों में नहीं पड़ता और उसका गलत उपयोग नहीं होता

वेब का तीसरा वर्जन लाने का उद्देश्य अपने आप में बड़ा है पहले से लेकर अभी तक देखा जाए तो डाटा का उपयोग करना और डाटा स्टोर करना दोनों की तकनीक अलग थी

किंतु वर्तमान और फ्यूचर में डाटा को डिसेंट्रलाइज्ड कर देने से डाटा का मिस यूज होने का संभावना नहीं होता,बशर्ते यह जो डांटा है यह सही जगह पर स्टोर हो

वेब 3.O के फायदे

  • डाटा सिक्योर होगा जिससे इसका मिस यूज नहीं किया जा सकेगा
  • डाटा स्टोरेज की मोनोपोली टेक्नोलॉजी कम्पटीशन बढ़ाएगी और नई टेक्नोलॉजी का जन्म होगा
  • दुनिया में गुड गवर्नेंस का शुरुआत होगा
  • डाटा के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं कम होगी क्योंकि इसके लिए डाटा को हैक करना पड़ेगा और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में डाटा को हैक करना बहुत मुश्किल है
  • लोगों और गवर्नमेंट्स में पारदर्शिता बढ़ेगी
  • डाटा स्टोरेज की मोनोपोली सिस्टम होने की वजह से डाटा में एकाधिकार जमाने की व्यवस्था खत्म होगी

वेब 3.0 क्या है

इंटरनेट और क्लाउड कंप्यूटिंग की नई टेक्नोलॉजी ने वेब 3.0 का कांसेप्ट लाया है और यही हमारा फ्यूचर है. आने वाले वक्त में क्लाउड कंप्यूटिंग का बहुत ज्यादा उपयोग होगा जिसमें हमारा डाटा क्लाउडली हमारे पास आएगा जिसके लिए इंटरनेट बहुत ज्यादा जरूरी है

देखा जाए तो एक नए युग की शुरुआत हो रही है जिसमें डाटा स्टोर और डाटा सर्व करने की नए-नए टेक्नोलॉजी आ रहे हैं कभी वह वक्त था जब हमारे द्वारा ले देकर जीपीआरएस चला करता था

जिससे कि इंटरनेट की 1st generation द्वारा इंटरनेट सप्लाई किया जाता था जिस की स्पीड बहुत कम थी उसके बाद डाटा प्रोसेस मे boosting आई इसके बाद 3G और डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है? 4G ने इंडिया में संचार क्रांति की एक नई शुरुआत की

और अब 5G और ऑप्टिकल फाइबर टेक्नोलॉजी द्वारा डाटा की डिसेंट्रलाइजेशन से स्पीड और ज्यादा बढ़ेगी और डेटा की सिक्योरिटी भी बढ़ेगी अब आने वाला वक्त बताएगा कि इसने और क्या-क्या चेंज आएंगे

web 3.0 के बारे में आपको हमारी यह जानकारी कैसे लगी प्लीज हमें कमेंट जरूर करें और क्वेश्चन भी जरूर पूछें

डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है?

यदि आप आप इन्टरनेट की दुनिया से जुड़े रहते होंगे और यदि आप में कुछ नया सीखते रहने की जिज्ञासा होगी तो आपके मन में क्रिप्टो करेंसी से जुड़े कई सवाल मन में आते होंगे, जिसका जवाब हमने अपने ब्लॉग पर दे रखा है आप उसे जाकर पढ़ सकते हैं।

WHAT IS BLOCKCHAIN, ब्लॉकचेन क्या है?

आज हम बात करेंगे ब्लाकचेन तकनीक की,किस प्रकार ब्लॉकचेन तकनीक नें इन्टरनेट की दुनिया को एक नया आयाम दिया है और आने वाले समय में एक तकनीक का क्या महत्व होने वाला है इसी विषय को आज हम विस्तार से जानेंगे।

पिछले कुछ महीने से Digital Currency यानी क्रिप्टो करेंसी के बारे में हमें बहुत कुछ देखने और सुनने को मिल रहा है। क्रिप्टो करेंसी क्या है और कैसे इसकी कीमत में भारी उछाल देखने को मिलता है और किस प्रकार CRYPTO NETWORK काम करता है इसको समझने के लिए हमे इसके पीछे की तकनीक को समझना होगा जिसे ब्लॉकचेन तकनीक के नाम से जाना जाता है।

आज से लगभग 10 साल पहले जिस प्रकार इन्टरनेट के आने से हमारी कार्यशैली में बदलाव आया उसी प्रकार अब BLOCKCAHIN हमारे जीवनशैली में बड़ा प्रभाव डालने वाला है। हालाँकि ब्लॉकचेन तकनीक नई नहीं है फिर भी चर्चा में न रह पाने के कारण अब तब लोग जान नहीं पाए , लेकिन हम आपको इसके विषय में विस्तार से समझायेंगे।

ब्लॉकचेन एक डिजिटल लेजर है। यहां पर यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि लेजर क्या है? दरअसल, लेजर एक ऐसा बुक है जो कि ऐसे एकाउंट रखता है जहाँ डेबिट्स और क्रेडिट्स ट्रांसक्शन्स पोस्ट होते हैं। उस बुक से जहाँ कि ओरिजनल एंट्री होते हैं।

Blockchain in Hindi ब्‍लॉकचेन तकनीक क्या है?

ब्लॉकचेन एक डिजिटल बहीखाता है। यहां पर यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि डिजिटल बहीखाता क्या है? दरअसल, डिजिटल बहीखाता एक ऐसा बुक है जो कि ऐसे एकाउंट रखता है जहाँ डेबिट्स और क्रेडिट्स ट्रांसक्शन्स पोस्ट होते हैं। उस बुक से जहाँ कि ओरिजनल एंट्री होते हैं। या फिर यूँ कहें कि ओरिजनल बुक से एंट्री इस लेजर में अपडेट होते हैं। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि ब्लॉकचेन एक डिजिटाइज्ड, डिसेंट्रलाइज्ड, पब्लिक लेजर होती है, जहां किसी भी प्रकार का हिसाब-किताब उसके मूल स्रोत तक का उल्लेख करते हुए सरलता पूर्वक रखा जाता है।

उदाहरणतया, यह मान लीजिये कि आपके पास एक फ़ाइल ऑफ ट्रांसक्शन्स ए “नोड“ जो कि आपके कंप्यूटर ए “लेजर” में है। दो गवर्नमेंट एकाउंट्स, जिन्हें हम “मैनर्स” कहते हैं, के पास भी वही समान फ़ाइल उनके सिस्टम में हैं। इसलिए ये “डिस्ट्रिब्यूटेड“ हैं। जैसे ही आप एक ट्रांसक्शन्स करते हैं, आपका कम्प्यूटर उन दोनों अकाउंटेंट को ई-मेल करता है, उन्हें इन्फॉर्म करने के लिए। इन दोनों में से जो भी पहले चेक करता है और आखिरकार उसे वैलिडेट कर “रिप्लाई आल” प्रेस करता है, वहीं इसके साथ वो अपनी लॉजिक को भी अटैच कर देता है, उस ट्रांसक्शन्स को वेरीफाई करने के लिए और इसे ही “प्रूफ ऑफ वर्क” कहा जाता है।

यदि इसी बीच वो दूसरा अकाउंटेंट भी एग्री हो जाता है, तब सभी अपने फाइल्स ऑफ ट्रांसक्शन्स को अपडेट्स कर लेते हैं। इसी पूरे प्रोसेस या कॉन्सेप्ट को “ब्लॉकचेन” टेक्नोलॉजी कहा जाता है। इसलिए ब्लॉकचेन एक ऐसा इंकॉररूपटैब्ल डिजिटल लेजर ऑफ ट्रांसक्शन्स है जिसे कि प्रोग्राम्ड किया जाता है, वर्चुअली सभी चीज़ों को रिकॉर्ड करने के लिए। सभी लिस्ट ऑफ रिकॉर्ड जो कि ब्लॉकचेन में होते हैं, उन्हें “ब्लॉक” कहा जाता है। इसलिए ये ब्लॉकचेन हमेशा कॉन्टिनुअसली ग्रोइंग लिस्ट ऑफ रिकार्ड्स है जो कि लिंक्ड और सिक्योरड होते हैं।

आसान भाषा में ब्लॉकचेन का उदहारण-

मान लीजिये दो खिलाडी कबड्डी खेल रहे हों और वहां पर एक रेफरी हो जो उन दोनों खिलाडियों के अंक गिन रहा हो।

अब यहाँ पर दो स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं, पहली स्थिति यह कि रेफरी को दोनों खिलाडियों के अंक याद हों जिसके आधार पर खेल के अंत में वह त्रुटिरहित निर्णय लेते हुए किसी एक अधिक अंक पाए हुए खिलाडी को विजेता घोषित करे।

दूसरी स्थिति यह हो सकती है कि किसी कारणवश रेफरी को खिलाडियों का अंक याद न रह जाये और खेल के अंत में वो गलत निर्णय दे दे।

दूसरी वाली स्थिति से बचने के लिए खिलाडियों को यह चाहिए कि वे अपने अपने अंक खुद भी याद रखें जिससे यदि किसी एक व्यक्ति से भूल भी हो तो निर्णय गलत न होने पाए।

