शुरुआती के लिए विदेशी मुद्रा पाठ्यक्रम

सलाहकारों विदेशी मुद्रा

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28 रुपये से 500 के पार पहुंचा यह शेयर, राकेश झुनझुनवाला और दमानी ने लगाया है बड़ा दांव

पीएम मोदी की सलाहकार ने ही उठाए आर्थिक पैकेज पर सवाल, कहा- 20 लाख करोड़ का पैकेज अपने आप में पूर्ण नहीं है

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले महीने 20.97 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था, जिसमें आरबीआई के 8.01 लाख करोड़ रुपये के नकदी उपाय शामिल हैं।

EAC-PM member Ashima Goyal says on Economic Package Scope to fine-tune stimulus package | पीएम मोदी की सलाहकार ने ही उठाए आर्थिक पैकेज पर सवाल, कहा- 20 लाख करोड़ का पैकेज अपने आप में पूर्ण नहीं है

PM's economic advisory council member Ashima Goyal (FILE PHOTO)

Highlights भारत की वृद्धि को पुनर्जीवित करने पर आशिमा गोयल ने कहा कि कोविड-19 महामारी अर्थव्यवस्था के लिए एक अस्थायी झटका है। आशिमा गोयल ने कहा, आर्थिक पैकेज अपने आप में हर तरह से पूर्ण नहीं है. पैकेज में खामियां दूर कर इसे बेहतर बनाने की गुंजाइश है।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य आशिमा गोयल ने 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज पर सवाल उठाए हैं। आशिमा गोयल ने कहा है कि 20.97 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज में और सुधार की गुंजाइश है। इस पैकेज को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चार से पांच चरणों में पूरी जानकारी दी थी। आशिमा गोयल ने कहा कि अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार को मांग को बढ़ावा देने की जरूरत है। आशिमा गोयल ने यह बयान पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की एक आभासी संगोष्ठी में संबोधित करते हुए दिया।

आर्थिक पैकेज अपने आप में हर तरह से पूर्ण नहीं है- आशिमा गोयल

आशिमा गोयल ने कहा, आर्थिक पैकेज अपने आप में हर तरह से पूर्ण नहीं है. पैकेज में खामियां दूर कर इसे बेहतर बनाने की गुंजाइश है। प्रधामंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) की अंशकालिक सदस्य गोयल ने कहा कि ज्यादातर राहत पैकेज वित्तीय क्षेत्र से जुड़े हैं और अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए मांग और आपूर्ति का तालमेल बहुत जरूरी है।

EAC-PM member Ashima Goyal (File Photo)

EAC-PM member Ashima Goyal (File Photo)

भारत की अर्थव्यवस्था को फिर से बढ़ाने पर क्या कहा आशिमा गोयल ने

भारत की वृद्धि को पुनर्जीवित करने पर आशिमा गोयल ने कहा कि कोविड-19 महामारी अर्थव्यवस्था के लिए एक अस्थायी झटका है। आईजीआईडीआर में अर्थशास्त्र की प्राध्यापक गोयल ने कहा कि जब मानव पूंजी बरकरार रहती है तो वास्तविक झटके के बाद तेजी से सुधार देखने को मिलता है।

भारतीय अर्थव्यवस्था 2019-20 में 4.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी, जो पिछले 11 वर्षों में इसकी सबसे धीमी रफ्तार है। भारत के विदेशी मुद्रा भंडार के 500 अरब डॉलर के पार पहुंचने पर गोयल ने कहा, हमारे विदेशी मुद्रा भंडार उधार के भंडार हैं। विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका निवेश आकर्षित करना है।

PM Narendra Modi And Nirmala Sitharaman (File Photo)

PM Narendra Modi And Nirmala Sitharaman (File Photo)

