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जमा और निकासी के विकल्प

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अटल पेंशन योजना

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भारत सरकार का सह योगदान वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2019-20 के लिए यानी 5 साल के लिए उन ग्राहकों को उपलब्ध है जो 1 जून, 2015 से 31 मार्च, 2016 की इस अवधि के दौरान इस योजना में शामिल होते हैं और जो किसी भी वैधानिक और सामाजिक सुरक्षा योजना में शामिल नहीं हैं एवं जमा और निकासी के विकल्प आयकर दाताओं में शामिल नहीं हैं। सरकार का सह-योगदान पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा पात्र स्थायी सेवानिवृत्ति खाता पेंशन संख्या को केंद्रीय रिकार्ड एजेंसी से ग्राहक द्वारा वर्ष के लिए सभी किस्तों का भुगतान की पुष्टि प्राप्त करने के बाद वित्तीय वर्ष के अंत में लिए ग्राहक के बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाते में कुल योगदान का 50% या 1000 रुपये का एक अधिकतम अंशदान जमा किया जाएगा। वैसे लाभार्थी जो वैधानिक सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अंतर्गत आते हैं, एपीवाई के तहत सरकार के सह-योगदान प्राप्त करने के पात्र नहीं हैं। उदाहरण के लिए, निम्नलिखित अधिनियमों के तहत सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के सदस्य एपीवाई के तहत सरकार के सह-योगदान प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं हो सकते है:

    और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952
  • कोयला खान भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1948
  • असम चाय बागान भविष्य निधि और विविध प्रावधान, 1955
  • नाविक भविष्य निधि अधिनियम, 1966
  • जम्मू-कश्मीर कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1961
  • कोई भी अन्य वैधानिक सामाजिक सुरक्षा योजना

अटल पेंशन योजना के तहत न्यूनतम पेंशन की इस अर्थ में सरकार द्वारा की गारंटी होगी कि यदि पेंशन योगदान पर वास्तविक रिटर्न अंशदान की अवधि के दौरान कम हुआ तो इस तरह की कमी को सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा। दूसरी ओर, यदि पेंशन योगदान पर वास्तविक रिटर्न न्यूनतम गारंटी पेंशन के लिए योगदान की अवधि में रिटर्न की तुलना में अधिक हैं तो इस तरह के अतिरिक्त लाभ ग्राहक के खाते में जमा किया जायेगा जिससे ग्राहकों को बढ़ा हुआ योजना लाभ मिलेगा।

सरकार कुल योगदान का 50% या 1000 रुपये प्रति साल जो भी कम हो का सह-योगदान प्रत्येक पात्र ग्राहक को करेगी जो इस योजना में 1 जून 2015 से 31 मार्च 2016 के बीच शामिल होते हैं और जो किसी भी अन्य सामाजिक सुरक्षा योजना के एक लाभार्थी नहीं है एवं आयकर दाता नहीं है। सरकार के सह-योगदान वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक 5 साल के लिए दिया जाएगा।

वर्तमान में, नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के तहत ग्राहक योगदान एवं उसपर निवेश रिटर्न के लिए के लिए कर लाभ पाने के पात्र है। इसके अलावा, एनपीएस से बाहर निकलने पर वार्षिकी की खरीद मूल्य पर भी कर नहीं लगाया जाता है और केवल ग्राहकों की पेंशन आय सामान्य आय का हिस्सा मानी जाती है उसपर ग्राहक के लिए लागू उचित सीमांत दर लगाया जाता है। इसी तरह के कर उपचार एपीवाई के ग्राहकों के लिए लागू है।

खाता खोलने के लिए प्रक्रिया

  • बैंक शाखा/पोस्ट ऑफिस जहां व्यक्ति का बचत बैंक है को संपर्क करें या यदि खाता नही है तो नया बचत खाता खोलें
  • बैंक/डाकघर बचत बैंक खाता संख्या उपलब्ध करायें और बैंक कर्मचारियों की मदद से एपीवाई पंजीकरण फार्म भरें
  • आधार/मोबाइल नंबर उपलब्ध कराएं । यह अनिवार्य नहीं है, लेकिन योगदान के बारे में संचार की सुविधा हेतु प्रदान की जा सकती है।
  • मासिक/तिमाही/छमाही योगदान के हस्तांतरण के लिए बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाते में आवश्यक राशि रखना सुनिश्चित करें

योगदान की विधि, कैसे योगदान करें और योगदान की नियत तारीख

निरंतर चूक के मामले में

ग्राहकों को अपने बचत बैंक खातों/डाकघर बचत बैंक खाते में निर्धारित नियत दिनांक देरी योगदान के लिए किसी भी अतिदेय ब्याज से बचने के लिए पर्याप्त राशि रखनी चाहिए। मासिक/तिमाही/छमाही योगदान बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाते में महीने/तिमाही/छमाही की पहली तारीख को जमा किया जा सकता है। हालांकि, अगर ग्राहक के बचत बैंक खाते/डाकघर बचत बैंक खाते में पहले महीने के अंतिम दिन/पहले तिमाही के अंतिम दिन/ पहले छमाही के अंतिम अपर्याप्त शेष है तो इसे एक डिफ़ॉल्ट माना जायेगा और देरी से योगदान के लिए अतिदेय ब्याज के साथ अगले महीने में भुगतान करना होगा। बैंकों को प्रत्येक देरी मासिक योगदान के लिए प्रत्येक 100 रुपये में देरी के 1 रुपये प्रति माह शुल्क लेना है। योगदान की तिमाही/छमाही मोड के लिए देरी योगदान के लिए अतिदेय ब्याज के हिसाब से वसूल किया जाएगा। एकत्र बकाया ब्याज की राशि ग्राहक के पेंशन कोष के हिस्से के रूप में रहेगा। एक से अधिक मासिक/तिमाही/छमाही योगदान धन की उपलब्धता के आधार पर लिया जा सकता है। सभी मामलों में, योगदान यदि कोई हो अतिदेय राशि के साथ-साथ जमा किया जा सकता है। यह बैंक की आंतरिक प्रक्रिया होगी। देय राशि की वसूली खाते में उपलब्ध धन के अनुसार की जाएगी।

रखरखाव शुल्क और अन्य संबंधित शुल्कों के लिए ग्राहकों के खाते से कटौती एक आवधिक आधार पर किया जाएगा। उन ग्राहकों के लिए जिन्होंनें सरकार के सह-योगदान का लाभ उठाया है के लिए, खाते की राशि शून्य माना जाएगा जब ग्राहक कोष एवं सरकार के सह-योगदान खाते से घटाने पर राशि रखरखाव शुल्क, फीस और अतिदेय ब्याज के बराबर हो जाये और इसलिए शुद्ध कोष शून्य हो जाता है । इस मामले में सरकार का सह अंशदान सरकार को वापस दिया जाएगा।

PPF अकाउंट मैच्योर होने पर आपको क्या करना चाहिए?

PPF अकाउंट की मैच्योरिटी के बाद आपके सामने क्या-क्या विकल्प हैं?

PPF अकाउंट मैच्योर होने पर आपको क्या करना चाहिए?

पहला विकल्प:
किसी PPF अकाउंट को 15 साल तक चलाने के बाद उसे बंद किया जा सकता है. PPF में अकांउट खोलने के दिन से मैच्योरिटी का कोई संबंध नहीं है. मसलन अगर आपने PPF अकाउंट 18 मई 2002 को खोला तो यह 1 अप्रैल 2018 को मैच्योर होगा.

दूसरा विकल्प
किसी PPF अकाउंट के मैच्योर होने के बाद आप इसमें बिना किसी नए निवेश के इसे आगे बढ़ा सकते हैं. आपको अपने बैंक या डाकघर को इसे आगे बढ़ाने के बारे में सूचना देनी होगी. अगर आप अकाउंट ऑफिस को सूचना नहीं देंगे तो इसे खुद ही आगे बढ़ा दिया जायेगा. ध्यान रखें कि आप इसमें निवेश नहीं कर सकते.

अगले पांच साल तक अकाउंट से आपको ब्याज मिलता रहेगा. इसके बाद हर वित्त वर्ष में आपको थोड़ी-थोड़ी रकम निकालने का मौका मिलेगा. एक बार अकाउंट बिना डिपॉजिट के आगे बढ़ा तो ग्राहक PPF डिपॉजिट अकाउंट में पांच साल तक रकम नहीं जमा कर सकते.

तीसरा विकल्प
अगर आप PPF अकाउंट में नए योगदान के साथ ही इसे आगे बढ़ाने का विकल्प चुनते हैं तो आपको बैंक या डाकघर में फॉर्म H भरकर देना होता है. अगर आप फॉर्म 15H भरे बिना खाते में एक साल से अधिक समय तक रकम जमा करते रहेंगे तो आपका नया निवेश अनियमित माना जायेगा. इस पर आपको कोई ब्याज नहीं मिलेगा.

इसके अलावा इस अकाउंट में रकम जमा कराने पर आपको इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80C के तहत कोई लाभ भी नहीं मिलेगा. इस हिसाब से अकाउंट को आगे बढ़ाने के लिए आवेदन जरूरी है.

विस्तार अवधि में आंशिक निकासी
अगर आपने बिना योगदान के PPF अकाउंट को आगे बढ़ाने का विकल्प चुना है तो हर वित्त वर्ष में आप इस अकाउंट से रकम निकाल सकते हैं. इसके बाद खाते में बची रकम पर आपको ब्याज मिलता रहेगा.

अगर आपने PPF अकाउंट में योगदान के साथ इसे विस्तार करने का आवेदन किया है तो आप इस खाते से आंशिक निकासी ही कर सकते हैं. इसके लिए आपको फॉर्म C भरना पड़ेगा. पांच साल के ब्लाक में आपकी कुल निकासी 60 फीसदी से अधिक नहीं होनी चाहिए. इसके लिए बेस 15 साल पूरे होने के बाद आपके खाते में बची रकम है.

आप क्या करें?
अगर आपके PPF अकाउंट की मैच्योरिटी आपके रिटायरमेंट के करीब नहीं है तो बेहतर है कि इसे आगे बढ़ा दें. अगर आपने 30 साल की उम्र में PPF अकाउंट खोला है तो इसे तीन बार आगे बढ़ाकर आप 60 के करीब पहुंच जायेंगे.

बेहतर तरीका यह है कि आप फॉर्म H भरें और 500 रुपये का न्यूनतम योगदान कर अकाउंट को एक्टिव कर दें.

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जमा और निकासी के विकल्प

Weekly Newsletter of CSC e-Governance Services India Limited, September 15, 2017 | CSC network is one of the largest Government approved online service delivery channels in the world

5 सितंबर, 2017 को डिजी-पे वर्जन 2.1 को शुरू किया गया है। डिजी-पे के नए संस्करण में "कैश जमा" सुविधा को जोड़ा गया है। वीएलई अब डिजी-पे में कैश डिपाजिट विकल्प का लाभ उठा सकते हैं।

- नकद जमा की सीमा प्रति दिन 10,000 रुपये प्रति ग्राहक होगी।
- नकदी जमा का लेन-देन, उनके पासबुक में उपलब्ध डिजीपे बैलेंस पर निर्भर करेगा।
- डिजीपे बैलेंस नकद निकासी राशि को दर्शाएगा जो कि वीएलई के लिए नकद जमा की सीमा को परिभाषित करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

उदाहरण -
1. यदि वीएलई 500 / - का नकद निकासी करता है तो यह नकद निकासी राशि डिजी-पे बैलेंस के रूप में कार्य करेगी, जो कि वीएलई अपने पासबुक डिजी-पे में उपलब्ध सुविधा के माध्यम से जांच कर सकता है। अब वीएलई किसी भी ग्राहक की 100 रु से 500 रु तक का नकद जमा कर सकता है ।
2. अगर नकद जमा राशि डिजी-पे बैलेंस से अधिक है, तो वीएलई डिजी-पे बैलेंस को बढ़ाने के लिए स्वयं नकद निकासी कर सकता है ताकि वह नकदी जमा लेनदेन को पूरा कर सकें।
3. पासबुक सुविधा को डिजी-पे 2.1 में भी पेश किया गया है जहां वे "सिंक लेजर" विकल्प पर क्लिक करके अपने डिजी-पे बैलेंस की जांच कर सकते हैं।

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प्रिय वीएलई,
आपको दोबारा बताना चाहेंगे कि अपने सभी आधार डीएमएस (निवासी दस्तावेज, नामांकन पर्ची और फॉर्म) की प्रतियां 30 जून 2016 तक अपने निकटतम सीएससी यूआईडी जिला समन्वयक को दें और साथ ही स्कैन कॉपी को यूआईडीएआई के साझा करें। डीएमएस को जमा करने की आखिरी तारीख 15 सितम्बर है यदि इसमें विफल रहे तो आधार पर आधार भुगतान को रोक दिया जाएगा और वीएलई के खिलाफ जरूरी दंडात्मक या कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

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It has been viewed that VLEs are not couriering the hard copies of the Pan applications filed online through CSCs. CSC e-Governance Services India Limited requests all VLEs to courier the hard copies of all filed Pan applications to the respective NSDL and UTIITSL offices accordingly. Please ensure that applications are not couriered to wrong addresses.

It is also viewed that the application form and receipt as generated while Pan form filling is not sent. This if done will not be considered as applications couriered and status will show pending.


The Government of Jharkhand is planning to setup 15 vision centres through CSCs. These centres will help provide eye tele-consultations to help the rural populations have access to quality eyecare health service throughout Jharkhand. In this process CSCs will work as an important vehicle to assess, diagnose and identify patients who require these health services. 5 Districts are proposed to be involved under the plan , where the CSCs along with diagnosis, will also help in offering corrective solutions. The support of local Hospitals and trained medical personnel would be used.

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आवर्ती जमा (RD) खाता क्या है: सम्पूर्ण जानकारी

RD Account kya hai

यदि आप छोटे मासिक निवेश के माध्यम से बड़ी धनराशि जोड़ना चाहते हैं तो आवर्ती जमा खाता’ या ‘Recurring Deposit (RD) अकाउंट’ एक बेहतरीन विकल्प है। आवर्ती जमा (आर.डी.) ग्राहकों को हर महीने अपनी पसंद की राशि निवेश करने और आसानी से पैसे बचाने की सुविधा प्रदान करता है। भारत में RD खाता अधिकांश बैंकों 6 महीने से लेकर 10 वर्ष तक की अवधि के लिए और डाकघरों में 5 वर्ष की अवधि के लिए खोला जा सकता है। यहाँ पर इस लेख में आपको आवर्ती जमा (RD) खाते से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां मिलेंगी। अतः आइये जानते हैं कि आवर्ती जमा (RD) खाता क्या है और इस से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां।

Table of Contents

आवर्ती जमा (RD) खाता क्या है

भारत में आवर्ती जमा (RD) खाता 6 महीने से लेकर 10 वर्ष तक की अवधि की मासिक निवेश योजना है, जिसमें खाता खोलने से लेकर परिपक्वता अवधि तक निवेशकर्ता को प्रत्येक महीने एक निश्चित किश्त जमा करनी होती है और परिपक्वता अवधि सम्पूर्ण होने के उपरांत निवेशकर्ता को कुल जमा धनराशि एकमुश्त ब्याज सहित मिल जाती है।

भारत में विभिन्न बैंकों में RD खाता 6 महीने से लेकर 10 वर्ष की अवधि के लिए खोला जा सकता है परन्तु डाकघरों में RD खाते की निश्चित अवधि 5 वर्ष की होती है।

RD खाते में निवेश कैसे करें

RD खाते में जमाकर्ता सम्बंधित बैंक या डाकघर की न्यूनतम और अधिकतम अनुमत मासिक धनराशि की पहली क़िस्त जमा करा कर अपना RD खाता खोल सकते हैं। उसके बाद जमाकर्ता को खाते के सम्पूर्ण तय कार्यकाल तक प्रत्येक महीने अपने खाते में समान क़िस्त राशि जमा करनी होती है। अतः छोटे मासिक निवेश से आप बैंक बचत खाते (SB अकाउंट) से अधिक ब्याज दर पर तय कार्यकाल में एक अच्छी धनराशि जोड़ सकते हैं।

उदाहरण के तौर पर यदि आप 500/- रूपये की मासिक क़िस्त पर 2 वर्षों के लिए अपना RD खाता खुलवाते हैं तो आपको 2 वर्ष की अवधि तक 500/- रूपये की 24 मासिक किस्तें अपने RD खाते में जमा करनी होंगी और 2 वर्ष की अवधि सम्पूर्ण होने के उपरांत आप कुल जमा 12000/- रूपये + ब्याज राशि प्राप्त कर सकते हैं।

RD खाता कहाँ खुलवाएं

भारत में RD खाता विभिन्न बैंक शाखाओं और डाकघरों (Post Offices) में खुलवाया जा सकता है।

RD खाते की परिपक्वता से पहले निकासी (Pre-Maturity Withdrawal)

भारत में विभिन्न बैंकों और डाक विभाग के परिपक्वता से पहले निकासी के नियम अलग-अलग हो सकते हैं। परन्तु अधिकांश बैंकों में परिपक्वता अवधि से पूर्व निकासी के मामलों में RD का तय ब्याज ना देकर बचत खाते (SB अकाउंट) पर देय जमा और निकासी के विकल्प ब्याज देने या RD के ब्याज दर में कुछ निश्चित प्रतिशत की कटौती का प्रावधान है।

विभिन्न बैंकों और डाकघरों में RD खाता खोलने के बाद निकासी से पहले की लॉक-इन अवधि भी हो सकती है, अर्थात आप एक निश्चित अवधि से पहले बैंक बचत खाते (सेविंग बैंक अकाउंट) पर देय ब्याज दर पर भी अपना RD खाता बंद नहीं कर सकते हैं। अतः किसी भी बैंक या डाकघर में RD खाता खोलने से पहले लॉक-इन अवधि और परिपक्वता से पूर्व निकासी के नियम अवश्य जाँच लें।

RD खाता कौन खुलवा सकता है

भारत में निम्नलिखित अपना RD खाता खोल सकते हैं:-

  • व्यस्क भारत नागरिक (18 वर्ष से ऊपर की आयु) ;
  • 10 वर्ष से ऊपर की आयु का अवयस्क भारतीय नागरिक – माता-पिता या कानूनी अभिभावक के माध्यम से ;
  • कंपनी या फर्म ;
  • सरकारी संस्थान।

परन्तु विभिन्न बैंकों और डाकघर के RD खाता खोलने के पात्रता शर्तें और नियम भिन्न-भिन्न हो सकते हैं, अतः किसी भी बैंक या डाकघर में निवेश करने से पूर्व अपनी पात्रता अवश्य जाँच लें।

RD खातों पर ब्याज दर (Interest Rate)

भारत में अन्य निवेश योजनाओं की भांति ही RD खाते पर देय ब्याज दर भी समय-समय पर बदलती रहती है और यह ब्याज दर विभिन्न बैंकों और डाकघर के लिए भी अलग-अलग हो सकती है। परन्तु वर्तमान में यह ब्याज दर 3.जमा और निकासी के विकल्प 50% से लेकर 5.80% तक है। अतः किसी भी बैंक या डाकघर में आवर्ती जमा (RD) खाता खुलवाने से पहले सम्बंधित ब्याज दर अवश्य जाँच लें।

नकदी निकासी के अलावा ATM से कर सकते हैं कई और काम

यहां कुछ ऐसे कामों के बारे में बताया जा रहा है, जिसके लिए आपको बैंक जाने की जरूरत नहीं है क्योंकि इन्हें आप अपने नजदीकी एटीएम में जाकर भी कर सकते हैं

atm-use

उसके बाद, आपको ब्याज दर, शुल्क और अवधि को स्वीकार करना होता है और अंत में नियमों एवं शर्तों की पुष्टि करनी होती है जिसके बाद लोन की रकम तुरंत आपके बैंक अकाउंट में जमा हो जाती है।

फंड ट्रांसफर करना
आप एटीएम का इस्तेमाल करके, एक ही बैंक के या अलग-अलग बैंक के, एक अकाउंट जमा और निकासी के विकल्प से दूसरे बैंक में फंड ट्रांसफर कर सकते हैं। आपको बस फंड ट्रांसफर विकल्प का चयन करना होता है और उसके बाद आईएमपीएस ट्रांसफर का चयन करना होता है और अंत में लाभार्थी के अकाउंट का मोबाइल विवरण, एमएमआईडी और ट्रांसफर की जाने वाली रकम सहित सभी विवरणों को भरने के बाद लेनदेन की पुष्टि करनी होती है।

यूटिलिटी बिल का भुगतान
इलेक्ट्रिक बिल, गैस सिलेंडर बिल आदि यूटिलिटी बिल का भुगतान करने में भी एटीएम से काफी मदद मिलती है। यूटिलिटी बिल भुगतान सुविधा का इस्तेमाल करने के लिए आपको एटीएम में बस अपना डेबिट कार्ड डालना होता है और पिन दर्ज करना होता है।

मोबाइल और डीटीएच का रिचार्ज
आप एक एटीएम के माध्यम से अपने प्रीपेड मोबाइल और डीटीएच कनेक्शन का रिचार्ज भी कर सकते हैं। आपको बस कनेक्शन नंबर और रिचार्ज अमाउंट दर्ज करना पड़ता है। दर्ज की गई रकम आपके अकाउंट से तुरंत डेबिट हो जाएगी और आपका मोबाइल/डीटीएच तुरंत रिचार्ज हो जाएगा।

टर्म डिपॉजिट या म्यूच्यूअल फंड में निवेश करना
कुछ बैंक, एटीएम के माध्यम से फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए आवेदन करने की अनुमति देते हैं। निवेश शुरू करने के लिए आपको बस फिक्स्ड डिपॉजिट की रकम, अवधि और ब्याज दर दर्ज करने के बाद लेनदेन की पुष्टि करनी होती है। लेनदेन पूरा होने के बाद आपको अपने पंजीकृत पते पर एक एफडी सर्टिफिकेट मिल जाएगा। एटीएम के माध्यम से म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने के लिए, इस सेवा का इस्तेमाल करने से पहले आपको इसके लिए पंजीकरण करवाना पड़ता है।

आधार डीटेल्स और इंश्योरेंस प्रीमियम भुगतान
आप एटीएम के माध्यम से अपने अकाउंट में लॉग ऑन करके और स्क्रीन पर रजिस्ट्रेशन बटन दबाकर अपने बैंक के साथ अपना आधार संबंधी विवरण दर्ज करा सकते हैं। अपना विवरण दर्ज कराने के लिए, लॉग इन करने के बाद, अकाउंट टाइप का चयन करें, आधार नंबर दर्ज करें और ओके पर क्लिक करें। 24 घंटे के भीतर आपको सीडिंग कन्फर्मेशन मिल जाएगा।

एलआईसी और एसबीआई लाइफ जैसी इंश्योरेंस कंपनियां, एटीएम के माध्यम से इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान करने की सुविधा प्रदान करती हैं। इसके लिए बिल पे विकल्प का चयन करने के बाद, इंश्योरेंस कंपनी का नाम, पॉलिसी नंबर, जन्म तिथि, प्रीमियम की रकम दर्ज करने के बाद भुगतान पूरा करने की पुष्टि करने पर प्रीमियम का भुगतान हो जाता है।

कार्ड के बिना नकद पैसे निकालना
डेबिट कार्ड के माध्यम से पैसे निकालने और आईएमपीएस के माध्यम से पैसे ट्रांसफर करने के अलावा आप एटीएम की मदद से कार्ड के बिना भी पैसे निकाल सकते हैं। आप इस सुविधा का इस्तेमाल उस व्यक्ति को पैसे ट्रांसफर करने के लिए भी कर सकते हैं जिसे एटीएम से कार्ड के बिना पैसे निकालने की सुविधा प्राप्त हो। प्राप्तकर्ता को एटीएम/डेबिट कार्ड का इस्तेमाल किए बिना एटीएम से नकद पैसे निकालने के लिए बस रकम और मोबाइल नंबर के साथ-साथ बताए गए अनुसार कोड दर्ज करना पड़ता है। कुछ बैंकों द्वारा एटीएम के माध्यम से कुछ अतिरिक्त सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं। आप अपने बैंक से संपर्क करके इन अतिरिक्त सुविधाओं के बारे में जान सकते हैं।

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