बिलकुल इसी प्रकार डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है? ब्लॉकचेन में भी यही प्रक्रिया होती है, यदि हम एक वॉलेट से दुसरे वॉलेट को कोई भी क्रिप्टो करेंसी भेजते हैं तो ब्लॉकचेन द्वारा वह ट्रांसजैकशन पूरी दुनिया के तमाम सर्वर पर ENCRYPTED रूप में रिकॉर्ड हो जाता है, डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है? जिससे धोखाधड़ी और इसके हैक होने की समस्या पूरी तरह समाप्त हो जाती है।

हमें आशा है कि आपको हमारा लेख पसंद आया होगा, तकनीक और क्रिप्टो से जुड़े लेख हम इसी प्रकार आपके लिए लाते रहेंगे।

क्रिप्टो माइनिंग (बिटकॉइन माइनिंग) क्या है और बिटकॉइन माइनिंग क्यों और कैसे करते हैं?

क्रिप्टो माइनिंग (बिटकॉइन माइनिंग) क्या है: दोस्तों हम पहले से जान चुके हैं क्रिप्टोकरेंसी क्या है?, और क्रिप्टोकरंसी का फाइनेंस सेक्टर में क्या महत्व रहा है. जब हम क्रिप्टो करेंसी की बात करते हैं तो हमारे सामने कई सारे सवाल भी आते हैं और कोई सारे ऐसे कठिन टर्म्स आते हैं जिसके बारे में हम नहीं जानते. और उसी समय हम को यह समझने में और कठिनाई का सामना करना पड़ता है.

जैसे की हम क्रिप्टो करेंसी की बात करे तो उसमें हम को कोई सारे टॉमस सुनने को मिलते हैं, जैसे कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी(Blockchain Technology), क्रिप्टो माइनिंग( Crypto Mining), पीर 2 पीर(Peer-to-peer), डिसेंट्रलाइजेशन(Decentralization) एक्सचेंज(Exchange), क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज(Cryptocurrency Exchange), क्रिप्टो वॉलेट(Crypto wallet), डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (Decentralized Finance) (DeFi) इत्यादि.

क्रिप्टो माइनिंग

आज हम जानने वाले हैं क्रिप्टो माइनिंग (बिटकॉइन माइनिंग) क्या है और बिटकॉइन माइनिंग क्यों करते हैं? तो बिना समय बर्बाद की है आइए देखते हैं कि क्रिप्टो माइनिंग या बिटकॉइन माइनिंग क्या है. उससे पहले हमको यह जानना पड़ेगा कि ट्रेडिंग क्या है.

  • क्रिप्टोकरेंसी में इंडिया में कैसे इन्वेस्ट करें

ट्रेडिंग क्या है

यदि आप क्रिप्टोकरेंसी के बारे में कुछ ना कुछ जानते हैं तो आप ट्रेडिंग के बारे में जरूर जानते होंगे. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ट्रेडिंग का मतलब यह होता है कि कोई भी चीज को कम दाम में खरीद के उसको ज्यादा दान में बेचना और उसी से प्रॉफिट निकालना.

how to buy ethereum

बिटकॉइन में कैसे निवेश करें? How to invest in Bitcoin in Hindi 2022

बिटकॉइन माइनिंग

जितने भी क्रिप्टो करेंसी है जैसे कि बिटकॉइन, एथेरियम, शीबा इनु कॉइन, को हम कम दाम में खरीदते हैं और उसको होल्ड करके रखते हैं जब तक उसका प्राइस अच्छा खासा बढ़ नहीं जाता. और जब बढ़ जाता है हम उसी को बेच देते हैं. आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि हम Bitcoin तो खरीद लिया पर Bitcoin बनता कैसे है. तो यहां पर आ जाता है बिटकॉइन माइनिंग बात, जहां से बनती है बिटकॉइन.

क्रिप्टो माइनिंग (बिटकॉइन माइनिंग) क्या है?

बिटकॉइन माइनिंग से बिटकॉइन बनता है. बिटकॉइन एक्लिमिटेड क्वांटिटी पर उपलब्ध है और कुछ लोग उसको माइनिंग करके निकलते हैं. जो लोग माइनिंग करते हैं उनको बिटकॉइन माइनर बोलते हैं. और इसीलिए इनको बिटकॉइन का कुछ हिस्सा मिलता है.

Bitcoin mining

बिटकॉइन माइनिंग मैं जो माइनिंग का Term आता है, उसको आप जरुर जानते होंगे. माइनिंग का मतलब यह होता है कि कोई भी नेचुरल रिसोर्सेस जो हमारे धरती पर उपलब्ध है उसको खुदाई करके निकालना. नेचुरल रिसोर्सेज जैसे कि कोयला, लोहा, सोना इत्यादि एक लिमिटेड क्वांटिटी में धरती पर उपलब्ध होते हैं और उसी को हम माइनिंग करके निकलते हैं. ठीक वैसे ही बिटकॉइन कुछ लिमिटेड क्वांटिटी में है.

