निवेशकों के लिए अवसर

इक्विटी सेगमेंट में निवेश
नरेन का कहना है कि इक्विटी सेगमेंट के निवेशक अगले 2-3 सालों के आधार पर निवेश कर सकते हैं। अगर यूक्रेन का मामला जल्द ही सुलझ जाता है तो बाजार में तेज रैली दिखेगी। हालांकि कच्चे तेल की ऊंची कीमतें जरूर भारत के लिए चिंता पैदा करने वाली हैं। उनका कहना है कि मार्च 2020 के बाद से भारतीय बाजार ने अच्छी खासी रिकवरी की है।
समझदार निवेशकों के लिए अवसर हैं हमेशा
दिलों में सिहरन-सी है, दिमाग में भय-सा है कि शेयर बाज़ार कभी भी क्रैश हो सकता है। चीन का आर्थिक संकट और अमेरिका में लटके पड़े प्रमुख सरकारी बिल इन आशंकाओं के ठोस आधार हैं। ऊपर से बढ़ती मुद्रास्फीति और उसके असर को सम करने के लिए ब्याज दरें बढ़ाने पर विचार। बावजूद इसके बाज़ार थोड़ा-बहुत दम मारकर फिर चढ़ जाता है। चीन से उपजी चिंता ज्यादा ठोस है क्योंकि रीयल एस्टेट फर्म एवरग्रांड के अलावा वहां की स्थानीय सरकारों पर भारी कर्ज चढ़ा है। ऊपर से चीनी सरकार शिक्षा से लेकर रीयल एस्टेट व रसायन जैसे उद्योगों पर सख्त हो गई है। फिर भी समझदार निवेशकों के लिए अवसर हमेशा होते हैं। अब तथास्तु में आज की कंपनी…
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निवेश – तथास्तु
शेयर बाज़ार में आप इंडेक्स फंड के ईटीएफ या म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीमों के ज़रिए परोक्ष रूप से निवेश कर सकते हैं। लेकिन सीधे निवेश करना है तो संभावनामय कंपनियां चुननी पड़ती हैं, पता करना पड़ता है कि कंपनी का भविष्य क्या हो सकता है। और, आप जानते ही हैं कि कोई भी, यहां तक कि कंपनी का प्रवर्तक भी कंपनी के बारे में सटीक भविष्यवाणी नहीं कर सकता। लेकिन बिना भविष्य का अंदाज़ा लगाए किसी […]
पेड सेवा
क्या आप जानते हैं?
जर्मन मूल की ग्लोबल ई-पेमेंट कंपनी वायरकार्ड ने बैंकिंग और इसके नजदीकी धंधों में अपने हाथ-पैर पूरी दुनिया में फैला रखे थे। फिर भी उसका कद ऐसा नहीं है कि इसी 25 जून को उसके दिवाला बोल देने से दुनिया के वित्तीय ढांचे पर 2008 जैसा खतरा मंडराने लगे। अलबत्ता, जिस तरह इस मामले में …
अपनों से अपनी बात
भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ रही है और आगे भी बढ़ेगी। लेकिन कहा जा रहा है कि इसका लाभ आम आदमी को पूरा नहीं मिलता। अमीर-गरीब की खाईं बढ़ रही है। बाज़ार को आंख मूंदकर गालियां दी जा रही हैं। लेकिन बाज़ार सचेत लोगों के लिए आय और दौलत के सृजन ही नहीं, वितरण का काम भी …
निवेशकों के लिए अवसर! बायोटेक फर्म आ रही है आईपीओ, दिवंगत झुनझुनवाला की भी कंपनी में हिस्सेदारी
सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) को सौंपे गए ड्राफ्ट पेपर्स के अनुसार, आईपीओ में 20.93 मिलियन शेयरों की शुद्ध पेशकश-बिक्री या इसके प्रमोटर हेलिक्स इन्वेस्टमेंट होल्डिंग्स पीटीई लिमिटेड के पास पूरी 20 प्रतिशत हिस्सेदारी है। यह समर्थित है। क्वाड्रिया कैपिटल फंड एल.पी. आपको बता दें कि क्वाड्रिया कैपिटल एशिया में हेल्थ फोकस्ड प्राइवेट इक्विटी फंड है। क्वाड्रिया कैपिटल ने 2016 में कॉनकॉर्ड में 20 फीसदी हिस्सेदारी के लिए 475.30 करोड़ रुपये का निवेश किया था। कोटक महिंद्रा कैपिटल, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया और निवेशकों के लिए अवसर जेफरीज इंडिया इस इश्यू के लीड मैनेजर हैं।
पिछले वित्त वर्ष में कंपनी ने एक साल पहले के 616.94 निवेशकों के लिए अवसर करोड़ रुपये के मुकाबले 712.93 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया था। वहीं, शुद्ध लाभ पिछले वर्ष के 234.89 करोड़ रुपये के मुकाबले 175 करोड़ रुपये रहा शेयर बाजार के बड़े बुल मार्केट राकेश झुनझुनवाला का रविवार को निधन हो गया। अब झुनझुनवाला समर्थित कॉनकॉर्ड बायोटेक लिमिटेड ने प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश के माध्यम से धन जुटाने के लिए सेबी को एक मसौदा पत्र सौंपा है।
पिछले वित्त वर्ष में कंपनी ने एक साल पहले के निवेशकों के लिए अवसर 616.94 करोड़ रुपये के मुकाबले 712.93 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया था। वहीं, शुद्ध लाभ पिछले साल के 234.89 करोड़ रुपये के मुकाबले 174.93 करोड़ रुपये रहा। इस अवधि के लिए इसकी कुल उधारी 60.59 करोड़ रुपये थी। दिवंगत निवेशक राकेश झुनझुनवाला की बात करें तो उन्होंने अपनी निवेश शाखा रेयर एंटरप्राइजेज के जरिए कंपनी में 24 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी रखी है।
लंबे समय के निवेशकों के लिए यह अच्छा माहौल, जानिए इस समय कौन सा फंड करेंगे बेहतर प्रदर्शन
जब बाजार में उठापटक (Choppy Market) हो, ऐसे समय में निवेशकों को वहां पैसे लगाना चाहिए जिसका सिस्टमेटिक निवेश इक्विटी और डेट फंड (Equity & Debt Fund) में हो। मार्केट सेगमेंट में विशेषज्ञ बताते हैं कि मिड (Mid cap) और स्माल कैप (Small Cap) की तुलना में लार्ज कैप बेहतर साबित होंगे।
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इक्विटी सेगमेंट में निवेश
नरेन का कहना है कि इक्विटी सेगमेंट के निवेशक अगले 2-3 सालों के आधार पर निवेश कर सकते हैं। अगर यूक्रेन का मामला जल्द ही सुलझ जाता है तो बाजार में तेज रैली दिखेगी। हालांकि कच्चे तेल की ऊंची कीमतें जरूर भारत के लिए चिंता पैदा करने वाली हैं। उनका कहना है कि मार्च 2020 के बाद से भारतीय बाजार ने अच्छी खासी रिकवरी की है।
62 हजार तक गया था सेंसेक्स
उनका कहना है कि मार्च 2020 में सेंसेक्स के 26 हजार तक गिर जाने के बाद यह फिर से 62 हजार के लेवल को टच कर गया। जिन लोगों ने इस गिरावट में निवेश किया होगा, उनके निवेश का वैल्यू डेढ़ साल में ही अच्छा खासा बढ़ा है। इस तरह से बाजार की ऐसी गिरावट निवेशकों के लिए एक बेहतरीन अवसर साबित होती है।
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दो साल में बेहतर रिटर्न
पिछले दो सालों का अगर रिटर्न देखें तो 9 मार्च तक इक्विटी में ICICI प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड की तमाम स्कीम्स ने 25% से ज्यादा रिटर्न दिया है। इसके ब्लूचिप फंड ने 26.53%, लार्ज और मिड कैप फंड ने 30.52%, मल्टीकैप फंड ने 26.19%, इंडिया अपोर्च्युनिटीज फंड ने 39.87%, वैल्यू डिस्कवरी फंड ने 39.13%, फोकस्ड इक्विटी फंड ने 31.81 और डिविडेंड यील्ड निवेशकों के लिए अवसर इक्विटी ने 39.23% का रिटर्न दिया है। इसकी हाइब्रिड स्कीम में इक्विटी एंड डेट फंड का रिटर्न इसी दौरान 32.93%, मल्टी असेट फंड 31.61%, असेट अलोकेटर फंड ऑफ फंड ने 18.59% और बैलेंस्ड एडवांटेज फंड ने 16.91% का रिटर्न दिया है।
लंबे समय तक इक्विटी का नजरिया पॉजिटिव
वे कहते हैं कि लंबे समय में इक्विटी का नजरिया पॉजिटिव ही रहता है। चाहे वह साल 2008 का संकट रहा हो, साल 2020 रहा हो या अभी का हो, बाजार हर गिरावट से तेजी से निकला है। ऐसे में मल्टी असेट स्कीम आगे चलकर अच्छा रिटर्न दे सकती हैं।
सरकार के कदमों से निवेशकों के लिए अच्छे अवसर : प्रणब मुखर्जी
नयी दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि मोदी सरकार की नीतिगत पहलों से भारत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिहाज से पसंदीदा जगह बन गया है और इन कदमों से घरेलू तथा विदेशी कंपनियों के लिए यहां निवेश के अच्छे अवसर उपलब्ध हुये हैं. राष्ट्रपति ने यहां भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) का उद्घाटन किया.
