नियमित चालू खाते

भारतीय बैंकों में कितने प्रकार के खाते खोले जाते हैं?
भारत में आधुनिक बैंकिंग सेवाओं का इतिहास दो सौ वर्ष पुराना है। देश में विभिन्न आय वर्ग के लोगों, उनकी जरूरतों और अर्थव्यवस्था की जरूरतों के हिसाब से विभिन्न प्रकार के बैंक खातों का विकास हुआ है, जैसे चालू खाता बड़े व्यापारी या संस्थान खुलवाते हैं जबकि बचत खाता मध्य आय वर्ग के लोग खुलवाते हैं l इस लेख में हम बचत खातों, चालू खातों और सावधि जमा खातों के बारे में पढेंगेl
भारत में आधुनिक बैंकिंग सेवाओं का इतिहास दो सौ वर्ष पुराना है। देश में विभिन्न आय वर्ग के लोगों, उनकी जरूरतों और अर्थव्यवस्था की जरूरतों के हिसाब से विभिन्न प्रकार के बैंक खातों का विकास हुआ है, जैसे चालू खाता बड़े व्यापारी या संस्थान खुलवाते हैं जबकि बचत खाता, मध्य आय वर्ग के लोग खुलवाते हैं l इस लेख में हम बचत खातों, चालू खातों और सावधि जमा खातों के बारे में पढेंगेl
बैंक खातों के प्रकार निम्न हैं:-
1. बचत खाता
2. चालू खाता
3. सावधि जमा खाता
4. आवर्ती जमा खाता
5. नो-फ़्रिल अकाउंट या बुनियादी बचत खाता
आइये अब इन खातों के बारे में एक-एक करके विस्तार से जानते हैं कि कौन सा खाता किन लोगों के द्वारा खुलवाया जाता है l
1. बचत बैंक खाता (Savings Bank Account)
इस प्रकार का खाता किसी भी सरकारी या निजी बैंक में न्यूनतम रुपये जमा करके खुलाया जा सकता हैl यह न्यूनतम जमा राशि हर बैंक में अलग अलग होती है लेकिन ज्यादातर सरकारी बैंकों में यह राशि 1000 रुपये होती हैl इस प्रकार के खाते में धन किसी भी समय जमा किया या निकाला जा सकता है। इस प्रकार के खातों से रुपये निकालने के लिए खाता धारक बैंक में निकासी फॉर्म (withdrawal from), चेक जारी करके या एटीएम कार्ड का उपयोग करके निकाल सकता हैl
हाल ही में बैंकों में भीड़ को रोकने के लिए कुछ बैंकों जैसे स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, एक्सिस बैंक आदि ने इस प्रकार के खाते से पैसा निकालने के नये नियम बना दिए हैंl बचत खाता में जमा राशि पर बैंकों द्वारा ब्याज भी दिया जाता है हालांकि यह ब्याज दर हर बैंक में अलग अलग होती है और समय-समय पर बदलती भी रहती हैl बैंक के नियमों के अनुसार खाता धारक द्वारा बचत खाते में एक न्यूनतम शेष राशि (minimum balance) को बनाए रखा जाना चाहिए। बैंक इस प्रकार के खातों में जमा पर ब्याज प्रतिदिन की शेष राशि पर देता है l
2. चालू जमा खाता (Current Deposit Account)
बड़े व्यवसायी, कंपनियों और संस्थान जैसे स्कूल, कॉलेज, और अस्पतालों को अपने बैंक खातों के माध्यम से भुगतान करना पड़ता है चूंकि बचत खाते के माध्यम से आप अनगिनत जमा या निकासी नही कर सकते इसलिए ऐसे बड़े खाता धारकों के लिए चालू जमा खाता खुलवाना अनिवार्य होता है, क्योंकि इस प्रकार के लोगों को दिन में कई बार पैसे की जरुरत पड़ती है इसलिए ये लोग इस प्रकार के खाते को खुलवाना पसंद करते हैंl चालू जमा खाता पर बैंक, खाता धारक को उसकी जमा राशि पर ब्याज नही देता है बल्कि प्रत्येक साल खाता धारक ही बैंक को एक निश्चित राशि का भुगतान बैंक को करता हैl ग्राहकों की सुविधा के लिए बैंक खाता धारकों को उनकी जमा राशि से अधिक की निकासी की सुविधा भी नियमित चालू खाते देता है इसको ओवरड्राफ्ट सुविधा (overdraft facility) के रूप में जाना जाता है।
