ब्रोकर कैसे बनें?

स्क्रैच से फॉरेक्स ब्रोकर कैसे बनाएं?
फ़ोरेक्ष और क्रिप्टोकरेंसी बाजार लाभ कमाने के कई अवसर पेश करते हैं। कई उद्यमी और स्टार्ट-अप तेजी से तरीकों की तलाश में हैं कि बिटकॉइन ब्रोकरेज कैसे शुरू करें या फ़ोरेक्ष ब्रोकर कैसे बनाएं। जबकि कोई भी फ़ोरेक्ष ब्रोकर व्यवसाय बना सकता है, इसके लिए धन, समय और प्रयास की आवश्यकता होती है। अपने व्यवसाय को शामिल करने के अलावा, आपको उस देश की कानूनी आवश्यकताओं से परिचित होना चाहिए जहां आप काम करेंगे।
ब्रोकरेज फर्म शुरू करने की प्रक्रिया को नेविगेट करने में आपकी मदद करने के लिए, हमने नीचे दिए गए चरणों की रूपरेखा तैयार की है।
फ़ोरेक्ष ब्रोकर कैसे बनें?
पर्याप्त स्टार्ट अप पूंजी होने के अलावा, फ़ोरेक्ष ब्रोकर बनाने के लिए आपको कई अन्य घटकों की आवश्यकता होती है। पहला है बाजार पर शोध करना और आपके द्वारा दी जाने वाली सेवाओं के दायरे का निर्धारण करना। क्या आपका प्लेटफॉर्म केवल फिएट ट्रेडिंग का समर्थन करने वाला है या क्या आप क्रिप्टोकरेंसी को भी शामिल करने की योजना बना रहे हैं? यह एक नया और गतिशील बाजार है जो कई व्यापारियों को अपनी अस्थिरता के कारण ब्रोकर कैसे बनें? आकर्षित करता है। मार्जिन ट्रेडिंग के बारे में क्या?
आपके द्वारा चुने गए उत्पादों का दायरा आपकी ब्रोकरेज फर्म के पंजीकरण के स्थान के लिए एक निर्णायक कारक होगा। कुछ क्षेत्राधिकार ब्रोकरेज के प्रति अधिक उदार हैं। चूंकि अलग-अलग देशों में लाइसेंसिंग आवश्यकताएं अलग-अलग हैं, इसलिए आमतौर पर अपतटीय क्षेत्रों और क्रिप्टो-फॉरवर्ड देशों जैसे एस्टोनिया, साइप्रस और ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह की ओर देखने की सिफारिश की जाती है।
पंजीकरण प्रक्रिया के हिस्से के रूप में, आपको कॉर्पोरेट बैंक खाते स्थापित करने और विश्वसनीय पेमेंट सेवा प्रदाता खोजने की आवश्यकता होगी। यदि आप मार्जिन ट्रेडिंग का समर्थन करने की योजना बना रहे हैं, तो आपको क्रेडिट लाइन के बारे में बैंक से बातचीत करनी होगी। कुछ बैंकों में लंबी और जटिल सत्यापन और अनुमोदन प्रक्रियाएं होती हैं। आगे की योजना बनाएं और इस प्रक्रिया के लिए पर्याप्त समय दें। आपको KYC/AML सत्यापन प्रक्रियाओं के लिए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने की आवश्यकता हो सकती है या सभी औपचारिक मामलों में आपका प्रतिनिधित्व करने के लिए एक स्थानीय वकील को एक अनुचर पर रखने की आवश्यकता हो सकती है।
एक फ़ोरेक्ष ब्रोकर बनने और बिना किसी समस्या के मंच चलाने के लिए, आपको IT पेशेवर, लेखाकार, कानूनी और सहायक कर्मियों की एक टीम की आवश्यकता होगी। यह सुनिश्चित करने के लिए न्यूनतम है कि आप डेटा सुरक्षा कानूनों का अनुपालन कर रहे हैं और आप सभी तकनीकी और कानूनी मुद्दों को समय पर हल करने में सक्षम हैं। ब्रोकरेज कंपनियों को अक्सर साइबर अपराधियों द्वारा लक्षित किया जाता है क्योंकि वे बड़ी मात्रा में वित्तीय लेनदेन की प्रक्रिया और भंडारण करते हैं। इसलिए आपको अपने ब्रोकर कैसे बनें? सॉफ़्टवेयर, वेबसाइट और भुगतान प्रसंस्करण गेटवे की सुरक्षा के लिए एक ठोस ढांचे की आवश्यकता है। भले ही शुरुआत में आपके पास भौतिक कार्यालय स्थान न हो, आपका वर्चुअल कार्यालय पूरी तरह कार्यात्मक और सुरक्षित होना चाहिए।
फ़ोरेक्ष ब्रोकर क्यों बनें?
फ़ोरेक्ष ब्रोकरेज शुरू करने से निष्क्रिय आय अर्जित करने के लिए एक नया स्थान खुल सकता है। फ़ोरेक्ष और क्रिप्टो बाजार लाभ के लिए बड़ी संभावनाओं के साथ बहुत प्रतिस्पर्धी और गतिशील हैं।
यदि आप ब्रोकरेज फर्म शुरू करने का कोई तरीका ढूंढ रहे हैं, तो एक व्हाइट लेबल पार्टनर एक बेहतर विकल्प हो सकता है जब आप अभी शुरुआत कर रहे हों। एक नई ब्रोकरेज के लिए, इसका मतलब है कम परिचालन खर्च, कानूनी आवश्यकताओं में ढील और एक तेज सेट अप प्रक्रिया। पहले महीनों में, जब आप अभी भी एक ग्राहक आधार बनाने की कोशिश कर रहे हैं, तो व्हाइट लेबल पार्टनर सभी व्यापारिक कार्यों को संभालेगा। एक बार जब आप अपना ब्रांड और ग्राहक आधार स्थापित कर लेते हैं, तो आप संचालन और लाभ पर पूर्ण नियंत्रण लेने के बारे में सोचना शुरू कर सकते हैं। एक ब्रांड और ग्राहक आधार स्थापित करने के बाद, आपके ब्रोकरेज के लिए अतिरिक्त वित्तपोषण प्राप्त करना बहुत आसान है।
एक व्हाइट लेबल ब्रोकरेज प्रदाता के साथ काम करने से खर्च कम से कम रहता है। इसका मतलब है कि आप केवल वेबसाइट और ब्रोकरेज के 'फ्रंट एंड' के लिए जिम्मेदार होंगे, ब्रोकर कैसे बनें? व्हाइट लेबल व्यवसाय बैकएंड संचालन का ख्याल रखेगा। अलग-अलग व्हाइट लेबल प्रदाताओं की अलग-अलग फीस होती है, इसलिए आपको एक साथी चुनने से पहले तुलना और शोध करने की आवश्यकता होती है। सामान्यतया, एक व्हाइट लेबल प्रदाता के साथ साझेदारी करने पर अपने आप से ब्रोकरेज स्थापित करने की तुलना में कम लागत आती है।
Career in Share Market-शेयर मार्केट में बेहतर कॅरियर
शेयर मार्केट काफी संवेदनशील होने के कारण इसमें सोच-समझकर निवेश करने की जरूरत होती है। चूंकि छोटे निवेशक बाजार के रुख और जिन कारणों से शेयर बाजार प्रभावित होता है, उससे सही तरीके से वाकिफ नहीं होते, इसलिए उन्हें किसी ऐसे जानकार की सेवा लेने की जरूरत महसूस होती ही है, जो उसके पैसे का सुरक्षित निवेश सुनिश्चित कर सके और इसलिए स्टॉक ब्रोकर और इस मार्केट से जुड़े अन्य जानकार लोगों की जरूरत होती है। यदि आप भी स्टॉक ब्रोकर बनने में दिलचस्पी रखते हैं, तो सबसे पहले आपको इस मार्केट के बारे में अच्छी तरह से जानना होगा। इसके लिए पहले आप किसी प्रामाणिक संस्थान से इससे संबंधित कोर्स करें। फिर उसके बाद किसी स्थापित ब्रोकर के साथ कुछ समय काम करके प्रैक्टिकल अनुभव भी हासिल कर सकते हैं। वैसे, यदि आप कैपिटल और कॅमोडिटी मार्केट में रेगुलर इनवेस्ट करने वाले जागरूक निवेशक हैं, तो आप भी स्टॉक मार्केट से संबंधित शॉर्ट-टर्म कोर्स करके अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं। ऐसा करने से आप भी मार्केट की सही एनालिसिस करने में सक्षम हो सकेंगे।
क्या है स्टॉक एक्सचेंज?
स्टॉक एक्सचेंज एक ऐसा मार्केट है, जहां स्टॉक ब्रोकर्स शेयर्स, डिबेंचर्स, गवर्नमेंट्स सिक्युरिटीज, बॉन्ड्स लोगों और संस्थाओं को खरीदते व बेचते हैं। इन सिक्युरिटीज का मूल्य डिमांड और सप्लाई के आधार पर मिनट-मिनट में बदलता रहता है। देश में मुंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई), मुंबई और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई), दिल्ली दो बड़े स्टॉक एक्सचेंज हैं। इसके अलावा कोलकाता, चेन्नई, बंगलुरू, अहमदाबाद, जयपुर और लखनऊ में भी स्टॉक मार्केट हैं।
क्या करते हैं स्टॉक ब्रोकर?
शेयर मार्केट में एक स्टॉक ब्रोकर डीलर, अडवाइजर या सिक्युरिटी एनालिस्ट के रूप में काम करता है। स्टॉक ब्रोकर को खुद को संबंधित स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्टर्ड कराना होता है। स्टॉक मार्केट का मेंबर बनने के लिए लिखित परीक्षा देनी होती है और इसे उत्तीर्ण करने के बाद ट्रेनिंग भी लेनी होती है। लिखित परीक्षा में अकाउंटेंसी, कैपिटल मार्केट, सिक्युरिटी और पोर्टफोलियो एनालिसिस का टेस्ट लिया जाता है। ब्रोकर को मेंबरशिप के लिए एक निश्चित धनराशि भी सिक्युरिटी मनी के रूप में जमा करनी होती है। इसके बाद मेंबर को यह भी सुनिश्चित करना होता है कि स्टॉक मार्केट में काम करने के लिए उसके पास कम्प्यूटर, इंटरनेट आदि का इंफ्रास्ट्रक्चर है। उसे यह विकल्प भी बताना होता है कि वह एक डीलर के रूप में काम करना चाहेगा या फिर वहां पहले से कार्यरत स्टॉकब्रोकिंग फर्म के साथ एजेंट के रूप में! स्टॉक मार्केट में चार तरह के स्टॉक ब्रोकर्स होते हैं : 1. सिक्युरिटीज सेल्स रिप्रेजेंटेटिव 2. सिक्युरिटीज ट्रेडर्स 3. सिक्युरिटीज ब्रोकर्स तथा 4. सिक्युरिटीज एनालिस्ट।
किन लोगों की होती है जरूरत?
स्टॉक मार्केट में काम कर रही बडी ब्रोकिंग फर्मे ऐसे एमबीए को प्राथमिकता देती हैं, जिन्होंने फाइनैंस में स्पेशलाइजेशन किया हो या फिर वह चार्टर्ड अकाउंटेंट या चार्टर्ड फाइनैंशियल एनालिस्ट हो। इस प्रोफेशन में इकोनॉमिस्ट, अकाउंटेंट्स, फाइनैंस मैनेजर, फाइनैंशियल एनालिस्ट, कैपिटल मार्केट स्पेशलिस्ट्स, इनवेस्टमेंट ऐंड फाइनैंशियल प्लानर्स की आवश्यकता भी होती है।
ब्रोकर की बढती मांग
स्टॉक मार्केट बिजनेस और कॅरियर की दृष्टि से तेजी से उभरता हुआ क्षेत्र है। इसमें स्किल्ड लोगों की जबर्दस्त मांग है। वर्ष 1992-93 में जहां स्टॉक ब्रोकर्स की संख्या लगभग साढे छह हजार थी, वहीं आज इनकी संख्या बढ़कर करीब पंद्रह हजार से अधिक हो गई है।
करें कौन-सा कोर्स?
यदि आप स्टॉक मार्केट से जुड़ना चाहते हैं, तो आपको एमबीए (फाइनैंस), सीए या सीएफए करना होगा। इकोनॉमिक्स या कॉमर्स में पोस्ट-ग्रेजुएशन करके भी आप इस क्षेत्र में जा सकते हैं। हां, शर्त बस यही है कि आपको वित्तीय मामलों का एक्सपर्ट होना चाहिए। वैसे, खुद स्टॉक एक्सचेंजों या अन्य प्रतिष्ठित निजी संस्थाओं द्वारा संचालित कोर्स/शॉर्ट टर्म कोर्स करके भी आप इस क्षेत्र में आ सकते हैं। आइए जानते हैं इन कोर्सो के बारे में :
पीजी डिप्लोमा इन फाइनैंशियल ऐंड इनवेस्टमेंट प्लॉनिंग : इसमें दो कोर्स हैं, एक की अवधि 12 महीने है जबकि दूसरा 6 माह का कोर्स है। इसके तहत प्रैक्टिकल ट्रेनिंग भी दी जाती है। किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएट (इकोनॉमिक्स व कॉमर्स को प्राथमिकता) इसमें प्रवेश ले सकते हैं। यह कोर्स देश के कई संस्थानों में उपलब्ध है।
कैपिटल मार्केट सर्टिफिकेट प्रोग्राम : यह शॉर्ट टर्म कोर्स है, जो पूरे वर्ष चलता रहता है। इस कोर्स में कभी भी एडमिशन लिया जा सकता है। यह कोर्स मुंबई स्टॉक एक्सचेंज ट्रेनिंग इंस्टीटयूट द्वारा संचालित किया ब्रोकर कैसे बनें? जाता है। यह प्रोग्राम ऑनलाइन भी उपलब्ध है। ऑल इंडिया सेंटर फॉर कैपिटल मार्केट स्टडीज द्वारा एक वर्ष की अवधि का पोस्ट-ग्रेजुएट प्रोग्राम भी चलाया जाता है।
डिप्लोमा इन फाइनैंशियल ऐंड इनवेस्टमेंट प्लॉनिंग : एक साल की अवधि वाला यह कॅरेस्पॉन्डेंस-कम-लेक्चर कोर्स इंस्टीटयूट ऑफ फाइनैंशियल ऐंड इनवेस्टमेंट प्लॉनिंग, मुंबई द्वारा संचालित किया जाता है। बीएलबी इंस्टीटयूट ऑफ फाइनैंशियल मार्केट (बीआईएफएम) द्वारा भी पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन फाइनैंशियल प्लानिंग ऐंड वेल्थ मैनेजमेंट प्रोग्राम चलाया जाता है। इसमें ग्रेजुएट प्रवेश ले सकते हैं। इसमें 3 ट्राइमेस्टर में 16 पेपर पढ़ाए जाते हैं।
शॉर्ट टर्म कोर्स
कुछ प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा शॉर्ट टर्म कोर्स भी संचालित ब्रोकर कैसे बनें? किए जाते हैं। इनमें तीन महीने का स्टॉक कॅरियर और स्टॉक बिजनेस कोर्स प्रमुख हैं। इन कोर्सो के तहत कैपिटल मार्केट मॉडयूल, डेरिवेटिव मार्केट, कॅमोडिटी मार्केट, ओडीआईएन लाइव टर्मिनल ऑपरेशन, बैक ऑफिस जॉब ऑपरेशन, फंडामेंटल एनालिसिस, टेक्निकल एनालिसिस आदि की ट्रेनिंग दी जाती है। इसके अलावा स्मार्ट इनवेस्टर (3 माह का) कोर्स भी है। ये सभी जॉब ओरिएंटेड कोर्स हैं, जिन्हें करने के बाद आप ब्रोकर फर्मो में काम पा सकते हैं।
प्रमुख संस्थान
द मुंबई स्टॉक एक्सचेंज ट्रेनिंग इंस्टीटयूट 18वीं-19वीं मंजिल, मुंबई स्टॉक एक्सचेंज, दलाल स्ट्रीट, मुंबई-400 001 वेबसाइट : bseindia.com
इंस्टीटयूट ऑफ फाइनैंशियल एड इवेस्टमेंट प्लानिंग, बी/303, वेंटेक्स विकास, अंधेरी ईस्ट, मुंबई
द इंस्टीटयूट ऑफ कम्प्यूटर अकाउंटेंट 31, इंद्रदीप बिल्डिंग, कम्युनिटी सेंटर, अशोक विहार, नई दिल्ली-88, फोन : 011-47086000, 46056000 वेबसाइट : icajobguarantee.com
द नरसी मुंजी इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडी, मुंबई वेबसाइट : nmims.edu
द यूटीआई इंस्टीटयूट ऑफ कैपिटल मार्केट्स प्लॉट 82, सेक्टर-17, वाशी, नवी मुंबई- 400705
मुंबई कम्युनिटी एक्सचेंज लिमिटेड, नवी मुंबई
बीआईएफएम, वनिता मंडली बिल्डिंग, 2, आजाद भवन रोड, आईपी इस्टेट, आईटीओ, नई दिल्ली वेबसाइट : bifm.edu.in
मेटावर्स में रियल एस्टेट एजेंट/ ब्रोकर कैसे बनें? | How To Become Real Estate Broker In The Metaverse In Hindi
मेटावर्स में रियल एस्टेट करोड़ो में बिक रहा है। मेटावर्स में रियल एस्टेट बिज़नेस 2030 तक $1 ट्रिलियन का बिज़नेस होने वाला है। अभी 2022 में यह बिज़नेस $500 मिलियन की वर्थ पर है और आनेवाले 8-9 साल में 2000% ग्रो करने की संभावना है।
मेटावर्स रियल एस्टेट क्या है? (What is Metaverse Real Estate)
डिजिटल वर्ल्ड में कई क्रिप्टो प्रोजेक्टर अपने गेम या मेटावर्स बनाते है। जहा पर आप लैंड को खरीदकर उसमे घर बना सकते हो, उसे रेंट पर दे सकते हो, कॉन्सर्ट कर सकते हो, कोई डिजिटल इवेंट कर सकते है, NFT टोकन माइन कर सकते है, या फिर उसे ज्यादा कीमत पर बेच कर आप प्रॉफिट कमा सकते है। जैसे रियल लाइफ में कोई भी एसेट का इस्तेमाल या लेनदेन होती है वैसे ही यहा पर ये सब चीजें एक वर्चुअल दुनिया मे होती है।
मेटावर्स में कोई एक दुनिया NFT का इस्तेमाल करके कोई डिजिटल जमीन या प्रॉपर्टीज बना सकती है, और यह किसी दूसरी डिजिटल दुनिया को ऑनलाइन आने से नही रोक सकती। यानी भविष्य में फेसबुक जैसी कंपनी अपनी मेटावर्स दुनिया बना सकती है। वर्चुअल दुनिया मे रियल एस्टेट की कीमत उसपे आनेवाले लोगो की संख्या, ट्रैफिक पर निर्भर करती है। उदाहरण के लिए, जैसे एक वेबसाइट की वैल्यू तब ज्यादा होती है जब उसपे ज्यादा ट्रैफिक हो।
मेटावर्स में रियल एस्टेट एजेंट की आवश्यकता और अनुभव
कई कंपनियां अपना मेटावर्स बना रही है। इसी कारण लोगो का रुझान इसमें निवेश करने में बढ़ता जा रहा है। अब सवाल यह है कि अगर इस वर्चुअल दुनिया मे रियल एस्टेट ब्रोकर होते है, तो कोई और कैसे बन सकता है?
पहले ये जानते है कि आखिर मेटावर्स में कोई डील करने के लिए एजेंट या ब्रोकर की जरूरत क्यों पड़ती है?
जैसे आप रियल दुनिया मे कोई घर या जमीन खरीदते वक्त किसी एजेंट का सहारा लेते है, वैसे ही मेटावर्स पर जमीन अक्सर किसी विश्वसनीय दलाल या कोई सेकेंडरी मार्केट के द्वारा पीयर टू पीयर होती है। यहाँ पर अक्सर खरीदारी किसी प्लेटफार्म या सेकंडरी मार्केट के माध्यम से होती है। इस प्रकार की ट्रेडिंग में रिस्क भी होता है।
कुछ कम्युनिटी के पास ऐसे एजेंट्स की डिटेल्स होती है जो बड़ी खरीद की सुविधा देते है। इन कम्युनिटीज में ब्रोकर एक विश्वसनीय सदस्य होते है जिनके प्रोजेस्ट में बड़े पोर्टफोलियो भी होते है और वे जानते है कि किसके पास सबसे क़ीमती एसेट्स है।
जो नए इन्वेस्टर अच्छी और कीमती एसेट्स की तलाश में होते है उनके लिए ब्रोकर महत्वपूर्ण सुविधा प्रदान करने में सही भूमिका निभाते है।
वर्चुअल दुनिया में हर एक चीज पूरी प्रणाली के लिए जानी जाती है, क्योंकि हर एक चीज कहीं न कहीं डेटाबेस में उपलब्ध है। और इस डेटा को
जैसा कि मैं चीजों को देखता हूं, मेटावर्स में प्रोफेशनल व्यक्ति का एकमात्र वास्तविक मूल्य निर्णय और ज्ञान है। डेटा पूरी तरह से पारदर्शी है, और पूरी तरह से सभी के लिए खुला है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हर कोई एक ही निष्कर्ष पर आएगा। जानकारी सभी के लिए उपलब्ध है, पर जरूरत होती है अच्छे रिसर्च और एनालिसिस की जो कि एक अनुभवी ही कर सकता है।
मेटावर्स में रियल एस्टेट एजेंट किसी लॉ या लाइसेंस के कारण नही होंगे, बल्कि रियल एस्टेट सलाहकार होंगे जिनके पास उनके कौशल, उनके निर्णय और विश्लेषण करने की क्षमता और अनुभव होगा। इसके लिए आपको किसी लाइसेंस की जरूरत नही होगी, यहाँ आपको आपके प्रदर्शन, प्रतिभा और परिणाम के आधार पर भुगतान किया जायेगा।
मेटावर्स में रियल एस्टेट एजेंट कैसे काम करते है?
आप यहाँ पर ट्रेनिंग कर सकते हो, घूम सकते हो, टीम या क्लाइंट के साथ मीटिंग कर सकते है।
ब्रोकर क्या है ब्रोकर वेतन कैसे बनें?
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि टेलीग्राम गति और सुरक्षा पर केंद्रित एक मैसेजिंग ऐप है।यह सबसे लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप में से एक है। यदि आप पहले से ही टेलीग्राम का उपयोग कर रहे हैं, तो आप किसी भी कारण से दूसरा खाता बनाना चाह सकते हैं। दूसरा खाता, चाहे व्यवसाय के लिए हो या आनंद के लिए [. ]
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गणतंत्र की मर्सिडीज-बेंज रैली बेनास्टा बेनलियो एकबेडेम में समाप्त हुई
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Share Market में निवेश के लिए ब्रोकर चुन रहे हैं? इन 5 बातों का ख्याल रखें
मार्च 2018 से अब तक 34 ब्रोकर डिफॉल्टर घोषित हो चुके हैं
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2018 से अब तक 34 ब्रोकर डिफॉल्टर घोषित हो चुके हैं. इस साल अब तक 3 ब्रोकर डिफॉल्टर हुए हैं.
ब्रोकिंग उद्योग के सूत्रों का कहना है कि ये डिफॉल्ट ज्यादातर ब्रोकरों द्वारा क्लाइंट सिक्योरिटीज और फंड के दुरुपयोग का परिणाम है. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने इस तरह की प्रथाओं पर रोक लगाने के लिए और कड़े मानदंडों की शुरुआत की है. जिसके बाद ये ब्रोकर उसकी अनुपालन नहीं कर सके और डिफॉल्टर हो गए.
अगर आप शेयर बाजार में निवेश करने वाले हैं तो ब्रोकर चुनने से पहले इन बातों का ध्यान रखें.
1. अपने मार्जिन पर ट्रेड करें
सबसे पहले, जिस बात का निवेशकों को ध्यान रखना चाहिए वो क्लाइंट मार्जिन के अलगाव और आवंटन से जुड़ा है. रेगुलेटर द्वारा यह एक बड़ा कदम है जो 2 मई से प्रभावी होगा.
वर्तमान में ग्राहकों की व्यक्तिगत सीमा तय करना ब्रोकर के हाथ में है. ब्रोकर देखता है कि पिछले सप्ताह तीन ग्राहकों ने लेन-देन नहीं किया है, तो वह सात ग्राहकों के बीच अपनी 10 लाख रुपये की सीमा निर्धारित कर सकता है. इसे ऐसे समझें, ब्रोकर ग्राहकों के एक समूह से संबंधित धन का उपयोग दूसरों के लेन-देन के लिए कर सकता है.
बिजनेस स्टैंडर्ड के रिपोर्ट के मुताबिक, SEBI के नए नियम इस तरह के मामलों पर नजर रखेगी. 2 मई से ब्रोकरों को CCIL की बेवसाइट पर एक फाइल ब्रोकर कैसे बनें? अपलोड करनी होगी. जिसमें प्रत्येक ग्राहक को दी जाने वाली सीमा का ब्रेक-अप देना होगा. इस जानकारी के आधार पर CCIL यह सुनिश्चित करेगा कि कोई ग्राहक अपनी व्यक्तिगत सीमा से अधिक पोजीशन ब्रोकर कैसे बनें? न लें.
Zerodha के COO वेणु माधव कहते हैं, "इन मानदंडों की शुरूआत का मतलब यह होगा कि कोई ग्राहक दूसरे ग्राहकों की सीमा का उपयोग करके उसके द्वारा जमा किए गए मार्जिन से अधिक की पोजीशन नहीं ले सकेगा."
2. फ्लोटिंग नेट वर्थ की अवधारणा
अब फ्लोटिंग नेट वर्थ की अवधारणा पेश की गई है. ब्रोकरों को न्यूनतम नेट वर्थ के अलावा फ्लोटिंग नेट वर्थ भी मेंटेन करना होगा. मान लीजिए की एक ब्रोकर का एवरेज कैश बैलेंस 10,000 करोड़ रुपये है, उसे अब 1,000 करोड़ रुपये का नेट वर्थ बनाए रखना होगा. ब्रोकरों को फरवरी 2023 तक इस मानदंड का पालन करना होगा.
3. भुगतान में देरी से सावधान रहें
ब्रोकर के साथ खाता खोलने से पहले ऑनलाइन रिव्यू जरूर पढ़ें. एक्सचेंजों की वेबसाइटों पर ब्रोकर के खिलाफ शिकायतों की जांच करें. यदि आपको भुगतान में देरी, धन के गलत प्रबंधन, या अनधिकृत ट्रेडों से संबंधित शिकायतें मिलती हैं, तो उस ब्रोकर से बचें. हाई लीवरेज के वादे के साथ ग्राहकों को लुभाने की कोशिश करने वाले किसी भी ब्रोकर से बचना चाहिए.
4. ब्रोकिंग चार्जेज का ध्यान रखें
अकसर ब्रोकर्स अपना ब्रोकिंग चार्ज फिक्स्ड ही रखते हैं. हालांकि, ये कारोबार के वॉल्यूम और फ्रीक्वेंसी पर भी निर्भर करते हैं. ऐसे में इस बारे में बात कर लेना भी जरूरी है.
5. अन्य सेवाओं की जानकारी
कुछ ब्रोकरेज हाउस सिर्फ इक्विटी ब्रोकिंग की सेवा ही नहीं प्रदान करतें, बल्कि कई प्रकार की अन्य सेवाएं भी आप तक पहुंचाते हैं. ऐसे में जान लें कि यह सेवाएं क्या हैं और आपके लिए इनकी क्या उपयोगिता है. इसके बाद ही ब्रोकर का चयन करें.