विदेशी मुद्रा दरों ऑनलाइन

अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है

अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है

अंतराष्ट्रीय विकलांग दिवस : शारीरिक और मानसिक होने से ज्यादा हमारी सोच में है दिव्यांगता

अंतराष्ट्रीय विकलांग दिवस, (3 दिसंबर) पर विशेष

Disability is more than physical and mental – a special article on International Day of Persons with Disabilities, 3 December

हर वर्ष 3 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दिव्यांग व्यक्तियों का दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी। इसकी शुरुआत 1992 मे संयुक्त राष्ट्रीय संघ द्वारा की गई थी। यह दिवस दिव्यांगों के प्रति करुणा, आत्मसम्मान और उनके जीवन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से मनाया जाता है।

अंतराष्ट्रीय विकलांग दिवस का एक और उद्देश्य समाज के सभी क्षेत्रों में विकलांग लोगों के अधिकारों को बढ़ावा देना भी है। इसके अलावा राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन के हर पहलू में उनके बारे में जागरूकता बढ़ाना है। संयुक्त राष्ट्र में दिव्यांगों के अधिकारों का कन्वेंशन 2006 में अपनाया गया।

संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने 1983 से 1992 तक उनके लिए संयुक्त राष्ट्र संघ के दशक की घोषणा की थी। ताकि वह सरकार और संगठनों को विश्व कार्यक्रम में अनुशासित गतिविधियों को लागू करने के लिए एक लक्ष्य प्रदान कर सकें। इसके बाद 1992 से हर वर्ष 3 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय विकलांग (दिव्यांग) दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

जानिए दिव्यांगता क्या है?

दरअसल यह किसी व्यक्ति के शरीर में होने वाली शारीरिक और मानसिक कमी होती है। जो प्राकृतिक भी हो सकती है और अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है परिस्थितिजन्य भी, जिससे दिव्यांग व्यक्ति अन्य लोगों पर आश्रित होने के लिए मजबूर हो जाते हैं।

आज के समय को हम वैज्ञानिक युग कहते हैं, लेकिन नेत्रहीन, पोलियोग्रस्त, अपंग लोगों को आज के इस युग में भी हम ठीक नहीं कर पा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय विकलांग दिवस इन्हीं सभी मुद्दों को ध्यान में रखकर पूरे विश्व द्वारा किया गया एक सराहनीय प्रयास है। जिसकी सहायता से यह कोशिश की जाती है कि ऐसे व्यक्तियों के प्रति लोगों का व्यवहार सकारात्मक बने।

विकलांग व्यक्तियों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2022 की थीम क्या है?

(What is the theme of the International Day of Persons with Disabilities 2022

इस वर्ष 2022 में अंतर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस मनाए जाने की थीम (भविष्य के लिए निर्धारित किए गए सभी स्तर पर लक्ष्यों की प्राप्ति है) आखिरकार किन उद्देश्यों को लेकर यह दिवस मनाया जाता है। यह जानना बहुत जरूरी है।

हमारे परिवेश के आस-पड़ोस, गली मोहल्ले, अथवा गांव में ऐसे कितने लोग हैं। जिनके दिव्यांग होने की जानकारी हमें नहीं होती है.

संयुक्त राष्ट्रीय संघ द्वारा यह दिवस मनाने का उद्देश्य यही है कि सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, धार्मिक, और सांस्कृतिक क्षेत्र में उनके अधिकारों का शोषण कोई अन्य व्यक्ति ना कर सके। उन्हें भी समाज में सम्मान अधिकार मिल सके। जो आम व्यक्ति को मिल रहे हैं ताकि वह भी सर उठा कर अपना जीवन व्यतीत कर सकें।

भारत सरकार ने भी दिव्यांगों के लिए कई तरह की योजनाएं बनाई है। इसमें से कुछ योजनाएं केंद्र सरकार की ओर से तो, कुछ राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही हैं।

सरकार द्वारा विकलांग पेंशन योजना भी है। जिससे कि वह सशक्त एवं आत्मनिर्भर बन सकें। परंतु अब देखने वाली बात यह है कि सरकार की योजनाएं जमीनी सतह पर किस तरह से ऐसे व्यक्तियों की मदद कर पा रही है? केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती जिला पुंछ के एक छोटे से गांव मंगनाड के रहने वाले हुकुमचंद इसके उदाहरण हैं.

60 प्रतिशत दिव्यांग हुकुमचंद अपने दोनों हाथों और घुटनों के बल पर चलते हैं। उनका कहना है कि सरकार द्वारा मुझे एक स्कूटी दी गई है। जिससे मुझे बहुत ही लाभ हुआ है। परंतु वह स्कूटी मुझे घर से काफी दूर सड़क पर लगानी पड़ती है। उसके बाद मुझे अपने घर तक कच्चे रास्ते से जाना पड़ता है। चार वर्ष पहले सरकार ने यहां पर रास्ता भी बनवाया था। परंतु वह कुछ ही साल में ही पूरी तरह खराब हो गया। मैंने अपने पंच और सरपंच से भी बात की और कहा कि इस रास्ते को ठीक किया जाए ताकि मेरे लिए थोड़ी राह आसान हो सके। परंतु उनका कहना है कि 20 साल से पहले इसकी दोबारा रिपेयरिंग नहीं हो सकती। अभी केवल 4 साल ही हुए हैं इस रास्ते को तैयार किए हुए, तो लगभग 16 वर्ष अब मुझे क्या इसी रास्ते से अपने हाथ और घुटनों के बल सड़क तक पहुंचना होगा? जबकि बारिश में घर से बाहर निकलना बहुत ही कठिन हो जाता है।

यहीं ख़त्म नहीं होतीं हैं हुकुमचंद की मुश्किल

उनकी मुश्किल यहीं ख़त्म नहीं होती है. उनका कहना है कि मैंने कई बार बैंक से लोन के लिए आवेदन किया ताकि अपना व्यापार कर सकूं। परंतु बैंक के कर्मचारी मुझसे गवाह लाने को कहते हैं. परंतु मुझ दिव्यांग के लिए कोई गवाह बनने के लिए तैयार नहीं है. अब सरकार को भी यह ध्यान देना चाहिए कि दिव्यांगों के लिए लोन योजना तो बनाई है परंतु क्या सरकारी विभाग के कर्मचारी की गवाही के सिवाय कोई और रास्ता नहीं है, जिससे हमें ज़्यादा भागदौड़ किए बिना ही कर्ज मिल सके? अगर यह मुमकिन नहीं तो फिर दिव्यांग दिवस का उद्देश्य क्या रह जाता है?

बात केवल यही नहीं है बल्कि सरकार की ओर से दिव्यांगों की दी जाने वाली पेंशन भी पर्याप्त नहीं है.

इस संबंध में जम्मू-कश्मीर हैंडीकैप वेलफेयर एसोसिएशन के एक सदस्य अजय कुमार शर्मा कहते हैं कि 60 प्रतिशत दिव्यांग हुकुमचंद से बात करने पर पता लगा कि उन्हें अभी मात्र 1000 रू ही मासिक पेंशन दी जा रही है, जो पर्याप्त नहीं है. ऐसे में एसोसिएशन इसे बढ़ाकर 6000 रुपए की मांग करता है. ताकि ऐसे लोग सम्मानजनक जीवन जी सकें.

एक बात तो साफ है कि अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस मनाते हुए अब 30 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। परंतु आज भी दिव्यांग किसी ना किसी मुद्दे से जूझते हुए नजर आ रहे हैं। आज भी उनकी सरकार से कई मांगे है। परंतु अगर कोई बड़ी मांग है तो वह है पेंशन की. ऐसे में सरकार को चाहिए कि उनकी पेंशन और सुविधाओं को बढाए, जिससे वह एक सम्मानपूर्वक जिंदगी गुजार सकें. लेकिन इसके साथ साथ समाज का भी एक बहुत बड़ा दायित्व है कि वह भी अपने आस-पड़ोस के दिव्यांग व्यक्तियों को अपने साथ कदम से कदम मिलाकर आगे ले जाने में अपना योगदान दें। जिससे वह खुद को कमज़ोर न समझे.

हरीश कुमार

पुंछ, जम्मू

(चरखा फीचर)

क्या आप जानते हैं ? –
  • विकलांग लोगों की एक अरब आबादी में से80%विकासशील देशों में रहते हैं।
  • अनुमानित46% 60वर्ष और उससे अधिक आयु के वृद्ध लोग विकलांग लोग हैं।
  • हर पांच में से एक महिला को अपने जीवन में विकलांगता का अनुभव होने की संभावना होती है,जबकि हर दस बच्चों में से एक विकलांग बच्चा होता है।
  • दुनिया में विकलांग व्यक्तिCOVID-19से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।

चरखा फीचर

चरखा फीचर (Charkha Feature), चरखा विकास संचार नेटवर्क (Charkha Development Communication Network) की हिंदी फीचर समाचार सेवा है। चरखा मीडिया के रचनात्मक उपयोग के माध्यम से दूरस्थ और संघर्ष क्षेत्रों में हाशिए के समुदायों के सामाजिक और आर्थिक समावेश की दिशा में काम करता है। इनमें से कई क्षेत्र अत्यधिक दुर्गम और सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से अस्थिर हैं।

दिल्ली एमसीडी चुनाव 2022: बीजेपी का दावा- 250 वार्डों में से 170 पर मिलेगी जीत

भाजपा दिल्ली इकाई ने एक आंतरिक सर्वे कराकर दावा किया कि एमसीडी चुनावों में 250 वार्डों में से 170 में बीजेपी जीतेगी. (फोटो- ANI)

Delhi MCD Election 2022: भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई के एक आंतरिक सर्वेक्षण के अनुसार, पार्टी अगले महीने होने वाल . अधिक पढ़ें

  • भाषा
  • Last Updated : November 28, 2022, 21:04 IST

नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई के एक आंतरिक सर्वेक्षण के अनुसार, पार्टी अगले महीने होने वाले दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनावों में 250 वार्डों में से 170 पर जीत हासिल कर सकती है. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने सर्वे को आधार बताते हुए सोमवार को यह दावा किया है.

भाजपा की दिल्ली इकाई के मीडिया प्रमुख हरीश खुराना ने न्यूज एजेंसी को बताया कि 13 नवंबर से 25 नवंबर के बीच कराए गए इस सर्वेक्षण में 43,750 मतदाताओं को शामिल किया गया था. दिल्ली नगर निगम के सभी 250 वार्डों के लिए मतदान चार दिसंबर को होना है और वोटों की गिनती तथा परिणामों की घोषणा सात दिसंबर को होगी. खुराना ने कहा, “सभी 250 वार्डों में किए गए सर्वेक्षण से पता चलता है कि भाजपा 170 सीटें अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है जीतने जा रही है. 150 वार्ड ऐसे हैं जहां भाजपा बहुत मजबूत स्थिति में है, जबकि 20-25 अन्य वार्ड हैं जहां पार्टी को अन्य दलों पर बढ़त है.”

आदेश गुप्ता ने कहा 180 सीटें जीतेंगे, केजरीवाल बोले हम 200
भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने रविवार को चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि एमसीडी चुनाव में भाजपा 180 वार्डों में जीत हासिल करेगी. हालांकि आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दावा किया है कि एमसीडी चुनाव में उनकी पार्टी 200 सीटों पर जीतेगी. उन्होंने यह भी दावा किया था कि भाजपा के हिस्से में 20 सीटें भी नहीं आएंगी.

आपके शहर से (दिल्ली-एनसीआर)

MCD Elections 2022: पोलिंग बूथ कहां है, कैंडिडेट कौन है, कहां शिकायत करें, यहां जानें सबकुछ

श्रद्धा मर्डर केस: आफताब जो दिखा रहा, क्या वही सच है? पुलिस के लिए पहेली बना उसका व्यवहार

अनुराग ठाकुर का आरोप- अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को दिया 'लालू मॉडल', खा गए मजदूरों के हजारों करोड़

MCD Election 2022: वोटर लिस्ट में नाम सर्च करने का आसान तरीका, फॉलो करें ये सिंपल प्रोसेस

MCD Election 2022: वोटर बूथ तक ले जा सकेंगे मोबाइल, लेकिन माननी होगी चुनाव आयोग की शर्त

Delhi MCD Voting LIVE: दिल्ली वालों में नगर निगम चुनाव को लेकर जोश, मतदान केंद्रों पर हैं लंबी कतारें

MCD Election 2022: आपके पास नहीं है Voter ID कार्ड तो भी ये दस्तावेज दिखाकर कर सकते हैं मतदान

श्रद्धा मर्डर केस: आफताब ने तिहाड़ में पढ़ने के लिए मांगी थी इंग्लिश नॉवेल, जानें जेल प्रशासन ने क्या भेजा

स्वाद अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है का सफ़रनामा: दिल को दुरुस्त रख उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी करता है सुपर फूड 'मखाना', जानें इसका इतिहास

MCD Election 2022: एमसीडी में बीजेपी का राज रहेगा बरकरार या जीतेगी AAP? 1.45 करोड़ वोटर आज करेंगे फैसला

दिल्ली दंगों से जुड़े केस में उमर खालिद और खालिद सैफी को कोर्ट ने किया बरी, जानें पूरा मामला

भाजपा, आप और कांग्रेस मैदान में
गौरतलब है कि दिल्ली एमसीडी चुनाव को लेकर भाजपा, आप और कांग्रेस प्रत्याशियों के साथ कई निर्दलीय मैदान में हैं. मतदान 4 दिसंबर को होना है. इसको लेकर दिल्ली में राजनीति गर्म है. सभी दल अपनी जीत को लेकर दावे कर रहे हैं.