तो आइए जान लेते हैं बिटकॉइन से जुड़ी हुई कुछ जरूरी बातें

  • Bitcoin: A Cryptocurrency
  • Bitcoin Market cap: >US$775 billion
  • Code of Bitcoin: BTC, XBT
  • White paper: “Bitcoin: A Peer-to-Peer Electronic Cash System”
  • Supply limit: ₿ 21,000,000 (21 Millon Bitcoin total)
  • Circulating supply: ₿ 18,925,000 (As 2022 January)
  • Symbols of Bitcoin: BTC, ฿, ₿

बिटकॉइन माइनिंग क्यों और कैसे करते हैं?

यदि हम आपको एक साधारण सा उदाहरण दे तो जैसे हम किसी के पास पैसा भेज ते हैं तो पहले हम जिस इंसान के बैंक अकाउंट में पैसा भेजते हैं, पहले उसका बैंक के पास एक रिक्वेस्ट जाता है और बैंक वालों ने उस रिक्वेस्ट को प्रोसेसिंग करके पर्टिकुलर उस बैंक अकाउंट का अकाउंट होल्डर के पास पैसा पहुंच जाता है. बैंक इसके लिए कुछ पैसा यूजर से चार्ज करता है.

bitcoin mining

ठीक वैसे जब सतोशी नाकामोतो ने बिटकॉइन डेवलप किया था उसको हमारा बैंकिंग सिस्टम से थोड़ा बेहतर और अलग बनाया था. जब हम किसी के बैंक अकाउंट में पैसा भेजते हैं तो इसी के लिए जो प्रोसेस करता है उसके लिए कुछ चार्ज लेता है. और यह सिर्फ बैंक वालों के हाथों में है इसीलिए सिर्फ कुछ ही लोग जो बैंक में काम करते हैं उनको उसका फायदा होता है.

  • बिटकॉइन का मालिक कौन है और कौन से देश का है

हमारे बैंक के पास हमारा पैसा ट्रांजैक्शन का एक रिकॉर्ड मेंटेन रहता है और उस रिकार्ड को सिर्फ बैंक और ट्रांजैक्शन होने वाला अकाउंट का मालिक के पास रहता है. परंतु बिटकॉइन में ऐसे नहीं है. सतोशी नाकामोतो ने जब बिटकॉइन का डिवेलप किया था तब उसको उसका रिकॉर्ड मेंटेन करने के लिए कोई चुनिंदा लोगों को नहीं रखा. उसको कोई भी एक्सेस कर सकते हैं और इसको Blockchain System बोलते हैं.

ayan consultancy

Anand super Bazaar data entry job

10 tip and tricks of Gmail in Hindi

Bitcoin miners

बिटकॉइन माइनिंग करने के लिए जो Miners होते हैं उनके पास High-end कंप्यूटर डिवाइस होते हैं और बिटकॉइन माइनिंग करने के लिए विशेष सॉफ्टवेयर भी होते हैं. जिसकी सहायता से आसानी से कई जटिल मैथमेटिकल कैलकुलेशन को समाधान करके बिटकॉइन माइनिंग करते हैं. 21 मिलियन बिटकॉइन से आज तक 18 मिलियन बिटकॉइन माइनिंग किया जा चुका है. और विशेष सूत्रों के मुताबिक हर दिन 800 बिटकॉइन Generate किया जा रहा है. तो इसीलिए बिटकॉइन माइनिंग करते हैं.

आज आपने क्या सीखा

आज हमने बात किया कि क्रिप्टो माइनिंग (बिटकॉइन माइनिंग) क्या है और बिटकॉइन माइनिंग क्यों और कैसे करते हैं? और यह भी देखा कि ट्रेडिंग क्या होता है. हमें उम्मीद है कि आपको यह लेख बेहद पसंद आया होगा. यदि इसके ऊपर आपका कुछ सवाल है तो आप कमेंट में हमको जरूर पूछ सकते हैं. यदि और कोई सुझाव देना चाहते हैं तो आप कमेंट बॉक्स में भी दे सकते हैं. क्या आपने कभी बिटकॉइन पर इन्वेस्ट किया है या कभी दूसरे क्रिप्टोकरेंसी पर इन्वेस्ट किया है तो आपका फीडबैक जरूर दें.

Manas Ranjan

Graduate By Education, Blogger By Profession, Computer Learner By interest, Travel & Explorer By Hobby

रेटिंग: 4.35
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 372
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *