भारतीय व्यापारियों के लिए गाइड

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का भारत में इतिहास | History of stock exchange in India

स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है? इसे जानने से पहले आपको स्टॉक एक्सचेंज की भारत में कैसे शुरुआत हुई? (History of stock exchange in India) इसके बारे में जानना चाहिए|
यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है| चाहे आप इसे पढ़ाई के संबंध में लें, चाहे आप इसे बिजनेस के संबंध में लें|

यह बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है| दरअसल भारतीय पूंजी बाजार की घटनायें बड़ी ही रोचक और दिलचस्प हैं|

यदि हम भारत के शेयर मार्केट की बात करें तो भारत के पूँजीकरण में इसका अतुल्य योगदान है|

भारत में स्टॉक एक्सचेंज का इतिहास (Stock exchange History in India)

इसका विचार 18वीं सदी के अंत में आया था| यह समय वह था जब पहली बार नेगोशिएबल सिक्योरिटी पहली बार जारी की गई थी|

एक बहुत पुराना कंपनी एक्ट था, जिसको कि शायद आज लोग जानते भी नहीं है (Company act 1850)|

यह वही समय था जब पहली बार लिमिटेड लायबिलिटी तथा इन्वेस्टर इंटरेस्ट की बात की गई थी|

सबसे पहले भारत में स्टॉक एक्सचेंज मुंबई में स्थापित हुआ था| मुंबई स्टॉक एक्सचेंज की अनौपचारिक शुरुआत 1834 में हुई थी|

मुंबई स्टॉक एक्सचेंज की औपचारिक शुरुआत 1875 में हुई थी|

उस समय पर मुंबई को “Bombay” बोलते थे|

तब इसका नाम था “The native share and stock brokers association”

वर्तमान समय में इसका नाम “Bombay stock exchange (BSE)” है|

यह भारत तथा एशिया का भी सबसे पुराना एक्सचेंज है| यदि दुनिया की बात करें तो यह तीसरा सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है|

इसके बाद भारत के कुछ विकसित शहरों ने अपने यहां पर स्टॉक एक्सचेंज खोलें|

जैसे कि: अहमदाबाद में 1894 में, कोलकाता में 1908 में तथा मद्रास में 1937 में

1947 के बाद बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का इतिहास

स्टॉक मार्केट की बेहतर परफॉर्मेंस के लिए 1956 में “securities contract regulation act 1956” लाया गया|

1980 के दशक में बहुत सारी फर्जी कंपनियों ने भी अपने आप को स्टॉक मार्केट में लिस्ट करवा लिया था|

इनका मुख्य उद्देश्य लोगों से पैसा लूटना था| इन्होंने किया भी ठीक वैसा ही| इसी के कारण लोगों का विश्वास स्टॉक मार्केट से हटने लगा|

स्टॉक मार्केट में लोगों का विश्वास पुनः जगाने के लिए सन 1987 में “investor protection fund” की शुरुआत की गई|

इसकी शुरुआत करने का मुख्य मकसद स्टॉक मार्केट में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है फंसे हुए लोगों को सुरक्षा देना था|

आर्थिक उदारीकरण के बाद बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का भारत में इतिहास

भारत में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत 24 जुलाई 1991 के बाद से हुई|

इसी कड़ी में 1992 में SEBI की शुरुआत की गई|

1996 में एक बहुत महत्वपूर्ण घटना घटी| इस दौर में एक अभूतपूर्व घटना घटी|

अब! भौतिक शेयर प्रमाण पत्र (physical share certificate) जगह पर इलेक्ट्रॉनिक रूप (E-form) में दिया जाने लगा| इसी समय पर depository act की शुरुआत भी की गई|

Depository act की शुरुआत होने के बाद NSDL (National Securities Depositories Ltd) पहली संस्था थी जिसे इस एक्ट के तहत पहला लाइसेंस मिला था|

CDSL (Central Securities Depositories Ltd) दूसरी ऐसी संस्था थी जिसने depository act के तहत रजिस्ट्रेशन करवाकर लाइसेंस हासिल किया था|

