स्टॉप लॉस क्या होता है

यदि हम किसी कंपनी के शेयर को 100 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से इस स्टॉप लॉस क्या होता है उम्मीद में खरीदते हैं कि इसकी प्राइस मार्केट में कभी तो 120 रुपये हो जाएगी और यह अच्छा-खासा रिटर्न देगी।
स्टॉप लॉस क्या होता है
स्टॉप लॉस आर्डर आप की मदद करता है जब भी आप को लगे की आपने जो आर्डर प्लेस किया है (चाहे वो खरीद का हो या बेचने का हो) वो आपके खिलाफ जा सकता है और आपके नुक्सान को कम करने में आपकी मदद करता है। उदहारण के तौर पे - अगर आपने Rs 100/- का कोई स्टॉक खरीदा है और आप ज़्यादा से ज़्यादा Rs 5/- का नुक्सान उठा सकते है तो आपको अपना स्टॉक को Rs 95/- में बेचने के लिए आर्डर प्लेस करना होगा। इस तरह के आर्डर को स्टॉप लॉस आर्डर कहते है क्योंकि आप आपने नुकसान को उतना ही लिमिट कर रहे हैं जितना की आप सह सकते है।
दो तरह के स्टॉप लॉस आर्डर होते है:
1. SL आर्डर (स्टॉप -लॉस लिमिट) = प्राइस + ट्रिगर प्राइस
2. SL-M आर्डर (स्टॉप -लॉस मार्किट) = सिर्फ ट्रिगर प्राइस
केस 1 > अगर आप ने बाय पोजीशन लिया है तो, आप सेल SL प्लेस करना होगा
केस 2 > अगर आप ने सेल पोजीशन लिया है तो, आप बाय SL प्लेस करना होगा
Stop Loss Kaise Lagaye
ऐसे ट्रेडर जो स्टॉक मार्केट में ट्रेड की शुरुआत करने जा रहे हैं और उनके पास मार्केट के ट्रेंड को समझने का अनुभव नहीं है तो ट्रेडर के मन में नुकसान का डर सबसे ज्याादा होता है।
यह डर कभी-कभी इतना ज्यादा होता है कि लोग अपने ट्रेंडिंग के इरादों को भी बदल देते हैं। ऐसे ट्रेडर के लिए स्टॉप लॉस एक सहारे की तरह है जिससे वे अपने हिसाब से अपने लॉस को तय कर सकते हैं और प्रॉफिट को लॉक कर सकते हैं।
आइये जानते है कुछ ऐसे स्ट्रेटेजी जो आपको इंट्राडे ट्रेडिंग में सही ट्रिगर प्राइस सेट करने में मदद करती है ।
Best Stop Loss Strategy in Hindi
Stop loss के बारे में अच्छी तरह समझने के बाद सवाल उठता है कि आखिर किस प्राइस पर Stop loss लगाया जाए, क्या इसके लिए कोई नियम है?
इन सवालों के जवाब के साथ ही आप Stop loss को लेकर एक अच्छी रणनीति तैयार कर सकते हैं। शेयर मार्केट का गणित का सही उपयोग कर आप स्टॉप लॉस की जानकारी प्राप्त कर सकते है।
स्टॉप लॉस के फायदे
Stop loss लगाने के लिए ट्रेडर को अलग से कोई राशि नहीं देनी पड़ती है। इस तरह से देखा जाए तो ट्रेडर के लिए यह एक फ्री इंश्योरेंस पॉलिसी की तरह है जो केवल फायदा ही पहुंचा सकती है नुकसान नहीं।
नए ट्रेडर को ट्रेड करने के लिए प्रोत्साहित करती है। नए ट्रेडर के सामने सबसे बड़ी चुनौती और मार्केट में उतरने का डर होता है कि कही वो अपने पैसे न गंवा दें। इसलिए Stop loss जोखिम को कम कर ट्रेडर का मार्केट में उतरने के निर्णय में मदद करता है।
ये आपके मार्केट संबंधी भ्रांतियों को दूर कर एक विश्वास प्रदान करता है। यदि कोई ट्रेडर अपनी उम्मीद के मुताबिक ही मार्केट में जोखिम उठाता है तो मार्केट के प्रति उसका विश्वास बढ़ता है।
स्टॉप लॉस के नुकसान
Stop loss के सबसे बड़े नुकसानों में से एक की बात करें तो मार्केट में आई कुछ समय की अस्थिरता पर भी यह सक्रिय हो जाते हैं क्योंकि हो सकता है कुछ समय अंतराल के बाद मार्केट में फिर से तेजी आ जाए।
