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इंट्राडे ट्रेडिंग के उदाहरण

इंट्राडे ट्रेडिंग के उदाहरण
ट्रेडर्स को पाईवोट पॉइंट थ्योरी से बाजार में कब प्रवेश करें और कब बाहर निकले के बारे में भी मदद मिलती है ।

Intraday Trading Meaning in Hindi

भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में इंट्राडे ट्रेडिंग बहुत लोकप्रिय है इसलिए बहुत से बहुत इसे सीखना और समझना चाहते है। इसलिए आज हम Intraday Trading meaning in Hindi लेख में समझेंगे कि इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है?

शेयर मार्केट में प्रत्येक सेकेण्ड शेयर की कीमतों में उतार-चढ़ाव होता रहता है, जिसके कारण ट्रेडर्स को दिन भर में कई ट्रेड अवसर मिलते हैं। किसी कंपनी के शेयरों में ये उतार-चढ़ाव निवेशकों की धारणा में बदलाव को दर्शाता है।

किसी भी स्टॉक की कीमत उसकी डिमांड और सप्लाई में बदलाव के आधार पर ऊपर नीचे होती है। सरल शब्दों में, जब किसी स्टॉक की डिमांड बढ़ती है तो उसकी प्राइस भी बढ़ती है इसके विपरीत अगर किसी स्टॉक की डिमांड कम है और सप्लाई ज्यादा है तो उसकी प्राइस घटती है।

तो चलिए Intraday Trading meaning in Hindi लेख में पहले समझते है कि इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है?

इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है?

इंट्राडे ट्रेडिंग में एक ट्रेडर अपनी पोजीशन को सेम डे मार्केट बंद होने से पहले स्क्वायर ऑफ कर देता है यानि कि जिस दिन वह शेयर्स को खरीदता है उसी दिन मार्केट बंद होने से पहले उसे अपने शेयर्स बेचने होते है चाहे उसे नुकसान ही क्यों न हो रहा हो।

इंट्राडे ट्रेडिंग में एक ट्रेडर का मुख्य उद्देश्य शेयर्स में चल रहे मूवमेंट से लाभ उठाकर मुनाफा कमाना होता है। इसलिए, एक इंट्राडे ट्रेडर का प्रॉफिट उन शेयरों की कीमतों में उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है जिन शेयर्स में वह ट्रेड कर रहा है।

इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए, आपके पास एक सक्रिय ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट होना अनिवार्य है क्योंकि आपकी सभी ट्रेडिंग गतिविधि ट्रेडिंग अकाउंट में ही होती है ।

नोट :- इंट्राडे ट्रेडिंग को डे ट्रेडिंग के नाम से भी जाना जाता है।

इंट्राडे ट्रेडिंग को एक उदाहरण की मदद से समझते है :

इंट्राडे ट्रेडिंग की शुरुआत कैसे करें?

इंट्राडे ट्रेडिंग शरु करने के लिए सबसे पहले हमें एक ब्रोकर के साथ डीमैट & ट्रेडिंग खाता खोलना होगा। यदि हम डिस्काउंट ब्रोकरों के साथ अपना ट्रेडिंग और डीमैट खाता खोलते हैं, तो हमें उनके औसत से कम ब्रोकरेज शुल्क देना होता है, जबकि अगर आप फुलसर्विस ब्रोकर के पास अपना ट्रेडिंग अकाउंट खोलते है तो आपको ज्यादा ब्रोकरेज चार्ज देना होता है।

ब्रोकरेज वह राशि होती है जो ब्रोकर के द्वारा शेयर्स खरीदने व बेचने पर ली जाती है।

एक वार जब आप एक ब्रोकर के साथ अपना अकाउंट खुलबा लेते है तो आपका अगला कदम है कि स्टॉक मार्केट के वारे में अच्छे से समझले है और इंट्राडे ट्रेडिंग को विस्तारपूर्वक सीखले। इसके उपरांत ही लाइव मार्केट में ट्रेडिंग की शुरुआत करे क्योंकि इंट्राडे ट्रेडिंग जोखिम भरी है इसलिए बिना मार्केट की समझ के आप भारी नुकसान कर सकते है।

क्या इंट्राडे ट्रेडिंग करना सुरक्षित है?

अन्य ट्रेडिंग शैली की तुलना में इंट्राडे ट्रेडिंग में आमतौर पर अधिक जोखिम होता है।

निवेशकों और इंट्राडे ट्रेडर्स के बीच महत्वपूर्ण अंतर यह है कि निवेशक अपनी संपत्ति को बढ़ाने के लिए लम्बी अवधि का निवेश करते है जबकि इंट्राडे ट्रेडर्स जल्दी पैसा बनाने की उम्मीद से ट्रेडिंग करता है।

अव सबाल यह आता है कि क्या हम इंट्राडे ट्रेडिंग में पैसा कमा सकते हैं? और क्या इंट्राडे ट्रेडिंग सुरक्षित है?

तो जबाव है हाँ बिल्कुल। ट्रेडर इंट्राडे ट्रेडिंग से बहुत मोटी कमाते करते हैं। लेकिन उसके लिए एक ट्रेडर को मार्केट की अच्छी समझ होनी चाहिए तभी वह मार्केट से पैसा बना सकता है।

अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग को अच्छे से समझते है तो इंट्राडे ट्रेडिंग आपके लिए सुरक्षित है और अगर आपको मार्केट की समझ नहीं है तो यह आपको अपनी बर्षो की जमा पूंजी गवानी भी पड़ सकती है। इसलिए बिना मार्केट को सीखे इंट्राडे से दूर रहे।

इंट्राडे ट्रेडिंग: यहां कुछ घंटों में मिल सकता है बंपर रिटर्न, लेकिन ध्यान रखें ये 5 टिप्स

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Tips For Intra Day Trading: बाजार में एक ही ट्रेडिंग डे पर शेयर खरीदने और बेचने को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहते हैं.

Tips For Intra Day Trading: शेयर बाजार ऐसी जगह है, जहां 1 दिन के कारोबार में भी अच्छा खासा मुनाफा कमाया जा सकता है. अगर आप सही और सटीक शेयर चुन लेते हैं तो इंट्राउे ट्रेडिंग में मोटा मुनाफा कमा सकते हैं. बाजार में एक ही ट्रेडिंग डे पर शेयर खरीदने और बेचने को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहते हैं. यहां शेयर खरीदा तो जाता है लेकिन उसका मकसद निवेश करना नहीं, बल्कि एक दिन में उसमें होने वाली बढ़त से मुनाफा कमाना होता है. हालांकि यह ध्यान रखने वाली बात है कि यहां जरूरी नहीं है कि हमेशा निवेशकों को इंट्राडे ट्रेडिंग के उदाहरण फायदा ही हो.

कैसे चुनें सही स्टॉक

  • सिर्फ लिक्विड स्टॉक में ट्रेडिंग करनी चाहिए और इंट्राउे के लिए ऐसे इंट्राडे ट्रेडिंग के उदाहरण 2 से 3 स्टॉक का ही चुनाव करना चाहिए.
  • एक्सपर्ट वोलेटाइल स्टॉक से दूर रहने की सलाह देते हैं.
  • किसी भी शेयर का चुनाव करने के पहले निवेशकों को देखना चाहिए कि बाजार का ट्रेंड क्या है. उसी ट्रेंड को फॉलो करें, ना कि ट्रेंड के खिलाफ ट्रेडिंग करें.
  • शेयर का चुनाव करने के पहले उसे लेकर अच्छे से रिसर्च कर लें. शेयर को लेकर एक्सपर्ट की क्या राय है, इसे भी देख लें. जरूरत पर एक्सपर्ट की सलाह भी लें.
  • शेयर में पैसा लगाने के पहले उसका लक्ष्य और स्टॉप लॉस तय करें. लक्ष्य पूरा होते दिखे तो मुनाफा वसूली कर लें.

कई बार शेयर बाजार में इंट्राडे के दौरान शेयरों में बंपर तेजी देखने को मिलती है. कईबार शेयर में 20 फीसदी तक का अपर सर्किट देखने को मिलता है. 5 से 10 फीसदी की भ्ज्ञी तेजी संभव है. आज यानी 12 मई के कारोबार में देखें तो टाटा मोटर्स, पावरग्रिड और एनटीपीसी जैसे शेयरों में 3 फीसदी तक की तेजी देखने को मिली है.

इंट्राडे ट्रेडिंग फॉर्मूला

क्या आप जानते है की अलग-अलग ट्रेडिंग फॉर्मेट के लिए कुछ विशेष फॉर्मूला का उपयोग होता हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग (intraday trading in hindi) के लिए एक तरह का फॉर्मूला है जिसकी जानकारी आपको ट्रेड करने में मदद कर सकती है। तो आईये जानते है क्या है इंट्राडे ट्रेडिंग फॉर्मूला।

अगर आप भी सोच रहे की इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे सीखें तो उसके लिए आप एक सही फॉर्मूला का इस्तेमाल कर सकते है।

इसमें अगर हम शेयर मार्केट के गणित को जाने तो काफी ऐसे फॉर्मूला है जो मार्केट ट्रेंड को देखने और उसे समझने में काफी लाभदायक होता है, जैसे की अगर हम स्टॉक मार्केट में सपोर्ट और रेजिस्टेंस को ही ले तो ये शेयर मार्केट में बारे में काफी जानकारी देता है। हालांकि ये चार्ट की मदद से आसानी से समझा जा सकता है लेकिन अगर हम शुरूआती ट्रेडर की बात करे तो उनके लिए ये काफी मुश्किल होता है।

1. पाईवोट पॉइंट थ्योरी

यह काफी प्रभावी इंट्राडे ट्रेडिंग फॉर्मूला है। इस फॉर्मूला से पिछले दिन के प्रदर्शन के आधार पर स्टॉक के गति का पूर्वानुमान लगता है। पिछले दिन के अनुमान से हमें तीन इनपुट डाटा का उपयोग करते हैं।

  • पिछले ट्रेडिंग दिन के हाई प्राइस (H)
  • पिछले ट्रेडिंग दिन के लो प्राइस (L)
  • पिछले ट्रेडिंग दिन के क्लोजिंग प्राइस (C)

हमें इन तीनों प्राइस को जोड़ने की जरुरत होती है।

अब, X के वैल्यू को तीन से भाग (Divide) करना होता है।

X/3 = P जिसे पाईवोट पॉइंट थ्योरी (Pivot Point Theory) कहते हैं।

उसके बाद P को दो से गुना करते हैं।

प्रथम रेजिस्टेंस स्तर (R1) = Y-L

द्वितीय रेजिस्टेंस स्तर (R2) = P+(H-L)

उसी प्रकार हम सपोर्ट स्तर भी कैलकुलेट कर सकते हैं।

प्रथम सपोर्ट स्तर = Y-H

2. फ्रैक्शन थ्योरी

पाईवोट पॉइंट थ्योरी की तरह फ्रैक्शन थ्योरी (Fraction Theory) भी काफी प्रसिद्ध ट्रेडिंग फॉर्मूला है। इसमें भी पिछले दिन के स्टॉक के डाटा के आधार पर स्टॉक की गति का पता लगाया जाता है।

फ्रैक्शन थ्योरी को कैलकुलेट करने का फॉर्मूला इस प्रकार है।

इसमें रेजिस्टेंस और सपोर्ट के स्तर को भी पाईवोट पॉइंट थ्योरी की तरह ही कैलकुलेट किया जाता है।

उदाहरण के तौर पर, Sun Tv Network की पिछले दिन की शेयर मार्केट डाटा इस प्रकार है।

Y = (540+516+539)* 0.67 = 1068

रेजिस्टेंस स्तर = 1068-516 = 552

सपोर्ट स्तर = 1068-540 = 528

PB = 1068-539 = 529

फ्रैक्शन थ्योरी का उपयोग शेयर्स के पॉसिबल बॉय (PB) और उस उस दिन के रेजिस्टेंस को निर्धारित करने के लिए किया जाता है।

निष्कर्ष

इंट्राडे ट्रेडिंग रणनीति पिछले दिन की के इनपुट के साथ ही वर्तमान के ट्रेडिंग सत्र पर भी निर्भर करता है।

Intraday Trading In Hindi | Intraday Trading Tips In Hindi In 2022

नमस्कार दोस्तों आज हम शेयर मार्किट के बहुत ही महत्वपूर्ण ट्रेडिंग ऑप्शन के बारे में बात करेंगे जिसे Intraday Trading के नाम से जाना जाता है और इस ट्रेडिंग में Square off करने का ऑप्शन मिलता है और यह ट्रेडिंग करने का सबसे अच्छा फीचर भी है यहाँ पर एक ट्रेडर लाभ प्राप्त करने के लिए काफी मात्रा में शेयरों को खरीदता है और खरीदे गए शेयर को उसी दिन के अंत तक अपने सभी शेयरों को बेचना होता है यानी कि स्क्वायर ऑफ करना होता है और इसी को ही इंट्रा डे ट्रेडिंग व डे ट्रेडिंग कहते हैं

दोस्तों सीधी से बात है एक ही दिन स्टॉक या शेयर को खरीदना व बेचना इंट्रा डे ट्रेडिंग कहलाता है और दोस्तों आप इंट्रा डे ट्रेडिंग में रणनीति से तहत जल्दी अच्छा पैसा बन सकते है डिलीवरी ट्रेडिंग के मुकाबले

उदाहरण के लिए मान लीजिये

Intraday Trading Tips in Hindi 2022

Intraday Trading Tips in Hindi

  • इंट्राडे ट्रेडिंग करते वक्त हमेशा सही शेयरो का चुनाव करना चाहिए जिसमे लिक्विडिटी ज्यादा हो और आप इस तरह के दो या तीन शेयरो को चुन सकते है
  • आप इंट्राडे ट्रेडिंग में शेयर को खरीदते वक्त यह जरूर तय कर ले कि आप किस प्राइस में शेयर को खरीदना चाहते है और उस कंपनी की पोर्टफोलियो जरूर चेक ले और आपको रणनीति के तहत ट्रेडिंग करनी होगी
  • इंट्राडे ट्रेडिंग करते वक्त स्टॉप लॉस जरूर तय कर ले और स्टॉप लॉस लगाने से निवेशकों का होने वाला नुकसान को कुछ हद तक सीमित कर सकता है
  • दोस्तों इंट्राडे ट्रेडिंग करते वक्त आपको टारगेट सेट करना होगा कि आप किस भाव में खरीदना है और शेयर का लक्ष्य कितना है जैसे ही लक्ष्य पूरा होते दिखे तो आपने शेयर को बचे भी सकते है
  • दोस्तों आपको वोलेटाइल शेयरो से दुरी रखनी होगी और निवेशको को उतार – चढ़ाव वाले शेयरो से दुरी भी रखनी चाहिए इसलिए किसी शेयरो में इन्वेस्ट करने इंट्राडे ट्रेडिंग के उदाहरण से पहले आप बाजार का ट्रेड जरूर चेक कर ले

Share Bazaar: क्या एक ही शेयर को आप बार-बार खरीद-बेच सकते हैं?

Share-Trading

इंट्रा-डे का ट्रेडिंग का उदाहरण
मान लीजिए, आज आपने किसी कंपनी का 20 रुपये की कीमत वाला शेयर खरीदा। इन शेयरों की संख्या 100 थी। इसके लिए आपने 2010 (2000+10) शेयर की कुल कीमत और कमीशन मिलाकर 2010 रुपये चुकाए। कुछ घंटे बाद इस शेयर की कीमत 20.50 हो गई। आपने मुनाफा देखकर अपने सभी 100 शेयर बेच दिए। आपको इस पर 2040 (2050-10) रुपये मिले।

इस तरह आपने कुछ घंटे का रिस्क लेकर 30 रुपये का शुद्ध लाभ कमाया, जबकि आपके ब्रोकर को इससे 20 रुपये कमीशन मिला। इस तरह एक बार इंट्रा डे ट्रेडिंग की प्रक्रिया पूरी हो गई। अगर आप चाहें तो उसी कंपनी के शेयर की उसी दिन फिर इसी तरह से खरीद-बिक्री कर सकते हैं। बस, शेयर बाजार बंद न हुए हों। इसी तरह एक ही दिन में नहीं बल्कि सप्ताह में महीने में आप चाहे, जितनी भी बार ट्रेडिंग कर सकते हैं।

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