विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी

नीति आयोग इलेक्ट्रिक वाहन और रिन्युएबल एनर्जी पर 7-8 विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी सितंबर को ग्लोबल मोबिलिटी समिट का आयोजन करेगा। इसमें विभिन्न देशों की सरकारों, इंडस्ट्री लीडर्स, थिंक टैंक और सामाजिक संगठनों के 1,200 प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है।
रुपए में कमजोरी से चिंता नहीं, कीमत अब भी 5-7% ज्यादा: नीति आयोग
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा है कि रुपए की कीमत अब भी 5 से 7 फीसदी ज्यादा है। इसलिए हाल के दिनों में इसमें आई कमजोरी चिंता का विषय नहीं है। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते रुपया डॉलर के मुकाबले 69.10 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया था। मंगलवार को यह 68.58 पर बंद हुआ। इसमें 5-7% गिरावट का मतलब है कि अगर एक डॉलर की कीमत 72 रुपए तक भी पहुंच जाए तो वह चिंताजनक नहीं विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी होगा।
कच्चे तेल के दाम में बढ़ोतरी और शेयर-डेट मार्केट से विदेशी निवेशकों के पैसे निकालने के कारण रुपया लगातार कमजोर हो रहा है। जनवरी से अब तक यह करीब 7% कमजोर विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी हो चुका है। इस साल एशिया की सबसे कमजोर करेंसी भारत की ही है। यूपीए-2 के समय 2013 में रुपया 3 महीने में 57 से गिरकर 68 पर आ गया था।
मंगलवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में राजीव कुमार ने कहा कि रियल इफेक्टिव एक्सचेंज रेट (आरईईआर) के हिसाब से देखें तो भारतीय करेंसी की वैल्यू अब भी 5-7% ज्यादा है। इसलिए विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी इसमें घबराने का कोई कारण नहीं। रुपए को बचाने के लिए विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी रिजर्व बैंक सीधे हस्तक्षेप नहीं करता है। आरईईआर प्रमुख करेंसी बास्केट की तुलना में देश की करेंसी का औसत होता है। इसमें महंगाई दर के असर को भी शामिल किया जाता है। राजीव कुमार ने कहा कि नीति आयोग थिंक टैंक विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी नहीं बल्कि एक्शन टैंक है।
विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी
नई दिल्ली, 25 जुलाई (हि.स.)। आज शुरू हुए कारोबारी सप्ताह के पहले दिन ही घरेलू शेयर बाजार में बिकवाली के दबाव की वजह से गिरावट दर्ज की गई। लगातार 6 कारोबारी दिन तक मजबूती का प्रदर्शन करने के बाद भारतीय शेयर बाजार आज कमजोर ग्लोबल संकेतों के दबाव के कारण गिरावट के साथ बंद हुआ। सेंसेक्स आज के कारोबार के दौरान 306 अंक से अधिक टूट कर बंद हुआ। निफ्टी भी फिसल कर 16650 अंक से नीचे चला गया।
पिछले सप्ताह 4 प्रतिशत की तेजी दर्ज करने के बाद आज बाजार में बिकवाली का दबाव बना रहा। दिन भर के कारोबार के दौरान निफ्टी का बैंक इंडेक्स 500 अंक फिसल गया। फार्मा इंडेक्स में भी 1 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। मेटल सेक्टर को छोड़कर बाकी सभी सेक्टर्स में आज कमजोरी दर्ज की गई। ऑटो, एनर्जी, ऑयल एंड गैस तथा रियल्टी सेक्टर के शेयरों में तेज गिरावट दिखी। हालांकि दिन भर के कारोबार के दौरान मेटल के साथ ही कैपिटल गुड्स और शुगर सेक्टर से जुड़े शेयरों में तेजी का रुझान बना रहा।
रुपये की कमजोरी से बच्चों को विदेश में पढ़ाना होगा महंगा, जानिए, क्यों टूट रहा रुपया
Highlights
- पया 102 पैसे की जोरदार गिरावट के साथ 75.6 प्रति डॉलर पर बंद हुआ
- अगले कुछ दिनों में डॉलर के मुकाबले रुपया टूटकर 76 तक जा सकता है
- भारतीय छात्र उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूरोप जाते हैं
नई दिल्ली। यूक्रेन के खिलाफ रूस का सैन्य अभियान शुरू होने के बाद गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 102 पैसे की जोरदार गिरावट के साथ 75.6 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। करेंसी विशेषज्ञ आगे भी रुपये में और बड़ी गिरावट का अनुमान लगा रहे हैं। केडिया एडवाइजरी के मैनेजिंग डायरेक्टर अजय केडिया ने बताया कि अगले कुछ दिनों में डॉलर के मुकाबले रुपया टूटकर 76 तक जा सकता है। यह बच्चों को विदेश पढ़ाने से लेकर विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी घूमने के बजट बढ़ाने का काम करेगा। इसका असर पेट्रोल—डीजल के दाम सहित तमाम आयातित वुस्तुओं पर होगा। आयातकों को अधिक पैसे का भुगतान करना होगा। वे इसकी भरपाई उपभोक्ताओं से करेंगे।
रुपये में कमजोरी के असर को उदाहरण से ऐसे समझें
मान लेते हैं कि विदेश में किसी वस्तु की कीमत 90 डॉलर है। भारत में आयात करने पर उस वस्तु को टैक्स चुकाने के बाद आयातक को 100 डॉलर चुकाने होते हैं। अगर, एक डॉलर के मुकाबले रुपये का मूल्य 75 है तो उसे 100 डॉलर के लिए 7500 रुपये चुकाने होंगे। अब रुपये में गिरावट आने से वह एक डॉलर का मूल्य 76 रुपये के बराबर हो गया है। ऐसे में उस आयातक को 7600 रुपये देने होंगे। इस तरह उसे अधिक पैसे का भुगतान करना होगा। इसी तरह विदेशी में पढ़ने की फीस या घूमने पर अधिक खर्च करना होगा।
भारत में उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने का चलन बहुत पुराना है। भारतीय छात्र उच्च शिक्षा के लिए ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूरोप जाते हैं। विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी रुपए की गिरावट भारत में विदेश-शिक्षा के इस रुझान पर बड़ा असर डालेगा क्योंकि अब समान शिक्षा के लिए पहले की तुलना 15 से 20 फीसदी ज्यादा खर्च करना पड़ेगा।
US Dollar vs. Rupees: रुपया हुआ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले ज्यादा कमजोर, जानिए कौन से स्तर पर पहुंचा
Why is the Indian Rupee falling against the US Doller: विदेशों में इस समय ग्रीनबैंक (Greenbank) की स्थिति मजबूत है वहीं घरेलू शेयर बाजारों में बिकवाली जारी है, इसके चलते अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रूपया 11 पैसे टूट गया और 70.85 (Provisional) पर बंद हुआ, इसका प्रभाव निवेशकों पर भी काफी पड़ा।
क्या कहना विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी है फोरेक्स ट्रेडर्स का?
फॉरेक्स ट्रेडर्स की माने तो विदेशी पूंजी के लगातार आउटफ्लो (Outlooks) और कच्चे तेल की विश्व स्तरीय कीमतों में होने वाली बढ़ोतरी के साथ-साथ जोखिम से बचने की भावनाओं ने सभी तरह की घरेलू इकाई को बहुत अधिक प्रभावित किया है।
मिल रही जानकारी के मुताबिक इंटरबैंक फोरेक्स मार्केट (I nterbank Forex Market ) में स्थानीय मुद्रा खुली 77.5 एक वही US dollar की अपेक्षा intra-day का उच्चतम स्तर विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी था 77.79 और निम्नतम स्तर था 77.87।
क्यों हो रही है रुपए में गिरावट?
जानकारों के मुताबिक डॉलर इंडेक्स (Doller Index) में जो मजबूती आ रही है वही मुख्य कारण है रुपए में गिरावट का। इसके साथ-साथ जुलाई के महीने में जो रेपो रेट (Repo Rate) में बढ़ोतरी के संकेत आए थे उसकी वजह से भी रुपए में कमजोरी आती दिख रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि डॉलर के मुकाबले तो रुपए में कमजोरी आई है, लेकिन अन्य करेंसी के विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी मुकाबले अभी भी रुपए ने अपनी मजबूत पकड़ बना कर रखी है।