बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें

यदि आप निवेश करते हैं INR 5000 मासिक वार्षिक ब्याज दर के साथ5% जो हैकंपाउंडिंग त्रैमासिक, फिर 5 वर्षों के बाद आपकी कुल निवेशित राशि INR 3,00,000 तक बढ़ जाएगा INR 3,56,906। आपकी कुल कमाई होगी INR 56,906 औसत के साथINR 11,381 सालाना।
भारत में निवेश के ins और बहिष्कार
These articles, the information therein and their other contents are for information purposes only. All views and/or recommendations are those of the concerned author personally and made purely for information purposes. Nothing contained in the articles should be construed as business, legal, tax, accounting, investment or other advice or as an advertisement or promotion of any project or developer or locality. Housing.com does not offer any such advice. No warranties, guarantees, promises and/or representations of any kind, express or implied, are given as to (a) the nature, standard, quality, reliability, accuracy or otherwise of the information and views provided in (and other contents of) the articles or (b) the suitability, applicability or otherwise of such information, views, or other contents for any person’s circumstances.
Housing.com shall not be liable in any manner (whether in law, contract, tort, by negligence, products liability or otherwise) for any losses, injury or damage (whether direct or indirect, special, incidental or consequential) suffered by such person as a result of anyone applying the information (or any other contents) in these articles or making any investment decision on the basis of such information (or any such contents), or otherwise. The users should exercise due caution and/or seek independent advice before they make any decision or take any action on the basis of such information or other contents.
निवेश की मूल बातें
निवेश का अर्थ है अपने पैसे को किसी संपत्ति या ऐसी चीजों में लगाने की योजना जो आपको लगता है कि मूल्य में वृद्धि होगी या भविष्य में अच्छी वृद्धि होगी। निवेश करने के पीछे मुख्य विचार नियमित उत्पन्न करना हैआय या किसी विशिष्ट समयावधि में लौटता है। बहुत से लोग बचत को निवेश से भ्रमित करते हैं।
निवेश संपत्ति या रिटर्न हासिल करने का एक आक्रामक तरीका है, जबकि बचत का संबंध उस तरल धन से है जो आवश्यकता पड़ने पर उपलब्ध हो सकता है। स्टॉक्स जैसे कई निवेश के रास्ते हैं,बांड,म्यूचुअल फंड्स, सावधि जमा आदि। लेकिन, निवेश शुरू करने के लिए पहले बचत करनी होगी!
निवेश क्यों महत्वपूर्ण है?
