क्रिप्टो लेंडिंग के नुकसान

टॉप क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन में भारी गिरावट, जानें क्रिप्टोकरेंसी में टूट के कारण क्या हैं? | Watch Video
क्रिप्टो लेंडिंग प्लेटफॉर्म सेल्सियस ने बिटकॉइन की दुनिया में मची उथल-पुथल के कारण सभी आउटफ्लो को रोक दिया है. इसके बाद भी स्थितयों में कोई बड़ा अंतर नहीं आने वाला है. लेकिन बिटकॉइन में गिरावट के कारणों को अगर आप जानना चाहते हैं तो देखें यह वीडियो.
Published: June 14, 2022 6:33 PM IST
Fall in Bitcoin Prices: टॉप क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (बीटीसी) में आज भारी गिरावट हुई है. पांच साल पहले की तुलना में बिटकॉइन लगभग 21,000 डॉलर प्रति बिटकॉइन तक गिर गई है. ग्लोबल लेवल पर क्रिप्टो में इस गिरावट से इसके निवेशकों को बड़ा नुकसान हुआ है. बिटकॉइन में लगभग 12 हफ्ते से लगातार गिरावट हो रही है. मार्च में जहाँ क्रिप्टो की कीमत लगभग 49,000 डॉलर थी वहीँ यह अब गिरकर 21,000 डॉलर पर पहुंच गया है | Watch Video
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क्रिप्टो-लेंडिंग फर्म Hodlnaut ने की अपने 80% कर्मचारियों की छंटनी, मई में हुआ था ₹1490 करोड़ का घाटा
सिंगापुर मुख्यालय वाली Hodlnaut ने कहा कि उसके बाकी बचे 20 फीसदी कर्मचारी कंपनी को फिर से मुनाफे की राह पर लाने में अहम भूमिका निभाएंगे
सिंगापुर मुख्यालय वाली क्रिप्टो-लेंडिंग प्लेटफॉर्म होडलनॉट (Hodlnaut) ने शुक्रवार 19 अगस्त को अपने 80 फीसदी कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का ऐलान किया। कंपनी इस छंटनी के पीछे खर्च में कटौती करने का हवाला दिया। Hodlnaut ने इससे पहले 8 अगस्त को लिक्विडिटी में कमी का हवाला देते हुए अपने प्लेटफॉर्म से किसी भी तरह की पैसों की निकासी, जमा या टोकन स्वैप करने पर रोक लगाने का ऐलान किया था।
Hodlnaut ने कहा कि उसके बाकी बचे 20 फीसदी कर्मचारी कंपनी को फिर से मुनाफे की राह पर लाने में अहम भूमिका निभाएंगे। कंपनी ने एक बयान में कहा, "हमने अपने प्लेटफॉर्म से निकासी पर रोक लगाई हुई है। साथ ही अब हम फर्म के खर्च को घटाने के लिए अपने 80 फीसदी कर्मचारियों (करीब 40 कर्मचारी) की छंटनी कर रहे हैं। हमने जिन कर्मचारियों को बरकरार रखा है, हमारे आकलन में वह कंपनी के अहम कार्यों को जारी रखने के लिए जरूरी वर्कफोर्स हैं।"
होडलनॉट ने यह भी बताया कि कंपनी के फाउंडर्स अभी सिंगापुर में हैं और वह सभी कानूनी कार्यवाहियों के लिए उपलब्ध रहेंगे। इस बीच कंपनी के फाउंडर्स ने दावा किया क्रिप्टो लेंडिंग के नुकसान वह कंपनी का वापस पटरी पर लाने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं और वह जल्द ही होडलनॉट में स्थिरता को वापस लाएंगे।
Cryptocurrency: क्रिप्टोबाजार में गिरावट का दिखने लगा असर, इन कंपनियों में बड़े पैमाने पर शुरू हुई छंटनी
ब्लॉकफाई (BlockFi) के सीईओ जैक प्रिंस ने ट्विटर पर एक पोस्ट करते हुए अपने कर्मियों को कंपनी से निकालने की बात कही है। आपको बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में पिछले साल नवंबर में जबरदस्त तेजी दिखने के बाद गिरावट का दौर शुरू हो गया था। बिटकॉइन जैसी सबसे प्रचलित करेंसी भी टूटकर 20000 डॉलर के नीचे आ गई है। दूसरी क्रिप्टोकरेंसीज में भी लगातार गिरावट देखने को मिली है।
ग्लोबल बाजारों में क्रिप्टोकरेंसी में पिछले कुछ समय से चल रही कमजोरी का असर अब कंपनियों के पे रोल पर भी पड़ रहा है। जहां एक ओर डिजिटल करेंसी में गिरावट के कारण निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ा है वहीं दूसरी ओर क्रिप्टो के कारोबार से जुड़ी कंपनियों में छंटनी का दौर भी शुरू हो गया है। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक ब्लॉकचेन ट्रेडिंग और लेंडिंग क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म ब्लॉकफाई ने सोमवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में बताया है कि कंपनी ने अपने कुल 850 कर्मचारियों में से 20 प्रतिशत कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का फैसला किया है। कंपनी के इस फैसले से लगभग 200 लोगों की नौकरी जा सकती है।
ब्लॉकफाई (BlockFi) के सीईओ जैक प्रिंस ने ट्विटर पर एक पोस्ट करते हुए अपने कर्मियों को कंपनी से निकालने की बात कही है। आपको बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में पिछले साल नवंबर में जबरदस्त तेजी दिखने के बाद गिरावट का दौर शुरू हो गया था। अब बाजार का हाल यह है कि बिटकॉइन जैसी सबसे प्रचलित करेंसी भी टूटकर 20000 डॉलर के नीचे आ गई है। दूसरी क्रिप्टोकरेंसीज में भी लगातार गिरावट देखने को मिली है।
क्रिप्टो बाजार से जुड़े जानकार मानते हैं कि बीते कुछ समय में बाजार में क्रिप्टोकरेंसीज में जो गिरावट का दौर आया है उससे इन क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों की हालत खस्ता हो गई है। विशेष रूप से इसके ट्रेडिंग कारोबार से जुड़ी कंपनियों का हाल खस्ता है। ज्यादातर कंपनियां जबरदस्त घाटे के दौर से गुजर रही हैं, ऐसे में उन्हें ना चाहते हुए भी मैनपावर में कमी करने का फैसला लेना पड़ रहा है।
आपको बता दें कि ब्लॉकफाई के अलावे दूसरी कंपनियों के कर्मचारियों पर भी छंटनी का खतरा मंडरा रहा है। बीते शुक्रवार को क्रिप्टो डॉट कॉम (crypto.com) नाम की कंपनी ने भी अपने 260 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। खबरों के मुताबिक क्रिप्टो डॉट कॉम ने अपने 5 प्रतिशत कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। कंपनी के सीईओ क्रिस मार्सलेक ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है।
एनएफटी में गिरावट का क्या है कारण?
साल 2020 में पूरी दुनिया में जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी की चपेट में आ रही थी, लगभग उसी वक्त क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में उछाल दिखना शुरू हुआ था। क्रिप्टो के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियां लगतार अपने कर्मचारी बढ़ा रहे थीं। लेकिन, जैसे ही बाजार में डिजिटल करेंसीज के भाव टूटने शुरू हुए कंपनियों ने अपना खर्चा कम करने के लिए कर्मचारियों की छंटनी शुरू कर दी है।
कंपनियों की हालत इतनी खराब हो गई कि छंटनी के लिए स्टैंडर्ड प्रक्रिया अपनाने के बजाय कई कंपनियों ने तो सोशल मीडिया पर ही अपने कर्मियों को बाहर करने की सूचना जारी कर दी। ब्लॉकफाई और क्रिप्टो डॉट कॉम जैसी कंपनियों ने भी ऐसा ही किया है।
जानकारों का मानना है कि अमेरिका में महंगाई अपने पिछले 40 साल के स्तर पर को भी पार कर गई है। महंगाई की चपेट में आकर नेटफ्लिक्स, टेस्ला और मेटा जैसी मजबूत कंपनियों ने भी अपने यहां कर्मचारियों की छंटनी की है। इसकी चपेट में अब क्रिप्टो के कारोबार से जुड़ी कंपनियां भी आ रही हैं और वे कर्मियों को नौकरी से निकालने की होड़ में शामिल हो चुके हैं।
विस्तार
ग्लोबल बाजारों में क्रिप्टोकरेंसी में पिछले कुछ समय से चल रही कमजोरी का असर अब कंपनियों के पे रोल पर भी पड़ रहा है। जहां एक ओर डिजिटल करेंसी में गिरावट के कारण निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ा है वहीं दूसरी ओर क्रिप्टो के कारोबार से जुड़ी कंपनियों में छंटनी का दौर भी शुरू हो गया है। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक ब्लॉकचेन ट्रेडिंग और लेंडिंग क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म ब्लॉकफाई ने सोमवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में बताया है कि कंपनी ने अपने कुल 850 कर्मचारियों में से 20 प्रतिशत कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का फैसला किया है। कंपनी के इस फैसले से लगभग 200 लोगों की नौकरी जा सकती है।
ब्लॉकफाई (BlockFi) के सीईओ जैक प्रिंस ने ट्विटर पर एक पोस्ट करते हुए अपने कर्मियों को कंपनी से निकालने की बात कही है। आपको बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में पिछले साल नवंबर में जबरदस्त तेजी दिखने के बाद गिरावट का दौर शुरू हो गया था। अब बाजार का हाल यह है कि बिटकॉइन जैसी सबसे प्रचलित करेंसी भी टूटकर 20000 डॉलर के नीचे आ गई है। दूसरी क्रिप्टोकरेंसीज में भी लगातार गिरावट देखने को मिली है।
क्रिप्टो बाजार से जुड़े जानकार मानते हैं कि बीते कुछ समय में बाजार में क्रिप्टोकरेंसीज में जो गिरावट का दौर आया है उससे इन क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों की हालत खस्ता हो गई है। विशेष रूप से इसके ट्रेडिंग कारोबार से जुड़ी कंपनियों का हाल खस्ता है। ज्यादातर कंपनियां जबरदस्त घाटे के दौर से गुजर रही हैं, ऐसे में उन्हें ना चाहते हुए भी मैनपावर में कमी करने का फैसला लेना पड़ रहा है।
आपको बता दें कि ब्लॉकफाई के अलावे दूसरी कंपनियों के कर्मचारियों पर भी छंटनी का खतरा मंडरा रहा है। बीते शुक्रवार को क्रिप्टो डॉट कॉम (crypto.com) नाम की कंपनी ने भी अपने 260 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। खबरों के मुताबिक क्रिप्टो डॉट कॉम ने अपने 5 प्रतिशत कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। कंपनी के सीईओ क्रिस मार्सलेक ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है।
एनएफटी में गिरावट का क्या है कारण?