साल 2001 में मुंबई स्टॉक एक्सचेंज ने अपना सारा कारोबार e-platform पर शिफ्ट कर दिया था|

इसके बाद ग्राहक अपने घर बैठे ही आसानी के साथ शेयर खरीद सकते हैं| इसके पीछे का मुख्य मकसद NSE के साथ प्रतिस्पर्धा में बने रहना था| NSE पहले से ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर काम कर रहा था| इस कारण से कभी-कभी वह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज से आगे निकल जाता था|

इसी को ध्यान में रखते हुए मुंबई स्टॉक एक्सचेंज मैंने अपने सारे कारोबार को e-platform पर शिफ्ट कर दिया|

सन 2001 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज T+2 डिलीवरी टाइम पर शिफ्ट हो गया| T+2 का अर्थ: “जिस दिन ट्रेड किया गया है वह सारे ट्रेड 2 दिन के अंदर सेटल हो जाना|” इसका मुख्य कारण बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सेटल हो जाना था|

2005 में भी शेयर मार्केट के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण घटना घटी| इस वर्ष BSE एक निगम इकाई (corporate entity) में बदल गया| इसकी पूरी कार्यप्रणाली एक कॉरपोरेट में बदल गई| इसका मुख्य मकसद अपने काम में पारदर्शिता लाना था|

2008 में Currency derivatives के भाग की शुरुआत की गई|

2014 में मुंबई स्टॉक एक्सचेंज ने एक बहुत ही अभूतपूर्व वित्तीय लक्ष्य को प्राप्त किया|

इस वर्ष में मुंबई स्टॉक एक्सचेंज की सारी कंपनियों को मिलाकर उनका market capitalization 100 लाख करोड़ के आंकड़े को पार कर गया|

बीएसई की महत्वपूर्ण जानकारी (BSE important facts)

BSEमहत्वपूर्ण तथ्य
स्थानPhiroze Jeejeebhoy Towers, Dalal Street, Mumbai- 40000, भारत
स्थापित9 जुलाई 1877
लिस्टिंग की संख्या5400 से अधिक
सूचकांकबीएसई सेंसेक्स, एसएंडपी बीएसई मिडकैप, एसएंडपी बीएसई स्मॉलकैप, एसएंडपी बीएसई लार्जकैप, बीएसई 500
Phones91-22-22721233/4, 91-22-66545695 (Hunting)
Fax91-22-22721919
CINL67120MH2005PLC155188
Email[email protected]
Website www.bseindia.com
बीएसई की महत्वपूर्ण जानकारी (BSE important facts)

उम्मीद करता हूं, आपको यह पोस्ट “भारत में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का इतिहास” पसंद आई होगी|

इसी तरह की नई पोस्ट में मैं फिर मिलूंगा तब तक के लिए मैं नवीन कुमार आपसे इजाजत चाहता हूं! नमस्कार

साथ ही यह भी अवश्य देखें:

उम्मीद करता हूं, आपको यह पोस्ट “भारत में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का इतिहास, (history of stock exchange in India)” पसंद आई होगी|
इसी तरह की नई पोस्ट में मैं फिर मिलूंगा तब तक के लिए मैं नवीन कुमार आपसे इजाजत चाहता हूं! नमस्कार
धन्यवाद

Stock Market क्या है ? Stock Market कैसे काम करता है?

हेल्लो दोस्तों आज एकबार फिर से आप सभीको internet sikho में बहुत बहुत स्वागत है.दोस्तों हामारे जीबन को बेहतर बानाने के लिए हर कोई महनत करता है पैसा कामाने के लिए.और उस महनत के कामाई से कुछ पैसा हम आपने भबिस्यत के बचत करने का भी कौशिश करते है जिससे हामारे आगे के जीबन के जरूरतों को पूरा कर सके.लेकिन यह पैसा बाचाना का काम तब तक अधुरा ही रह जाता है जबतक आपके महनत किये हुए पैसे सही जाइगा पे इन्वेस्टमेंट नहीं करते है.ऐसे तोह आपके पास इन्वेस्ट करने का बहुत सारे रास्ते है लेकिन उसमे से stock market में इन्वेस्ट का एक सहज तरीका है.