कैट ने आर्थिक पैकेज पर पुनर्विचार करने की थी मांग

खुदरा कारोबारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन आर्थिक पैकेज पर पुनर्विचार की मांग की थी। कहा गया था कि पैकेज में ध्यान नहीं रखे जाने से देश भर के व्यापारी आहत हैं। कैट ने कहा कि व्यापारियों ने संकट के समय सबसे अधिक प्रतिबद्धता दिखाई है और वे कोरोना वायरस महामारी के कारण कायम संकट की स्थिति में देश के प्रति अपने दायित्वों को निभाते रहेंगे।

संगठन ने कहा था कि हालांकि सबसे अधिक प्रतिबद्ध क्षेत्रों में से एक को आर्थिक पैकेज की व्यापक घोषणाओं में जगह नहीं मिलना निराशाजनक है। कैट ने बताया था कि उसने इस बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र भेजकर आर्थिक पैकेज पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है। संगठन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी को भी पत्र भेजा है। कैट की दिल्ली-एनसीआर इकाई के संयोजक सुशील कुमार जैन ने कहा कि आर्थिक पैकेज की घोषणा करते समय सरकार ने व्यापारियों की उपेक्षा की है।

कोरोना संकट के बीच आई अच्छी खबर, देश का विदेशी मुद्रा भंडार पहली बार 500 अरब डॉलर के पार

यह भंडार एक साल के आयात जरूरतों को पूरा करने के बराबर है.

Published: June 13, 2020 10:22 PM IST

कोरोना संकट के बीच आई अच्छी खबर, देश का विदेशी मुद्रा भंडार पहली बार 500 अरब डॉलर के पार

मुंबई: विदेशी निवेश में तेजी के चलते पांच जून को समाप्त सप्ताह में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 8.22 अरब डॉलर की जोरदार वृद्धि हुई. इसके दम पर देश का विदेशी मुद्रा भंडार इतिहास में पहली बार 500 अरब डॉलर के स्तर को पार कर गया. रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों में इसकी जानकारी मिली. आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा आस्तियों में तेज वृद्धि के कारण आलोच्य सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 501.70 अरब डॉलर पर पहुंच गया.

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यह भंडार एक साल के आयात जरूरतों को पूरा करने के बराबर है. इससे पहले 29 मई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 3.44 अरब डॉलर बढ़कर 493.48 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. पांच जून को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियों में 3.44 अरब डॉलर की वृद्धि हुई और यह 493.48 अरब डॉलर पर पहुंच गई. विदेशी मुद्रा भंडार में सर्वाधिक योगदान विदेशी मुद्रा आस्तियों का होता है.

विदेशी मुद्रा भंडार को डॉलर के संदर्भ में गिना जाता है. हालांकि, इसमें यूरो, पाउंड, येन जैसी अन्य मुद्राएं भी शामिल होती हैं. कुल भंडार पर इन मुद्राओं के उतार व चढ़ाव का भी असर पड़ता है. वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, विदेशी मुद्रा भंडार का 500 अरब डॉलर के पार हो जाना देश के लिये एक ऐतिहासिक क्षण है. अधिकारी ने कहा, “मार्च 2020 के बाद, लगभग 24 अरब डॉलर की वृद्धि होना भारतीय अर्थव्यवस्था में विश्वास का प्रतीक है.”

केयर रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार में इस उछाल का एक कारण चालू खाता घाटा कम होना है. उन्होंने कहा, “दूसरी बात यह है कि हम पूंजी प्रवाह में काफी वृद्धि देख रहे हैं. वित्तीय संकट के कारण बैंक ऋण देने के लिये उत्साहित नहीं हैं. ऐसे में अधिकांश कंपनियां धन जुटाने के लिये बाहरी वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) का तरीका अपनाने की कोशिश कर रही हैं.”

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में 2019-20 में 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी. यह पिछले चार वित्त वर्ष के दौरान एफडीआई में आया सबसे तेज उछाल है. इसके दम पर एफडीआई 2018-19 के 44.36 अरब डॉलर के मुकाबले बढ़कर 2019-20 में 49.97 अरब डॉलर पर पहुंच गया.

जून के पहले सप्ताह में, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने बड़े पैमाने पर 18,589 करोड़ रुपये भारतीय बाजारों में डाले. रिलायंस इंडस्ट्रीज के राइट्स इश्यू और कोटक महिंद्रा बैंक में उदय कोटक की 2.8 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री ने महत्वपूर्ण विदेशी निवेश आकर्षित किया है. इनके अलावा, पिछले सात हफ्तों में, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने फेसबुक और केकेआर सहित आठ निवेशकों को जियो में हिस्सेदारी बेचकर 97,886 करोड़ रुपये जुटाये हैं.

पांच जून को समाप्त सप्ताह में, सोने के भंडार में 32.9 करोड़ डॉलर की गिरावट आयी और यह 32.35 अरब डॉलर सलाहकारों विदेशी मुद्रा रह गया. इस दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ विशेष आहरण अधिकार एक करोड़ डॉलर बढ़कर 1.44 अरब डॉलर हो गया. आईएमएफ के पास देश की आरक्षित स्थिति भी समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान 12 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.28 अरब डॉलर हो गयी.

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पीएम मोदी की सलाहकार ने ही उठाए आर्थिक पैकेज पर सवाल, कहा- 20 लाख करोड़ का पैकेज अपने आप में पूर्ण नहीं है

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले महीने 20.97 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था, जिसमें आरबीआई के 8.01 लाख करोड़ रुपये के नकदी उपाय शामिल हैं।

EAC-PM member Ashima Goyal says on Economic Package Scope to fine-tune stimulus package | पीएम मोदी की सलाहकार ने ही उठाए आर्थिक पैकेज पर सवाल, कहा- 20 लाख करोड़ का पैकेज अपने आप में पूर्ण नहीं है

PM's economic advisory council member Ashima Goyal (FILE PHOTO)

Highlights भारत की वृद्धि को पुनर्जीवित करने पर आशिमा गोयल ने कहा कि कोविड-19 महामारी अर्थव्यवस्था के लिए एक अस्थायी झटका है। आशिमा गोयल ने कहा, आर्थिक पैकेज अपने आप में हर तरह से पूर्ण नहीं है. पैकेज में खामियां दूर कर इसे बेहतर बनाने की गुंजाइश है।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य आशिमा गोयल ने 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज पर सवाल उठाए हैं। आशिमा गोयल ने कहा है कि 20.97 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज में और सुधार की गुंजाइश है। इस पैकेज को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चार से पांच चरणों में पूरी जानकारी दी थी। आशिमा गोयल ने कहा कि अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार को मांग को बढ़ावा देने की जरूरत है। आशिमा गोयल ने यह बयान पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की एक आभासी संगोष्ठी में संबोधित करते हुए दिया।

आर्थिक पैकेज अपने आप में हर तरह से पूर्ण नहीं है- आशिमा गोयल

आशिमा गोयल ने कहा, आर्थिक पैकेज अपने आप में हर तरह से पूर्ण नहीं है. पैकेज में खामियां दूर कर इसे बेहतर बनाने की गुंजाइश है। प्रधामंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) सलाहकारों विदेशी मुद्रा की अंशकालिक सदस्य गोयल ने कहा कि ज्यादातर राहत पैकेज वित्तीय क्षेत्र से जुड़े हैं और अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए मांग और आपूर्ति का तालमेल बहुत जरूरी है।

EAC-PM member Ashima Goyal (File Photo)

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भारत की अर्थव्यवस्था को फिर से बढ़ाने पर क्या कहा आशिमा गोयल ने

भारत की वृद्धि को पुनर्जीवित करने पर आशिमा गोयल ने कहा कि कोविड-19 महामारी अर्थव्यवस्था के लिए एक अस्थायी झटका है। आईजीआईडीआर में अर्थशास्त्र की प्राध्यापक गोयल ने कहा कि जब मानव पूंजी बरकरार रहती है तो वास्तविक झटके के बाद तेजी से सुधार देखने को मिलता है।

भारतीय अर्थव्यवस्था 2019-20 में 4.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी, जो पिछले 11 वर्षों में इसकी सबसे धीमी रफ्तार है। भारत के विदेशी मुद्रा भंडार के 500 अरब डॉलर के पार पहुंचने पर गोयल ने कहा, हमारे विदेशी मुद्रा भंडार उधार के भंडार हैं। विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका निवेश आकर्षित करना है।

PM Narendra Modi And Nirmala Sitharaman (File Photo)

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कैट ने आर्थिक पैकेज पर पुनर्विचार करने की थी मांग

खुदरा कारोबारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन आर्थिक पैकेज पर पुनर्विचार की मांग की थी। कहा गया था कि पैकेज में ध्यान नहीं रखे जाने से देश भर के व्यापारी आहत हैं। कैट ने कहा कि व्यापारियों ने संकट के समय सबसे अधिक प्रतिबद्धता दिखाई है और वे कोरोना वायरस महामारी के कारण कायम संकट की स्थिति में देश के प्रति अपने दायित्वों को निभाते रहेंगे।

संगठन ने कहा था कि हालांकि सबसे अधिक प्रतिबद्ध क्षेत्रों में से एक को आर्थिक पैकेज की व्यापक घोषणाओं में जगह नहीं मिलना निराशाजनक है। कैट ने बताया था कि उसने इस बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र भेजकर आर्थिक पैकेज पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है। संगठन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी को भी पत्र भेजा है। कैट की दिल्ली-एनसीआर इकाई के संयोजक सुशील कुमार जैन सलाहकारों विदेशी मुद्रा ने कहा कि आर्थिक पैकेज की घोषणा करते समय सरकार ने व्यापारियों की उपेक्षा की है।

रुपये की कीमतों में लगातार गिरावट के बीच मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कही ये बात

Rupees Vs Dollar: मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने बुधवार को कहा कि अमेरिकी डॉलर की तुलना में रुपये की कीमत में आई कमी दुनिया की अन्य प्रमुख मुद्राओं में आई गिरावट की तुलना में कहीं कम है।

रुपये की कीमतों में लगातार गिरावट के बीच मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कही ये बात

Rupees Vs Dollar: मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने बुधवार को कहा कि अमेरिकी डॉलर की तुलना में रुपये की कीमत में आई कमी दुनिया की अन्य प्रमुख मुद्राओं में आई गिरावट की तुलना में कहीं कम है। नागेश्वरन ने डॉलर के मुकाबले रुपये एवं अन्य मुद्राओं की कीमतों में आई इस गिरावट के लिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व के आक्रामक मौद्रिक रुख को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि फेडरल रिजर्व के सख्त रवैये से तमाम उभरती अर्थव्यवस्थाओं से विदेशी पूंजी की निकासी हो रही है जिससे स्थानीय मुद्राएं दबाव में आ गई हैं।

28 रुपये से 500 के पार पहुंचा यह शेयर, राकेश झुनझुनवाला और दमानी ने लगाया है बड़ा दांव

एक कार्यक्रम में शिरकत करने आए नागेश्वरन ने संवाददाताओं से कहा कि जापानी येन, यूरो, स्विस फ्रैंक, ब्रिटिश पौंड का डॉलर के मुकाबले कहीं ज्यादा अवमूल्यन हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक दोनों ने ही विदेशी मुद्रा की निकासी को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसके साथ ही विदेशी पूंजी को आकर्षित करने की कोशिशें भी की गई हैं ताकि भारतीय मुद्रा की गिरती कीमत को रोका जा सके।

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले इस साल अब तक रुपये की कीमत करीब 7.5 प्रतिशत तक कम हो चुकी है। सोमवार को रुपया कारोबार के दौरान रुपया पहली बार 80 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर आ गया था।

ग्रीस संकट से बेअसर भारत का बाजार, पर रुपये पर पड़ सकता है असर

ग्रीस के मतदाताओं द्वारा ऋणदाताओं के राहत पैकेज के प्रस्ताव को खारिज किए जाने के बाद बाजारों में डर के बीच सरकार ने सोमवार को कहा कि भारत इस संकट से भली भांति सुरक्षित है लेकिन विदेशी निवेश की निकासी हुई तो रुपये पर असर पड़ सकता है.