ऐसे में ट्रेडर ज्यादा रिटर्न पाने की संभावना से वंचित रह जाता है। इसे एक उदाहरण से समझने की कोशिश करते हैं। मान लिया किसी ट्रेडर ने 120 में शेयर खरीदे और 108 का स्टॉप लॉस लगाया।
अब यदि मार्केट कुछ समय के लिए भी नीचे आया तो शेयर 108 में सेल हो जाएगा जबकि यह शेयर ट्रेडर को और भी ज्यादा बड़ा रिटर्न दे सकता था।
स्टॉप लॉस लगाने के लिए कोई स्थायी नियम नहीं है। अलग-अलग ट्रेडर अपने हिसाब से इसका उपयोग कर सकते हैं। एक और नुकसान की बात करें तो मार्केट ट्रेंड के हिसाब से स्टॉप लॉस में बदलाव नहीं किया जा सकता है।
निष्कर्ष
नए ट्रेडर के लिए Stop loss एक इंश्योरेंस की तरह तो है जो उनके जोखिम को खत्म कर उनके पैसे खोने के डर को खत्म करता है लेकिन लेकिन कभी-कभी यह नुकसान भी पहुंचाता है।
ऑर्डर बुक और बाजार की गहराई को समझना
एक ऑर्डर बुक मूल्य स्तर द्वारा व्यवस्थित एक विशिष्ट असेट के लिए ऑर्डर खरीदने और बेचने की इलेक्ट्रॉनिक सूची है। ऑर्डर बुक के माध्यम से खरीदारों और विक्रेताओं के हितों का प्रतिनिधित्व किया जाता है। एक ऑर्डर बुक रीयल टाइम में किसी विशिष्ट असेट के लिए बकाया ऑर्डर की सूची को दर्शाते हुए खरीदारों और विक्रेताओं के बीच गतिशील संबंध को दर्शाती है।
प्रत्येक मूल्य बिंदु पर बोली लगाने या पेश किए जाने वाले ऑर्डरों की मात्रा, जिसे बाजार की गहराई के रूप में भी जाना जाता है, एक ऑर्डर बुक में सूचीबद्ध होती है। वे महत्वपूर्ण व्यापारिक जानकारी प्रदान करते हैं, जिससे बाजार में पारदर्शिता बढ़ती है। ऑर्डर बुक की गहनता और तरलता मूल्य की खोज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
ऑर्डर बुक कैसे काम करता है?
लगभग हर विनिमय विभिन्न असेट जैसे कि इक्विटी, बॉन्ड, मुद्राओं और यहां तक कि बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी) के लिए ऑर्डर करने के लिए ऑर्डर बुक का उपयोग करते हैं। खरीदने और बेचने की जानकारी स्क्रीन के ऊपर और नीचे या बाईं और दाईं ओर दिखाई दे सकती है।
ऑर्डर बुक को पूरे दिन वास्तविक समय में लगातार अपडेट किया जाता है, जिसका अर्थ है कि वे गतिशील हैं और बाजार सहभागियों के वास्तविक समय को दर्शाते हैं।
- खरीद ऑर्डर में खरीदार की जानकारी होती है, साथ ही सभी बोलियों सहित, वह राशि होती है जो वे खरीदना चाहते हैं।
- बिक्री ऑर्डर में विक्रेता की जानकारी होती है, साथ ही सभी प्रस्तावों सहित, वह राशि होती है जो वे बेचना चाहते हैं।
- प्रत्येक मूल्य स्तर दिए गए ऑर्डर (आकार) की मात्रा दिखाएगा जो प्रतिभागी असेट खरीदने या बेचने के इच्छुक हैं।
- उच्चतम बोली और न्यूनतम पूछ मूल्य पुस्तक के शीर्ष पर मिलेंगे। बायनेन्स ऑर्डर बुक बुक के शीर्ष तक बाजार के प्रत्येक पक्ष (खरीद / बिक्री) के लिए तरलता का संचयी आकार दिखाती है।
क्या है Stop Loss और Target Price?
Stop Loss का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है ताकि शेयर बाजार स्टॉप लॉस क्या होता है के उतार-चढ़ाव के दौर में आप नुकसान से बच सकें
इसका मतलब यह है कि आपने 100 रुपये की कीमत पर ए के शेयर को 120 रुपये के Target Price के साथ खरीदा है. आप 120 रुपये की कीमत पर पहुंचने पर इस शेयर को बेचकर मुनाफा हासिल कर सकते हैं.
इस शेयर में किसी वजह से गिरावट भी आ सकती है. इसकी कीमत 100 रुपये से कम होने पर आपको नुकसान उठाना पड़ेगा. नुकसान से बचने के लिए आपको स्टॉप लॉस (Stop Loss) लगाने की सलाह दी जाती है.