Stock Market क्या है ? Stock Market कैसे काम करता है?

ऐसे stock market में बहुत सारे लोग तोह इन्वेस्टमेंट करना चाहता है लेकिन शेयर मार्किट के बारे में सही ज्ञान ना होने के वजह से वोह इस मार्किट में इन्वेस्टमेंट नहीं करते है और कोई करते भी है तोह वोह जल्द ही आपना पैसा गवा देता है.और आज इसी कारन में यह पोस्ट लिखें जा रहा हु जिससे आपको stock market के बारे में सही ज्ञान मिल सके और आपके कड़ी महनत से कामाया हुआ पैसा सही जायगा पे इन्वेस्ट कर सके और मुनाफा कामा सके.

  • IPO WHAT IS AN IPO
  • whatsapp में भेजा हुआ मेसेज को कैसे आपोस लाते है जानिए यहाँ
  • LPG गैस ऑनलाइन कैसे बुक करे जाने यहाँ
  • शेयर मार्किट की पूरी जानकारी पाइए यहाँ
  • इन्टरनेट बैंकिंग इस्तेमाल करने वाला लोगो के लिए कुछ सेफ्टी टिप्स

Stock Market क्या है? what’s Stock Market?

दोस्तों stock market एक ऐसा जायगा है जाहा पार शेयर्स ,mutul funds,derivatives को ब्रोकर के माध्यम से ख़रीदा और बेचा जा सकता है.शेयर्स ऐसे stock exchange के माध्यम से ख़रीदा और बेचा जाता है और भारत में bse (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) और nse (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) यह 2 स्टॉक एक्सचेंज मजूद है .

stock market कैसे काम करता है?

सबसे पहले कंपनी आपना shares को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग कराते है जिससे ipo काहा जाता है उसके बाद आपने शेयर्स लोगो द्वारा निर्धारित किये हुए दाम पार पब्लिक को इशू करते है.और जब एकबार ipo पूरा हो जाता है तब शेयर्स मार्किट में आजाता है फिर स्टॉक एक्सचेंज या फिर कोई ब्रोकर के माध्यम से इन्वेस्टर्स द्वारा अपोस में ख़रीदा और बेचा जाता है.

दोस्तों यह था stock market से जुड़े हुए पुरे जानकारी.और मुझे उम्मीद है की आपको इस पोस्ट पढने के बाद stock market से जुड़े हुए सारे जानकारी मिल जायेगा .और आप भाबिस्यत में कभी stock मार्किट में इन्वेस्टमेंट करने का सोचते है तोह आपको यह पोस्ट जरुर काम पे आएगा .और ऐसे ही हर दिन एक नए जानकारी आपके मेल बॉक्स में पाने के लिए internet sikho को subscribe करना ना भूले .

Share Market: शेयर बाजार में निवेश करने से पहले जानिए ये 3 बाते ! राकेट की स्पीड से करे निवेश !

शेयर बाजार क्या है और कैसे काम करता है शेयर बाजार वह बाजार है जो किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है है जिस तरह किसी भी व्यक्ति को अपना जीवन यापन करने के लिए रोटी कपड़ा मकान आदि जरूरी होते हैं वैसे ही देश के उद्योगों के विकास के लिए शेयर बाजार बहुत जरूरी है उद्योग धंधों को चलाने के लिए कैपिटल चाहिए होता है उन्हें ये शेयर बाजार से मिलता है

शेयर बाजार के माध्यम से हर आम आदमी बड़े से बड़ा उद्योग मैं अपनी भागीदारी प्रदान कर सकता है इस तरह वह बड़े उद्योग में होने वाले मुनाफे में बराबर का हिस्सेदार बन सकता है मान लीजिए कि आने वाले समय में इलेक्ट्रिक व्हीकल और सीएनजी व्हीकल की और जमाना ज्यादा बड़ रहा है तो इन से संबंधित कंपनियों के शेयर खरीद कर रखने से आगे जाकर आपको बहुत मुनाफा देंगे और ऐसा करने से के लिए तो व्यवस्था चाहिए वह शेयर बाजार प्रदान करता है

जानिए शेयर बाजार कैसे काम करता है

शेयर बाजार काम एक सब्जी मंडी की तरह करता है शेयर बाजार में डिमांड एंड सप्लाई चलती है अगर इसके अंदर किसी चीज की बहुत ज्यादा डिमांड है तो रेट बड़ जायेगा लेकिन कोई ऐसी सब्जी है जिसकी डिमांड कम है लेकिन सप्लाई बहुत ज्यादा आ गई है तो उस सब्जी के रेट घट जाएंगे ।

शेयर बाजार एक ऐसा बाजार है जहां पर कंपनियों के शेयर खरीदे भेजे जाते हैं किसी भी अन्य बाजार की तरह शेयर बाजार में खरीदने और बेचने वाले एक दूसरे से मिलते हैं और मोलभाव करके शादी पक्की करते हैं और हां से कुछ समय पहले शेरों की खरीद बिक्री मौके गोलियों से होती थी और खरीदने बेचने वाले मुंह जवानी ही सौदा किया करते थे लेकिन आज के समय में सहारा लेनदेन स्टॉक एक्सचेंज के नेटवर्क से जुड़े ऑनलाइन कंप्यूटरों के जरिए होता है ऑनलाइन इंटरनेट पर भी यह सुविधा मिलती है और आज के समय में शेयर खरीदने बेचने वाले सामने नहीं आ पाते

share market basics hindi

इस प्रकार समझ लो की एक तरीके से देखा जाए तो यहां शेयरों की नीलामी होती है अगर किसी को शेयर बेचना होता है तो सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को यह शेयर बेच दिया जाता है या कोई शेयर खरीदना चाहता है तो बेचने वालों में से जो सबसे कम कीमत पर तैयार होता है उससे शेयर खरीद लिया जाता है

शेयर बाजार से जुडी मुख्या जानकारियाँ

एनएससी (NSE) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और दूसरा बीएसई (BSE) बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यहीं पर जाकर आप ट्रेडिंग करते हैं यहीं से आपको पता चलता है कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और मुंबई स्टॉक एक्सचेंज निफ़्टी फिफ्टी (NIFTY50) मैं आता है जिसमें शेयर बाजार की सारी कंपनियों का समावेश होता है उसी से पता चलता है कि सारी कंपनी अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं या हल्का परफॉर्म कर रही है

जानिए Nifty क्या होता है?

Nifty एक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज फिफ्टी (National stock exchange fifty) मार्केट है यह दो शब्दों से मिलकर बनी है उसको nifty50 भी कहा जाता है लेकिन आमतौर पर लोग से Nifty के नाम से ही जानते हैं और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया (National stock exchange of India) का एक महत्वपूर्ण बेंचमार्क होता है यह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज मैं बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है लिस्टेड 50 प्रमुख शेयर का सूचकांक होता है यह देश की 50 प्रमुख कंपनियों के शेयरों पर नजर रखता है और इसमें सिर्फ वही 50 कंपनी के शेयरों को देखा जा सकता है जोकि लिस्टेड है यह उन कंपनियों के शेयर्स जोकि लिस्टेड है उनके भाव में होने वाली तेज या मदी का भी ध्यान रखता है और उनकी सूचना प्रदान करता है।

Nifty 50 भारत का बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है सबसे प्रमुख और महत्वपूर्ण (Stock Index) स्टॉक इंडेक्स है या सरल भाषा में कहे तो निफ़्टी (Nifty) एक तरह स्टॉक इंडेक्स है जो 50 प्रमुख कंपनियों के स्टॉक को इंडेक्स करे हुए होता है निफ्टी में 50 से ज्यादा कंपनियों के स्टॉक लिस्ट नहीं किए जा सकते

जानिए सेंसेक्स (Sensex) क्या है?

