पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है?

शिक्षा में पोर्टफोलियो क्या है?
इसे सुनेंरोकेंएक पोर्टफोलियो मूल्यांकन छात्र कार्यों का एक संग्रह है जो उन मानकों से जुड़ा होता है जिन्हें आप सीखना आवश्यक हैं। काम का यह संग्रह अक्सर यह दर्शाने के लिए एक लंबी अवधि में इकट्ठा किया जाता है कि आपने जो कुछ भी सीखा है, उसे क्या सिखाया गया है।
ई पोर्टफोलियो क्या प्रस्तुत करता है?
इसे सुनेंरोकेंई-पोर्टफोलियो को एक प्रकार के सीखने के रिकॉर्ड के रूप में माना जा सकता है जो उपलब्धि का वास्तविक प्रमाण प्रदान करता है। सीखने के रिकॉर्ड सीखने की योजना से निकटता से संबंधित हैं , एक उभरता हुआ उपकरण जिसका उपयोग व्यक्ति, टीम, रुचि के समुदाय और संगठन सीखने के प्रबंधन के लिए करते हैं।
पोर्टफोलियो के निर्माण के लिए चरण क्या है?
इसे सुनेंरोकेंऐसे कई पोर्टफोलियो को निम्नलिखित चित्र द्वारा दिखलाया गया हैः . पोर्टफोलियो के उद्देश्य का निर्धारण। प्रतिभूतियों का चुनाव किया जाता है। पुनः इसके बाद प्रतिभूतियों के जोखिम एवं प्रत्याय तत्वों का अध्ययन किया जाना चाहिए।
पोर्टफोलियो का निर्माण कैसे होता है?
इसे सुनेंरोकेंआप भी कई अलग-अलग निवेश विकल्पों से चुनकर एक आदर्श निवेश पोर्टफोलियो बना सकते हैं। एक पोर्टफोलियो का निर्माण करते समय निवेश विकल्पों के रिटर्न के अलावा रिस्क, लिक्विडिटी और अस्थिरता जैसे अन्य कारकों पर भी समान रूप से विचार करना चाहिए। पोर्टफोलियो का निर्माण करते समय आपके निवेश सीमा पर भी ध्यान देना चाहिए
पोर्टफोलियो का क्या अर्थ होता है?
इसे सुनेंरोकेंवित्त में, पोर्टफोलियो किसी संस्था या व्यक्ति द्वारा किये गए निवेशों का एक उचित संयोजन या संग्रह होता है।
पोर्टफोलियो कितने प्रकार के होते हैं?
पोर्टफोलियो कितने प्रकार के होते हैं?
- एग्रेसिव पोर्टफोलियो: एक आक्रामक पोर्टफोलियो, जैसा कि नाम से पता चलता है, सामान्य प्रकार के पोर्टफोलियो में से एक है जो उच्च रिटर्न की तलाश में अधिक जोखिम लेता है।
- रक्षात्मक पोर्टफोलियो (Defensive Portfolio): एक रक्षात्मक पोर्टफोलियो वह स्टॉक होता है जिसमें उच्च बीटा नहीं होता है।
हिंदी में पोर्टफोलियो क्या है?
E portfolio योग्यता क्या है?
इसे सुनेंरोकेंई-पोर्टफोलियो मैनेजमेंट भी एक नया कोर्स है और अब भारत में भी हॉट करियर ऑप्शन बन रहा है। ई-पोर्टफोलियो किसी व्यक्ति, कंपनी या किसी अन्य का डॉक्यूमेंट्स, इन्फॉरमेशंस, लिंक सोर्सेज, आडियो और वीडियो क्लिप्स का वेब-पब्लिश्ड कलेक्शन है, जिसमें उसके बारे में विस्तार से वर्णन होता है
आप पोर्टफोलियो से क्या मतलब है पोर्टफोलियो प्रबंधन की प्रक्रिया में शामिल कदम की व्याख्या?
इसे सुनेंरोकेंपीएमएस में पोर्टफोलियो मैनेजर अपने ग्राहक की जरूरत के हिसाब से फंड का प्रबंधन करते हैं. पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस (PMS) सेबी से पंजीकृत एक पेशेवर सेवा है. इसके तहत ग्राहकों को इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट और फंड एडमिनिस्ट्रेशन जैसी सेवाएं मिलती हैं. निवेशक अपनी संपत्ति बढ़ाने के लिए पीएमएस सेवाएं लेते हैं
पोर्टफोलियो प्रबंधन क्या है?
इसे सुनेंरोकेंपोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाएं (Portfolio Management Services) आमतौर पर ग्राहकों के एक विशेष समूह को प्रदान किए जाते हैं, जहां उन्हें विभिन्न प्रोडक्ट्स में निवेश करने के लिए अनुभवी और व्यक्तिगत दृष्टिकोण प्रदान किया जाता है।
पोर्टफोलियो गतिविधि क्या है?
इसे सुनेंरोकेंकिसी भी कक्षा की विज्ञान की पुस्तक से किसी एक पाठ का चयन करते हुए गतिविधि निर्मित करें जिसमें बच्चे मन से सम्मिलित हो प्लान करें। किसी कक्षा के किसी पाठ का विज्ञान पुस्तक से चयन करें। टास्क को पूरा करने के लिए दिए गए टेम्पलेट का उपयोग करें।
पोर्टफोलियो प्रणाली 1861 क्या है?
इसे सुनेंरोकेंलॉर्ड कैनिंग के द्वारा 1859 में प्रारम्भ की गयी पोर्टफोलियो प्रणाली को भी मान्यता दी। पोर्टफोलियो प्रणाली- इसके अंतर्गत वायसराय की परिषद का एक सदस्य, एक या अधिक सरकारी पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है? विभागों का प्रभारी बनाया जा सकता था तथा उसे इस विभाग में काउंसिल की तरफ से अंतिम आदेश पारित करने का अधिकार था
Mideast Portfolio Management Ltd (MEPM)
मिडईस्ट पोर्टफोलियो मैनेजमेंट शेयर (MEPM शेयर) (ISIN: INE033E01015) के बारे में। आप इस पृष्ठ के अनुभागों में से किसी एक में जा कर ऐतिहासिक डेटा, चार्ट्स, तकनीकी विश्लेषण तथा अन्य के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
मिडईस्ट पोर्टफोलियो मैनेजमेंट बीओ कंपनी प्रोफाइल
मिडईस्ट पोर्टफोलियो मैनेजमेंट बीओ कंपनी प्रोफाइल
- प्रकार : इक्विटी
- बाज़ार : भारत
- आईसआईन : INE033E01015
- एस/न : MIDEASTP
Mid East Portfolio Management Limited provides investment services in India. The company offers corporate advisory, loan syndication, debt placement, portfolio management, and finance services; and arranges external commercial borrowings. It also provides IPOs; stock broking/online trading facilities demat; and life, general, travel, and health insurance products and services. In addition, the company invests in mutual funds, as well as saving schemes and NRI Bonds, such as RIB and India Millennium Development Bonds of Government of India. Mid East Portfolio Management Limited was founded in 1985 and is based in Mumbai, India.
आय विवरण
तकनीकी सारांश
ट्रेंडिंग शेयर
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Portfolio meaning in Hindi | शेयर निवेश में पोर्टफोलियो क्या है
portfolio meaning in Hindi: वेसे तो portfolio के कई अर्थ होते है जैसे की, खुले पत्र, जुज्दान, बस्ता, संविभाग, विभाग, पेटिका, निवेश सूची, फोटो का आल्बम| लेकिन इसमें से आज हम “निवेश सूची” जो की शेयर मार्किट से सम्बंधित है उस पर चर्चा करेंगे|
शेयर बाजार में निवेश के लिया portfolio का होना काफी आवश्यक है|
पोर्टफोलियो क्या है | Portfolio meaning in Hindi
शेयर मार्किट के परिपेक्ष्य में पोर्टफोलियो को “निवेश सूचि” के रूप में जाना जाता है| जिसमे निवेशको के रूचि के आधार पर अलग अलग शेयर समूह शामिल किया गया होता है जिसे वह इच्छित धन लाभ कर सके| पोर्टफोलियो में निवेशको ने अपने ध्येय(Goal) के आधार पर कुछ ऐसे शेयर को पसंद किया होता है जो उसे इस ध्येय को प्राप्त कराने में मदद कर सके|
Example of Portfolio meaning in Hindi
राहुल जो की एक निवेशक है जिसे शेयर में 100000(एक लाख रुपये) निवेश करना है| अब वह शेयर की ऐसी लिस्ट बनाएगा जिसमे वह इस रुपये के निवेश से चार से पांच कंपनी के शेयर को खरीदे| और इस तरह के लिस्ट से वह अपने ध्येय को पूर्ण कर सके| यह लिस्ट को शेयर बाजार में पोर्टफोलियो कहा जाता है| पोर्टफोलियो के कई तरह से शेयर बाजार में उपयोगी होता है जिसे हम आगे के लेख में पढेगे|
पोर्टफोलियो कैसे बनाया जाता है | Portfolio management meaning in hindi
पोर्टफोलियो को बनाने के लिए कई तरह के फैक्टर को ध्यानपूर्वक देखना पड़ता है जिसे portfolio management कहा जाता है| portfolio management में निचे दिए गए फैक्टर को ध्यान में रखना चाहिए|
- निवेश की राशी(Investment Ammount ),
- निवेश रिस्क(investment Risk),
- निवेश का समय(Time of Investing),
- ध्येय (Goal),
- पोर्टफोलियो में बदलाव(Change in portfolio management)
- संतुलन(Balance)
- यह भी पढ़े: PB ratio क्या है जाने हिंदी में
निवेश सूचि बनाने के कारक (Important Factor of Portfolio in Hindi)
निवेश की राशी(Investment Ammount): इसे फ्यूचर के शेयर मार्किट के आधार पर तय करना चाहिए| कभी कभी ऐसा बड़े पोर्टफोलियो के बाद निवेश करने के अच्छे आप्शन होते है लेकिन पैसे की कमी हो सकती है| इस लिए जब भी किसी पोर्टफोलियो को बनाए तो उसमे निवेश की राशी को अच्छे से तय करे|
निवेश रिस्क(investment Risk): portfolio management का सबसे महत्वपूर्ण फैक्टर है| पोर्टफोलियो में शेयर की जो लिस्टिंग होती है उसमे इस तरह के शेयर को शामिल करने चाहिए जिसे निवेश रिस्क(investment Risk) को कम से कम किया जा सके| रिस्क को कम करने के लिए portfolio management में शेयर की पसंदगी में बहोत तरह के वेरिएशन रखने पड़ते है| यह वेरिएशन बड़े नुकशान से बचाते है और अधिक मुनाफा भी देने में समर्थ होते है|
ध्येय (Goal): एक अच्छा पोर्टफोलियो मैनेजमेंट तब कहलाया जाता है जब वह अपने ध्येय को पूर्ण कर सके| निवेश और रिस्क दोनों पोर्टफोलियो के ध्येय के आधार पर तय होते है|
निवेश का समय(Time of Investing) और बदलाव: निवेश सूची बनाने के बाद यह भी तय करना काफी आवश्यक है की इसे कितने लम्बे समय तक रखना है| कभी कभी ऐसा भी हो सकता है की अधिक लाभ न देने वाले शेयर में लम्बे समय का पोर्टफोलियो अच्छे लाभ देने वाले दुसरे शेयर से अलग कर सकता है| इस लिए समय का ध्यान रखना काफी आवश्यक है|
समय पर पोर्टफोलियो में बदलाव भी करना आवश्यक है | अगर आप शेयर में निवेश करते समय तेजी के दौरान पोर्टफोलियो में इक्विटी के शेयर में कमी करनी चाहिए जब की मार्केट में मंदी चल रही हो तब इक्विटी को बढ़ाना चाहिए|
संतुलन(Balance): पोर्टफोलियो में संतुलन होना आवश्यक है| संतुलन बनाने के लिए निवेश के सेक्टर को पसंद करने में काफी ध्यान रखना चाहिए| अगर पोर्टफोलियो किसी एक सेक्टर पर केन्द्रित हो तब एक साथ सभी में नुकशान होने की संभावना होती है| इस लिए संतुलन काफी महत्व पूर्ण है|
पोर्टफोलियो के प्रकार | Types of Portfolio in Hindi
कई प्रकार के पोर्टफोलियो शेयर मार्किट में होते है| जो की पोर्टफोलियो में संतुलन देने, अधिक मुनाफा प्रदान करने, और जोखिमो को कम करने के लिए बनाए गए है| हमने निचे कुछ पोर्टफोलियो के प्रकार (Types of Portfolio in Hindi) दिए है|
Dividend पर आधारित : इस तरह के निवेश सूचि में ऐसे शेयर की पसंदगी करनी होती है जो नियमित रूप से Dividend को प्रधान करती हो|
सामान निवेश पर आधारित : इस तरह के पोर्टफोलियो में सभी शेयर के बिच पैसे को सामान रुप से निवेश करने होते है|
जोखिमों पर आधारित: इस तरह की निवेश सूचि अधिक जोखिम और कम जोखिम के आधार पर होती है|
पूंजीकरण पर आधारित: मार्केट कैपिटल सबसे बड़ा फैक्टर होता है इस तरह के निवेश पोर्टफोलियो में|
मध्यस्थता मूल्य निर्धारण सिद्धांत पर आधारित: Arbitrage pricing theory जो की अल्प समय में कम जोखिम पर अधिक मुनाफा दे ऐसे शेयर की पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है? पसंदगी करने के लिए है| इस तरह से इस पोर्टफोलियो को बनाया जाता है|