प्राइस Volatility पर आधारित stop loss
प्राइस वोलैटिलिटी बेस्ड स्टॉप लॉस का अर्थ है, स्टॉक्स की कीमत में उतार-चढ़ाव, ज्यादा वोलैटिलिटी की वजह से ट्रेडिंग करने में बहुुत ज्यादा जोखिम होता है। एक्टिव ट्रेडर्स इसलिए सरवाइव कर पाते हैं क्योंकि वह initial stop loss यूज करते हैं।अपने प्रॉफिट को लॉक करने के लिए trailing stop loss भी लगाते हैं।
प्राइस वोलैटिलिटी बेस स्टॉप लॉस लगाने के लिए Volatility stop indicator tool का उपयोग करके स्टॉप लॉस लगा सकते हैं।
इस तरह VOLATILITY STOP का यूज करके ट्रेडिंग के दौरान stop loss लगा सकते हैं। इसमें डाउनट्रेंड के लिए प्राइस बार के ऊपर लाल डॉट्स बनी होती है तथा प्राइस बार के नीचे हरी डॉट्स अपट्रेंड के लिए बनी होती हैँ। लाल तथा हरे रंग डॉट्सके आधार पर स्टॉप लॉस लगाया जाता है।
सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस पर आधारित stop loss
स्टॉप लॉस चार्ट के आधार पर भी लगाया जा सकता है। चार्ट पर प्राइस एक्शन पर गौर करने पर आप देखेगें कि प्राइस एक निश्चित लेवल के ऊपर तथा नीचे नहीं जा पाते। इस लेवल को सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस लेवल कहते हैं। प्राइस निश्चित support & resistance level को बार-बार रीटेस्ट करते है तथा पोटेंशियली होल्ड करते हैं।
आपको इन्हीं S&R के पीछे stop loss लगाना चाहिए। यानि आप किसी शेयर को long (खरीदना) रहे हैं तो हमे उसके सपोर्ट एरिया के नीचे स्टॉप लॉस लगाना चाहिए तथा यदि हम sell (short sell) कर रहें हैं तो स्टॉप लॉस resistance area के ऊपर लगाना चाहिए। सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल क्या हैं, इन्हें चार्ट पर कैसे यूज़ करें?
टाइम लिमिट पर आधारित स्टॉप लॉस
टाइम लिमिट पर आधारित stop loss को तब लगाया जाता है। जब ट्रेड को पूर्वनिर्धारित समय तक होल्ड किया जाता है जैसे- इंट्राडे, एक सप्ताह इत्यादि। उदाहरण स्वरू- जैसे कि आप एक इंट्राडे ट्रेडर हैं तथा आपने एक लॉन्ग ट्रेड लिया हुआ है। लेकिन उसमे ना तो टार्गेट अचीवे हो रहा है और ना ही stop loss हिट हो रहा है।
अब स्टॉप लॉस क्या होता है आपको यह लग रहा है कि इस ट्रेड में पैसे को क्यों लॉक रखा जाय। इसी पैसे का हम दूसरी जगह उपयोग कर सकते हैं। तो आप उस ट्रेड को बंद कर देते हैं। इसका दूसरा उदाहरण- जैसे कि कोई swing trader है तथा वह फ्राइडे को अपनी पोजीशन को बंद कर देता है। क्योंकि वो weekend event risk से बचना चाहता है तब वह टाइम लिमिट बेस्ड stop loss लगाया जाता है।
Stop Loss लगाते वक्त होने वाली गलतियाँ :
स्टॉप लॉस लगाते वक्त निम्नलिखित गलतियों से बचना चाहिए-
1.स्टॉप लॉस टाइट होना चाहिए लेकिन इतना भी टाइट नहीं होना कि सामान्य सी वोलेटिलिटी के कारण ही टूट जाय। जैसे किसी शेयर का प्राइस 150 रूपये है और आपने 149.90 पर स्टॉप लॉस लगाया है। किसी भी स्टॉक का प्राइस निश्चित दिशा में घूमने पहले एंट्री पॉइंट के आस-पास (ऊपर-नीचे) घूमता है। उसके बाद उसे जिस दिशा होता है, उस दिशा में घूमता है। बिग बुल हर्षद मेहता ने शेयर मार्केट स्कैम 1992 कैसे किया?
2. Position size के आधार पर stop loss लगाना अच्छा नहीं माना, मार्केट की मूवमेंट के आधार पर स्टॉप लॉस लगाना अच्छा माना जाता है। वैसे हमे अपनी पोजीशन को भी नहीं भूलना चाहिए। हमे अपनी पोजीशन को केलकुलेट करने से पहले स्टॉप लॉस सेट कर लेना चाहिए।
यदि आप शेयर मार्केट में नुकसान स्टॉप लॉस क्या होता है नहीं उठाना चाहते तो आपको बेंजामिन ग्राहम द्वारा लिखित बुक 'द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर बुक (हिंदी) को एक बार जरूर पढ़ना चाहिए। इस बुक को शेयर मार्केट की बाइबिल भी कहा जाता है। The intelligent investors book को आप इस लिंक https://amzn.to/3H6q0Dj पर क्लिक करके बहुत आसानी से खरीद सकते हैं।