साल 2020 में पूरी दुनिया में जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी की चपेट में आ रही थी, लगभग उसी वक्त क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में उछाल दिखना शुरू हुआ था। क्रिप्टो के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियां लगतार अपने कर्मचारी बढ़ा रहे थीं। लेकिन, जैसे ही बाजार में डिजिटल करेंसीज के भाव टूटने शुरू हुए कंपनियों ने अपना खर्चा कम करने के लिए कर्मचारियों की छंटनी शुरू कर दी है।
कंपनियों की हालत इतनी खराब हो गई कि छंटनी के लिए स्टैंडर्ड प्रक्रिया अपनाने के बजाय कई कंपनियों ने तो सोशल मीडिया पर ही अपने कर्मियों को बाहर करने की सूचना जारी कर दी। ब्लॉकफाई और क्रिप्टो डॉट कॉम जैसी कंपनियों ने भी ऐसा ही किया है।
जानकारों का मानना है कि अमेरिका में महंगाई अपने पिछले 40 साल के स्तर पर को भी पार कर गई है। महंगाई की चपेट में आकर नेटफ्लिक्स, टेस्ला और मेटा जैसी मजबूत कंपनियों ने भी अपने यहां कर्मचारियों की छंटनी की है। इसकी चपेट में अब क्रिप्टो लेंडिंग के नुकसान क्रिप्टो के कारोबार से जुड़ी कंपनियां भी आ रही हैं और वे कर्मियों को नौकरी से निकालने की होड़ में शामिल हो चुके हैं।
क्रिप्टो मार्केट में गिरावट से लेंडिंग फर्मों के लिए बढ़ी मुश्किलें
इन फर्मों ने कारोबार बढ़ाने के लिए बहुत इंटरेस्ट रेट पर लोन की पेशकश की थी, जबकि ये डिपॉजिट्स पर भारी रेट्स चुका रही थी
इस सेगमेंट की बहुत सी फर्में कॉस्ट घटाने के लिए अपनी वर्कफोर्स में कटौती कर रही हैं
खास बातें
- इन फर्मों ने कारोबार बढ़ाने के लिए कम इंटरेस्ट रेट पर लोन की पेशकश की थी
- ये डिपॉजिट्स पर भारी रेट्स चुका रही थी
- इन फर्मों के क्लाइंट्स मुश्किलों का सामना कर रहे हैं
क्रिप्टो मार्केट में गिरावट और रेगुलेटरी सुरक्षा नहीं होने के कारण क्रिप्टोकरेंसी लेंडिंग फर्मों और उनके क्लाइंट्स को बड़े फाइनेंशियल रिस्क का सामना करना पड़ रहा है. इन फर्मों ने कारोबार बढ़ाने के लिए बहुत इंटरेस्ट रेट पर लोन की पेशकश की थी, जबकि ये डिपॉजिट्स पर भारी रेट्स चुका रही थी. बड़ी क्रिप्टो लेंडिंग फर्मों में शामिल Celsius Network ने पिछले महीने ट्रांजैक्शंस पर रोक लगा दी थी.
कोलंबिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर Omid Malekan ने कहा, "Celsius Network जल्द दिवालिया होने जा रही है." AFP की रिपोर्ट के अनुसार, CoinFlex और Babel Finance जैसी कुछ अन्य क्रिप्टो लेंडिंग फर्मों ने भी विड्रॉल को रोक दिया है. इन फर्मों ने क्लाइंट्स को क्रिप्टोकरेंसीज डिपॉजिट करने और उस पर इंटरेस्ट प्राप्त करने या कोलेट्रल के तौर पर रखकर उधार लेने की सुविधा दी थी. इन फर्मों के बहुत से क्लाइंट्स को ट्रांजैक्शंस पर रोक लगने से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इन्हें अपने फंड का नुकसान होने की भी आशंका है.
Celsius Network के क्लाइंट्स की ट्रांजैक्शंस पर रोक लगाने के फैसले की रेगुलेटर्स की ओर से जांच की जा रही है. Celsius ने कहा था कि क्रिप्टो मार्केट की खराब स्थिति के कारण वह एकाउंट्स के बीच विड्रॉल और ट्रांसफर पर रोक लगा रही है. अमेरिका में हेडक्वार्टर रखने वाली इस फर्म के ट्रांजैक्शंस पर रोक लगाने के फैसले की टेक्सस स्टेट सिक्योरिटी बोर्ड सहित कुछ रेगुलेटर्स जांच कर रहे हैं. इस बारे में अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने भी फर्म से जानकारी मांगी है. अल्बामा सिक्योरिटीज कमीशन के डायरेक्टर Joseph Borg का कहना था, "मैं इससे चितित हूं कि रिटेल इनवेस्टर्स सहित फर्म के क्लाइंट्स को उनके एसेट्स को रिडीम करने की जरूरत हो सकती है लेकिन वे ऐसा कर सकते. इससे उनकी वित्तीय मुश्किलें बढ़ सकती हैं."
इस सेगमेंट की बहुत सी फर्में कॉस्ट घटाने के लिए अपनी वर्कफोर्स में कटौती कर रही हैं. बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक Coinbase ने भी हाल ही में अपनी वर्कफोर्स को 18 प्रतिशत घटाने का फैसला किया था. अमेरिका में हेडक्वार्टर रखने वाली इस फर्म का कहना है कि इंडस्ट्री के इस मुश्किल दौर में उसने कॉस्ट में कमी करने के लिए यह कदम उठाया है. इस फैसले से एक्सचेंज के 1,000 से अधिक एंप्लॉयीज की छंटनी होने का अनुमान है.
Crypto Tax India vs US: भारत और अमेरिका में क्रिप्टो कमाई पर टैक्स के तय हैं नियम, जानिए क्या है अंतर
Crypto Tax India vs US: भारत और अमेरिका में बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर टैक्स नियमों में काफी अंतर है और मूल रूप से इनकी प्रकृति ही अलग है.
दुनिया भर में क्रिप्टो को लेकर अभी अनिश्चितता बनी हुई है. हालांकि भारत समेत कुछ देशों में इस पर टैक्स का प्रावधान कर दिया है. (Image- Pixabay)
Crypto Tax India vs US: दुनिया भर में क्रिप्टो को लेकर अभी अनिश्चितता बनी हुई है. हालांकि भारत समेत कुछ देशों में इस क्रिप्टो लेंडिंग के नुकसान पर टैक्स का प्रावधान कर दिया है. केंद्रीय बजट 2022 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहली बार भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स प्रावधानों का ऐलान किया. वहीं अमेरिका में इंटरनल रेवेन्यू सर्विस (IRS) ने पहली बार 2014 में क्रिप्टो को लेकर टैक्स से जुडे प्रावधान तय किए. दोनों देशों में बिटक्वाइन (BitCoin) जैसी क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर टैक्स नियमों में काफी अंतर है और मूल रूप से इनकी प्रकृति ही अलग है जैसे कि क्रिप्टो को किस प्रकार का एसेट समझा जाए, इसे लेकर दोनों देशों में अलग-अलग प्रावधान हैं.
क्रिप्टो एसेट्स का वर्गीकरण
इस साल के बजट में भारत सरकार ने क्रिप्टो एसेट् को वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के तौर पर माना. हालांकि इन्हें एसेट्स माना गया है लेकिन वर्चुअल डिजिटल एसेट्स टैक्स के मामले में अन्य प्रकार के एसेट्स से अलग हैं. केंद्रीय बजट 2022 के मुताबिक वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से मुनाफे पर फ्लैट 30 फीसदी का टैक्स चुकाना होगा. वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी में क्रिप्टोकरेंसीज को कैपिटल एसेट्स माना जाता है. ऐसे में जब क्रिप्टोकरेंसी की बिक्री पर मुनाफा होता है तो इस पर लांग टर्म क्रिप्टो एसेट्स या शॉर्ट टर्म क्रिप्टो एसेट्स के आधार पर टैक्स चुकाना होता है. अमेरिकी कानून के मुताबिक एक साल से कम की एसेट होल्डिंग शॉर्ट टर्म है.