3. सावधि जमा खाता या मियादी जमा खाता (Fixed Deposit Account or Term Deposit Account)
जिन लोगों के पास प्रचुर मात्रा में धन होता है लेकिन वे लोग नियमित चालू खाते शेयर बाजार के रिस्क को झेलना नही चाहते हैं और यदि ऐसे लोग लम्बी अवधि के लिए धन बचाना चाहते हैं तो वे सावधि जमा खाता या मियादी जमा खाता खुलवा लेते हैं l अब आप यहाँ पर यह सोच सकते हैं नियमित चालू खाते कि लोग बचत खाता में भी तो पैसे जमा करा सकते हैं फिर सावधि जमा खाता क्यों खुलवाते हैं ? इसका कारण यह है कि बचत खाता पर बैंक बहुत ही कम ब्याज देता है जैसे 3% से 5% वार्षिक परन्तु सावधि जमा खाता में 8% से 10% का ब्याज मिलता है l सावधि जमा खाता की विशेषता यह होती है कि इसमें धन एक निश्चित समय के लिए जमा हो जाता है जैसे 1 साल से लेकर 10 साल तकl यदि कोई खाता धारक किसी खास जरुरत के समय अपने इस सावधि जमा खाता में जमा राशि को निकालना चाहता है तो बैंक उस पर कुछ पेनाल्टी लगाकर उसका शेष धन वापस कर देता है l
4. आवर्ती जमा खाता (Recurring Deposit Account)
इस प्रकार का खाता उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो नियमित रूप से बचत कर सकते हैं और एक निश्चित समय में जमा राशि पर उचित रिटर्न अर्जित करने की उम्मीद करते हैं। इस प्रकार का खाता खोलते समय एक व्यक्ति नियमित चालू खाते को निश्चित अवधि के लिए (जैसे 1 साल या 5 साल तक) महीने में एक बार एक निश्चित राशि जमा करनी पड़ती है। इसमें जमाकर्ता को अवधि पूरी होने के बाद पूरी जमा राशि पर ब्याज सहित मूल राशि लौटा दी जाती हैl जमाकर्ता अपने खाते को परिपक्वता से ही पहले बंद कर सकता है और जिस अवधि तक के लिए धन जमा था, पर ब्याज का भुगतान कर दिया जाता हैl इस प्रकार के खातों में जमा राशि पर ब्याज की दर बचत जमा से अधिक, लेकिन सावधि जमा की दर से कम होती है।
5. बुनियादी बचत खाता (Basic Saving Accounts ): इन खातों को '' नो फ्रिल खाता 'भी कहा जाता था l इस प्रकार के खातों की शुरुआत रिज़र्व बैंक ने नियमित चालू खाते 2005 में समाज के वंचित और गरीब लोगों को बैंकिंग सुविधा देने के लिए शुरू की थी l इस प्रकार के खातों को बिना रुपये जमा किये (zero balance) खुलवाया जाता था और खाता धारक को न्यूनतम बैलेंस बनाये रखने की बाध्यता से भी छूट दी गयी थीl सन 2012 में भारतीय रिज़र्व बैंक ने 'नो फ्रिल खातों' को बुनियादी बचत खातों (BSBDA-Basic Savings Bank Deposit Account) में बदलने के निर्देश दिए थेl BSBDA दिशानिर्देश "भारत में सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, और जिन विदेशी बैंकों की शाखाएं भारत में हैं सभी पर लागू होते हैंl इन बुनियादी बचत खातों धारकों पर खाता के ना चलाने पर या बैंक किसी भी तरह का शुल्क नही लगा सकता हैl बुनियादी बचत खाता धारकों को एक माह में अधिकतम चार निकासी की अनुमति दी जाएगी, जिसमें एटीएम के माध्यम से हुई निकासी भी शामिल है।
इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि भारत में बैंकिंग व्यवस्था को बहुत ही व्यवस्थित तरीके से बनाया गया है ताकि समाज के सभी वर्गों अमीर, गरीब, मध्यवर्ग और संस्थानों आदि के हितों की रक्षा की जा सके l
Current account new rules : करंट अकाउंट किसे कहते हैं? जानिए नए नियमों का आपके ऊपर क्या होगा असर
Current account new rules : करंट अकाउंट खोलने के लिए कुछ सुरक्षा उपाय निर्दिष्ट किए हैं। आप यहां आरबीआई के नए दिशानिर्देशों के बारे में जान सकते हैं।
Current account new rules : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने करंट अकाउंट यानी चालू खाते खोलने के लिए कुछ सुरक्षा उपाय निर्दिष्ट किए हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उधारकर्ताओं के बीच क्रेडिट अनुशासन है और फंड की कोई री-रूटिंग (डायवर्जन) नहीं हो रही है। अगस्त 2020 में अधिसूचित इन नए नियमों को शुरू में तीन महीने में लागू करना था। हालांकि, बैंकों को इनका अनुपालन करने के लिए और समय की जरुरत महसूस होने के चलते इसकी समय सीमा 31 जुलाई 2021 तक बढ़ा दी गई। अब इसे एक बार और बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2021 कर दिया गया है। यहां आप करंट अकाउंट और आरबीआई के नए दिशानिर्देशों के बारे में जान सकते हैं।
करंट अकाउंट किसे कहते हैं?
चालू खाता, जिसे लेनदेन संबंधी खाते (यानी ट्रांजेक्शनल अकाउंट) के रूप में भी जाना जाता है, एक बैंक खाता है जिसमें दैनिक लेनदेन की कोई सीमा निर्दिष्ट नहीं होती है। ये खाते न तो निवेश के उद्देश्य से काम करते हैं, और न ही बचत खाते (सेविंग अकाउंट) की तरह इन खातों में रखी धनराशि पर कोई ब्याज मिलता है। चालू खातों का उपयोग आमतौर पर पेशेवर, छोटे व्यवसाय और उद्यमी करते हैं।
एकल करंट खाता कौन खोल सकता है?
करंट खाता सुविधा आमतौर पर उन लोगों के लिए उपलब्ध है जो किसी न किसी व्यवसाय से जुड़े हैं। इस तरह का खाता खोलने के लिए आपके पास निगमन प्रमाणपत्र (सर्टिफिकेट ऑफ इनकॉर्पोरेशन), फर्म या कंपनी के पते का साक्ष्य और आपका पैन कार्ड जैसे दस्तावेज होने चाहिए। कई बैंक जीएसटी पंजीकरण संख्या पर भी जोर देते हैं। नए नियमों के बाद, वे ग्राहक भी चालू खाता खोल सकते हैं जिन्होंने बैंकिंग प्रणाली से कोई लोन सुविधा नहीं ले रखी है और जिनका बैंकिंग प्रणाली में एक्सपोजर 5 करोड़ रुपए से कम है। हालांकि, ऐसा करते समय बैंक ऐसे ग्राहकों को यह वचनपत्र देने के लिए कह सकते हैं कि यदि उधारकर्ता द्वारा बैंकिंग प्रणाली से लिया जाने वाला क्रेडिट 5 करोड़ रुपए को पार कर जाता है तो वे इस बारे में बैंकों को सूचित करेंगे।
ये नए मानदंड क्यों?
यह देखा गया है कि कई उधारकर्ता, जिन्हें बैंकों ने नकदी ऋण (सीसी) या ओवरड्राफ्ट (ओडी) सुविधाओं के जरिए पैसा उधार दिया था, उधार ली गई धनराशि को अन्य बैंकों में मौजूद अपने चालू खातों में ट्रांसफर कर रहे थे। यह बैंकिंग नियामक के नजरिए से उचित तरीका नहीं था। आरबीआई ने मानदंडों को इसलिए सख्त बनाया है ताकि उधारदाता संघ (यानी कन्सोर्टियम ऑफ लेंडर्स) से बाहर जाकर उधार लेने वालों द्वारा नए चालू खाते खोलने की इस प्रथा पर अंकुश लगाया जा सके, विशेष रूप से जब अंडर स्ट्रेस होते हैं और एक बैंक से दूसरे बैंक में फंड डायवर्ट करते हैं। अपने परिपत्र में आरबीआई ने कहा है कि "कोई भी बैंक उन ग्राहकों के लिए चालू खाता नहीं खोलेगा, जिन्होंने बैंकिंग प्रणाली से नकदी ऋण (सीसी) / ओवरड्राफ्ट (ओडी) के रूप में क्रेडिट सुविधा प्राप्त की है और सभी लेनदेन सीसी/ ओडी खाते के जरिए किए जाएंगे।
इससे कौन से चालू खाते होंगे?
इसका असर उन उधारकर्ताओं के चालू खातों पर पड़ेगा, जिन्होंने दूसरे बैंकों से सीसी/ओडी की सुविधा ले रखी है। बैंक इस बारे में आपको सूचित करने के लिए नोटिस भेजेगा। इसके अलावा, यदि आपने सीसी/ओडी सुविधाओं का लाभ उठाया है और उन फंड को अपने चालू खाते में ट्रांसफर कर दिया है तो आपका खाता प्रभावित होगा। यदि आपके पास पहले से एक चालू खाता है और आपने कोई सीसी/ओडी सुविधा नहीं ली है तो आपका खाता बंद नहीं होगा।
यदि खाता बंद हो जाता है तो उसमें रखे पैसे का क्या होगा?
अधिकांश बैंकों ने उन चालू खातों को फ्रीज कर दिया है जो नए दिशानिर्देशों का पालन नहीं करते थे। आपसी समाधान की दृष्टि से बैंक इन खातों को ग्राहकों के लिए फिर से खोल और चालू कर सकते हैं। बंद खातों के मामले में, उन्हें फिर से नहीं खोला जा सकता है लेकिन ग्राहक इसमें रखी हुई रकम निकाल सकते हैं।
यदि चालू खाते को फ्रीज या बंद कर दिया गया है, तो खाते में मौजूद धनराशि उधारकर्ता के बचत या सीसी/ओडी खाते में ट्रांसफर की जा सकती है। आपको उस शाखा में जाना होगा जहां आपका खाता है, और फिर आवेदन पत्र भरकर पैसा ट्रांसफर करने के लिए बैंक से अनुरोध करें। बैंक या तो उक्त खाते में आरटीजीएस कर सकता है या फर्म के नाम पर डिमांड ड्राफ्ट प्रदान कर सकता है, या उस राशि को आपके सीसी/ओडी खातों में ट्रांसफर कर सकता है। कुछ मामलों नियमित चालू खाते में, यदि चालू खाते में राशि बहुत कम है तो आप इसे नकद में भी प्राप्त कर सकते हैं (हालांकि, यह बैंक पर और बैंक के साथ आपके संबंधों पर निर्भर करता है)। प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए जरूरी है कि आप सत्यापन के लिए अपना केवाईसी विवरण तैयार रखें।
नए नियमों में 10% ऋण एक्सपोजर की आवश्यकता का क्या अर्थ है?
इसका यह अर्थ है कि बैंकिंग प्रणाली में ग्राहक के कुल ऋण एक्सपोजर में से, यदि किसी उधारदाता के प्रति एक्सपोजर 10% या उससे अधिक है, तो डेबिट सुविधा उस विशेष बैंक के साथ खोले गए सीसी/ओडी खाते में उपलब्ध होगी। उदाहरण के लिए, यदि आपने विभिन्न उधारदाताओं से 5 करोड़ रुपए का ऋण लिया है। मान लीजिए कि इसमें से केवल एक उधारदाता 'क' ने आपको 50 लाख रुपए (कुल ऋण का 10%) या अधिक राशि का ऋण दिया है, तो आप उधारदाता 'क' के साथ खोले गए सीसी/ओडी खाते से ही डेबिट सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।
यदि उस उधारकर्ता के बैंकिंग प्रणाली के प्रति एक्सपोजर के 10% या अधिक वाले बैंक एक से ज्यादा हैं, तो जिस बैंक को निधि विप्रेषित की जानी है, वह उधारकर्ता और बैंकों के बीच निर्धारित किया जा सकता है। इसके अलावा, यह उल्लेखनीय है कि जहां एक उधारकर्ता के प्रति किसी बैंक का एक्सपोजर (उस उधारकर्ता के प्रति) बैंकिंग प्रणाली के एक्सपोजर के 10% से कम है, वहाँ सीसी/ओडी खाते में क्रेडिट की तो पूरी अनुमति होगी, किंतु इस सीसी/ओडी खाते में डेबिट केवल उधारकर्ता के उस बैंक के सीसी/ओडी खाते में क्रेडिट के लिए किया जाएगा, जिसका उधारकर्ता के प्रति एक्सपोजर उस उधारकर्ता के प्रति एक्सपोजर का 10% या इससे अधिक है।
निष्कर्ष
31 जुलाई तक ऐसे ज्यादातर चालू खाते फ्रीज कर दिए गए थे लेकिन बंद नहीं किए गए थे। समय सीमा बढ़ाने के बाद, बैंक अब नई व्यवस्था के लिए अपने ग्राहकों से माइग्रेशन पथ के बारे में बात करेंगे। अधिकांश बैंक अपने ग्राहकों के साथ बात कर इन मुद्दों को पारस्परिक रूप से हल करने का प्रयास करेंगे। जिन खातों को फ्रीज कर दिया गया है, उन्हें अब फिर से खोला और चालू किया जा सकता है क्योंकि आरबीआई ने (इन नियमों को) लागू करने की तिथि बढ़ा दी है।
Current Account ( चालू खाता) क्या होता है ?
आप Current Account ( चालू खाता) में रोजाना बहुत लेनदेन कर सकते है और आपको किसी भी परकार का कोई व्याज नही मिलता है क्युकी आप रोज लेन देन करते है है और आपको बहुत सारे सुविदा दी जाती है और यह सब सुविदा आपको सेविंग अकाउंट में नहीं दी जाती है,आपको लिमिट मिलती है जैसे की एटीएम में आप 5 से 6 टाइम ही महीने में पैसे निकाल सकते है,और Current Account ( चालू खाता) में ऑनलाइन Transaction पर कोई लिमिट नहीं होती है ।
Current Account ( चालू खाता) क्या होता है
करंट अकाउंट जिससे हम चालू खाता भी कहते है जैसे की उसके नाम से ही पता चल जाता है ,अगर आपको करंट अकाउंट खुलवाना है तो आपको तो आपको कोई कंपनी,बिज़नस,बिजनेसमैन है तो आप करंट अकाउंट खुलवा सकते है और आपको बता दू की आपको करंट अकाउंट पर कोई व्याज नहीं मिलता है और आप इन्वेस्टमेंट के लिए करंट अकाउंट नहीं खुलवा सकते है ,अगर आप रोज लेनदेन करते है तो आपको करंट अकाउंट की जरुरत होगी जिस्स्से आप बहुत लेनदेन कर सकते है चेक और ऑनलाइन के द्वारा ,जैसे आपको पता होगा की जो बड़ी कंपनी जैसे की अमेज़न,फ्लिपकर जैसे कंपनी के अकाउंट में रोज के लाखों लेनदेन होते है,तो इसी लिए करंट अकाउंट की जरुरत पड़ती है ,करंट अकाउंट में ओवरड्राफ्ट की सुविदा भी दी जाती है ।
चालू खाता खुलवाने के लिए न्यनतम कितने राशी होनी चाहिये ?
अगर आपको बैंक में करंट अकाउंट खुलवाना है तो आपको बैंक में मिनिमम बैलेंस अकाउंट में रखना पड़ता है ,सभी बैंक में अलग अलग मिनिमम बैलेंस रखना पड़ता है आपको State Bank of India में आपको 10000 मिनिमम बैलेंस रखना पड़ेगा ।
चालू खाता खोलने की लिए कितने पैसे की जरुरत होती है ?
जब आप बैंक अकाउंट खुलवाने के लिए जाते है तो आपके मन में एक सवाल आता होगा की करंट अकाउंट के लिए कितने पैसे को जरुरत होगी,आपको बता दू की ज्यदातर बैंक में आप 10000 रु में अकाउंट खुलवा सकते है ।
चालू खाते के फायदे और नुक्सान
अगर चालू का सबसे बड़ा फायदा ये होता है की आप बहुत से लेनदेन कर सकते है और आपको कोई भी चार्ज नहीं किया जायगा ,और आपको करंट अकाउंट में ओवरड्राफ्ट की सुविदा भी मिलती है ।
आपको सेविंग अकाउंट की ही तरह एटीएम कार्ड और नेट बैंकिंग दी जाती है और आप उससे बहुत बार लेनदेन कर सकते है ,और उस पर कोई चार्ज नही लिया जाता है ।
अगर कोई वक्ति बिजनेसमैन है तो उसके लिए करंट अकाउंट ही खुलवाना चाहिये क्युकी इसमें बहुत सारे सुविदा मिलती है ।
आपको चेक बुक की सुविदा फ्री मिलती है हर महीने या फिर 3 महीने के बाद फ्री में आपको चेक बुक मिलती है अगर आपको ज्यदा चेक बुक चाहिये तो आप कुछ शुल्क देकर ले सकते है ।
ऑनलाइन किसी दुसरे बैंक में पैसे ट्रान्सफर करते है ,NEFT और RTGS की मदत से तो आपको उसमे कुछ छुट मिल जाती है ।
करंट अकाउंट से होने वाले नुक्सान की बात करे तो आपको इसमें रखे पैसे पर कोई भी व्याज नहीं मिलता है ।
करंट अकाउंट में आपको एक न्यनतम बैलेंस रखना पड़ेगा जो की 10000 रुपया तक हो सकता है ।
चालू खाता खुलवाने के लिए जरुरी कागजात
- आधार कार्ड /वोटर कार्ड /ड्राइविंग लाइसेंस
- पैन कार्ड
- कंपनी/फर्म का एड्रेस प्रूफ
- पार्टनर्स और डायरेक्टर्स का आईडी और एड्रेस प्रूफ
- बैंक खाता खोलने के लिए एक कैंसिल चेक
Frequently Asked Questions
Ans : करेंट अकाउंट को चालू खाता भी कहा जाता है. यह अकाउंट कंपनी या कारोबारियों के लिए होता है. इन्हें रोजाना पैसे के लेनदेन की जरूरत पड़ती है. जहां पैसे का लेनदेन बड़े पैमाने पर होता है, वहां लोग करेंट अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं ।
Ans : बचत को प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने के लिए एक बचत खाता खोला जाता है। चालू खाता एक नियमित या लगातार लेन-देन की सुविधा के लिए डिज़ाइन किया जाता है। बचत खाता किसी भी व्यक्ति के लिए आदर्श विकल्प है जो वेतनभोगी कर्मचारियों की तरह स्थिर या नियमित आय अर्जित करते हैं।
Ans :करंट अकाउंट की एक minimum monthly balance limit होती हैं जिसमे आपको कम से कम उस लिमिट जितने पैसे अपने अकाउंट में रखने ही होते हैं। ये लिमिट ज्यादातर बेंको में 5000 से 10000 रूपये की होती हैं। एक ख़ास बात इस खाते की जो है की इसमें बैंक कोई ब्याज (interest) नहीं देता बल्कि कुछ खातो में कुछ सर्विस चार्ज लिया जाता हैं ।
Ans : बचत खाते (सेविंग्स अकाउंट), खुदरा वित्तीय संस्थाओं द्वारा बनाये रखे जाने वाले खातों को कहते हैं जो ब्याज तो प्रदान करते हैं लेकिन जिन्हें सीधे तौर पर धन के रूप में (उदाहरण के लिए, एक चेक लिखकर) इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है ।
Ans :आरबीएल बैंक में बचत खाते पर 1 लाख रु तक पर 4.75 फीसदी ब्याज मिलता है। वहीं 1 से 10 लाख रु तक पर आपको 6 फीसदी ब्याज मिलेगा। 10 लाख रु से 5 करोड़ रु तक की राशि पर आपको 6.75 फीसदी ब्याज मिलेगा ।
Ans :यदि आप एक Current Account खुलवाना चाहते है तो आपको निम्न दस्तावेजों की आवश्यकता होगी –
पैन कार्ड
पासपोर्ट साइज की फोटो
व्यवसाय का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट – GST Registratio/Shop Establishment Registration (For Proprietorship), Partnership Deed (For Partnership), Incorporation Certificate (For Company)
Ans : अगर आप बैंक में अकाउंट खोलना चाहते हैं तो अपना पैन और आधार कार्ड तैयार रखें. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंक में खाता खोलने के लिए आधार और पैन जरूरी कर दिया है. केवाईसी (नो योर कस्टमर या KYC) से जुड़े अपने नए दिशानिर्देशों में केंद्रीय बैंक ने इसका जिक्र किया है ।
Current Account ( चालू खाता) क्या होता है ? – Video
Conclusion
मुझे उम्मीद है की इस आर्टिकल्स से आपको पता चल गया होगा की करंट अकाउंट क्या होता है और कोन कोन से कागजात जरुरी होते है अगर आपको कोई भी समस्या है तो आप निचे लिख सकते है ।
जानिए क्या होता है करेंट अकाउंट?
बिजनेस की जरूरत के अनुसार करेंट नियमित चालू खाते अकाउंट में जमा पैसा अक्सर फ्लक्चुएट (ऊपर-नीचे) हुआ करता है.
करेंट अकाउंट बिजनेस चलाने वाले लोगों के लिए एक बैंक खाता होता है. यह रोजमर्रा के बिजनेस ट्रांजेक्शन करने की सहूलियत देता है.
2. करेंट अकाउंट में पड़े पैसे को किसी भी समय बैंक की शाखा या एटीएम से निकाला जा सकता है. इसमें किसी तरह की कोई बंदिश नहीं होती है. खाताधारक कितनी भी बार चाहें पैसे को निकाल जमा कर सकते हैं. यानी चालू खाते में आप अपनी मर्जी से दिन नियमित चालू खाते में जितने चाहें उतने लेनदेन कर सकते हैं.
3. इस खाते का इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजेक्शन या चेक ट्रांजेक्शन के लिए होता है.
4. बिजनेस की जरूरत के अनुसार करेंट अकाउंट में जमा पैसा अक्सर फ्लक्चुएट (ऊपर-नीचे) हुआ करता है. लिहाजा, बैंक इस पैसे का इस्तेमाल नहीं करते हैं. कह सकते हैं कि बैंकों से मिलने वाली यह खास तरह की सुविधा होती है.
5. सेविंग बैंक अकाउंट में जहां आपको बैलेंस पर ब्याज मिलता है. वहीं, चालू खाते के बैलेंस पर कोई ब्याज नहीं मिलता है. करेंट अकाउंट खोलने के लिए आप वोटर आईडी कार्ड, फोटो, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं.
इस पेज की सामग्री सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग (सीआईईएल) के सौजन्य से. गिरिजा गादरे, आरती भार्गव और लब्धि मेहता का योगदान.
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बैंक ऑफ बड़ौदा चालू खाता | 5 benefits of bob current account
लोगों के लिए एक ऐसा खाता है जो बार – बार नियमित रूप से लेनदेन का काम करते हैं जो हमेशा अपने अकाउंट से पैसा निकासी एवं जमा का काम करते हैं चालू खाता का मासिक एवं सालाना लेन – देन लिमिट राशि बचत खाता के लिमिट राशि से अधिक होता है दोस्तों इस लेख में आगे आप बैंक ऑफ बड़ौदा चालू खाता के बारे में पढ़ने वाले हैं।
चालू खाता ज्यादातर उद्यमियों बड़े व्यापारीयो एवं छोटे व्यापारी द्वारा प्रयोग किए जाते हैं इसमें खाताधारक को ओवरड्राफ्ट का विकल्प चुनने का विकल्प दिया जाता है बैंक ऑफ बड़ौदा ग्राहकों के विभिन्न आवश्यकताओं के अनुरूप विभिन्न प्रकार के चालू खाते की सुविधा प्रदान करता है ।
Table of Contents
चालू खाता किसे कहते हैं?
चालू खाता भी आपके बचत खाते की तरह एक खाता होता है इस खाते की खासियत यह होती है कि दिन भर में आप कितनी बार भी इस खाते से पैसा निकाल या जमा कर सकते हैं खाते में दिन भर में कितना कितना भी ट्रांजैक्शन करने पर भी किसी तरह का चार्ज नहीं लगता है बचत खाते की तरह इस खाते में बैंक द्वारा किसी तरह का ब्याज नहीं दिया जाता है इसमें ओवरड्राफ्ट की सुविधा उपलब्ध होता है ।
चालू खाता का ज्यादातर कौन कौन प्रयोग करते हैं?
चालू खाता ज्यादातर उद्यमियों बड़े व्यापारीयो एवं छोटे व्यापारी द्वारा प्रयोग किए जाते हैं इसमें खाताधारक को ओवरड्राफ्ट का विकल्प चुनने का विकल्प दिया जाता है बैंक ऑफ बड़ौदा ग्राहकों के विभिन्न आवश्यकताओं के अनुरूप विभिन्न प्रकार के चालू खाते की सुविधा प्रदान करता है
चालू खाता की विशेषताएं
इस खाते को खोलने तथा जमा करने की न्यूनतम राशि ₹500 रुपए है
इस खाते में राशि इस दायित्व के साथ स्वीकार किया जाता है कि ग्राहक के द्वारा राशि कभी भी मांगे जाने पर उसे भुगतान किया जाए
निकासी एवं जमा पर कोई सीमा नहीं
चालू खाते की विशेषता यह है कि इस खाते में जमा एवं निकासी की कोई सीमा नहीं है
चालू खातों पर ब्याज
बैंक चालू खाता पर कोई भी ब्याज नहीं देती है क्योंकि देय मांग के अनुसार इसमें पैसा हमेशा बनाए रखना पड़ता है जिसके कारण बैंक को इस खाते में जमा राशि पर किसी भी तरह का ब्याज का आमदनी नहीं हो पाता है साथ ही इस खाते में अधिक व्यवहार होने के कारण बैंक का स्टेशनरी चेक बुक फॉर्म इत्यादि अधिक खर्च होता है और कर्मचारियों के ऊपर अधिक खर्च भी करना पड़ता है
ओवरड्राफ्ट की सुविधा
बैंक ऑफ बड़ौदा चालू खाता पर बैंक नियमित चालू खाते द्वारा ओवरड्राफ्ट की सुविधा प्रदान की जाती है जो भी खाताधारी का खाता चालू है वह अपने खाता के जमा राशि से अधिक राशि इस खाते से ओवरड्राफ्ट के सुविधा के रूप में बैंक से ले सकते हैं
बैंक ऑफ बड़ौदा करंट अकाउंट खुलवाने के लिए आवश्यक दस्तावेज
- आवेदक के दो रंगीन फोटो
- निवास प्रमाण पत्र की एक फोटो कॉपी :- आधार कार्ड, वोटरआईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस इत्यादि
- एक पहचान पत्र की फोटोकॉपी :- आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटरआईडी कार्ड इत्यादि
- एक नियमित चालू खाते चेक जमा करवाने के लिए :- जो आपके बचत खाता या व्यक्तिगत चालू खाता का होना चाहिए
- पैन कार्ड की फोटोकॉपी अगर पैन कार्ड नहीं बना हो तो फॉर्म 60
बंद हो गए खाता को कैसे दोबारा चालू करवाएं
सबसे पहले बंद हो गए खाता का पासबुक अपने पास में रखें
जिस भी बैंक का खाता बंद हुआ है उस बैंक के आप अपने बैंक शाखा में जाएं
बैंक में जाकर शाखा प्रबंधक से अपने बंद हुए खाता के बारे में बताएं और उनसे खाता को
पुनः चालू करने की प्रक्रिया को जानकर उस प्रक्रिया को करें
बंद खाता को चालू करवाने के लिए आपको एक आवेदन लिखने का जरूरत पड़ेगा
उस आवेदन को लिख ले
बंद हुए खाता को दोबारा चालू करवाने के लिए आपको केवाईसी करवानी पड़ेगी जिसके
लिए कुछ जरूरी दस्तावेज के साथ लिखे गए आवेदन को संलग्न कर बैंक में जमा करना होगा
ध्यान दें :- होम पेज पर जाने के लिए यहां क्लिक करें।
संबंधित सवाल
प्रश्न: बैंक ऑफ बड़ौदा में खाता खुलवाने के लिए कितने पैसे लगते हैं
उत्तर: बैंक ऑफ बड़ौदा में खाता खुलवाने के लिए ₹1000 लगते हैं
प्रश्न: बैंक ऑफ बड़ौदा में सामान चालू खाता खुलवाने के लिए कितने रुपए लगते हैं
उत्तर: बैंक ऑफ बड़ौदा में सामान चालू खाता खुलवाने के लिए कम से कम ₹10000 लगते हैं