- यह भी पढ़े: short selling क्या है जाने hindi में
पोर्टफोलियो बनाके इन्वेस्ट करने के लाभ (benefit of portfolio investment meaning in hindi)
किसी भी वस्तु को एक व्यवस्थित रूप से करने से इसके अच्छे लाभ प्राप्त किये जा सकते है| शेयर मार्किट में पोर्टफोलियो निवेश( portfolio investment meaning in hindi) का मतलब है की निवेश से पहले एक सु-व्यवस्थित सूचि को तैयार करना जो सबसे अधिक लाभ दे सके|
पोर्टफोलियो निवेश (portfolio investment) के कई लाभ है| जिसमे से मुख्य तिन को हम यहाँ दे रहे है|
- इससे निवेश की राशी(investment) को अच्छे से विभाजित(Devide) और विविधिकरण(DIVERSIFICATION)किया जा सकता है
- इससे कम निवेश में अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है|
- पोर्टफोलियो बनाने के बाद निवेश करने से जोखिम को कम किया जा सकता है|
हमें आशा है की आपको portfolio meaning in Hindi के बारे में अच्छी इनफार्मेशन मिली होगी| इस लेख में हमने इसके साथ portfolio management meaning in hindi और portfolio investment meaning in hindi के लाभ का भी विशेष वर्णन किया है|
अगर आपको हामारे द्वारा दी गयी यह इनफार्मेशन meaning of portfolio in Hindi पसंद आयी है तो इसे अधिक से अधिक लोगो के साथ शेयर करे| धन्यवाद|
निवेश से ज्यादा मुनाफा कमाने और रिस्क को कम करने में मददगार है पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन, यह चेकलिस्ट कर सकता है आपकी मदद
Investment Portfolio Diversification पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन निवेश में उपयोग की जाने वाली रिस्क मैनेजमेंट (Risk Management) की एक रणनीति है जो आपको अपने फंड को कई प्रकार की संपत्ति में आवंटित करके जोखिम को कम करने में मदद करती है
नई दिल्ली, वैभव अग्रवाल। शेयर बाजार की अस्थिर प्रकृति निवेश को एक जोखिम भरा मामला बनाती है, और इसकी महत्वपूर्ण काउंटरबॅलेन्स स्ट्रैटेजी में से एक है पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन। क्या आपका पोर्टफोलियो डायवर्सिफाइड है? तो, ये रही आपकी गो-टू चेकलिस्ट!
पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन क्या है?
पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन निवेश में उपयोग की जाने वाली रिस्क मैनेजमेंट की एक रणनीति है, जो आपको अपने फंड को कई प्रकार की संपत्ति में आवंटित करके जोखिम को कम करने में मदद करती है। यह सुनिश्चित करता है कि आपकी संपत्ति उच्च जोखिम के संपर्क में न आएं, लेकिन उसी समय में पर्याप्त उच्च रिटर्न उत्पन्न करती है।
डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो के घटक
एक अच्छी तरह से डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो के प्राथमिक घटकों में शामिल हैं: बॉन्ड, स्टॉक और म्युचुअल फंड।
- स्टॉक सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनियों के शेयर्स हैं, और इनमें लंबे समय के लिए निवेश कर आप अपनी संपत्ति बढ़ा सकते हैं।
- बॉन्ड कॉरपोरेट और गवर्मेंट डेट इंस्ट्रूमेंट्स हैं, जहां अस्थिरता कम होती है, लेकिन रिटर्न्स भी उतने ही कम होते हैं।
- म्यूचुअल फंड्स इक्विटी से जुड़े जोखिम को कम करते हैं और स्थिर रिटर्न्स भी दे सकते हैं।
लघु अवधि के निवेश
कम जोखिम वाली संपत्ति के कुछ उदाहरण ट्रेजरी बिल, डिपॉज़िट प्रमाणपत्र और कमर्शियल पेपर्स हैं। वे स्थिरता प्रदान करते हैं और मौद्रिक पहुंच को आसान बनाते हैं। हालांकि, इनमें उच्च-सुरक्षा स्तरों के मुकाबले तुलनात्मक रूप से कम रिटर्न्स है।
कमोडिटीज़
आप अपने पोर्टफोलियो में गेहूं, मक्का, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है? धातु या यहां तक कि तेल जैसी वस्तुओं को शामिल कर सकते हैं। हालांकि, यह एक जोखिम भरा परिसंपत्ति वर्ग है जो देश की अर्थव्यवस्था, अंतर्राष्ट्रीय बाजारों और व्यापार परिदृश्यों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है।
विदेशी संपत्ति
विदेशी निवेश साधन आपको अपने समग्र पोर्टफोलियो पर उच्च रिटर्न्स उत्पन्न करने में मदद करते हैं क्योंकि उनका डोमेस्टिक सिक्योरिटीज़ के साथ लोअर को-रिलेशन होता है। विदेशी शेयरों और सिक्योरिटीज़ में निवेश करने से पहले आपको अपनी जोखिम उठाने की क्षमता का विश्लेषण करना चाहिए।
रियल एस्टेट फंड्स
इसमें प्रॉपर्टी, बिल्डिंग और प्लॉट में प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष निवेश शामिल हैं। रियल एस्टेट आपके पोर्टफोलियो को मुद्रास्फीति के खिलाफ कुछ सुरक्षा प्रदान कर सकता है। अन्य संपत्तियों के विपरीत, जैसे कि भैतिक शेयर्स, रियल एस्टेट एक भौतिक रूप में मौजूद होती है।
सेक्टर फंड्स
यदि आपका निवेश लक्ष्य विभिन्न आर्थिक चक्र चरणों का लाभ उठाना है तो सेक्टर फंड्स में सेक्टोरल फोकस शामिल हैं और फायदेमंद हैं। ये क्षेत्र संचार सेवाएं, ऊर्जा, स्वास्थ्य देखभाल, प्रौद्योगिकी, कंस्यूमर स्टेपल्स, आदि हो सकते हैं।
पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन के लाभ
- यह आपके पोर्टफोलियो को शॉक से बचता है।
- यह विभिन्न क्षेत्रों में रिटर्न्स के अवसर पैदा करता है।
- यह आपको रिस्क कम करने में मदद करता है।
- पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन के नुकसान
- अपने पोर्टफोलियो में अधिक विविधता लाने से औसत से कम रिटर्न्स मिल सकता है।
- रिसर्च करना और उनके परफॉर्मेंस पर नज़र रखना एक समय लेने वाला मामला है।
- मल्टिपल स्टॉक्स के साथ, आपको अधिक ट्रांसैक्शन शुल्क भी देना होगा। यह आपके निवेश की कुल लागत को बढ़ा सकता है।
- कर संरचना सभी परिसंपत्ति वर्गों में समान नहीं होती है, जो जटिलताएं पैदा करता है यदि आपने कई खंडों में उद्यम किया है तो।
अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
अब जब आप पोर्टफोलियो विविधीकरण के सभी फायदे और नुकसान जानते हैं, तो आइए पोर्टफोलियो विविधीकरण में जाने से पहले जिन बातों का ध्यान रखना चाहिए उस पर गौर करते हैं।
अपने रिस्क को कम करें
अपने पोर्टफोलियो को एसेट क्लासेस में फैलाएं। हालांकि, ऐसा करने से पहले प्रत्येक उपकरण और योजना पर अच्छी तरह से रिसर्च करें। यदि आपको लगता है कि अपने पोर्टफोलियो का प्रबंधन करना चुनौतीपूर्ण है, तो किसी प्रमाणित पेशेवर से संपर्क करें जो आपको इस पर मार्गदर्शन कर सकें।
अपने लक्ष्यों को समझें
अपने निवेश के उद्देश्य को समझने से यह सुनिश्चित होगा कि आपका पैसा सही जगह पर है और आप अत्यधिक जोखिम में नहीं हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप आपके शॉर्ट-टर्म गोल्स के लिए इक्विटी फंड्स में पैसा निवेश कर रहे हैं , तो आपको समस्या हो सकती है क्योंकि इक्विटी फंड्स लॉन्ग टर्म में सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हैं और आपको उच्च रिटर्न्स देते हैं।
निष्कर्ष
जब आप बाजार और संपत्ति के बारे में अच्छी तरह से वाकिफ हो जाते हैं तो निवेश तब फायदेमंद होता है जब आप विकल्पों को बेहतर समझते हैं। भले ही पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन आपकी संपत्ति की सुरक्षा के लिए एक स्मार्ट विकल्प है, लेकिन अधिक डायवर्सिफिकेशन से औसत से कम रिटर्न्स मिल सकता है। जटिल उपकरणों और मामूली रिटर्न्स न मिल पाएं इसलिए आपको अति-विविधीकरण और इष्टतम विविधीकरण के बीच की पतली रेखा को याद रखने की आवश्यकता है।
(लेखक तेजी मंदी के संस्थापक हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।)
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