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नुकसान एडजस्ट करने का प्रावधान
भारत में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर एक्विजिशन कॉस्ट को छोड़कर डिडक्शन का फायदा नहीं मिलता है और अगर नुकसान हुआ है तो इसे सेट ऑफ या कैरी फारवर्ड नहीं कर सकते हैं. इसके अलावा अन्य प्रकार के कैपिटल एसेट्स (वर्चुअल डिजिटल एसेट्स को छोड़) की बिक्री पर नुकसान हुआ है तो कुछ शर्तों के साथ कैपिटल एसेट्स गेन के साथ सेट ऑफ किया जा सकता है और अगर नहीं कर पा रहे हैं तो इसे अगले आठ साल तक इसे कैपिटल गेन के साथ एडजस्ट कर सकते हैं. वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी इनकम टैक्स कानून के तहत क्रिप्टो एसेट्स में निवेश पर अगर नुकसान हआ है तो इसे आय के अन्य स्रोत से सेट ऑफ कर सकते हैं. अगर इस नुकसान को एडजस्ट नहीं कर पा रहे हैं तो इसे आगे निवेश से हुए मुनाफे से सेट ऑफ के लिए कैरी फारवर्ड भी कर सकेंगे.
गिफ्ट पर टैक्स
बजट 2022 में केंद्र सरकार ने एक सीमा से अधिक बिक्री वैल्यू के वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के ट्रांसफर पर 1 फीसदी टीडीएस का प्रावधान किया है. वहीं गिफ्ट में अगर क्रिप्टो मिलता है तो इस पर भी टैक्स चुकाना होगा, अगर इसकी फेयर मार्केट वैल्यू एक थ्रेसहोल्ड लिमिट के ऊपर होती है लेकिन रिश्तेदारों व खास मौके पर मिले गिफ्ट पर एग्जेम्प्शन मिलेगा. वहीं दूसरी तरफ अमेरिका की बात करें तो क्रिप्टो एसेट्स एसेट्स में पेमेंट पर कोई विदहोल्ड टैक्स नहीं है. इसके अलावा गिफ्ट मिलने पर कोई टैक्स नहीं देना होगा लेकिन अगर भविष्य में इसकी बिक्री करते हैं तो कैपिटल गेन्स टैक्स चुकाना होगा. हालांकि इसके लिए जरूरी है कि जिस शख्स ने क्रिप्टो गिफ्ट में दिया है, उसकी जानकारी सरकार को दे, अगर इसकी वैल्यू एक लिमिट के ऊपर है.
कारोबारी लेन-देन में प्रावधान
अगर किसी गुड्स या सर्विसेज के बदले में क्रिप्टो से भुगतान मिला है तो टैक्सपेयर को इस पर कैपिटल गेन टैक्स चुकाना होगा यानी कि शुरुआती खरीद भाव और मौजूदा भाव के अंतर पर. वहीं जिसे पेमेंट मिला है, उसे आय मानते हुए रेगुलर टैक्स रेट्स के हिसाब से टैक्स देना होगा. वहीं दूसरी तरफ भारत में बजट 2022 में सरकार ने इसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं किया है कि जब इसका इस्तेमाल करेंसी के तौर पर किया जाएगा तो कैसे टैक्स देनदारी बनेगी. यहां अभी ‘ट्रांसफर’ को लेकर स्पष्टता की जरूरत है.
क्रिप्टो के अन्य प्रयोग पर टैक्स प्रावधान
भारत में केंद्रीय बजट 2022 में स्टेकिंग, माइनिंग, लेंडिंग, बॉरोइंग, एयरड्रॉप्स, फोर्क्स, वॉलेट ट्रांसफर्स, पी2पी ट्रांसफर्स, गेमिंग, गिफ्टिंग, डोनेशंस इत्यादि से हुई आय को लेकर कोई प्रावधान नहीं तय किए हैं. वहीं अमेरिका में अगर आप माइनिंग, किसी गुड्स या सर्विसेज के प्रमोशन या पेमेंट के लिए क्रिप्टो पाते हैं तो इसे रेगुलर टैक्सेबल इनकम माना जाता है. इस पर जिस दिन इसे प्राप्त किया है, उस दिन के बाजार भाव पर अपने रेगुलर इनकम टैक्स रेट के हिसाब से टैक्स चुकाना होता है.
(Article: Archit Gupta, Founder and CEO, Clear (formerly ClearTax))