आप लोगों ने अक्सर टीवी या न्यूज़पेपर सेंसेक्स के बारे में पढ़ा या देखा हुआ और आपने देखा होगा की सेंसेक्स आज इतने अंक ऊपर चला गया तो कभी आपने सुना हुआ किसान से कितने अंक नीचे गिर गया।

जब भी आप शेयर मार्केट में निवेश करें तो सेंसेक्स के बारे में अच्छे से जानकारी कर ले सेंसेक्स भी एक तरह से निफ्टी की तरह ही काम करता है पर निफ़्टी की तुलना में सन सेक्स में मात्र 30 कंपनियों सूचीबद्ध होती है जहां निफ्टी को Nifty50 भी का जाता है

सेंसेक्स हमारे भारतीय स्टॉक मार्केट का बेंचमार्क इंडेक्स हैं, जोकि BSE (मुंबई स्टॉक एक्सचेंज) मैं सूचीबद्ध शेयर्स के भाव में होने वाली तेजी और मंदी को बताता है और इसी के जरिए हम इसमें सूचीबद्ध 30 सबसे बड़ी कंपनियों के प्रदर्शन की जानकारी हासिल करते हैं सन सेक्स की बात करे तो यह भारत का सबसे पुराना स्टॉक मार्केट इंडेक्स है जिसकी शुरुआत 1986 में हुई

PE (Price earning ratio) क्या है?

PE का मतलब (price earning ratio) प्राइस अर्निंग रेशों है प्राइस अर्निंग रेशों से आपको कंपनी के शेयर के बारे में पता चलेगा और जिसको कंपनी के प्राइस अर्निंग रेशों नहीं पता होंगे वह शेयर बाजार में तरक्की (Growth) नहीं कर पाएगा अगर आपको प्राइस अर्निंग रेशों के बारे में जितना अच्छे से मालूम होगा आप शेयर बाजार में उतना अच्छा मुनाफा निकाल पाओग। और आपको प्राइस अर्निंग रेशों के बारे में बिल्कुल ज्ञान नहीं है तो वह आप बहुत बड़ा लॉस खा सकते हो इसलिए आपको प्राइस अर्निंग रेशों के बारे में बहुत अच्छी जानकारी होनी चाहिए Nifty नीचे है तो इन्वेस्ट कीजिए और निफ्टी ऊपर है तो डिबेस्ड कीजिए

PE (price earning ratio) कम था तब मुनाफा

YearPEReturn (Per Year)
199812100%
200311116%
200610130%

PE (price earning ratio) ज्यादा था तब नुकसान

YearPEReturn (Per Year)
Jan 200828-64%
Feb 200828-53%

शेयर बाजार को दो वर्गों में बांटा जाता है पहला प्राइमरी दूसरा सेकेंडरी

प्राइमरी मार्केट में कंपनियां स्टॉक एक्सचेंज में पहली बार सूचीबद्ध होती है और अपने शहर जारी करती है कंपनियां IPO आईपीओ (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) के जरिए अपने शेयर पहली बार शेयर बाजार में इशु करती है और बाजार में पूंजी जुटाने का प्रयास करती है।

सेकेंडरी मार्केट को एक्शन मार्केट भी कहते हैं यह एक रेगुलर मार्केट है जहां पर कंपनियों के शेयर्स की ट्रेडिंग रेगुलर बुकिंग पर होती है निवेशक शेयर ब्रोकर के माध्यम से स्टॉक एक्सचेंज में अपने ट्रेडिंग ऑर्डर्स पूरा करते हैं

Disclaimer

शेयर मार्किट में अपनी रिस्क निवेश करे हम SEBI द्वारा रजिस्टर्ड फाइनेंसियल एडवाइजर नहीं है इसलिए शेयर मार्किट में निवेश करने से पहले फाइनेंसियल एडवाइजर की सलाह जरूर ले

जानिए BSE हमें कैसे सिखाता है व्यापार में बदलाव – ट्रेडिशनल से डिजिटल

कुछ दशक पहले, शेयरों को खरीदने और बेचने का मतलब था कि आपको दो चीजों की जरूरत थी – पूंजी बाजारों में वित्तीय सूझ बुझ और महत्वपूर्ण रूप से, स्टॉक एक्सचेंज के अंदर गड्ढे जैसे बने एक जगह में ‘ओपन आउटक्राई’ में भाग लेने के लिए एक दमदार आवाज। लेकिन अब इसके लिए ऐप है। लेकिन हम यहां तक कैसे पहुंचे यह एक इनोवेशन और प्लेटफार्म प्ले के नजरिये से बहुत ही दिलचस्प है।

आपको बता दे प्लेटफार्म प्ले आज अधिकांश उत्पाद कंपनियों के लिए एक वास्तविक विजन और रोड मैप है। यह मांग और आपूर्ति के बीच सूचना को नियंत्रित करने और बीच में कई मध्यस्थता खोजने के सिद्ध मॉडल से उपजा है। ई-कॉमर्स वेबसाइट, जॉब पोर्टल्स, स्टॉक एक्सचेंज, ऐप स्टोर, म्यूजिक स्ट्रीमिंग ऐप, कमोडिटी ट्रेड पोर्टल्स, प्लेटफॉर्म प्ले के बेहतरीन उदाहरण हैं।

ऐसा बहुत ही कम देखने को मिलता है की कुछ सेक्टर से जुड़े लोगों की तरक्की के लिए एक प्लेटफार्म या मार्केटप्लेस तैयार करते है, और अगर उन्होंने तैयार कर भी लिया तो उन्हें उससे जुड़े प्लेयर्स का क्रोध झेलना पढता है भले ही उनका खुद का नुकसान क्यों न हो लेकिन वह उसका विरोध करते रहते है। पिछले हफ्तों में ऐसा ही कुछ देखा गया है की कुछ लोग कैसे बदलाव से असंतुस्ट है और खासतौर पर टेक्नोलॉजी से संचालित होने वाले बदलाव जो व्यापार के नियमों और सीमाओं को आगे बढ़ाते हैं। हालही में आयनॉक्स फिल्म निर्माताओं पर थेटर्स को छोड़ देने और सीधे मूवी वीडियो ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज करने से असंतुष्ट है।

ऐसे सैकड़ों किस्से है, जहा विरोध करने वाले लोग कुछ नया करने में असफल रहे और जब कोई और उनके लिए कुछ अच्छा नया करता है तो उसे अपनाने के बजाय उसका विरोध करते है भले ही इससे वे विलुप्त क्यों न हो जाए।

आये यह दो परिदृश्यों को समझे :
दक्षिण महाराष्ट्र में हल्दी और चीनी व्यापारी ई-मार्केट प्लेस और ट्रेडिंग पोर्टल्स को लेकर असंतुस्ट है।

कृषि मंत्रालय, भारत सरकार के एक एग्रो कमोडिटी ट्रेडिंग पोर्टल eNAM ने महाराष्ट्र में इस महीने कुल 28,167 क्विंटल हल्दी के कारोबार से 16 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन दर्ज किया है। यह लॉकडाउन के कारण हुआ क्यूंकि किसानों को यहाँ एक उम्मीद की आखिरी किरण के तौर पर आना पड़ा। आज तक, अधिकारियों का मानना है कि व्यापारियों के प्रतिरोध के कारण यह प्लेटफार्म परिचलन नहीं कर पाया है।

eBuySugar.com एक निजी स्वामित्व वाला पोर्टल है, जो सभी आकार के व्यापारियों के लिए चीनी व्यापार की सुविधा देता है. और उनके हित में काम करता है। कई लोगो से इसे बहुत प्रसंशा मिल रही है क्यूंकि इस पोर्टल के चलते बेचवाल और लेवाल दोनों को काफी सारे लाभ मिल रहे है, जिसमें चीनी बेचने वाले को नए ग्राहकोंकी शृंखला मिलेगी और लेने वेले को वाजिव दाम पर चीनी मिलेगी। जिस डेस्टिनेशन तक चीनी पहुँचने वाली है वहां तक का इन्शुरन्स प्रदान किया जा रहा है। लेकिन कुछ विरोधी, पूरी बात को समझे बगैर ही इसका विरोध कर रहे है। यह पोर्टल किसी को भी शामिल होने या व्यापार करने से नहीं रोकता है, लेकिन मानव प्रतिरोध एक अच्छे बदलाव आने में दिक्कतें पैदा करती है। Amzaon को भी इसका अनुभव करना पडा था जब जनवरी में उनके भारत दौरे पर अखिल भारतीय व्यापारी संघ ने विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया था।

इस सप्ताह घोषित आवश्यक वस्तु अधिनियम में नए बदलाव का उद्देश्य किसानों के लिए बेहतर ई-व्यापार की सुविधा और मंडी और पारंपरिक व्यापार मार्गों को कम करना है। किसान और व्यापारी अगर इसे नहीं अपनाते तो उनके दिवालिया होने का खतरा बढ़ जाता है।

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि नया लोगो के हित में लिया गया नया एजेंडा राज्य या एक निजी संस्था द्वारा निर्धारित किया गया है; कुछ भी नया अपनाने का विरोध करने का आग्रह अज्ञात लोगो के भय से उत्पन्न होता है। लेकिन जब बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है पदाधिकारी हितधारकों का विश्वास जीत सकते हैं, तो यह संबंधित सभी पक्षों के लिए उल्लेखनीय वृद्धि और व्यापारिक गतिविधि को एक गति दे सकती है। BSE इसका एक प्रमुख उदाहरण है – जो आज एक विशाल मंच बन गया है।

18 वीं शताब्दी के अंत में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना हुई थी, लेकिन उससे पहले, बॉम्बे बंदरगाह के पास के रास्ते में एक बरगद के पेड़ के नीचे लोगों का एक समूह शेयर खरीद और बेचा किया करता था। 1874 तक उन्हें अपने सिर के ऊपर छत मिली और यहाँ से इसका परिचालन करना शुरू हुआ। करीब 80 साल बाद इसे भारत सरकार से मान्यता मिली।

परंपरागत रूप से आपको बीएसई ट्रेडिंग फ्लोर पर व्यक्तिगत तौर पर खुद होना पड़ता था, और ट्रेड करने के लिए पल्पिट से चिल्लाना पड़ता था। 1995 में, उन्होंने खुले आउटरक्राई फ्लोर ट्रेडिंग एक्सचेंज को खत्म किया और एक स्वचालित, स्क्रीन-आधारित ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर स्विच किया, जिसे बीएसई ऑन-लाइन ट्रेडिंग (BOLT) कहा जाता है। इसी समय के आसपास SEBI ने डीमैट खाते को पूंजीगत साधनों के कागज या भौतिक होल्डिंग से दूर करने के लिए पेश किया था।

आज, BSE को दुनिया में सबसे अधिक सूचीबद्ध कंपनियों के साथ एक्सचेंज होने का सौभाग्य प्राप्त है। BSE बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। लेकिन सराहनीय बात यह है कि छोटे से लेकर बड़े संस्थागत व्यापारी कैसे आराम से BSE के माध्यम से कैपिटल मार्केट्स में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है भाग ले पाते है बिना अपने घर या काम डेस्क छोड़े।

सोचिये आज हालत कैसे होते अगर हर शेयर व्यापार के लिए आपको वहा खुद होना पड़ता और वित्तीय सूझ बुझ और दमदार आवाज के ताकत पर मुनाफा पाना होता। तो शायद आज वर्तमान वाला BSE हम नहीं देख पाते। 1995 में भी आनाकानी और डराने वाले लोग थे, लेकिन इन्हे पछाड़ दिया गया और इससे जुड़े लोगो के भलाई के लिए एक नया प्लेटफार्म तैयार किया गया। इन सब से बाहर निकल कर BSE ने अपने आपको एक नया रूप दिया है।

यह न्यूज़ सुनने के लिए प्ले बटन को दबाये.

रेटिंग: 4.24
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 394
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *