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Privileged to speak at #MakeInOdisha 2022 helmed by Hon CM @Naveen_Odisha. Our capex in #Odisha over the next 10 yrs will cross Rs 60,000 Cr. Our plans for 35 berths and a 5MT LNG terminal at Dhamra Port, an alumina refinery, and an iron ore project will create thousands of jobs. pic.twitter.com/GZp4QzHTlT — Karan Adani (@AdaniKaran) December 1, 2022

ओडिशा में 52,000 करोड़ रुपये निवेश करेगी एस्सार कैपिटल

इस्पात क्षेत्र की कंपनी टाटा स्टील ने भी ओडिशा में निवेश करने की दिलचस्पी दिखाई। कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी टी वी नरेंद्रन ने कहा कि ओडिशा में अब तक 75,000 करोड़ रुपये का निवेश कर चुकी टाटा समूह की कंपनी आगे भी यहां निवेश करना जारी रखेगी।

नरेंद्रन ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में टाटा स्टील ने ओडिशा के कलिंगनगर में अपना संयंत्र लगाने के अलावा नीलाचल इस्पात संयंत्र जैसी इकाइयों का अधिग्रहण भी किया है।

इस बीच, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने 1,500 करोड़ रुपये के निवेश से प्रस्तावित स्टेनलेस स्टील पार्क की आधारशिला रखी। देश के इस पहले स्टेनलेस स्टील पार्क का निर्माण जिंदल स्टेनलेस स्टील (जेएसएल) की तरफ से किया जा रहा है। इसे छह साल के भीतर दो चरणों में विकसित किया जाएगा।

Odisha: अडानी ग्रुप अगले 10 सालों में 60 हजार करोड़ रुपये निवेश करेगी

Gautam Adani

अदानी समूह ने पहले ही ओडिशा में 7,600 करोड़ रुपये का निवेश किया है और अगले दस वर्षों में नियोजित पूंजी निवेश 60,000 करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा, गुरुवार को अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड (एपीएसईजेड) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी करण अडानी ने यह बातें कही हैं. मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव में बोलते हुए करण अडानी ने कहा: ओडिशा राज्य में हमारे निवेश में तेजी जारी है- और पिछले पांच वर्षों में अडानी समूह ने पहले ही 7,600 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जैसा कि हम एलएनजी टर्मिनल, धामरा बंदरगाह और हमारी खनन गतिविधियों को विकसित करने के लिए आगे बढ़ चुके हैं.

Privileged to speak at #MakeInOdisha 2022 helmed by Hon CM @Naveen_Odisha. Our capex in #Odisha over the next 10 yrs will cross Rs 60,000 Cr. Our plans for 35 berths and a 5MT LNG terminal at Dhamra Port, an alumina refinery, and an iron ore project will create thousands of jobs. pic.twitter.com/GZp4QzHTlT

— Karan Adani (@AdaniKaran) December 1, 2022

उन्होंने कहा कि कंपनी का नियोजित पूंजी निवेश अगले दस वर्षों में 60,000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश समाचार हो जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष नौकरियों की संख्या पहले ही 4,500 को छू चुकी है, जबकि नियोजित निवेश से हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे और राज्य की अर्थव्यवस्था को नया आकार देने में मदद मिलेगी.

करण अडानी ने कहा कि ओडिशा में अडानी समूह के प्राथमिक हित बंदरगाह और रसद, औद्योगिक क्लस्टर और विशेष आर्थिक क्षेत्र, बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण, एकीकृत प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, नवीकरणीय ऊर्जा, डेटा केंद्र, रक्षा, सीमेंट और कृषि-व्यवसाय हैं. हम अपने सभी मुख्य व्यवसायों में अग्रणी हैं- और ओडिशा अडानी समूह के लिए सबसे महत्वपूर्ण राज्यों में से एक है.

उन्होंने यह भी बताया कि धामरा बंदरगाह 300 मिलियन टन से अधिक के लिए पर्यावरण मंजूरी प्राप्त करने वाला भारत का पहला बंदरगाह है. बंदरगाह क्षमता में 315 मिलियन टन की विशाल क्षमता के साथ इसमें 35 बर्थ होंगे. उन्होंने निवेश समाचार घोषणा की कि धामरा में 50 लाख टन क्षमता का एलएनजी टर्मिनल इस साल दिसंबर में शुरू हो जाएगा. इसमें 5,200 करोड़ रुपये का निवेश हुआ.

उन्होंने कहा, हम पहले ही अगले पांच साल में इस क्षमता को दोगुना करने की योजना बना चुके हैं. ओडिशा सरकार के उच्च-स्तरीय निकासी प्राधिकरण (एचएलसीए) ने राज्य में 4 मिलियन टन प्रति वर्ष एल्युमिना रिफाइनरी और 30 मिलियन टन प्रति वर्ष लौह अयस्क परियोजना स्थापित करने के अडानी समूह के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.

मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव 30 नवंबर को शुरू हुआ था और यह 4 निवेश समाचार दिसंबर तक चलेगा.

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके निवेश समाचार साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Phoenix Mills ने इंदौर में 800 करोड़ रुपए के निवेश से खोला शॉपिंग मॉल

फीनिक्स मिल्स समूह के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) अनुराग श्रीवास्तव ने संवाददाताओं को बताया कि इंदौर में फीनिक्स सिटाडेल के नाम से शुरू किया गया। मॉल 19 एकड़ में फैला है और इसमें से 10 लाख वर्ग फुट पर इसकी मुख्य इमारत का निर्माण किया गया है

इंदौर। देश भर में शॉपिंग मॉल विकसित कर चलाने वाली फीनिक्स मिल्स ने मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में करीब 800 करोड़ रुपये के निवेश से शॉपिंग मॉल खोलने की गुरूवार को घोषणा की। कंपनी का दावा है कि यह समूचे मध्य भारत का सबसे बड़ा मॉल है।

फीनिक्स मिल्स समूह के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) अनुराग श्रीवास्तव ने संवाददाताओं को बताया कि इंदौर में फीनिक्स सिटाडेल के नाम से शुरू किया गया। मॉल 19 एकड़ में फैला है और इसमें से 10 लाख वर्ग फुट पर इसकी मुख्य इमारत का निर्माण किया गया है। उन्होंने बताया कि 300 से ज्यादा दुकानों वाले मॉल के निर्माण में कंपनी को 800 करोड़ रुपये की लागत आई है।

सीएफओ के मुताबिक इस मॉल की दुकानों के जरिये अगले एक साल में 1,000 करोड़ रुपये के कारोबार का अनुमान है। श्रीवास्तव ने बताया कि इंदौर में शॉपिंग मॉल खुलने के साथ ही हमारे द्वारा देश भर में चलाए जा रहे मॉल की तादाद बढ़कर नौ पर पहुंच गई है। अगले तीन-चार महीनों के भीतर हम अहमदाबाद, बेंगलुरु और पुणे में तीन नये मॉल खोलने जा रहे हैं।

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जयपुर, 21 जुलाई। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 के तहत प्रदेश में कोविड की विपरीत परिस्थितियों के बीच 617 एग्रो प्रोजेक्ट स्थापित हो रहे हैं, निवेश समाचार जिन पर 1255 करोड़ रूपए का निवेश होगा। इसके लिए राज्य सरकार ने अब तक 338 प्रोजेक्ट पर 119 करोड़ रूपए की सब्सिडी मंजूर की है। कृृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री भास्कर ए सावंत ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने वर्तमान राज्य सरकार की पहली वर्षगांठ के मौके पर दिसम्बर, 2019 में यह नीति लॉन्च की थी। पूंजीगत, ब्याज, विद्युत प्रभार एवं भाड़ा अनुदान प्रोत्साहन तथा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में कृषि भूमि के रूपान्तरण जैसी सहूलियतों की वजह से किसान एवं उद्यमी इसमें खासी रूचि दिखा रहे हैं। वेयर हाउस एवं केटल फीड उद्यमों के साथ तिलहन, दलहन, मसाले, मूंगफली, कपास, दूध एवं अनाज प्रोसेसिंग की इकाइयां स्थापित की गई हैं। राज्य में 88 किसानों को 39 करोड़ 60 लाख रूपए की सब्सिडी स्वीकृत की गई है, जिन्होंने 89 करोड़ रूपए का निवेश किया है। गैर-कृृषक उद्यमियों ने 496 करोड़ रूपए निवेश कर 250 इकाइयां स्थापित की हैं, निवेश समाचार जिन पर राज्य सरकार की ओर से 79 करोड़ 69 लाख रूपए सब्सिडी दी गई है। शेष अन्य प्रोजेक्ट्स के लिए बैंकों से लोन स्वीकृत होकर कार्य चालू हो गया है, जिन्हें शीघ्र ही सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी। श्री सावंत ने बताया कि राज्य में वेयर हाउस स्थापना में सबसे ज्यादा रूचि दिखाई जा रही है। 226 वेयरहाउस स्थापित हो रहे हैं। एग्रो प्रोसेसिंग क्षेत्र में सबसे अधिक अनाज प्रोसेसिंग की 82 एवं तिलहन प्रोसेसिंग की 76 इकाइयां लगाई गई है। इसके अलावा दलहन की 46, मसाले की 43, मूंगफली की 36, कपास की 33, केटल फीड की 16, दूध प्रोसेसिंग की 15, शॉर्टिंग-ग्रेडिंग की 13 एवं 31 अन्य इकाइयां स्थापित की जा रही हैं। उल्लेखनीय है कि इस नीति के तहत एग्रो प्रोसेसिंग इंडस्ट्री लगाने और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए किसान एवं उनके संगठनों को परियोजना लागत का 50 फीसदी (अधिकतम एक करोड़ रूपए) तथा अन्य पात्र उद्यमियों को 25 प्रतिशत (अधिकतम 50 लाख रूपए) अनुदान दिया जा रहा है। साथ ही संचालन लागत कम करने के लिए सावधि ऋण लेने पर किसानों एवं उनके समूहों को 6 फीसदी की दर से 5 साल तक ब्याज अनुदान दिया जा रहा है। किसानों के लिए ब्याज अनुदान की अधिकतम सीमा एक करोड़ रूपए तय की गई है। सामान्य उद्यमियों को 5 फीसदी की दर से 5 साल तक ब्याज अनुदान दिया जा रहा है, जबकि आदिवासी क्षेत्रों एवं पिछड़े जिलों में इकाइयां लगाने वालों तथा अनुसूचित जाति-जनजाति, महिला एवं 35 साल से कम उम्र के उद्यमियों को एक प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज अनुदान मिल रहा है। यह प्रसंस्करण उद्योगों के लिए अधिकतम 50 लाख रूपए एवं आधारभूत संरचना इकाइयों के लिए एक करोड़ रूपए तक दिया जा रहा है।

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