बिटकॉइन का उपयोग क्यूँ किया जाता है

इसलिए इसकी माइनिंग नही की जा सकती है इसीलिए नये बिटकॉइन के निर्माण करने को बिटकॉइन माइनिंग कहते हैं बिटकॉइन निर्माण कंप्यूटर पर ही सम्भव है बिटकॉइन माइनिंग बिटकॉइन मैनर्स करते है इसके लिए सिस्टम, हाई स्पीड प्रोसेसर और माइनिंग सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है बिटकॉइन का यूज ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए किया जाता है
आखिर साइबर फिरौती बिटकॉइन में ही क्यों मांगी जा रही है?
दुनिया भर में रैनसमवेयर वायरस "ब्रॉनाकाई" से दशहत का माहौल बना हुआ है. वैश्विक साइबर हमले की भयावहता का अंदाज इससे लगाया जा सकता है कि 150 देशों के 2 लाख से ज्यादा कंप्यूटर बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. इसमें फिरौती जिस मुद्रा में मांगी जा रही है, वह ‘बिटकॉइन’ है. अब प्रश्न उठता है कि बिटकॉइन की ऐसी क्या विशेषता है कि फिरौती इसी मुद्रा में मांगी जा रही है? सर्वप्रथम समझते हैं कि बिटकॉइन क्या है?
बिटकॉइन क्या है?
बिटकॉइन एक नई इनोवेटिव टेक्नोलॉजी है, जिसका इस्तमाल ग्लोबल पेमेंट के लिए किया जा रहा है. यह अनोखी बिटकॉइन का उपयोग क्यूँ किया जाता है और नई आभासी मुद्रा है. कंप्यूटर नेटवर्कों के द्वारा इस मुद्रा से बिना किसी मध्यस्थता(बिना बैंक) के ट्रंजेक्शन किया जा सकता है.
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दुनिया में हर देश की अलग-अलग करेंसी होती है (जैसे-भारत की करेंसी रुपया है) जिसका यूज लोग सामान खरीदने के लिए करते हैं ठीक उसी तरह इंटरनेट में भी बिटकॉइन नाम की एक करेंसी होती है जिसका इस्तेमाल ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए किया जाता है आज इस आर्टिकल में हम आपको बिटकॉइन के बारे में पूरी जानकारी देंगे जैसे- बिटकॉइन क्या होता है इसे कैसे और क्यों यूज किया जाता है और इसकी वैल्यू कितनी होती है.
Table of Contents
बिटकॉइन क्या है? (बिटकॉइन का उपयोग क्यूँ किया जाता है What is Bitcoin in Hindi?)
बिटकॉइन एक डिजिटल करेंसी है इसे वर्चुअल करेंसी भी कहते हैं क्युकी लोग इसे डिजिटल तरह से इस्तेमाल में लाते हैं और ये बाकि सब करेंसी से अलग होती है इसीलिए इसे वर्चुअल करेंसी कहते हैं बिटकॉइन को हम डॉलर या रुपया की तरह न छू सकते और न ही देख सकते हैं फिर भी इसका यूज पैसों के जैसे लेन-देन/ट्रांजेक्शन के लिए करते हैं इसे सिर्फ ऑनलाइन वोलेट में स्टोर किया जा सकता है.
बिटकॉइन को सातोशी नाकामोटो ने 2008 में जारी किया था और 2009 में इसे ग्लोबल पेमेंट के रूप में शुरू किया गया था तब से लोगो में इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है ये एक डिसेंट्रलाइसड करेंसी है क्युकी इसे कंट्रोल करने के लिए कोई बैंक या गवर्नमेंट अथॉरिटी नही है जिस तरह से हम सभी लोग इंटरनेट का यूज करते हैं
बिटकॉइन का इस्तेमाल कहाँ और क्यों किया जाता है?
बिटकॉइन का इस्तेमाल ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने में या पेमेंट करने में किया जाता है बिटकॉइन पी टू पी पर नेटवर्क पर बेस्ड है मतलब कि दुनिया में लोग एक- दूसरे के साथ बिना किसी बैंक क्रेडिट कार्ड कंपनी के माध्यम के आसानी से ट्रांजेक्शन कर सकते हैं
आप डेबिट या क्रेडिट कार्ड से ट्रांजेक्शन करने में 2 से 3% लेन-देन शुल्क लगता है लेकिन इसमे ऐसा कुछ नही होता है इसीलिए इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है और ये सुरक्षित भी रहता है इन्हीं सब कारणों से आज ज्यादा लोग इसे यूज में लाते है जैसे- इंटरप्रेनियुर्स, नॉट-प्रॉफिट आर्गेनाईजेशन, ऑनलाइन डेवेलोपर्स आदि इसीलिए पूरे वर्ल्ड में इसका इस्तेमाल ग्लोबल पेमेंट के जैसे किया जाता है
इसकी क्रेडिट लिमिट न होने के साथ ही आप इसे कही पर भी ले जाने में कोई दिक्कत नही होती है दुनिया में आप इसे कहीं भी यूज कर सकते हैं और ये बिलकुल सुरक्षित होता है.
बिटकॉइन की वैल्यू क्या है? (What is the value of Bitcoin?)
बिटकॉइन की वैल्यू समय-समय पर कम-ज्यादा होती रहती है क्युकी इसे कंट्रोल करने के लिए कोई बैंक या अथॉरिटी नही है इसलिए बिटकॉइन की वैल्यू उसकी मांग के अनुसार चेंज होती रहती है और सभी देशों में इसकी कीमत अलग-अलग इसकी डिमांड के अनुसार होती है.
बिटकॉइन (Bitcoin kya hai hindi me bataye) को आप दो तरीके से पा सकते हैं पहला आप पैसे देकर बिटकॉइन खरीद सकते हैं अगर आपके पास पैसे है तो, और अगर आपके पास इतने सारे पैसे नही है तो अगर आप एक बिटकॉइन नही खरीद सकते तो आप उसकी एक यूनिट सातोशी करीब सकते हैं जैसे-एक रूपये में 100 पैसे होते हैं ठीक उसी तरह इसके एक सातोशी में 10 करोड़ सातोशी होते है
इस तरह आप एक सातोशी से 1 बिटकॉइन या फिर उससे ज्यादा बिटकॉइन भी खरीद सकते हैं और आपके पास बिटकॉइन का उपयोग क्यूँ किया जाता है ज्यादा बिटकॉइन हो जाये तो आप उनको बेचकर ज्यादा पैसे कमा सकते हैं और आप बिटकॉइन खरीदकर उसमे इन्वेस्ट भी कर सकते हैं भारत में दो वेबसाइट ऐसी हैं जहाँ से बिटकॉइन खरीदा और बेचा जा सकता है
पैसा नहीं है तो चिंता की बात नहीं, अब इंडिया में भी बिटकॉइन से खरीदें पिज्जा, कॉफी और बर्गर
कैश देने के बदले Unocoin के यूजर्स डिजिटल कॉइन के इस्तेमाल से वाउचर खरीदेंगे। इन वाउचर का इस्तेमाल कंज्यूमर आइटम्स खरीदने के लिए किया जा सकेगा। Unocoin ने वाउचर खरीदने के लिए 100 रुपए से 5,000 रुपए तक की बिटकॉइन की रेंज तय की है।
नई दिल्ली। अभी तक खाने पीने की चीजों से लेकर अन्य वस्तुओं की खरीदारी के लिए पैसा का होना जरूरी माना जाता रहा है। लेकिन अब वैसा नहीं है। अगर आपके पास पैसा नहीं तो भी चिंता करने की बात नहीं है। आप बिटक्वॉइन ( Bitcoin ) से भी कर सकते हैं कंज्यूमर आइटम्स ( Consumer Items ) की खरीदारी। इसमें पिज्जा, बर्गर, कॉफी से लेकर आइसक्रीम व अन्य खाने-पीने का सामान भी शामिल है। अब Unocoin देश में अपने यूजर्स को बिटकॉइन से प्रतिदिन के इस्तेमाल वाले कंज्यूमर आइटम्स खरीदने की सुविधा देगा।
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ऐसे खरीदें बिटकॉइन से कंज्यूमर आईटम्स
किसी कंज्यूमर आइटम्स के लिए कैश देने के बदले Unocoin के यूजर्स डिजिटल कॉइन के इस्तेमाल से वाउचर खरीदेंगे। इन वाउचर का इस्तेमाल कंज्यूमर आइटम्स खरीदने के लिए किया जा सकेगा। Unocoin ने वाउचर खरीदने के लिए 100 रुपए से 5,000 रुपए तक की बिटकॉइन की रेंज तय की है। इसके साथ ही यह उन ब्रांड्स की जानकारी अपने मोबाइल ऐप पर देगा जिनके लिए वाउचर खरीदे जा सकते हैं। वाउचर खरीदने पर उसकी राशि यूजर के क्रिप्टो वॉलेट से बिटकॉइन के तौर पर काटी जाएगी। इसके बाद यूजर को वाउचर कोड भेजा जाएगा जिसका इस्तेमाल कंज्यूमर आइटम्स को खरीदने में कर पाएंगे।
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Zebpay ने सबसे पहले की थी फ्लिपकार्ट के साथ वाउचर्स की पार्टनरशिप
हालांकि, Unocoin इस तरह की कोशिश करने वाली पहली फर्म नहीं है। इससे पहले Zebpay ने फ्लिपकार्ट के साथ बिटकॉइन के लिए कस्टमर वाउचर्स की पार्टनशिप की थी। Unocoin की शुरुआत इंडिया में 2013 में हुई थी। सबसे पहले इसने क्रिप्टो वॉलेट के तौर पर बिजनेस शुरू की थी। उसके बाद यूनोक्वॉइन ने एक्सचेंज भी खोला था।
यूनिकॉइन के इस योजना का खुलासा होने के बाद बिटकॉइन के प्राइस में हाल के दिनों में तेजी आई है। इसके साथ ही देश में क्रिप्टो एक्सचेंजों को भी इससे फायदा हुआ है। CoinDCX की वैल्यू में अच्छी तेजी आने के बाद यह देश का पहला यूनिकॉर्न क्रिप्टो एक्सचेंज बन गया है। हाल ही में इसने इनवेस्टर्स से 9 करोड़ डॉलर का फंड हासिल किया था।
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डिजिटल सिक्के ने पिछले साल अप्रैल में 1 ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैप को पार कर लिया.
बिटकॉइन ने लोकप्रियता हासिल की 2017 की शुरुआत में, और यह हकीकत में इस्तेमाल में आने वाली पहली क्रिप्टोकरेंसी बन गई. बिट . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : April 03, 2022, 14:04 IST
Digital Currency News: क्रिप्टोकरेंसी बाजार (cryptocurrency market) के लीडर बिटकॉइन (Bitcoin) ने डिजिटल ट्रेडिंग सिस्टम में कई रिकॉर्ड कायम किए हैं. आभासी यानी डिजिटल सिक्के, जिनका ने कोई केंद्रीय बैंक है और न ही कोई कंट्रोलर, ने जल्दी पैसा बनाने के द्वार खोल दिए. अब, यह डिजिटल सिक्का ब्लॉकचेन उद्योग में एक अभिनव भुगतान नेटवर्क और एक नए प्रकार की मुद्रा है. इस रहस्यमय बिटकॉइन का आकर्षण ऐसा है कि कई लोग इसे वेतन के रूप में प्राप्त करने की योजना बना रहे हैं. हालांकि, क्या यह एक अच्छा ऑप्शन है, यह कई वजहों पर निर्भर करता है.
बिटकॉइन में ट्रेडिंग 2009 में शुरू हुई थी. इस डिजिटल सिक्के का आविष्कार किसने किया, यह किसी को पता नहीं है, हालांकि, कई अटकलें और नाम सामने आए हैं. सातोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) को बिटकॉइन के आविष्कारक के रूप में छद्म नाम वाला व्यक्ति या जापान में रहने का दावा करने वाले व्यक्ति माना जाता है. हालांकि, अभी तक इनकी पुष्टि नहीं हुई है.
बिटकॉइन का विकास क्यों और किसने किया ?(Who Invented the bitcoin in Hindi)
- इसका विकास अक्टूबर 2008 में, सब-प्राइम के दौरान, यूएस में सातोशी नकामोतो नामक एक सॉफ्टवेयर डेवलपर ने किया था। और 2009 में यह सबसे के सामने आयी |
- बिटकॉइन का विकास कंप्यूटर नेटवर्किंग पर आधारित भुगतान हेतु इसे निर्मित किया गया है।
- जिस तरह रुपए, डॉलर और यूरो खरीदे जाते हैं, उसी तरह बिटकॉइन की भी खरीद होती है। ऑनलाइन भुगतान के अलावा इसको पारम्परिक मुद्राओं में भी बदला जाता है।
- बिटकॉइन की खरीद-बिक्री के लिए एक्सचेंज भी हैं, लेकिन उसका कोई औपचारिक रूप नहीं है।
बिटकॉइन को कैसे इस्तेमाल किया जाता है ? (How to use bitcoin in Hindi)
- कम्प्यूटर नेटवर्कों के जरिए इस मुद्रा से बिना किसी मध्यस्था के ट्रांजेक्शन किया जा सकता है। वहीं इस डिजिटल करंसी को डिजिटल वॉलेट में बिटकॉइन का उपयोग क्यूँ किया जाता है रखा जाता है। बिटकॉइन को क्रिप्टोकरेंसी भी कहा जाता है।
- इसके अलावा यह सुरक्षित और तेज है जिससे लोग बिटकॉइन स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं।
- किसी अन्य क्रेडिट कार्ड की तरह इसमें कोई क्रेडिट लिमिट बिटकॉइन का उपयोग क्यूँ किया जाता है नहीं होती है न ही कोई नगदी लेकर घूमने की समस्या है।
- वर्तमान में लोग कम कीमत पर बिटकॉइन बिटकॉइन का उपयोग क्यूँ किया जाता है खरीद कर ऊंचे दामों पर बेच कर कारोबार कर रहे हैं।
- आम डेबिट /क्रेडिट कार्ड से भुगतान करने में लगभग दो से तीन प्रतिशत लेनदेन शुल्क लगता है, लेकिन बिटकॉइन में ऐसा कुछ नहीं होता है। इसके लेनदेन में कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता है, इस वजह से भी यह लोकप्रिय होता जा रहा है।
- खरीदार की पहचान का खुलासा किए बिना पूरे बिटकॉइन नेटवर्क के प्रत्येक लेन देन के बारे में पता किया जा सकता है। यह एकदम सुरक्षित और सुपर फास्ट है और यह दुनिया में कहीं भी कारगर है और इसकी कोई सीमा भी नहीं है।
बिटकॉइन के नुकसान (Loss of bitcoin)-
- जिस तरह से बिटकॉइन का इस्तेमाल कारोबार के लिए बिजनेसमैन कर रहे हैं। इसका दुरुपयोग भी उतना ही बढ़ता जा रहा है। क्योंकि, इसके जरिए होने वाले लेन-देन में गड़बड़ी की जिम्मेदारी किसी की नहीं होती है।
- बिटकॉइन का दुरुपयोग ड्रग्स की खरीद-बिक्री, हवाला, आतंकी गतिविधियों को वित्तीय मदद, टैक्स की चोरी आदि किया जा रहा है |
- बिटकॉइन की माइनिंग में उपयोग होने वाली बिजली के कारण भी इसकी आलोचना की गयी है। एक बिटकॉइन के संचालन सौदे में अनुमानित 300 kwh बिजली लगती है जो 36000 केतलियों में पानी गर्म करने में लगनी वाली उर्जा के बराबर है |
- बिटकॉइन के लेन देन के लिए बिटकॉइन एड्रेस का प्रयोग किया जाता है। कोई भी ब्लॉकचेन में अपना खता बनाकर इसके ज़रिये बिटकॉइन का लेन देन कर सकता है।
- बिटकॉइन की सबसे छोटी संख्या को सातोशी कहा जाता है। एक बिटकॉइन में 10 करोड़ सातोशी होते हैं। यानी 0.00000001 BTC को एक सातोशी कहा जाता है।