क्रिप्टो करेंसी पर भरोसा कैसे करें

भारतीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज WazirX क्रैश, फाउंडर ने निवेशकों को जल्द ठीक होने का दिया भरोसा
भारत के सबसे बड़े बिटक्वॉइन और क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज में से एक WazirX क्रैश कर गया है.
भारत के सबसे बड़े बिटक्वॉइन और क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज में से एक WazirX क्रैश कर गया है.
भारत के सबसे बड़े बिटक्वॉइन और क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज में से एक WazirX क्रैश कर गया है. निवेशकों की चिंता पर WazirX के फाउंडर और सीईओ ने कई ट्वीट करके कहा कि सर्वर क्रैश कर गए थे और उन्हें ठीक करने में कुछ समय लगेगा. शेट्टी ने ट्वीट किया कि उन्होंने अपने एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स द्वारा तय आंतरिक लिमिट को छू लिया है. वह उसे जितना संभव हो, बढ़ाने के लिए उनके साथ काम कर रहे हैं. कृप्या इसका समाधान होने तक इंतजार करें.
जब WazirX ट्विटर पर घबराए निवेशकों के साथ मीम की बाढ़ के साथ ट्रेंड होना शुरू हुआ, तो शेट्टी ने लिखा कि जब व्यवस्था का एक हिस्सा खराब होता है, तो सभी सेवाओं पर बुरा असर होता है. जिस स्तर पर वे काम करते हैं, उस पर चीजों को वापस ले जाने में कुछ समय लगेगा. कृप्या धैर्य रखें, वह जल्द वापस आ जाएगा. टीम इस पर काम कर रही है.
वॉलेट को बताया सुरक्षित
इससे पहले रविवार को शेट्टी ने ट्वीट किया था कि WazirX ने 24 घंटे की ट्रेडिंग वॉल्यूम में 270 मिलियन डॉलर को पार कर लिया है. उन्होंने दावा किया था कि यह भारत में किसी भी समय किसी क्रिप्टोकरेंसी द्वारा सबसे ज्यादा ट्रेडिंग वॉल्यूम है. एक्सचेंज क्रैश के मुताबिक, उन्होंने कहा कि यह फर्क नहीं पड़ता कि आप ट्रैफिक के लिए कितना तैयार करते हैं, कुछ सिस्टम लोड अलग होते हैं. हां वॉलेट सुरक्षित है. हमारे सिस्टम पर लोड बहुत अधिक है. स्केलिंग लंबा समय ले रही है.
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WazirX के सीओओ सिद्धार्थ ने कहा कि एक्सचेंज अपने सर्वकालिक ऊंचाई पर पहुंच गया. उन्होंने ट्वीट किया कि वे सिस्टम ATH ट्रेड का अनुभव कर रहे हैं. उनकी टीम तेज करने की कोशिश कर रही है. इंतजार करिए. क्योंकि कुछ निवेशकों ने इशारा किया कि उनके फंड शून्य दिख रहे हैं, शेट्टी ने कहा कि वे सभी लोग जो कह रहे हैं कि फंड्स शून्य दिख रहे हैं, यह इसलिए है क्योंकि सिस्टम के कुछ भाग काम नहीं कर रहे हैं. ऐसा एक सिस्टम वह है जो फंड वैल्यू दिखाता है. वह दोबारा काम करना तब शुरू कर देगा, जब सभी सेवाएं ठीक हो जाएंगी.
WazirX को मार्च 2018 में लॉन्च किया गया था. 2019 में, एक्सचेंज को Binance ने अधिग्रहित कर लिया था.
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स्वदेशी बिटकॉइन लक्ष्मी लांच करेगा RBI
धन की देवी के नाम पर आरबीआई अपने क्रिप्टो करेंसी पर भरोसा कैसे करें बिटकॉइन का नाम 'लक्ष्मी' रख सकता है.
साल 2015 में लॉन्च हुई कंपनी का कहना है कि लगातार बढ़ते डाउनलोड्स से पता चलता है कि लोगों का बिटकॉइन पर भरोसा बढ़ा है और यह करेंसी सबसे लोकप्रिय एसेट क्लास के तौर पर उभरी है. आरबीआई में एक्सपर्ट्स का एक ग्रुप भारतीय करेंसी रुपये के डिजिटल विकल्प की संभावनाओं पर विचार कर रहा है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक धन की देवी के नाम पर आरबीआई अपने बिटकॉइन का नाम 'लक्ष्मी' रख सकता है.
आरबीआई की क्रिप्टोकरेंसी उसकी उस योजना का हिस्सा हो सकता है, जिसके तहत वह ब्लॉकचेन तैयार करने पर विचार कर रहा है. क्रिप्टो करेंसी के लेनदेन का लेजर रिकॉर्ड रखने वाली व्यवस्था को ब्लॉकचेन कहा जाता है. फ्रॉड और बैड लोन से निपटने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अन्य बैंकों और तकनीकी कंपनियों के साथ मिलकर इस पर काम कर रहा है. इस मामले में एसबीआई आईबीएम, माइक्रोसॉफ्ट, स्काइलार्क, केपीएमजी और 10 कमर्शियल बैंकों के साथ काम कर रहा है.
क्या है क्रिप्टोकरेंसी
क्रिप्टोकरेंसी को ई-मुद्रा या वर्चुअल मनी भी कह सकते हैं. यह नोटों की तरह नहीं होती है, केवल कंप्यूटर पर ही दिखाई देती है और सीधे आपकी जेब में नहीं आती. इसलिए इसे डिजिटल या वर्चुअल करेंसी कहा जाता है. इसे डिजिटल करेंसी भी कहते हैं. इसकी शुरुआत साल 2009 में हुई थी. इसके इस्तेमाल और भुगतान के लिये क्रिप्टोग्राफी का यूज किया जाता है. इसलिए इसे क्रिप्टो करेंसी कहा जाता है. बिटकॉइन दुनिया की पहली क्रिप्टोकरेंसी है. इसे जमा करना माइनिंग कहलाता है. क्रिप्टोकरेंसी दुनिया के किसी भी कोने में आसानी से ट्रांसफर किया जा सकता है और क्रिप्टो करेंसी पर भरोसा कैसे करें किसी भी प्रकार की करेंसी में कनवर्ट किया जा सकता है जैसे डॉलर, यूरो और रुपया.
कैसे काम करती है क्रिप्टोकरेंसी? क्या है सरकार व RBI का क्रिप्टो करेंसी पर भरोसा कैसे करें रुख? जानें हर सवाल का जवाब
Cryptocurrency News: क्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल करेंसी है। इसे नोट या सिक्के की तरह हाथ में नहीं लिया जा सकता। ये डिजिटल क्रिप्टो करेंसी पर भरोसा कैसे करें एसेट्स होते हैं।
- क्रिप्टोकरेंसी को कोई सेंट्रल अथॉरिटी रेगुलेट नहीं करती।
- क्रिप्टोकरेंसी की संख्या हजारों में हैं, जिनकी अलग-अलग कीमत है जो बढ़ती-घटती रहती है।
- भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई कानून नहीं है, न ही रेगुलेशन का कोई सिस्टम है।
नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के बारे में अबतक आपने बहुत पढ़ा-सुना देखा होगा। आज हम आपके सारे डाउट क्लियर कर देंगे।। जैसे- क्रिप्टोकरेंसी भारत में अवैध तो नहीं है, सरकार का इस मामले में स्टैंड क्या है, चिंताएं क्या-क्या हैं? क्या क्रिप्टोकरेंसी में इंवेस्टमेंट रिस्क वाला फैसला है? ऐसे ही 10 सवालों के जवाब यहां मिलेंगे।
सवाल 1: क्रिप्टोकरेंसी होती क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की वर्चुअल करेंसी है। मतलब ये कि नोट या सिक्के की तरह इसे हाथ में ले नहीं सकते, कोई फिजिकल एग्जीस्टेंस नहीं होता है, ये डिजिटल एसेट्स होते हैं। और क्रिप्टोग्राफी से इन्हें सेक्योर किया जाता है। हर एक क्रिप्टोकरेंसी, यूनिक प्रोग्राम कोड से बनाई जाती है जिससे कि एक ही क्रिप्टोकरेंसी की कॉपी बना लेना या धोखाधड़ी कर पाना तकरीबन नामुमकिन है।
सवाल 2: काम कैसे करती है क्रिप्टोकरेंसी?
- क्रिप्टोकरेंसी को कोई भी सेंट्रल अथॉरिटी मतलब कि सरकार या समझ लीजिए रिजर्व बैंक रेगुलेट नहीं करता है। ये पूरी तरह से डिसेंट्रलाइज्ड है और इंटरनेट पर ही इसका क्रिएशन, इंवेस्टमेंट,ट्रांजेक्शन होता है।
- भारत के लिहाज से बात करें तो सरकार या रिजर्व बैंक को नहीं पता कि ये कैसे बनाए जा रहे हैं, इसकी वैल्यू कैसे घट बढ़ रही है और इसका एक्सचेंज कैसे हो रहा है।
- एक पूरा इंटरनेट नेटवर्क है, जहां पर हर एक ट्रांजेक्शन की जानकारी सेव होती रहती है औैर इसे कोई सिंगल पर्सन या कोई संस्था मॉनिटर नहीं कर रही होती। एक ही साथ इस पर कई जगह काम होता रहता है।
सवाल 3: कितने तरह की होती है क्रिप्टोकरेंसी?
अब आपने बिटक्वॉइन, डॉजक्वाइन, लाइटक्वाइन, पोलकाडॉट, चेनलिंक, मूनक्वाइन ये सब नाम भी आपने सुने होंगे, तो ये सब क्रिप्टोकरेंसी ही हैं, इनकी संख्या हजारों में हैं जिनकी अलग-अलग वैल्युज है जो बढ़ती घटती रहती है।जैसे 16 नवंबर को एक बिटक्वाइन की कीमत करीब 48 लाख रुपये है और ये महज कुछ ही घंटों में हजारों बढ़ घट सकती है। इसका तेजी से बढ़ना घटना भी एक वजह है जिसके बारे में एक्सपर्ट कहते हैं कि जमा पूंजी को इसमें निवेश कर देना कभी-कभार तगड़ा घाटे का सौदा हो सकता है।
सवाल 4: कैसे खरीद सकते हैं?
आपको जानकार हैरानी होगी कि देश में करीब 10 करोड़ क्रिप्टो करेंसी ओनर हैं, हालांकि, ये इंडिपेंडेंट प्लेटफॉर्म की तरफ से जारी आंकड़े हैं। लेकिन फिर भी इतनी संख्या में ये जो क्रिप्टो ऑनर हैं, वहां कहां खरीदते बेचते हैं क्रिप्टोकरेंसी?ठीक वैसे ही जैसा स्टॉक मार्केट होता है वैसे ही एक्सचेंज या ब्रोकर क्रिप्टोकरेंसी के लिए है । भारत में जो टॉप क्रिप्टो एक्सचेंज हैं वो हैं CoinDCX, Coinswitch, WazirX, Kuber- ये सब मोबाइ्ल एप की मदद से रजिस्ट्रेशन लेते हैं और अपने प्लेटफॉर्म से ट्रांजेक्शन करने देते हैं। शुरुआत में ये आपको क्रिप्टो मार्केट समझने में भी हेल्प करते हैं।
ये तो हो गई क्रिप्टोकरेंसी को समझने की बात अब भारत में क्या नियम-कानून हैं और सरकार-एजेंसियों की चिंता क्या है?
सवाल 5: भारत में वैध या अवैध है क्रिप्टोकरेंसी?
मौजूदा वक्त में भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई कानून नहीं है, न ही रेगुलेशन का कोई सिस्टम है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि क्रिप्टोकरेंसी को रखना अवैध है।
सवाल 6: भारत सरकार का क्या रुख है?
ऐसा माना जा रहा है कि सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टो करेंसी पर विधेयक ला सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 नवंबर को क्रिप्टो करेंसी पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इससे संकेत मिलता है कि सरकार इस मुद्दे से निपटने के लिए टफ रेगुलेटरी स्टेप ले सकती है।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगस्त में कहा था कि उन्हें क्रिप्टो करेंसी विधेयक पर मंत्रिमंडल की मंजूरी का इंतजार है
सवाल 7: रिजर्व बैंक का क्या रुख है?
यहां एक बात और जान लीजिए कि साल 2018 में रिजर्व बैंक ने क्रिप्टो ट्रांजेक्शन पर पूरी तरह रोक लगाने वाला सर्कुलर जारी कर दिया था। मार्च 2020 में सुप्रम कोर्ट ने इस सर्कुलर को निरस्त कर दिया, और क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड की मंजूरी दे दी।हाल ही में एक कार्यक्रम में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास क्रिप्टोकरेंसी को लेकर फिर चेतावनी दी थी। उनका कहना था कि इससे रिजर्व बैंक के सामने एक चुनौती आई है। माइक्रोइकनॉमिक बैंलेस और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी दोनों के लिए क्रिप्टोकरेंसी ने चिंता पैदा की है।इस कार्यक्रम में दास ने ये भी कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेशकों की संख्या को बढ़ा चढ़ाकर बताया जा रहा है।
सवाल 8: भारत में चिंताएं क्या-क्या हैं?
अभी तक मैंने जो जानकारी दी है उससे समझ गए होंगे कि देश में पिछले कुछ सालों से क्रिप्टोकरेंसी पर लगातार बहस चलती आई है। आशंका है कि इसका इस्तेमाल निवेशकों को भ्रामक दावों के साथ आकर्षित करने और आतंक के वित्तपोषण के लिए किए जाने की आशंका है।और जब से ये क्रिप्टोकरेंसी टीओआर, फ्ऱीनेट, जीरोनेट और परफेक्टडार्क जैसे डार्क नेट पर लेन-देन के लिए इस्तेमाल किए जाने लगी है तब से सुरक्षा एजेंसियों की चिंता और बढ़ गई है।
सवाल 9: साइबर क्राइम में क्यों इस्तेमाल होने लगी है क्रिप्टोकरेंसी?
मनी लॉन्ड्रिंग करने वाले, साइबर अपराधी और आतंकवादी क्रिप्टोकरेंसी को आसान मानते हैं क्योंकि इसका पता लगाना मुश्किल होता है, क्योंकि क्रेडिट-डेबिट कार्ड या बैंक जैसा कोई मध्यस्थ नहीं होता है ऐसा में पता लगाना नामुमकिन सा हो जाता है कि आखिर पैसा गया तो गया कहां।आपको एक उदाहरण देते हैं पिछले साल पीएम मोदी के पर्सनल वेबसाइट के टि्वटर अकाउंट को हैक कर लिया गया था। हैकर ने बदले में बिटक्वॉइन की ही मांग की थी, तो ये चिंताएं हैं सरकार और एजेंसियों के सामने जिसका सवाल ढूंढा जा रहा है।
सवाल 10: क्या किसी देश में क्रिप्टोकरेंसी लीगल करेंसी भी है?
जवाब है हां, जून 2021 में अल सल्वाडोर पहला ऐसा देश बन गया जहां बिटक्वॉइन को ऑफिशियली लीगल करेंसी बनाया गया है। इसके अलावा किसी दूसरे देश में बिटक्वॉइन या कोई दूसरी क्रिप्टोकरेंसी, लीगल करेंसी के तौर पर इस्तेमाल नहीं की जाती। हालांकि, अपने देश के अलावा यूएस, कनाडा में इसकी ट्रेडिंग हो रही है, रूस, चीन जैसे देश इसके खिलाफ हैं।
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क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन ने इस साल दिया 123% तक का रिटर्न, जानिए आप कैसे कर सकते हैं निवेश
बिटकॉइन की कीमतों में अपने उच्च स्तर से 50% से ज्यादा की गिरावट आ गई है। इसके अलावा अन्य क्रिप्टोकरेंसी में भी गिरावट दिख रही है। डाऊ जोंस समेत अन्य शेयर बाजारों में गिरावट का भी असर क्रिप्टोकरेंसी पर असर दिख रहा है।
Representations of cryptocurrency Bitcoin are seen in this picture illustration taken June 7, 2021. REUTERS/Edgar Su/Illustration
बिटकॉइन दुनिया की सबसे पॉप्युलर क्रिप्टोकरेंसी है। इस साल बिटकॉइन ने अपने निवेशकों को जबरदस्त कमाई कराई है। लेकिन बीते कई महीनों से बिटकॉइन की कीमतों में लगातार गिरावट हो रही है। इसका कारण कई देशों की सरकारों की ओर से क्रिप्टोकरेंसी पर नियंत्रण लगाने और इसकी माइनिंग पर उठे सवाल हैं।
इस साल की शुरुआत के पहले चार महीनों में बिटकॉइन ने अपने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है। 1 जनवरी 2021 को बिटकॉइन की कीमत 29,001 डॉलर प्रति यूनिट थी। यह 14 अप्रैल 2021 को अपने उच्चतम स्तर 64,863 डॉलर प्रति यूनिट पर पहुंच गई थी। यानी इसने अपने निवेशकों को 1 जनवरी से 14 अप्रैल 2021 के दौरान 123% का रिटर्न दिया था। अप्रैल में अमेरिका की कार निर्माता कंपनी टेस्ला ने बिटकॉइन में 1 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया था। इससे अन्य निवेशकों में भरोसा जगा था और बिटकॉइन की मांग बढ़ी थी। इसी वजह से बिटकॉइन की कीमतें अपने उच्च स्तर पर पहुंची थीं।
अप्रैल के बाद हो रही लगातार गिरावट: 14 अप्रैल को उच्च क्रिप्टो करेंसी पर भरोसा कैसे करें स्तर पर पहुंचने के बाद बिटकॉइन की कीमतें लगातार गिर रही हैं। अब तक बिटकॉइन की कीमतों में 50% से ज्यादा की गिरावट आ गई है। मंगलवार को दोपहर करीब 12.30 बजे बिटकॉइन की कीमत 6.22% की गिरावट के साथ 29,831.70 डॉलर प्रति यूनिट पर कारोबार कर रही थी। इसके साथ ही बिटकॉइन के मार्केट कैप में भारी कमी दर्ज की गई है। अप्रैल में बिटकॉइन का मार्केट कैप 1 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर गया था। अब यह 55 हजार करोड़ डॉलर के पास आ गया है।
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इस वजह हो रही गिरावट: अभी क्रिप्टोकरेंसी पर सरकारों का नियंत्रण नहीं है। गिन-चुने देशों ने ही इसे मान्यता दी है। दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का चलन बढ़ रहा है। इस कारण हाल के दिनों में दुनियाभर की सरकारें क्रिप्टोकरेंसी को लेकर नियम बनाने में जुटी हैं। भारत समेत कई देशों में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने को लेकर बहस छिड़ी हुई है। इसका निवेशकों पर बुरा असर पड़ रहा है। बैन की आशंका को लेकर निवेशक क्रिप्टोकरेंसी में लगे निवेश को निकालने में जुटे हैं। इस कारण इसमें गिरावट हो रही है। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क कई बार बिटकॉइन की माइनिंग में इस्तेमाल होने वाली एनर्जी पर सवाल उठा चुके हैं। इसका भी नेगेटिव असर हो रहा है। अमेरिका के डाऊ जोंस समेत दुनियाभर के शेयर बाजारों में होने वाली उठापटक का भी क्रिप्टोकरेंसी पर असर पड़ता है।
अन्य क्रिप्टोकरेंसी का हाल: ऐसा नहीं है कि केवल बिटकॉइन को ही गिरावट का सामना करना पड़ रहा है। अन्य क्रिप्टोकरेंसी जैसे इथेरियम, इथेरियम क्लासिक, बिनाका कॉइन, डॉगक्वाइन समेत अधिकांश क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में गिरावट आ रही है। मंगलवार को इथेरियम 7.86% की गिरावट के साथ 1762 डॉलर प्रति यूनिट, टीथर 0.02% की गिरावट के साथ 1 डॉलर प्रति यूनिट, बिनाका कॉइन 12.03% की गिरावट के साथ 266 डॉलर प्रति यूनिट, डॉगक्वाइन 7.58% की गिरावट के साथ 0.1662 डॉलर प्रति यूनिट, इथेरियम क्लासिक 7.18% की गिरावट के साथ 39.06 डॉलर प्रति यूनिट पर कारोबार कर क्रिप्टो करेंसी पर भरोसा कैसे करें रही हैं।
ऐसे कर सकते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश: आप किसी भी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज की वेबसाइट के जरिए इसमें निवेश कर सकते हैं। सबसे पहले आपको एक्सचेंज पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद आप किसी भी तरीके से भुगतान करके क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकते हैं। सभी एक्सचेंज अपने ग्राहकों से कमीशन लेते हैं। इसलिए क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से पहले एक्सचेंज कमीशन की अच्छी तरह से जांच कर लें। क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से पहले अपने देश के नियम-कानूनों की भी अच्छी तरह से जांच पड़ताल कर लें।
क्या है क्रिप्टोकरेंसी?: क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की वर्चुअल करेंसी है। इसे डिजिटल करेंसी भी कहा जाता है। इसके जरिए लेन-देन भी किया जा सकता है। पूरी दुनिया में इस समय करीब 4 हजार क्रिप्टोकरेंसी हैं। बिटकॉइन दुनिया की सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी है। भारत में भी क्रिप्टोकरेंसी का चलन तेजी से बढ़ रहा है। भारत में क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों की संख्या 1 करोड़ के पार पहुंच गई है। इनका कुल निवेश 15 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा है।