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|

चीन समुद्री सीमा में भारत के लिए एक बड़ी चुनौती बन रहा है : पेंटागन

अमेरिका द्वारा हाल ही में चीन को लेकर डिफेंस एनुअल रिपोर्ट जारी की गयी है. पेंटागन की तरफ से जारी इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे चीन अपने परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ा रहा है.

NewDelhi : एलएसी के बाद अब चीन समुद्री सीमा में भी भारत के लिए एक बड़ी चुनौती बन रहा है. हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी सेना की मौजूदगी भारतीय नौसेना के लिए परेशानी का कारण बन रही है. अमेरिका द्वारा हाल ही में चीन को लेकर डिफेंस एनुअल रिपोर्ट जारी की गयी है. पेंटागन की तरफ से जारी इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे चीन अपने परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ा रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2035 तक चीन के पास 1500 से ज्यादा खतरनाक परमाणु हथियार होंगे. रिपोर्ट में उस जिबूती बेस का भी जिक्र किया गया है, जहां से चीन हिंद महासागर में अपनी ताकत को कई गुना बढ़ा सकता है.

मार्च में FUCHI II क्लास का एक समुद्री जहाज जिबूती बेस पर मौजूद था

एनडीटीवी ने अपनी एक रिपोर्ट में इसी बेस की सैटेलाइट तस्वीरें जारी की थीं, जिनमें देखा गया था कि यहां चीन ने एक विशालकाय जहाज तैनात किया है, जो युद्ध के नजरिए से चीन की सेना के लिए काफी अहम है. अब अमेरिका की चीन को लेकर इस रिपोर्ट में भी बताया गया है कि इस साल मार्च में FUCHI II क्लास का एक समुद्री जहाज जिबूती बेस पर मौजूद था, जिससे ये साबित होता है कि ये बेस पूरी तरह से ऑपरेशनल है.

जिबूती नेवी बेस की बात करें तो इसे चीन 2016 से बना रहा है. चीन ने इस बेस को बनाने में करीब 590 मिलियन डॉलर का खर्चा किया है. ये बेस बाब-एल-मंडेब जलडमरूमध्य (जलसंधि) पर स्थित है, जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार के बड़े चैनलों में से एक है. इसीलिए जिबूती बेस भारत के लिए एक बड़ी चुनौती की तरह है.

लगातार को पढ़ने और बेहतर अनुभव के लिए डाउनलोड करें एंड्रॉयड ऐप। ऐप डाउनलोड करने के लिए क्लिक करे

हिंद महासागर में चीनी घुसपैठ के मामले असामान्य नहीं हैं

हिंद महासागर में चीन की बढ़ती ताकत पर अपने ताजा बयान में भारतीय नौसेना ने इसका जिक्र किया है. बुधवार 30 नवंबर को नौसेना द्वारा कहा गया कि हिंद महासागर में चीनी घुसपैठ के मामले असामान्य नहीं हैं. नेवी ने कहा कि वो इस रणनीतिक क्षेत्र में देश के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. साउदर्न नेवल कमांड के प्रमुख वाइस एडमिरल एम ए हंपीहोली ने कहा कि भारतीय नौसेना सैटेलाइट्स और समुद्री विमानों की मदद से इस क्षेत्र में नजर रखती है. इससे पहले चीन के जासूसी जहाज ने लगातार दो बार हिंद महासागर क्षेत्र में घुसपैठ की थी.

चीन के पास तीन ऐसे एयरक्राफ्ट कैरियर हैं, जिनकी अलग-अलग क्षमताएं हैं

पेंटागन की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी सेना की तरफ से जिबूती में जो इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है, उसमें किसी भी एयरक्राफ्ट कैरियर और सबमरीन को तैनात किया जा सकता है. चीन पिछले काफी वक्त से लगातार एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने में जुटा है, जिनसे तमाम तरह के लड़ाकू विमानों को ऑपरेट किया जा सके. अभी चीन के पास तीन ऐसे एयरक्राफ्ट कैरियर हैं, जिनकी अलग-अलग क्षमताएं हैं. वहीं अगर भारतीय नौसेना की बात करें तो यहां सिर्फ दो ही बड़े एयरक्राफ्ट कैरियर हैं. जिनमें एक रूस में बना आईएनएस विक्रमादित्य है और दूसरा आईएनएस विक्रांत है. जिसे पूरी तरह से ऑपरेशनल होने में अभी कुछ महीने और लग सकते हैं.

चीनी सेना अमेरिका के ड्रोन्स को लगातार टारगेट कर रही है

चीन हिंद महासागर में इस पूरे इलाके के नजदीक कुछ बड़ा करने जा रहा है, ये बात इससे भी साबित होती है कि वो इसे छिपाने की हर मुमकिन अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है कोशिश में जुटा है. अमेरिकी रिपोर्ट में बताया गया है कि हमारी नजरों से बचने के लिए चीनी सेना कई तरह के हथकंडे अपना रही है. अमेरिकी ड्रोन्स और सैटेलाइट को ब्लाइंड करने के लिए जमीन पर लेजर लगाये गये हैं, साथ ही चीनी सेना अमेरिका के ड्रोन्स को भी लगातार टारगेट कर रही है

Home Loan: अब अपने घर का सपना होगा पूरा, ये 5 बैंक दे रहे बेहद सस्ते दर पर होम लोन, देखें डिटेल्स

Cheapest Home Loan: रिजर्व बैंक की ओर से रेपो रेट में बढ़ोतरी करने के बाद बैंकों ने कई बार अपने लोन के ब्याज दर को बढ़ाया है, जिस कारण से घर खरीदने के लिए कर्ज लेना महंगा हो चुका है। HDFC, SBI, ICICI, बैंक ऑफ बड़ौदा, PNB और अन्य बैंकों ने होम लोन के ब्याज दरों में इजाफा किया है। इसके अलावा, फाइनेंस बैंकों की ओर से भी होम लोन के ब्याज में बढ़ोतरी कर दी गई है।

अगर आप भी होम लोन लेने का प्लान कर रहे हैं और होम लोन लेना चाहते हैं, तो यहां 5 बैंकों के होम लोन के ब्याज के बारे में जानकारी दी गई है, जिसके तहत आप एक सस्ता होम लोन ले सकते हैं। ये पांच बैंक अन्य बैंकों की तुलना में कम ब्याज पर लोन प्रोवाइड करा रहे हैं।

इन पांच बैंकों में मिल रहा सस्ता लोन

करूर वैश्य बैंक का RLLR, 9 फीसदी और होम लोन ब्याज 8.05 से 10.25 फीसदी तक है।
एचडीएफसी बैंक का RLLR, 8.1 प्रतिशत, न्यूनतम ब्याज 8.1 फीसदी और अधिकमत ब्याज 8.9 फीसदी है।
कर्नाटका बैंक का RLLR, 7.95 फीसदी, न्यूनतम ब्याज 8.24 प्रतिशत और अधिकतम 9.59 फीसदी तक है।
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में होम लोन पर ब्याज 8.25 से लेकर 10.1 फीसदी तक है, जबकि RLLR 8.7 फीसदी है।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र 8.3 फीसदी से लेकर 9.7 फीसदी तक का ब्याज होम लोन पर ले रहा है, जबकि RLLR 8.7 प्रतिशत है।
किन वजहों से होम लोन होते हैं प्रभावित

एचडीएफसी बैंक की वेबसाइट के अनुसार, 7 प्रमुख कारणों से होम लोन प्रभावित होते हैं। जिसमें बेंचमार्क लेंडिंग रेट, प्राइज रेशियो के लिए कर्ज, उधारकर्ता की वित्तीय प्रोफ़ाइल, चुकौती अवधि, संपत्ति का लोकेशन, होम लोन देने वाले की स्थिति शामिल हैं।

होम लोन लेने के लिए किन दस्तावेजों की जरूरत

Cheapest Home Loan: होम लोन लेने के लिए आपको कुछ दस्तावेजों को देने की आवश्यकता होती है। होम लोन लेने के लिए आपके पास पहचान का प्रमाण, आय का प्रमाण, आयु का प्रमाण जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी आदि देना होता है। इसके अलावा, बैंकिंग सूचना, एड्रेस प्रूफ, रिलेशनशिप प्रूफ और एजुकेशन क्वालिफिकेशन का प्रमाण भी देना होता है।

रेटिंग: 4.28
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 394
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *