हड़ताल मूल्य

हड़ताल को बीच में ही रोक देने की कोशिश करते हुये इतने विशाल और अभूतपूर्व मजदूर मार्च को पुलिस और प्रशासन ने बड़ी मशक्कत से 48 विभिन्न जगहों पर रोका. लेकिन निडर और अविचलित हड़ताली आगे बढ़ते रहे. पर्वतीय बागानों में भी निर्मित चाय के डिस्पैच को रोक दिया गया.
पश्चिम बंगाल में चाय बागान मजदूरों की हड़ताल
पश्चिम बंगाल हो या असम, चाय बागान के दिहाड़ी मजदूर भूखों मर रहे हैं. भारतीय रेल के बाद चाय-बागान हड़ताल मूल्य देश की दूसरे नंबर का सबसे ज्यादा श्रम-शक्ति का इस्तेमाल करने वाला उद्योग है, जहां लाखों मजदूरों को गुज़ारे लायक वेतन तक से वंचित किया जा रहा है, जिसका नतीजा है भुखमरी से मौत, और ये भयावह हालत सिर्फ बंद चाय-बागानों तक ही सीमित नहीं है.
चाय बागान मालिकों के लिए घाटे का सौदा है जैसी कोरी बकवास और संरचित न्यूनतम वेतन लागू करने की मजदूरों की मांग तक के खिलाफ मालिकों के लगातार हमलों को धता बताने के लिए, पश्चिम बंगाल में चाय बागान क्षेत्र में कार्यरत 29 ट्रेड यूनियनों ने एक साथ मिलकर 2014 में उत्तरी बंगाल के दोआर इलाके के चालसा में एक मजदूर सम्मेलन के जरिए एक ”संयुक्त फोरम” का गठन किया था.
जोशीले मजदूर एकताबद्ध आंदोलन के चलते ममता सरकार ने यूनियनों को यह आश्वासन दिया कि वो बंगाल के चाय उद्योग के 150 साल के इतिहास में पहली बार न्यूनतम वेतन लागू करेगी और 20 फरवरी 2015 को इस पर एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. इसी तरह का विक्षोभ असम के बागानों में भी देखा गया.
आठ-नौ जनवरी को फिर से बैंकों में हड़ताल
Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म. पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप
Get business news in hindi , stock exchange, sensex news and all breaking news from share market in Hindi . Browse Navbharat Times to get latest news in hindi from Business.
भारत में सोने की मांग दूसरी तिमाही में 18 फीसदी घटी, ज्वैलर्स की हड़ताल और कीमतों में उछाल का असर
Dharmender Chaudhary
Updated on: August 11, 2016 16:11 IST
WGC Report: भारत में सोने की मांग दूसरी तिमाही में 18 फीसदी घटी, ज्वैलर्स की हड़ताल और कीमतों में उछाल का असर
मुंबई। भारत की सोने की मांग इस साल दूसरी तिमाही में 18 फीसदी घटकर 131 टन रही। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि सोने की कीमत में बढ़ोतरी, सरकारी नियमों और जौहरियों की हड़ताल के कारण मांग घटी है। पिछले साल इसी तिमाही में मांग 159.8 टन थी। मूल्य के लिहाज से अप्रैल-जून तिमाही में भारत की सोने की मांग 8.7 फीसदी घट कर 35,500 करोड़ रुपए हो गई जो 2015 की इसी तिमाही में 38,890 करोड़ रुपए थी।
सहकारिता कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर एक समान वेतन दिए जाने की मांग
बुरहानपुर - महासंघ सहकारिता समिति मध्य प्रदेश के आह्वान पर 25 मार्च से बुरहानपुर के सहकारिता कर्मचारी भी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए इसके कारण जिले के समर्थन मूल्य पर की जा रही चना गेहूं की खरीदी सहित अन्य कामों में पेंशन आएगी सभी कर्मचारी एक समान वेतन की मांग कर रहे हैं शुक्रवार को खंडवा रोड पर स्थित कृषि उपज मंडी मैं कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी कर विरोध जताया कर्मचारियों ने 21 मार्च को प्रदेश में ज्ञापन देकर मांग की गई थी हमारी मांगों का निराकरण किया जाए अभी तक सुनवाई नहीं इसलिए कर्मचारियों ने अनिश्चित हड़ताल शुरू कर दी यार हड़ताल सभी जिलों में एक साथ की गई अब 1 अप्रैल को सभी कर्मचारी भोपाल पहुंचकर सीएम हाउस पहुंचकर घेराव करके अपना सामूहिक इस्तीफा सौंपेंगे इससे पहले सहकारिता कर्मचारियों ने विरोध स्वरूप मुडन कराया था समय समय पर आश्वासन मिलने के बाद भी मांगे पूरी नहीं होने पर कर्मचारियों ने अब आंदोलन की रणनीति हड़ताल मूल्य बनाई उनकी मांग है कि राजस्व मंत्री की घोषणा के अनुसार एक समान वेतन दिया जाए सभी सहकारिता कर्मचारी इसमें शामिल है कर्मचारी प्रेमचंद पालीवाल ने कहा हड़ताल होने से समर्थन मूल्य पर खरीदी का काम भी प्रभावित होंगे
अनिश्चितकालीन हड़ताल से अधर में अटकी एक नवंबर से धान खरीद
जगदलपुर। प्रदेश सरकार इस वर्ष एक नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीद करने जा रही है, लेकिन सहकारी समिति के कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल से एक नवंबर से धान खरीद अधर में अटकती लग रही है। जब तक हड़ताल जारी रहेगा तब तक धान खरीद आगे बढ़ती रहेगी। सरकार की इस नई कवायद हड़ताल मूल्य का फायदा किसानों को मिलता नहीं रही दिख रहा है। सहकारी समिति के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल के विकल्प के तौर पर 01 नवंबर से राजस्व एवं कृषि विभाग के कर्मचारियों से धान खरीद की कवायद की जा रही है, इसमें कितनी सफलता मिलती है यह देखा जाना है।