यदि आप आर्थिक रूप से सुरक्षित रहना चाहते हैं, धन का निर्माण करना चाहते हैं, आपात स्थिति के लिए तैयार रहें, इस दौरान सुरक्षित रहेंमुद्रास्फीति या अपने से मिलोवित्तीय लक्ष्यों, तो आपको चाहिए- अभी निवेश करना शुरू करें! निवेश करने में न तो बहुत जल्दी है और न ही बहुत देर हो चुकी है। एक महत्वपूर्ण चीज जिसका आपको अभ्यास करना चाहिए, वह है अपने का मजबूत उत्पादक उपयोग करनाआय. समय के साथ आपका निवेश बढ़ता है और आपका पैसा भी। उदाहरण के लिए, का मान INR 500 अगले 5 वर्षों में समान नहीं होगा (यदि निवेश किया गया है!) और यह और बढ़ सकता है! इसलिए निवेश सभी के लिए बहुत जरूरी है।
जल्दी निवेश शुरू करें
पैसे का वांछित लक्ष्य पाने का सबसे अच्छा तरीका बचत करना है! याद रखें, अमीर होना यह नहीं है कि आप कितना पैसा कमाते हैं, बल्कि आप कितना पैसा बचाते हैं। बचत करने पर ही कोई निवेश शुरू कर सकता है। अपने इच्छित लक्ष्यों के करीब पहुंचने का एक तरीका चक्रवृद्धि ब्याज की शक्ति को समझना है। चक्रवृद्धि ब्याज का अर्थ उस ब्याज से है जिसकी गणना न केवल प्रारंभिक मूलधन पर की जाती है बल्कि पूर्व में संचित ब्याज पर भी की जाती है।
चक्रवृद्धि ब्याज का समीकरण P=C(1+r/n)nt है;
*P भविष्य का मूल्य है *C व्यक्तिगत जमा है *r ब्याज दर है *n प्रति वर्ष ब्याज दर के चक्रवृद्धि की संख्या है *t वर्षों की संख्या है
उदाहरण देकर स्पष्ट करने के लिए-
यदि आप निवेश करते हैं INR 5000 मासिक वार्षिक ब्याज दर के साथ5% जो हैकंपाउंडिंग त्रैमासिक, फिर 5 वर्षों के बाद आपकी कुल निवेशित राशि INR 3,00,000 तक बढ़ जाएगा INR 3,56,906। आपकी कुल कमाई होगी INR 56,906 औसत के साथINR 11,381 सालाना।
निवेश के प्रकार
दो अलग-अलग प्रकार के निवेश पारंपरिक और वैकल्पिक हैं। पारंपरिक निवेश निवेशकों के बीच लोकप्रिय हैं और अनिवार्य रूप से म्यूचुअल फंड, शेयर, बॉन्ड आदि जैसे उपकरणों के साथ किए जाते हैं। जबकि, वैकल्पिक निवेश कुछ भी है जो इक्विटी या निश्चित आय की मुख्यधारा की श्रेणियों में फिट नहीं होता है। सोने, हेज फंड आदि में वैकल्पिक निवेश किया जाता है, जिससे रिटर्न मिलने की भी उम्मीद होती है।
पारंपरिक निवेश
1. स्टॉक
शेयरों में निवेश या जिसे आमतौर पर इक्विटी के रूप में जाना जाता है, निवेश का सबसे सामान्य प्रकार है। स्टॉक्स कंपनियों में स्वामित्व का प्रतिनिधित्व करता है बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें और किसी कंपनी में शुरू या निवेश किए बिना व्यवसाय के मालिक होने का सबसे अच्छा तरीका माना जाता है। शेयरों में निवेश करने की योजना बना रहे निवेशकों को पहले इसकी प्रक्रिया को समझने की जरूरत है।
3. म्युचुअल फंड
म्यूच्यूअल फण्ड प्रतिभूतियों की खरीद के एक सामान्य उद्देश्य के साथ धन का एक सामूहिक पूल है।म्यूचुअल फंड में निवेश इक्विटी, ऋण और अन्य बाजारों के माध्यम से किया जा सकता है। ये विभिन्न हैंम्यूचुअल फंड के प्रकार वह एकइन्वेस्टर में निवेश कर सकते हैं। खुदरा निवेशकों के लिए, म्यूचुअल फंड में निवेश करना प्रतिभूति बाजारों में जोखिम लेने के सबसे आसान तरीकों में से एक है। कुछ प्रसिद्ध म्यूचुअल फंड में लोग निवेश करते हैं:
ए। बांड
एक बांड एक ऋण सुरक्षा है जहां बांड जारीकर्ता नियमित अंतराल पर धारक को ब्याज (या अधिक सामान्यतः "कूपन" कहा जाता है) का भुगतान करता है और परिपक्वता तिथि पर मूल राशि का भुगतान करता है। बांड खरीदार/धारक शुरू में जारीकर्ता से बांड खरीदने के लिए मूलधन का भुगतान करता है। सरकारी बॉन्ड, कॉरपोरेट बॉन्ड और टैक्स सेविंग बॉन्ड जैसे विभिन्न प्रकार के बॉन्ड होते हैं। कुछ केबेस्ट बॉन्ड फंड्स निवेश करने के लिए हैं:
How To Earn From Savings: सिर्फ पैसा बचाएं नहीं बल्कि उससे और धन भी कमाएं, ऐसे करें निवेश
पर्सनल फाइनेंस के बुनियादी सिद्धांतों में से एक होता है बचत करने की आदत डालना। यह किसी भी व्यक्ति के मुश्किल समय के लिए जरूरी होता है। मुश्किल समय में और खासकर कोविड-19 जैसी परिस्थितियों में कई लोगों के लिए सेविंग करना सबसे अहम हो जाता है।
Personal Finance: पर्सनल फाइनेंस के बुनियादी सिद्धांतों बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें में से एक होता है बचत करने की आदत डालना। यह किसी भी व्यक्ति के मुश्किल समय के लिए जरूरी होता है। मुश्किल समय में और खासकर कोविड-19 जैसी परिस्थितियों में कई लोगों के लिए सेविंग करना सबसे अहम हो जाता है। मौजादा समय में यह सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बन गया है। हालांकि, पैसे का एक और समान रूप से अहम पहलू है जो जीवन के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए जरूरी बन जाता है- निवेश। जिस प्रकार आपके लिए सेविंग जरूरी है, उसी प्रकार मजबूत वित्तीय स्थिति के लिए निवेश भी बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें आवश्यक है।
महंगाई दर को मात देने के लिए जरूरी है निवेश
जब आपको संकट की किसी परिस्थिति से निकलने के लिए अचानक वित्तीय सहायता की जरूरत पड़ती है तो उस वक्त आपकी बचत आपके काम आती है। वहीं, एक और चीज है जो लगातार लोगों की चिंता बढ़ाती रहती है और वह है- महंगाई। महंगाई रुपये की क्रय शक्ति को कम कर देती है और इसका पैसे की बढ़ोत्तरी पर विपरीत असर देखने को मिलता है। ऐसे में अगर आज आपके हर महीने का खर्च 30,000 रुपये है तो 5% की महंगाई दर के साथ 20 साल बाद वह 80,000 रुपये हो जाएगा।
ऐसे में केवल सेविंग करने और निवेश नहीं करने से आपको लंबी अवधि में परेशानी का बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें सामना करना पड़ेगा। दूसरी ओर, निवेश करने से आपकी धनराशि महंगाई दर के अनुपात में बढ़ेगी और यह सुनिश्चित होगा कि आपके पास खर्चे को पूरा करने के लिए जरूरी धनराशि हो। निवेश करते समय भी आपको इस बात पर ध्यान देकर महंगाई दर को मात देने वाले इंस्ट्रुमेंट्स में निवेश करना होगा। ऐसे वक्त में इक्विटी लंबी अवधि में महंगाई दर को मात देने वाला निवेश का माध्यम बनकर उभरता है। दूसरे शब्दों में कहें तो इक्विटी में निवेश आपको महंगाई दर से निपटने और उससे अधिक रिटर्न पाने में मदद करता है।
आप स्टॉक या म्युचुअल फंड के जरिए इक्विटी में निवेश कर सकते हैं। अगर आप इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि आप शेयर बाजार की उतार-चढ़ाव को ट्रैक कर सकते हैं और आप महज संख्या से इतर की चीजों को भी पढ़ सकते हैं, जिसके बाद आप सीधे शेयरों में निवेश कर सकते हैं। अगर ऐसा नहीं है तो म्युचुअल फंड बेहतर विकल्प है क्योंकि इसमें फंड मैनेजर के अनुभव से आपके निवेश का अच्छे से विविधीकरण हो पाता है और आपकी रकम बढ़ती है।
अपनी रकम को बढ़ने दीजिए
अगर आप पैसे को अपनी अलमारी या बचत खाते बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें में रखकर छोड़ देते हैं तो उससे वह नहीं बढ़ेगा। हालांकि, बचत खाते पर आपको ब्याज मिलता है लेकिन उसकी दर काफी कम होती है। दूसरी ओर, अलमारी में ऐसे ही पड़ा हुआ पैसा तो किसी भी तरह नहीं बढ़ता है। लेकिन अगर आप पैसों को निवेश करते हो तो चीजें अलग हो जाती हैं। अगर आप बैंक एफडी करते हैं या बाजार से जुड़े म्युचुअल फंड्स में निवेश करते हैं बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें तो समय के साथ आपके पास एक अच्छी रकम इकट्ठा हो जाती है। ऐसे में आपको समय के साथ अपनी रकम में वृद्धि के लिए धनराशि का निवेश करना होगा।
इससे यह सुनिश्चित होता है कि कार खरीदने, छुट्टी पर जाने, बच्चों की उच्च शिक्षा और रिटायरमेंट जैसे जीवन के विभिन्न लक्ष्यों को हासिल करने के लिए आपके पास पर्याप्त पैसे हों। निवेश करने से यह भी सुनिश्चित होता है कि फंड्स की कमी के कारण आपके लक्ष्य प्रभावित ना हों। यह आपके सपने को साकार करने के लिए लोन और अन्य वित्तीय माध्यमों पर आपकी निर्भरता कम कर देता है।
निष्कर्ष
भारतीय वित्तीय बाजारों में विभिन्न प्रोडक्ट्स में निवेश के काफी अवसर मौजूद हैं। वित्तीय आजादी के लिए अपने लक्ष्य और जोखिम लेने की क्षमता के हिसाब से निवेश कीजिए।
(यह लेखक राहुल जैन के निजी विचार हैं, जो एडलवाइस वेल्थ मैनेजमेंट के पर्सनल वेल्थ बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें विंग के अध्यक्ष और प्रमुख हैं।)
कमाई बढ़ाने और बचत करने के ये हैं टॉप 6 टिप्स, नए साल में कीजिए इन पर अमल
अपनी संपत्तियों (आमदनियों) और जिम्मेदारियों का लेखा-जोखा करें. आर्थिक मामलों की समीक्षा करें. यह जानने की कोशिश करें कि पैसा कैसे काम करता है.
बजट के हिसाब से चलेंगे तो आपको सभी खर्चे को पूरा करने का भरोसा रहेगा.
नया साल दस्तक देने लगा है और इस वर्ष के समाप्त होने के साथ हम नए वर्ष की तैयारी में लग गए हैं. हम खुद से कई वादे करेंगे, मसलन लाइफ स्टाइल में सेहत पर ज्यादा ध्यान देना, आर्थिक मामलों में अनुशासन और आर्थिक रूप से सेहतमंद रहने के लिए सही निवेश करना. दरअसल, हम हर वर्ष खुद से कई वादे करते हैं, पर अधिकांश लोग इन्हें निभाने में नाकाम रहते हैं. आज हमें यह समझना होगा कि सेहतमंद और सुखी रहना है तो निजी अर्थव्यवस्था का सही नियोजन अनिवार्य है. इसके लिए आपको आर्थिक मामलों में कुछ ठोस निर्णय लेने होंगे जो आपको अपने आर्थिक लक्ष्यों के पास ले जाएंगे.
यह रिटायरमेंट के बाद सुखी जीवन के लिए या घर खरीदने के लिए डाउनपेमेंट देने के लिए बचत या फिर आर्थिक रूप से सुरक्षित भविष्य के लिए बचत करना हो सकता है. अवीवा लाइफ इंश्योरेंस की मुख्य ग्राहक, विपणन और डिजिटल अधिकारी अंजलि मल्होत्रा ने 6 सुझाव दिए हैं, जिस पर अमल कर आप आर्थिक रूप से खुशहाल हो सकते हैं.
आर्थिक मामलों पर पुनर्विचार करें और निजी लक्ष्य तय करें
अपनी संपत्तियों (आमदनियों) और जिम्मेदारियों का लेखा-जोखा करें. आर्थिक मामलों की समीक्षा करें. यह जानने की कोशिश करें कि पैसा कैसे काम करता है. उदाहरण के लिए यदि आप क्रेडिट कार्ड का खर्च कम कर देते हैं तो आपकी देनदारी कम हो जाएगी. इसलिए कि कई लोग इससे आवेग में आकर अनावश्यक खरीदारी कर लेते हैं. ऐसी खरीदारी नहीं करने का अर्थ ज्यादा बचत होना है. यह सोचना जरूरी है कि आप किन उद्देश्यों से बचत करना चाहेंगे (बच्चों की शिक्षा, नया घर, कार, ड्रीम हॉलिडे, आदि) और यह भी विचार करें कि कितने समय तक बचत करने से आपके ऐसे लक्ष्य पूरे हो जाएंगे.
बजट बनाने की आदत डालें
अगले वर्ष के लिए बजट बनाने का इससे बेहतर समय नहीं मिलेगा. पर आम तौर पर होता यह है कि आपका बजट तो बिल्कुल तैयार होता है, पर आप इसके हिसाब से चलने में चूक कर देते हैं. बजट के हिसाब से चलेंगे तो न केवल आपके सभी खर्चे को पूरा करने का भरोसा रहेगा, बल्कि आपके आर्थिक लक्ष्य भी पूरे हो जाएंगे. ध्यान रखें, यदि किसी चीज की इच्छा से आपका मन मचल जाता है तो आप कर्ज में पड़ सकते हैं और आमद में भी रुकावट आ सकती है.
परिवार से सलाह-मशवरे के बाद करें निर्णय
बच्चों को भी बचत के लाभ बताएं और फिजूलखर्ची से बचने की सलाह दें. उन्हें आर्थिक मामलों की बुनियादी बातें बता कर आप परिवार बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें के आर्थिक लक्ष्यों को आसानी से पूरा कर पाएंगे. घर का बजट आपस में मिल कर बनाएं ताकि सभी बचत और खर्च करने में भागीदारी करें और जिम्मेदारी बराबर बंट जाए.
सेहत के नाम पर बचत की शुरुआत करें
अच्छी सेहत के लिए स्वास्थ्य योजना बनाने में तत्परता दिखाएं. संपूर्ण स्वास्थ्य बीमा लेना बेहतर है, क्योंकि आप जानते हैं कि इलाज कितना महंगा हो रहा है और कैसे चिकित्सा बीमा, खास कर मेडिकल इमरजेंसी में आपकी मदद करता है. इलाज के भारी खर्च से परिवार को आर्थिक संकट में जाने से बचाने के लिए बीमा में निवेश एक शानदार बचत है.
बच्चों के भविष्य की योजना बनाएं
अवीवा के एक सर्वे में पाया गया कि अधिकांश भारतीय माता-पिता के लिए उनके बच्चे की शिक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता है. हालांकि इसके लिए अधिकांश लोगों में सही योजना का अभाव देखा गया है. इसलिए बच्चों की उच्च शिक्षा पर खर्च करते हुए वे कर्ज में डूब जाते हैं.
अपनों का भविष्य सुरक्षित कर दें
जीवन बीमा का आपके आर्थिक नियोजन में बुनियादी महत्व है. इसलिए यह ध्यान रखना होगा कि आपके पास पर्याप्त बीमा हो और आपके परिवार का आर्थिक भविष्य सुरक्षित हो. यह सोच कर योजना बनाएं कि जिसकी आमदनी से परिवार चलता है उसके गुजरने के बावजूद परिवार का वही जीवन स्तर बरकरार रखने के लिए कितनी रकम चाहिए. बाजार में पर्याप्त बीमा योजनाओं के कई विकल्प मौजूद हैं. आप सही सलाह लेकर सही चुनाव कर सकते हैं.