मुख्य आर्थिक सलाहकार, अरविंद सुब्रमणियम

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 जुलाई 2015,
  • (अपडेटेड 06 जुलाई 2015, 10:22 PM IST)

ग्रीस के मतदाताओं द्वारा ऋणदाताओं के राहत पैकेज के प्रस्ताव को खारिज किए जाने के बाद बाजारों में डर के बीच सरकार ने सोमवार को कहा कि भारत इस संकट से भली भांति सुरक्षित है लेकिन विदेशी निवेश की निकासी हुई तो रुपये पर असर पड़ सकता है.

देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रमणियम ने कहा, यह एक नाटक है जो अभी कुछ समय तक चलेगा. हम कम से कम तीन तरीकों से बहुत अच्छी तरह से सुरक्षित हैं. हमारी वृहद आर्थिक स्थिति काफी मजबूत है. हमारे पास (विदेशी) मुद्रा भंडार है. हमारी अर्थव्यवस्था अब भी निवेश का एक आकर्षक स्थान है. इसलिए मेरी राय में हम भली भांति बचे हुए हैं.

उल्लेखनीय है कि यूनान के लोगों ने जनमत संग्रह में ऋणदाताओं के राहत पैकेज को कल खारिज कर दिया जिससे उसकी यूरो क्षेत्र की सदस्यता पर आशंका के बादल मंडराने लगे हैं. उन्होंने कहा, जहां तक संकट का सवाल है तो यह लंबा और दीर्घकाल तक चलेगा. जर्मनी व फ्रांस के राष्ट्र प्रमुखों की मंगलवार बड़ी बैठक होने वाली है. देखते हैं, अब यूरोप को प्रतिक्रिया देनी है. इस संकट के भारतीय अर्थव्यवस्था पर संभावित असर के बारे में उन्होंने कहा, इस तरह के हालात में आमतौर पर डालर, सुरक्षित गंतव्यों की ओर जाता है. इसका असर रुपये पर भी पड़ सकता है. लेकिन अभी तक कुछ भी असामान्य नहीं है.

सुब्रमणियम ने कहा कि संकट के सामने आने के साथ ही, वित्तीय बाजारों में उतार चढाव होने वाला है. ईसीबी व फेड को इस पर ध्यान देना होगा. वहीं वित्त सचिव राजीव महर्षि ने कहा कि सरकार हालात पर करीबी निगाह रखे हुए है क्योंकि भारत पर अप्रत्यक्ष रूप से असर पड़ सकता है. उन्होंने कहा, हमें देखना होगा कि अब यूरो का रुख क्या रहता है. हम ग्रीस के हालात पर करीबी निगाह रखे हैं. फेड (बैंक) की ब्याज दर बढोतरी पर कुछ असर हो सकता है. उन्होंने कहा, भारत पर कुछ अप्रत्यक्ष रूप से असर हो सकता है. महर्षि ने अपनी इस टिप्पणी की व्याख्या नहीं की.

सोमवार को शुरूआती कारोबार में मुंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 250 अंक गिरकर 28,000 से नीचे आ गया था. वाणिज्य सचिव राजीव खेर ने कुछ दिन पहले कहा था कि यदि ग्रीस संकट से यूरोपीय संघ प्रभावित हुआ तो भारत के निर्यात पर असर हो सकता है. पर उन्होंने भी ग्रीस का भारत पर सीधा असर होने की संभावना से इनकार किया था.

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