भारतीय व्यापारियों के लिए गाइड

वित्तीय प्रणाली के कार्य

वित्तीय प्रणाली के कार्य

Deposits and withdrawals

Payment providers may apply their own limitations and requirements to transfers. You can find them on their respective sites.

We do not charge commission for transactions, but the Bitcoin network applies its own fees, which amount depends on the execution speed you've वित्तीय प्रणाली के कार्य chosen.

May sometimes take up to one hour. Sometimes the payment system slows down the transfer—this is beyond our control.

Payment providers may apply their own limitations and requirements to transfers. You can find them on their respective sites.

May sometimes take up to one hour. Sometimes the payment system slows down the transfer—this is beyond our control.

Payment providers may apply their own limitations and requirements to transfers. You can find them on their respective sites.

May sometimes take up to one hour. Sometimes the payment system slows down the transfer—this is beyond our control.

Payment providers may apply their own limitations and requirements to transfers. You can find them on their respective sites.

May sometimes take up to one hour. Sometimes the payment system slows down the transfer—this is beyond our control.

Payment providers may apply their own limitations and requirements to transfers. You can find them on their respective sites.

We do not charge commission for transactions, but the Bitcoin network applies its own fees, which amount depends on the execution speed you've chosen.

May sometimes take up to one hour. Sometimes the payment system slows down the transfer—this is beyond our control.

Payment providers may apply their own limitations and requirements to transfers. You can find them on their respective sites.

We do not charge commission for transactions, but the Bitcoin network applies its own fees, which amount depends on the execution speed you've chosen.

May sometimes take up to one hour. Sometimes the payment system slows down the transfer—this is beyond our control.

Payment providers may apply their own limitations and requirements to transfers. You can find them on their respective sites.

We do not charge commission for transactions, but the Bitcoin network applies its own fees, which amount depends on the execution speed you've chosen.

May sometimes take up to one hour. Sometimes the payment system slows down the transfer—this is beyond our control.

Payment providers may apply their own limitations and requirements to transfers. You can find them on their respective sites.

We do not charge commission for transactions, but the Bitcoin network applies its own fees, which amount depends on the execution speed you've chosen.

May sometimes take up to one hour. Sometimes the payment system slows down the transfer—this is beyond our control.

डिजिटल इंडिया का बढ़ रहा दायरा, सितंबर में आधार से हुए 25 करोड़ वित्तीय प्रणाली के कार्य से अधिक के लेनदेन

डिजिटल होती दुनिया में जीवन को आसान बनाने के लिए आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल का चलन बढ़त जा रहा है। भारत में भी केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी प्रयास से डिजिटल इंडिया का दायरा बढ़ा रहा है। सरकार द्वारा आधार लाए जाने के बाद से देशवासियों द्वारा आधार अपनाने और इसका उपयोग करने में अच्छी प्रगति जारी है, जो दर्शाता है कि यह जीवन यापन को आसान बनाने में कैसे सहायता प्रदान कर रहा है। इसका प्रमाण हाल ही में जारी डेटा से पता चलता है जिसमें बताया गया है कि केवल सितंबर में 25.25 करोड़ E-KYC लेनदेन आधार के माध्यम से किए गए, जो अगस्त की तुलना में लगभग 7.7 प्रतिशत ज्यादा है।

कागजी कार्रवाई से छुटकारा दिला रहा E-KYC

आधार के माध्यम से लेनदेन के लिए E-KYC जरूरी होता है। E-KYC आधार धारक की सहमति से पूरा किया जाता है, जो आगे की कागजी कार्रवाई और केवाईसी के लिए व्यक्तिगत सत्यापन की आवश्यकता को समाप्त करता है। आधार ई-केवाईसी सेवा बेहतर और पारदर्शी ग्राहक अनुभव के साथ व्यापार करने में आसानी प्रदान करके बैंकिंग और गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा वित्तीय प्रणाली के कार्य रही है। इसी तरह आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस) आय आरेख में सबसे निचले स्तर पर वित्तीय समावेश करने में सहायक रही है।

अब तक हुआ 1,297 करोड़ का लेनदेन

आधार के माध्यम से अब तक ई-केवाईसी लेनदेन की कुल संख्या सितंबर 2022 के अंत तक बढ़कर 1297.93 करोड़ हो गई है। सितंबर 2022 के अंत तक अब तक एईपीएस और माइक्रो एटीएम नेटवर्क के माध्यम से अंतिम सिरे पर 1549.84 करोड़ बैंकिंग लेनदेन संभव किए गए हैं। सिर्फ सितंबर में, पूरे भारत में 21.03 करोड़ एईपीएस लेनदेन किए गए। सितंबर में आधार के जरिए 175.41 करोड़ सत्यापित लेनदेन किए गए। इनमें से अधिकांश मासिक लेनदेन फिंगरप्रिंट बायोमेट्रिक सत्यापन का उपयोग करके पूरे किए गए, जबकि लेनदेन के लिए ओटीपी वेरिफिकेशन का भी उपयोग किया गया।

तेजी से किया जा रहा आधार अपडेट

सितंबर महीने के दौरान 1.62 करोड़ से अधिक आधारों को सफलतापूर्वक अपडेट किया गया, जबकि अगस्त में इस तरह के 1.46 करोड़ अपडेट किए गए थे। कुल मिलाकर सितंबर के अंत तक आधार उपयोग करने वालों के अनुरोधों के बाद 66.63 करोड़ से अधिक आधार नंबर सफलतापूर्वक अपडेट किए गए हैं। फिजिकल आधार केंद्रों पर और ऑनलाइन आधार प्लेटफॉर्म का उपयोग करके किए गए ये अपडेट अनुरोध, जनसांख्यिकीय के साथ-साथ बायोमेट्रिक अपडेट से संबंधित हैं। भारत की वयस्क आबादी के बीच आधार अब यूनिवर्सल है। सितंबर के अंत तक सभी आयु वर्गों में, आधार का कार्य 93.92 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है।

पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया विजन को समर्थन

डिजिटल इंडिया के बढ़ते प्रभाव से पीएम मोदी विजन को समर्थन मिल रहा है, जिसमें आधार का बड़ा रोल है। डिजिटल इंडिया के विजन को ई-केवाईसी और आधार सक्षम डीबीटी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आधार जीवन यापन में आसानी और व्यापार करने में आसानी, दोनों को सुविधा प्रदान करता है। इसके माध्यम से केंद्र और राज्यों में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को पारदर्शिता के साथ लाभार्थियों के बीच कल्याणकारी सेवाओं के वितरण में मदद मिल रहा है। पीएम मोदी के विजन के अनुरूप अब तक देश में केंद्र और राज्यों दोनों द्वारा चलाई जा रही लगभग 1000 कल्याणकारी योजनाओं को आधार का उपयोग करने के लिए अधिसूचित किया गया है।

Swachh Bharat

Website Content Managed by © राजस्व पारिषद, उत्तर प्रदेश। Designed, Developed and Hosted by National Informatics Centre, U P State Unit Lucknow UP.
For any Query regarding this website Please email at b[email protected] This is applicable for all the pages of this site.
Best viewed in 1024x768 pixels resolution with text size medium.
( NIC )
Last Updated on : Friday, 11 March, 2022

पेशनर्स के लिए अच्छी खबर! बिना डॉक्यूमेंट के ले पाएंगे फाइनेंशियल सर्विस, बस करना होगा यह काम

PFRDA: अब किसी भी सरकारी स्कीम में बिना पेपर के ऑन बोर्ड होना पहले से आसान हो जाएगा

PFRDA: अब किसी भी सरकारी स्कीम में बिना पेपर के ऑन बोर्ड होना वित्तीय प्रणाली के कार्य पहले से आसान हो जाएगा। पेपरलेस ऑन-बोर्डिंग प्रक्रिया को और आसान बनाते हुए पेंशन फंड नियामक पीएफआरडीए (PFRDA) ने कहा कि उसकी योजना में शामिल होने के लिए डॉक्यूमेंट सरकार के केंद्रीय केवाईसी (CYC) के माध्यम से पेश किये जा सकते हैं।

नहीं होगी ऐसी परेशानी

सेंट्रल केवाईसी (CKYC) सरकार की पहल है जो यूजर्स को अलग-अलग रेगुलेटर्स के तहत आने वाली फाइनेंशियल सेक्टर्स की सर्विस का फायदा उठाने के लिए बार-बार KYC कराने की परेशानी से बचाता है। आपको कोई भी फाइनेंशियल सर्विस लेने से पहले केवाईसी कराने की जरूरत नहीं होगी। बस आपको एक बार CKYC करानी होगी।

संबंधित खबरें

IRCTC Tour Package: हफ्ते भर सर्दियों में राजस्थान घूमने का मौका, बस खर्च करने होंगे इतने रुपये

NPS Rules Change : अब एनपीएस का पैसा पाना हुआ आसान, भरना होगा सिर्फ एक फॉर्म, जानिए नए बदलाव

Business Idea: इस बिजनेस में देंगे हजारों को जॉब, हर महीने होगी तगड़ी कमाई!

यहां मिल रही है सर्विस

पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) पहले से ही डिजिलॉकर, आधार ईकेवाईसी, पैन या बैंक खाते की जानकारी के माध्यम से जारी डॉक्यूमेंट्स के माध्यम से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत अपनी पेंशन योजनाओं के लिए डिजिटल ऑनबोर्डिंग की सुविधा देता है।

ऑनलाइन हो रही है सर्विस

भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में डिजिटल पहलों की सीरिज में पीएफआरडीए ने कहा कि संभावित ग्राहकों को सीकेवाईसी के माध्यम से एनपीएस खाता खोलने के लिए एक और विकल्प दिया गया है जो कि ऑनलाइन और पेपरलेस है।

ग्राहकों को होगी ये आसानी

CKYC को सेंट्रल रजिस्ट्री ऑफ सिक्योरिटाइजेशन एसेट रिकंस्ट्रक्शन एंड सिक्योरिटी इंटरेस्ट ऑफ इंडिया (CERSAI) मैनेज कर रहा है। यह केंद्रीय केवाईसी रजिस्ट्री (CKYCR) के रूप में कार्य करने के लिए एक अधिकृत केंद्र सरकार की इकाई है। पीएफआरडीए ने कहा कि सीकेवाईसीआर का उद्देश्य वित्तीय सेवा प्रदाताओं के साथ खाता खोलने की प्रक्रिया को आसान बनाना है और निवेशकों को केवाईसी दस्तावेज तैयार करने और हर बार उनका वैरिफाई करने की परेशानी से बचाता है।

उत्तर प्रदेश को 'ब्रांड यूपी' के तौर पर विकसित कर रही योगी सरकार

1 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के लक्ष्य को पाने के लिए प्रदेश की बदली छवि को किया जाएगा प्रचारित

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार औद्योगिक निवेश और 1 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रदेश को ब्रांड यूपी के तौर पर विकसित करने को तैयार है। व्यापार में सुगमता, निवेश के अनुकूल माहौल, समयबद्ध स्वीकृतियां और सुरक्षित माहौल देकर योगी सरकार ने बीते साढ़े 5 वर्ष में प्रदेश की जो छवि बदली है, अब उसका देश और विदेश में प्रचार भी किया जाएगा। हाल ही में जारी की गई औद्योगिक निवेश एवं रोजगार नीति में इसको लेकर कार्ययोजना बनाई गई है। गौरतलब है कि योगी सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया है तथा बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान के संबंध में भारत सरकार द्वारा प्रदेश को अचीवर स्टेट के रूप में सम्मानित किया गया है। राज्य सरकार द्वारा नियमों एवं प्रक्रियाओं में सरलीकरण करने के फलस्वरूप प्रदेश में व्यापार के लिए अनुकूल वातावरण सृजित हुआ है। डिजिटल प्रक्रियाओं द्वारा कार्यों के समयबद्ध एवं पारदर्शी निस्तारण से तथा समयबद्ध स्वीकृतियों द्वारा बेहतर एवं उत्तरदायी फैसिलिटेशन सेवाओं को विकसित किया गया है।

यूपी को सबसे पसंदीदा निवेश गंतव्य बनाने की योजना

सरकार का मानना है कि उत्तर प्रदेश की वास्तविक क्षमता को प्राप्त करने तथा प्रदेश को वैश्विक स्तर पर उत्कृष्ट निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने तथा उत्तर प्रदेश की छवि को सबसे पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने हेतु एक व्यापक रणनीति के साथ निवेश प्रोत्साहन का एक पूरक ढांचा आवश्यक है। इसके लिए रणनीतिक क्षेत्रों, साधनों एवं अन्य प्राविधानों को रेखांकित करते हुए एकीकृत निवेश प्रोत्साहन ढांचा विकसित वित्तीय प्रणाली के कार्य किया जाएगा। निवेशकों तक पहुंचने एवं विभिन्न माध्यमों से प्रदेश में निवेश के अवसर पैदा करने के लिए एक लक्षित दृष्टिकोण अपनाया जाएगा। इस उद्देश्य के लिए क्षेत्र के विशिष्ट प्रोफेशनल्स की मदद ली जाएगी।

यूपी को बनाया जाएगा वैश्विक निवेश केंद्र

प्रदेश सरकार विभिन्न राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेलों, कार्यक्रमों तथा सम्मेलनों में प्रतिभाग करेगी तथा इस प्रकार के कार्यक्रमों की प्रदेश में मेजबानी भी की जाएगी जो बी-टू-जी संवाद तथा उत्तर प्रदेश की विशिष्टताओं व अनुकूल नीतिगत ढांचे के प्रदर्शन व प्रचार हेतु एक आदर्श मंच के रूप में कार्य करेंगे। उत्तर प्रदेश को वैश्विक निवेश केंद्र के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया जाएगा जो फरवरी 2023 में प्रस्तावित है।

नए सेक्टर्स को किया जाएगा प्रोत्साहित

नीति के अनुसार प्रदेश में राज्य स्तरीय निवेश प्रोत्साहन बोर्ड को सुदृढ़ किया जाएगा। क्षेत्रीय महत्व वाले एवं मूल्यवान नवोदित सेक्टर्स में वित्तीय एवं गैर-वित्तीय प्रोत्साहनों को प्रदान करने के लिए प्रोत्साहन ढांचे को सुव्यवस्थित किया जाएगा। विदेशों से प्रतिस्थापित होने वाले उद्योगों को बढ़ावा देने हेतु आयातित पुराने संयंत्र एवं मशीनरी के मूल्य का 40 प्रतिशत नीति में उल्लिखित विभिन्न वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए पात्र पूजी निवेश के रूप में माना जाएगा। इन्वेस्ट यूपी द्वारा निवेश प्रबंधन एवं निवेशक संवाद के लिए कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट पोर्टल विकसित किया जाएगा। इसे ऑनलाइन सिंगल विंडो पोर्टल, निवेश मित्र से भी जोड़ा जाएगा। यह सभी निवेशकों की समस्याओं के निवारण के लिए वन स्टॉप सॉल्यूशन प्रदान करेगा। समस्त नीतियों के लिए प्रोत्साहनों की स्वीकृति के लिए ऑनलाइन प्रोत्साहन प्रबंधन प्रणाली विकसित वित्तीय प्रणाली के कार्य वित्तीय प्रणाली के कार्य की जाएगी। इसे भी निवेश मित्र से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही इन्वेस्ट यूपी की वर्तमान हेल्पलाइन सेवा को सुदृढ़ किया जाएगा। मेगा एवं इससे उच्च श्रेणी की परियोजनाओं की सुविधा के लिए समर्पित नोडल अधिकारी नामित किए जाएंगे। उद्योगों को सेवा प्रदान करने वाले समस्त विभागों में ग्राहकोन्मुख मानसिकता को बढ़ावा देने के लिए विशिष्ट सॉफ्ट-स्किल प्रशिक्षण प्रारंभ किया जाएगा।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर फोकस

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 5 लो रिस्क अनुमोदनों के लिए स्व-प्रमाणन की व्यवस्था की है। प्रदेश में बिजनेस प्रारंभ करने हेतु प्रक्रियाओं के सरलीकरण के लिए 17 से अधिक सेवाओं के स्वतः नवीनीकरण की व्यवस्था है। इसके अतिरिक्त 7 से अधिक लाइसेंस के नवीनीकरण की आवश्यकता को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार के कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य में समाप्त किया गया है। प्रदेश में 100 से अधिक सरकारी सेवाओं को उत्तर प्रदेश जनहित गारंटी अधिनियम के अंतर्गत चिन्हित / अधिसूचित किया गया है, जिसमें इन सेवाओं को प्रदान करने हेतु समय-सीमा का निर्धारण किया गया है।

97 प्रतिशत आवेदनों का निस्तारण

उत्तर प्रदेश के सिंगल विंडो पोर्टल निवेश मित्र के माध्यम से 29 विभागों की 353 से अधिक सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। सितंबर, 2022 तक निवेश मित्र पोर्टल के माध्यम से 18 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से लगभग 97 प्रतिशत का निस्तारण किया जा चुका है। प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में व्यवसाय स्थापित व संचालित करने के लिए आवश्यक नवीन सेवाओं को चिन्हित किया जाएगा। इस हेतु औद्योगिक घरानों, संगठनों व विभागों से परामर्श लिया जाएगा। ऐसी सेवाओं को संबंधित विभाग द्वारा ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएंगी तथा व्यवसायों के लिए वन स्टॉप सॉल्यूशन प्रदान करने हेतु निवेश मित्र पोर्टल के साथ एकीकृत किया जाएगा।

मिलेगा भयमुक्त औद्योगिक वातावरण

उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में एक सुरक्षित एवं भयमुक्त औद्योगिक वातावरण प्रदान करना सुनिश्चित करेगी। इसके लिए नोएडा, कानपुर, गोरखपुर, बुलचंद पूर्वाचल जैसे क्षेत्रों में औद्योगिक क्लस्टर्स/ पुलिस स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। प्रमुख औद्योगिक क्लस्टर्स / क्षेत्रों में एकीकृत पुलिस व अग्निशमन केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे। प्रदेश सरकार ने अनुबंध प्रवर्तन के अंतर्गत वाणिज्यिक प्रकरणों के निस्तारण हेतु प्रमुख जनपदों में 17 वाणिज्यिक न्यायालयों की स्थापना को भी अधिसूचित किया है। इस व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जाएगा तथा संपूर्ण न्यायालय प्रबंधन प्रणाली को ऑनलाइन किया जाएगा।

रेटिंग: 4.29
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 613
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *