क्रिप्टोबो फैसले

शाम छह बजे तक के मुख्य समाचार
नयी दिल्ली, 15 नवंबर (भाषा) ‘भाषा’ की विभिन्न फाइल से मंगलवार को शाम छह बजे तक जारी मुख्य समाचार इस प्रकार हैं:
वि20जी20 दूसरी लीड मोदी
यूक्रेन में युद्ध-विराम और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का तरीका तलाशना होगा: प्रधानमंत्री मोदी
बाली ,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को यूक्रेन विवाद को सुलझाने के लिए ‘‘युद्धविराम और कूटनीति’’ के रास्ते पर लौटने का आह्वान किया। साथ ही रूसी तेल व गैस खरीद के खिलाफ पश्चिमी देशों के आह्वान के बीच उन्होंने ऊर्जा की आपूर्ति पर किसी भी प्रतिबंध को बढ़ावा देने का विरोध किया।
वि56 जी20 मोदी लीड बाइडन
मोदी, बाइडन ने बाली में बैठक में भारत-अमेरिका गठजोड़ की समीक्षा की
बाली (इंडोनेशिया), प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने उभरती प्रौद्योगिकियों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे क्षेत्रों सहित अन्य क्षेत्रों में भारत-अमेरिकी सामरिक गठजोड़ की स्थिति की मंगलवार को समीक्षा की तथा मौजूदा वैश्विक एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की।
प्रादे56 बंगाल ममता केंद्र
यदि केंद्र राज्य के बकाये का भुगतान नहीं करता है, तो हम भी जीएसटी रोक सकते हैं : ममता बनर्जी
झारग्राम (पश्चिम बंगाल), पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा नीत केंद्र सरकार के खिलाफ तीखा हमला करते हुए मंगलवार को कहा कि अगर केंद्र ने राज्य का बकाया नहीं चुकाया तो उसे (पश्चिम बंगाल) वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का भुगतान रोकना पड़ सकता है।
दि11महिला हत्या जांच
महरौली हत्याकांड: आरोपी को उस जगह ले जाया गया, जहां उसने शव के टुकड़े फेंके थे
नयी दिल्ली, दिल्ली पुलिस अपनी लिव इन पार्टनर की हत्या के आरोपी 28 वर्षीय एक व्यक्ति आफताब को मंगलवार को छतरपुर के जंगल में ले गयी जहां उसने कथित रूप से शव के टुकड़े फेंके थे।
प्रादे66 गुजरात अदालत मोरबी हादसा
मोरबी हादसा : उच्च न्यायालय ने पूछा, संचालन और रखरखाव का ठेका बिना निविदा निकाले क्यों दिया
अहमदाबाद, गुजरात उच्च न्यायालय ने मंगलवार को मोरबी पुल त्रासदी मामले में स्वत: संज्ञान लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा कि किस आधार पर रुचि की अभिव्यक्ति के लिए कोई निविदा नहीं निकाली गई और बिना निविदा निकाले ही किसी व्यक्ति विशेष पर ‘‘कृपा क्यों की गई।’’
शिवसेना के नाम व चुनाव चिन्ह पर निर्वाचन आयोग फैसले के खिलाफ उद्धव की याचिका खारिज
नयी दिल्ली, दिल्ली उच्च न्यायालय ने शिवसेना पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न के इस्तेमाल पर रोक लगाने के निर्वाचन आयोग के अंतरिम आदेश के खिलाफ दायर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की याचिका मंगलवार को खारिज कर दी।
प्रादे59 महाराष्ट्र राहुल रैली
संविधान पर हर रोज हमले करती है भाजपा: राहुल गांधी
वाशिम (महाराष्ट्र), कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संविधान पर प्रतिदिन हमला करती है क्योंकि वह यह स्वीकार नहीं करना चाहती कि दलितों, आदिवासियों और गरीबों को अधिकार मिलने चाहिए।
दि24 अदालत अभिनेत्री जमानत
धनशोधन मामले में अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडीज को जमानत
नयी दिल्ली, दिल्ली की एक अदालत ने अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडीज को ठग सुकेश चंद्रशेखर से जुड़े 200 करोड़ रुपये के धनशोधन मामले में मंगलवार को जमानत दे दी।
दि16 कांग्रेस गुजरात प्रचारक
कांग्रेस ने खरगे, सोनिया और राहुल समेत कई नेताओं को गुजरात के लिए स्टार प्रचारक बनाया
नयी दिल्ली, कांग्रेस ने गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मंगलवार को अपने 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की, जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हैं।
दि10 उप्र मैनपुरी उपचुनाव भाजपा उम्मीदवार
भाजपा ने मैनपुरी सीट पर डिंपल यादव के खिलाफ रघुराज सिंह शाक्य को उतारा
नयी दिल्ली, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर प्रदेश की मैनपुरी सीट पर लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव के खिलाफ मंगलवार को पूर्व सांसद रघुराज सिंह शाक्य को अपना उम्मीदवार घोषित किया ।
वि54 वैश्विक लीड जनसंख्या
धरती ने अपने आठ अरबवें निवासी का स्वागत किया
संयुक्त राष्ट्र/बीजिंग, मानवता के एक अहम पड़ाव में, पिछले 12 वर्षों में एक अरब लोगों को जोड़ने के बाद मंगलवार को वैश्विक जनसंख्या आठ अरब तक पहुंच गई।
मूडीज ने भारत समेत 13 देशों की ‘साख’ को नकारात्मक परिदृश्य की श्रेणी में रखा
नयी दिल्ली, साख निर्धारित करने वाली रेटिंग एजेंसी मूडीज ने मंगलवार को 2023 के लिये वैश्विक स्तर पर देशों को साख को लेकर ‘नकारात्मक परिदृश्य’ दिया। उसने कहा कि खाद्य पदार्थों और ऊर्जा के दाम बढ़ने से आर्थिक वृद्धि प्रभावित होगी और सामाजिक तनाव बढ़ेगा।
खेल12 खेल न्यायालय आईओए
आईओए चुनाव, संविधान को अपनाने को लेकर फैसले के पालन का न्यायालय का निर्देश
नयी दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को निर्देश दिया कि भारतीय ओलंपिक संघ ( आईओए) की कार्यकारी समिति के चुनाव और संविधान को अपनाने को लेकर उसके दस अक्टूबर और तीन नवंबर के फैसले का पूरी ईमानदारी के साथ पालन हो ।
द कन्वरसेशन से अनुबंध के तहत जारी खबरें :
अर्थ31 क्रिप्टो नियमन
क्रिप्टो बाजार में अधिक नियामकीय स्पष्टता की जरूरत: बाइनेंस सीईओ
कोवेंट्री (ब्रिटेन), दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज बाइनेंस के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) चांगपेंग झाओ ने क्रिप्टो बाजार को लेकर अधिक नियामकीय स्पष्टता का आह्वान किया है। क्रिप्टो करेंसी बाजार में अफरातफरी और गत एक वर्ष में निवेशकों को दो हजार अरब डॉलर का नुकसान होने के अनुमान के बीच उन्होंने यह बात कही है।
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क्रिप्टो करेंसी और वर्चुअल डिजिटल संपत्ति पर टैक्स के फैसले का स्वागत, निवेशकों ने कहा- इसमें अब कहीं अस्पष्टता नहीं
डेली जनमत न्यूज डेस्क। केंद्रीय बजट 2022 में प्रस्तावित किया गया है कि किसी भी क्रिप्टो करेंसी और वर्चुअल डिजिटल संपत्ति (Virtual or Cryptocurrency Asset) के लेनदेन पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा। वित्त मंत्री ने बजट 2022 में कहा कि अधिग्रहण की लागत (Cost of Acquisition) को छोड़कर किसी भी कटौती की अनुमति नहीं दी जाएगी और लेनदेन में किसी भी नुकसान को कैरी-फॉरवर्ड करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। क्रिप्टो करेंसी और वर्चुअल डिजिटल संपत्ति पर केंद्र सरकार के नये टैक्स प्रावधानों को लेकर क्रिप्टो निवेशकों और विशेषज्ञों में सारात्मक प्रभाव है। उन्हें लगता है कि टैक्स लगने से काफी हद तक क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) को सरकार मान्यता दे रही है। हालांकि कई लोग इसे देश में वर्चुअल मुद्रा (virtual currency) के रेग्यूलेशन और स्वीकृति की दिशा में एक सकारात्मक कदम के रूप में देखते हैं। सरकार की घोषणा के बाद क्रिप्टो एक्सचेंजों पर कोई नकारात्मक प्रभाव भी देखने को नहीं मिला। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण 2022 में डिजिटल वर्चुअल एसेट्स या क्रिप्टो से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत का एक फ्लैट टैक्स लगने की घोषणा की। वहीं, घाटा होने पर भी टैक्स देना होगा। यूनोकॉइन के संस्थापक और सीईओ सात्विक विश्वनाथ ने टैक्स लगाए जाने पर स्पष्टीकरण दिया कि क्रिप्टो में ट्रेडिंग पर हमेशा से टैक्स लगता था। यह कोई अचानक नहीं हुआ है।
निवेशकों के मुताबिक कुछ लोग इसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन मान रहे थे, तो कुछ इसे दूसरे सोर्स से इनकम की श्रेणी समझ रहे थे और कुछ इसे बिजनेस इनकम मान कर टैक्स भर रहे थे। अब हमारे पास वर्गीकरण को लेकर चीजें स्पष्ट हैं, इसमें अब कहीं अस्पष्टता नहीं है। आपको डिजिटल करेंसी श्रेणी के तहत सीधे 30 प्रतिशत टैक्स का भुगतान करना होगा। इसके अलावा आपको 1 प्रतिशत टीडीएस भी देना होगा।
क्रिप्टो पर टैक्स हाई, लेकिन सकारात्मक
ZebPay के सीईओ ने कहा, 'वर्चुअल डिजिटल ऐसेट्स पर टैक्स लगाने से निवेशकों और एक्सचेंजों सहित पूरे इको-सिस्टम को आगे की राह दिखने लगी है। हालांकि, वर्चुअल डिजिटल ऐसेट्स से आय पर 30 प्रतिशत कर काफी ज्यादा है। लेकिन यह एक सकारात्मक कदम है। क्योंकि यह क्रिप्टो को वैध बनाता है और देश में सभी हितधारकों में क्रिप्टो और एनएफटी की स्वीकृति के लिए एक आशावादी सेंटीमेंट का संकेत देता है। सरकार ने पिछले फरवरी से आज तक क्रिप्टो के प्रति अपने रुख में एक लंबा सफर तय किया है और हमें विश्वास है कि यह वेब 3.0 वर्ल्ड में भारत के लिए विकास और इनोवेशन के एक नए युग की शुरुआत करेगा।'
कानून बनाकर रेगुलेट करने की जरूरत
सीपीसी एनालिटिक्स के पार्टनर साहिल देव को लगता है कि यह सही दिशा में उठाया गया कदम है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को कानून बनाकर रेगुलेट करने की जरूरत है। इससे धीरे-धीरे एक अच्छा स्वरूप सामने आएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस कदम से इस क्षेत्र को मुख्यधारा में लाने में मदद मिलेगी और अनिश्चितता का दौर खत्म होगा। जिस डर से कई निवेशक क्रिप्टो या डिजिटल करेंसी में निवेश करने से बचते हैं। गौरतलब है कि निवेशकों की भी कुछ ऐसी ही राय है। उनका कहना हैं कि अब भी रेगुलेटरी कैसे काम करेगा ये साफ नहीं है, लेकिन इसने क्रिप्टो करेंसी से आय को एक तरह से वैध कर दिया है। यह कुछ हद तक विकास को गति देगा। लेकिन वास्तविक विकास क्रिप्टो करेंसी को लेकर नियमों के लागू होने के बाद देखा जा सकेगा।
भारत में क्रिप्टो करेंसी की स्तिथि
भारत में क्रिप्टो करेंसी का बाजार पहले ही अरबों डॉलर के आंकड़े को पार कर चुका है। वर्तमान में लगभग 5-6 प्रमुख ऐप हैं जो क्रिप्टो में ट्रेडिंग सर्विस देते हैं। इनमें से दो महामारी के दौरान यूनिकॉर्न बन गईं। CoinDCX अगस्त 2021 में यूनिकॉर्न बना जबकि CoinSwitch Kuber ने अक्टूबर 2021 में इस स्तर को छुआ। 1 बिलियन डॉलर या उससे ज्यादा का मूल्यांकन होने पर कंपनियां 'यूनिकॉर्न' बन जाती हैं। इन ऐप के यूजर बेस और ट्रेडिंग वॉल्यूम का अध्ययन करने पर देश में क्रिप्टो करेंसी की तस्वीर साफ हो जाएगी। कुल मिलाकर इन ऐप के लगभग 3 करोड़ सक्रिय यूजर्स हैं जो हर महीने क्रिप्टो में ट्रेडिंग करते हैं। ऐप Unocoin के 17 लाख से ज्यादा एक्टिव यूजर्स हैं और वहां हर साल लाखों डॉलर का लेनदेन होता है। ये सभी निवेशक अब नए टैक्स के दायरे में आएंगे।
Cryptocurrency Bill: क्रिप्टो बैन की खबरों के बीच कीमतों में उछाल, नई करेंसी की हुई एंट्री
क्रिप्टो करेंसी में पैसा लगाने वाले 10 करोड़ लोगों के लिए आज बड़ा दिन है। केंद्र सरकार आज से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में बहुप्रतीक्षित ‘द क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021’ पेश करने के लिए तैयार है। क्रिप्टो उद्योग एक सकारात्मक रेग्युलेशन की प्रतीक्षा कर रहा है जो कुछ प्रतिबंधों के साथ क्रिप्टो में निवेश और व्यापार की अनुमति दे सकता है। क्रिप्टो बिल को लेकर अब तक पॉज़िटिव और नेगेटिव दोनों तरह की चर्चा रही है।
क्रिप्टो बिल पर WazirX के फाउंडर निश्चल शेट्टी का कहना है कि सरकार यह बिल क्रिप्टो को बैन करने के लिए नहीं, बल्कि इसे रेगुलेट करने के लिए लेकर आ रही है, निवेशकों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। शायद यही कारण है कि आज क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में भी बढ़त देखने को मिली। बिटकॉइन का कारोबार 57,000 डॉलर से ऊपर है।
दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन में 6 फीसदी की तेजी देखने को मिली और ये 57,699 डॉलर के पार चली गई। इसकी कीमत हाल ही में लगभग 69,000 डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई थी। CoinGecko के अनुसार, क्रिप्टो का वैश्विक मार्केट कैपिटल अब बढ़कर 2.72 ट्रिलियन डॉलर हो गया है। दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether भी 7% से बढ़कर 4,337 डॉलर पर पहंच गई है। कॉइनडेस्क के अनुसार Dogecoin की कीमत 3% से बढ़कर 0.20 डॉलर , जबकि Shiba Inu 4% से बढ़कर 0.000039 डॉलर पहंच गई।
वहीं, क्रिप्टो बैन की खबरों के बीच सिंगापुर-बेस्ट वर्चुअल करेंसी एक्सचेंज कॉइनस्टोर (Coinstore) भारत में एंट्री हुई है। इस सिंगापुर-बेस्ट वर्चुअल करेंसी एक्सचेंज ने देश में अपने ऑपरेशन भी शरू कर दिए हैं।
कॉइनस्टोर (Coinstore) के मार्केटिंग हेड चार्ल्स टैन (Charles Tan) ने भारतीय बाजार में विस्तार की पर जोर देते हुए कहा, उनकी ऐप पर लगभग एक तिहाई यूजर भारत से हैं, ऐसे में भारतीय बाजार में विस्तार करना कंपनी ने को ठीक लगा। हालांकि, बैन की खबरों पर उन्होंने कहा, "पॉलिसी में थोड़े बदलाव हो सकते हैं, लेकिन कंपनी को उम्मीद है कि चीजें सकारात्मक रहेंगी। हम उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसीज के लिए एक हेल्थी फ्रेमवर्क प्रस्तुत करेगी।"
इसके अलावा टैन ने कहा कि कॉइनस्टोर भारत में लगभग 100 से अधिक कर्मचारी रखने की तैयारी में है और भारतीय बाजार में मार्केटिंग से लेकर हायरिंग और क्रिप्टो संबंधी प्रोडक्ट्स के साथ सर्विसेज़ के डेवलपमेंट पर लगभग 20 मिलियन डॉलर खर्च करने की योजना है।
हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी के बैन को लेकर खबरें मीडिया में देखने को मिल रही है। खासकर सरकार द्वारा लाये जा रहे बिल को लेकर चर्चा है। तो चलिए जानते हैं कि क्रिपटोकरेंसी को लेकर नए बिल में क्या प्रावधान है ? क्यों सरकार इससे जुड़े खतरे को देखते हुए इसे बैन करने पर विचार कर रही है?
दरअसल, भारत सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में नया बिल लाएगी। संसद में सरकार जो बिल लाने वाली है उस बिल की सूची में दसवें नंबर पर साफ साफ लिखा है कि भविष्य में आरबीआई द्वारा जारी की जाने वाली डिजिटल करेंसी के अलावा अन्य सभी क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। इस बिल का नाम ‘द क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021’, है।
इस बिल में ये भी उल्लेख किया गया है कि आरबीआई के ऑफिशल डिजिटल करेंसी के लिए एक फ्रेम वर्क तैयार किया जाएगा। इसका उद्देश्य है भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को बैन करना है। हालांकि, कुछ करेंसी को रेगुलेट करने की अनुमति दी जाएगी परंतु वो कौन सी होंगी इसका उल्लेख नहीं है।
हालांकि, केंद्र सरकार द्वारा अभी तक 'निजी' क्रिप्टोकरेंसी के लिए कोई परिभाषा स्पष्ट नहीं की गई है। ऐसे में यह संभावना है कि बिटकॉइन, एथेरियम और इस तरह के अन्य क्रिप्टो टोकन पर प्रतिबंध न लगे क्योंकि ये सार्वजनिक ब्लॉकचैन नेटवर्क पर आधारित हैं। इसका अर्थ है कि इन नेटवर्कों का उपयोग करके किए गए लेन-देन का पता लगाया जा सकता है। या हो सकता है निजी क्रिप्टोकरेंसी के रूप में सरकार का इशारा मोनेरो और डैश की ओर हो जो उपयोगकर्ताओं के ट्रैन्सैक्शन की गोपनीयता को उजागर नहीं करता है।
इस बिल के लागू किए जाने से भारत में क्रिप्टो करेंसी का बाजार बंद हो जाएगा। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत की 8 फीसदी आबादी क्रिप्टो करेंसी के बाजार में निवेश करती है। इन लोगों ने क्रिप्टो करेंसी में कुल 70 हजार करोड़ रुपये निवेश किए हैं। ये निवेश एक ऐसे बाजार में किए गये हैं जिसे भारत सरकार ने मान्यता नहीं दी है, परंतु अब इनके निवेश पर प्रतिबंध लगाने की तलवार लटक रही है। निवेश करने का उद्देश्य जल्द से जल्द अमीर होने की लालसा है जिस वजह से इस बाजार ने युवाओं को सबसे अधिक आकर्षित किया है।
ये अनुमान लगाया गया था कि भविष्य में भारत के शहरी क्षेत्रों में रहने वाले करीब 19 प्रतिशत लोग इस बाजार में निवेश करने की योजना बना रहे थे, जो अब इसपर एक बार फिर से विचार करने के लिए बाध्य हो गए हैं। यदि प्रतिबंध लगता है तो जिसने भी इस बाजार में निवेश किया है उसके पैसे डूब जाएंगे। इसका अर्थ है कि अगर क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगा दिया गया तो करोड़ों लोगों द्वारा निवेश किए गए 70 हजार करोड़ रुपये डूब जाएंगे।
बता दें कि दुनिया भर में अभी इस समय 7 हजार से अधिक क्रिप्टो करेंसी चलन में हैं, जबकि भारत में ये संख्या 4 हजार है। इनमें से 2008 में लॉन्च की गई बिटकॉइन सबसे अधिक लोकप्रिय है। बिटकॉइन की कीमत वर्ष 2010 में 75 पैसे से भी कम थी जबकि आज की तारीख में इसकी कीमत 46 लाख रुपये है। मीडिया में बैन के खबरों का प्रभाव क्रिप्टो करेंसी के बाजार पर देखने को मिल रहा है। बिटकॉइन, इथीरियम सहित सभी क्रिप्टो में गिरावट देखने को मिली है है, अकेले बिटकॉइन में ये गिरावट 29 फीसदी की देखी गई है, जबकि ये क्रिप्टो करेंसी 30 प्रतिशत तक टूटी है।
पिछले हफ्ते पीएम मोदी ने एक कार्यक्रम को संबोधित कर कहा था, 'डाटा गवर्नन्स के लिए मानक और मापदंड बनाने की आवश्यकता है। डाटा का सुरक्षित तरीके से सीमा पार प्रवाह की भी आवश्यकता है। क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन इसका उदाहरण हैं। ये महत्वपूर्ण है कि सभी लोकतान्त्रिक राष्ट्र इस पर एक साथ काम करें और ये सुनिश्चित करें कि ये गलत हाथों में न जाए जो हमारे युवाओं खराब कर सकता है।'
बता दें कि सरकार को चिंता है कि क्रिप्टो बाजार मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग के लिए रास्ते बना सकता है। इसके पीछे का कारण क्रिप्टो करेंसी का कोई रेगुलेटर न होना है और न ही कोई इसे नियंत्रित करता है। ये सब ऑटोमेटिक होता है, परंतु स्पेशल कंप्यूटर और सोफ्टवेयर के जरिए होता है। क्रिप्टो करेन्सी का कोई फिज़िकल फोर्म नहीं है, परंतु इसका डिजिटल ट्रांजेक्शन होता है। ऐसे में इसे हैक करना आसान है और गैर कानूनी गतिविधियों के लिए इसका इस्तेमाल बढ़ा है। अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, यूके में इसपर कोई रोक नहीं है, परंतु की केंद्र बाँकों ने इन्हें मान्यता भी नहीं दी है।
आरबीआई कई बार भारत में क्रिप्टो के बढ़ते प्रचलन पर गंभीर चिंता जताया चुका है। आरबीआई का कहना है कि क्रिप्टो करेंसी से देश की व्यापक आर्थिक ( Macro Economic) और वित्तीय स्थिरता (Financial Stability) प्रभावित हो सकती है। आरबीआई तो इसे वर्ष 2018 में बैन तक लगा चुका है, परंतु सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2020 में बैन को हटा दिया था। हालांकि, आरबीआई ने अपनी डिजिटल करेन्सी लाने की बात कही थी और अब उसी दिशा में सरकार अपने कदम बढ़ा रही है।
कई विशेषज्ञों के अनुसार, चूंकि क्रिप्टो करेंसी केवल कंप्यूटर कोड का हिस्सा हैं, इसलिए इसे प्रतिबंधित करना कठिन है। क्रिप्टो को एक वॉलेट से दूसरे वॉलेट में ट्रांसफर करना पेन ड्राइव के जरिए म्यूजिक शेयर करने से जैसा है, जिसका अर्थ है कि रेगुलेटरी बैन वास्तव में लोगों की एक-दूसरे को क्रिप्टो भेजने की क्षमता को नहीं छीनेगा।
सरकार क्रिप्टो करेन्सी से जुड़े प्लेटफार्मों पर प्रतिबंध लगाती है तो इससे जुड़े ग्राहकों के लिए क्रिप्टो में व्यापार करना मुश्किल हो सकता है, परंतु पूरी तरह से रोक नहीं सकती क्योंकि इसका वैकल्पिक तरीका भी निकाला जा सकता है। हालांकि, बैन लगने के बाद भारत में इस बाजार के बढ़ने की संभावनाएँ कम हो जाएंगी। इसके अलावा बैंक और क्रिप्टो एक्सचेंजों के बीच लेन-देन भी बंद हो जाएगा और क्रिप्टो के ग्राहक क्रिप्टो करेंसी खरीदने के लिए अपनी स्थानीय मुद्रा को परिवर्तित नहीं कर पाएंगे।
इस बीच, भारत के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म WazirX के सीईओ निश्चल शेट्टी ने ट्वीट कर बताया, "क्रिप्टो रेगुलेशन बिल को शीतकालीन सत्र के लिए सूचीबद्ध किया गया है। विवरण ज्यादा नहीं बदला गया है। कयास दोनों तरफ से कयास लगाए जा रहे। हालांकि, अच्छी खबर यह है कि सरकार के भीतर अधिक लोग जानते हैं कि क्रिप्टो कैसे काम करता है।"
Crypto पर सरकार का रुख नपा-तुला, बोले पूर्व वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा
आज तक 22-03-2022 https://www.aajtak.in
क्रिप्टो पर टैक्स लगाने के सरकार के फैसले पर लोगों के बीच एक बहस छिड़ी हुई है. इस बीच बिजनेस टुडे के क्रिप्टो कॉनक्लेव में संसद की वित्त स्थायी समिति के मौजूदा अध्यक्ष और पूर्व वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने सरकार के इस रुख को काफी नपा-तुला बताया, जबकि विपक्ष के कई नेता इससे अलग राय पेश करते नजर आए.
दुनिया के साथ कदमताल की जरूरत
जयंत सिन्हा ने कहा कि क्रिप्टो को लेकर सरकार जो अभी रुख वो काफी नपा-तुला है. साथ ही ये पूरी तरह से वैध है. उन्होंने कहा कि क्रिप्टो को लेकर वैश्विक परिदृश्य तेजी से साफ हो रहा है. ऐसे में हम ऐसा कुछ भी नहीं कर सकते हैं जो बाद में दुनिया में होने वाले बदलाव के साथ वापस लेना पड़े. इसलिए हमें दुनिया के साथ मिलकर चलना होगा.
जयंत सिन्हा के अलावा इस कार्यक्रम में शिवसेना की नेता प्रियंका चतुर्वेदी, बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्रा और कांग्रेस के पूर्व सांसद राजीव गौड़ा भी शामिल हुए.
'क्रिप्टो का लाभ उठाने से चूक रहा भारत'
क्रिप्टो पर सरकार के रुख की आलोचना करते हुए शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा सरकार अपनी सतर्कता वाली एप्रोच से क्रिप्टो का लाभ उठाने का मौका चूक रही है. इससे भारत की अर्थव्यवस्था को काफी फायदा मिल सकता क्रिप्टोबो फैसले है. उन्होंने सरकार के क्रिप्टो पर टैक्स लगाने पर भी अपनी राय रखी. प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि सरकार ने अभी तक ये साफ नहीं किया कि क्रिप्टो का लीगल स्टेटस क्या है, इसका कहां और कैसे उपयोग हो सकता है, लेकिन इस पर टैक्स लगा दिया है.
प्रियंका के साथ-साथ विपक्ष के अन्य नेताओं ने भी सरकार के रुख को ज्यादा ही सावधानी भरा करार दिया. प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि इस वजह से क्रिप्टो एक्सचेंज देश से बाहर जा रहे हैं और ये सरकार के लिए चिंता का विषय होना चाहिए. वहीं राजीव गौड़ा ने कहा कि सरकार में क्रिप्टो को लेकर काफी कंफ्यूजन है. सरकार के इस रवैये का नुकसान ये होगा कि हमारे देश से प्रतिभा और संस्थान बाहर जाने लगेंगे.
'इंटरनेट को बैन करने जैसा क्रिप्टो को रोकना'
पिनाकी मिश्रा ने कहा कि अब क्रिप्टो पर बैन लगाने का उल्टा नुकसान हो. ये बिलकुल इंटरनेट को बैन करने जैसा होगा. सरकार क्रिप्टो ट्रेडिंग को 'अहितकर गतिविधि' के तौर पर देखती है. उसने इसे जुअे और शराब की लत की तरह मान लिया है. उन्होंने कहा कि सरकार को क्रिप्टो को लेकर अन्य देशों के अच्छे कदमों के बारे में सोचना चाहिए और इस बात से कोई इंकार नहीं कर रहा कि इसका रेग्युलेशन समय की जरूरत है.
छावला गैंगरेप: दोषियों को बरी करने के फैसले के खिलाफ SC में रिव्यू पिटिशन, दिल्ली LG ने दी मंजूरी
निचली अदालत ने तीनों को दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई थी. हाईकोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने निचली और दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को बदलते हुए तीनों दोषियों को बरी कर दिया था.
छावला गैंगरेप: दोषियों को बरी करने के फैसले के खिलाफ SC में दायर होगी रिव्यू पिटिशन (File Photo: ANI)
नई दिल्ली. छावला गैंगरेप में दोषियों को बरी करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक रिव्यू पिटिशन फाइल की जाएगी. रिव्यू पिटीशन को दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने रिव्यू पिटीशन को मंजूरी दे दी है. सुप्रीम कोर्ट में अपना रक्ष रखने के लिए उपराज्यपाल ने SG तुषार मेहता और अतिरिक्त SG ऐश्वर्या भाटी की नियुक्ति को भी मंजूरी दी. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में छावला गैंगरेप के तीन दोषियों को बरी करने का फैसला किया था.
- गैंगरेप और हत्या का 2012 का मामला
- युवती के साथ तीन लोगों ने की थी दरिंदगी
- सुप्रीम कोर्ट ने तीनों दोषियों को किया बरी
गैंगरेप और हत्या का 2012 का मामला
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद काफी चर्चा हुआ कि कैसे गैंगरेप और हत्या के दोषियों का बरी कर दिया गया क्रिप्टोबो फैसले है. इससे पहले निचली अदालत और दिल्ली हाईकोर्ट ने दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी. हत्या और गैंगरेप का मामला 2012 का है. फरवरी 2012 में छावला की रहने वाली 19 साल की युवती गुड़गांव से काम करने के बाद वापस अपने घर बस से लौट रही थी.
युवती के साथ तीन लोगों ने की थी दरिंदगी
बस से उतरने के बाद युवती अपने घर की तरफ पैदल जाने लगी. इस बीच पीछ से एक लाल रंग की कार आती है औऱ उसमें सवार तीन युवक जबरन लड़की को पकड़कर कार में खींच लेते हैं और उसे अगवा कर लेते जाते हैं. इसके बाद तीनों ने लड़की के साथ रेप किया और लड़की जिस्म को नोचने में कोई कसर नहीं छोड़ी. दरिंदे यही नहीं रुके, उन्होंने गाड़ी से लोहे का पाना और जैक निकालकर उसके सिर पर वार किया.
सुप्रीम कोर्ट ने तीनों दोषियों को किया बरी
यहीं नहीं दरिंदों ने उसे जलाकर बदशक्ल करने क्रिप्टोबो फैसले के लिए गाड़ी के साइलेंसर से दूसरे औजारों को गर्म कर उसके जिस्म को जगह-जगह दाग दिया. यहीं नहीं तीनों दरिंदों ने युवकी के प्राइवेट पार्ट जला दिया. इसके बाद मामले की सुनवाई करते हुए निचली अदालत ने तीनों को दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई थी. हाईकोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने निचली और दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को बदलते हुए तीनों दोषियों को बरी कर दिया था.