मौके पर उन्होंने कहा, अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए उठाए गए अनेक कदमों का असर पहले ही दिखने लगा है और मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में हमारी जीडीपी वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत रही. भारत पहले ही प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए तरजीही गंतव्य बन चुका है.
उन्होंने कहा, हाल की नीतिगत संरचना में एफडीआई शर्तों में काफी सुधार किया गया है. रेल बुनियादी ढांचे में अधिकतम एफडीआई सीमा 100 प्रतिशत है, रक्षा उत्पादन में यह 49 प्रतिशत तथा बीमा क्षेत्र में 49 प्रतिशत है. राष्ट्रपति ने कहा, मौजूदा सरकार द्वारा उठाए गए इन नीतिगत कदमों तथा प्रधानमंत्री के 'मेक इन इंडिया' आह्वान से संभावित घरेलू व विदेशी निवेशकों के लिए बेहतर अवसर उपलब्ध हुये हैं.
स्थानीय प्रगति मैदान में होने वाले इस मेले में इस साल 6,500 से अधिक कंपनियां तथा 25 देश भाग ले रहे हैं. मेला आज से शुरु हो गया. मेला 27 नवंबर तक चलेगा. इस बार के मेले की थीम 'महिला उद्यमी' रखा गया है और इसका उद्देश्य विभिन्न संगठनों द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों में चलाए जा रहे महिला कल्याण कार्यक्रमों के एकीकरण में मदद करना है.
इस अवसर पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमन भी मौजूद थीं. उन्होंने कहा, मेले के ऐसे व्यापारिक आयोजनों से व्यापार को बल मिलेगा तथा निवेश के लिए नये अवसर खुलेंगे. आईआईटीएफ 2014 में दक्षिण अफ्रीका भागीदार देश है जबकि थाइलैंड को फोकस देश के तौर पर मेले में शामिल किया गया है. व्यापार मेले के पहले पांच दिन 14-18 नवंबर सिर्फ कारोबारियों के लिए रखे निवेशकों के लिए अवसर निवेशकों के लिए अवसर गये हैं जबकि 19-27 नवंबर तक यह पूरे दिन आम लोगों के लिए खुला रहेगा.
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वैश्विक निवेशकों को भारत में, ‘मेक इन इंडिया’ में निवेश करना चाहिए: मंडाविया
दुबई, 13 दिसंबर (भाषा) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने सोमवार को वैश्विक निवेशकों से भारत में निवेश करने की अपील करते हुए कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ पहल और कारोबार सुगमता की वजह से उनके लिए यहां काफी अवसर हैं। यहां एक्सपो-2020 में भारत के पवेलियन का दौरा करने वाले मंडाविया ने कहा कि भारत में मौजूदा माहौल निवेश के लिए बहुत अनुकूल है और कारोबारी घरानों को इन अवसरों का लाभ उठाना निवेशकों के लिए अवसर चाहिए। मंडाविया ने कहा, ‘‘भारत में निवेशकों के लिए जबर्दस्त अवसर हैं क्योंकि यह एक मजबूत लोकतांत्रिक देश है, यहां कारोबार में सुगमता से
यहां एक्सपो-2020 में भारत के पवेलियन का दौरा करने वाले मंडाविया ने कहा कि भारत में मौजूदा माहौल निवेश के लिए बहुत अनुकूल है और कारोबारी घरानों को इन अवसरों का लाभ उठाना चाहिए।
मंडाविया ने कहा, ‘‘भारत में निवेशकों के लिए जबर्दस्त अवसर हैं क्योंकि यह एक मजबूत लोकतांत्रिक देश है, यहां कारोबार में सुगमता से मदद मिल रही है और वृद्धि की रफ्तार में तेजी आयी है।"
उन्होंने कहा कि भारत के मध्यम वर्ग का विस्तार हो रहा है और उपभोग शक्ति बढ़ रही है।
मंत्री ने कहा, "प्रधानमंत्री ने वैश्विक निवेशकों को देश आने और मेक-इन-इंडिया को मजबूत करने को निवेश करने के लिए आमंत्रित किया है।"
उन्होंने भारत द्वारा कोविड-19 टीके उपलब्ध कराकर कई देशों की मदद करने का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत टीका विनिर्माण क्षेत्र में दुनिया में अग्रणी है।
मंडाविया ने कहा, ‘‘भारत टीका विनिर्माण क्षेत्र में विश्व में अग्रणी है। दो भारतीय कंपनियों (सीरम इंस्टिट्यूट और भारत बायोटेक) ने न केवल अनुसंधान एवं विकास बल्कि देश में टीकों का विनिर्माण भी किया है।’’