क्रिप्टोकरेंसी के फायदे

क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई

क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई
BitCoin निवेशकों को उतार-चढ़ाव के बीच लगा झटका, DogeCoin ने बनाई बढ़त

Cryptocurrency History: सोने से ज्यादा 'सोणी' क्यों क्रिप्टोकरेंसी, कहां से आई और कैसे छाई, जानें सब कुछ

वर्ष 1990 और 2000 से पहले कई डिजिटल फाइनेंस माध्यम भी सामने आए, जिनमें पेपल (PayPal) आदि शामिल थे। गौर करने वाली बात यह है कि पेपल की शुरुआत टेस्ला के संस्थापक एलन मस्क ने की थी। उन्होंने ही उस वक्त पहली बार वर्चुअल करेंसी की वकालत भी की थी और 10 साल बाद क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में आए उछाल ने उनकी बात साबित भी की।

कैसे अस्तित्व में आई क्रिप्टोकरेंसी?

बात करेंसी की हो और क्रिप्टो का जिक्र न हो, ऐसा होना नामुमकिन है। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बाजार में तो इतने बड़े-बड़े दावे होने लगे हैं कि इसे सोने से भी सोणा कहा जाने लगा है। हालांकि, इन सबसे पहले एक सवाल उठता है कि आखिर क्या है ये क्रिप्टोकरेंसी? कैसे इसे खरीद और बेच सकते हैं? कैसे इनकी माइनिंग होती है और इनकी कीमत लगातार कैसे बढ़ रही है? वैसे ये सवाल काफी पुराने हो सकते हैं, लेकिन अमर उजाला एक खास सीरीज 'कहानी क्रिप्टो की' शुरू कर रहा है। इसकी पहली कड़ी में क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत से उसके क्वाइन बनने तक की कहानी बताई जा रही है। सीरीज की अगली कड़ियों में क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग होने और उनकी कीमतों के आसमान छूने तक के हर किस्से से आपको रूबरू कराया जाएगा।

क्रिप्टोकरेंसी आजकल काफी चर्चा में है, लेकिन यह सुर्खियों में उस वक्त ज्यादा आई थी, जब जुलाई 2010 के दौरान बिटक्वाइन नाम की क्रिप्टोकरेंसी अस्तित्व में आई और उससे लेन-देन भी होने लगा। उस वक्त बिटकॉइन की कीमत 0.0008 डॉलर थी, जो वर्तमान में 58 हजार डॉलर के आंकड़े को पार कर चुकी है। बिटक्वाइन भले ही आज के जमाने की काफी प्रचलित है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत 1980 से भी पहले हो गई थी।

जानकारी के मुताबिक, 1980 के दौर में अमेरिकन क्रिप्टोग्राफर डेविट चौम ने 'ब्लाइंडिंग' नाम की एल्गोरिदम का अविष्कार किया था, जो सेंट्रल से मॉडर्न वेब-बेस्ड इनक्रिप्शन पर आधारित थी। यह एल्गोरिदम सिक्योर, पार्टियों के बीच अपरिवर्तनीय सूचना के आदान-प्रदान और भविष्य के इलेक्ट्रॉनिक करेंसी ट्रांसफर के लिए आधार तैयार करने के मकसद से बनाई गई थी। हालांकि, इस पर कुछ काम नहीं हुआ।

ब्लाइंडिंग के चर्चा में आने के 15 साल बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर वेई दई ने बी-मनी नाम की वर्चुअल करेंसी को लेकर व्हाइट पेपर तैयार किया। बी-मनी में मॉडर्न क्रिप्टोकरेंसी के कई बेसिक कंपोनेंट्स थे। व्हाइट पेपर में बी-मनी के जटिल प्रोटेक्शन और डिसेंट्रलाइजेशन का जिक्र किया गया था। हालांकि, बी-मनी कभी एक्सचेंज के रूप में बाजार में नहीं आ पाई।

वर्ष 1990 और 2000 से पहले कई डिजिटल फाइनेंस माध्यम भी सामने आए, जिनमें पेपल (PayPal) आदि शामिल थे। गौर करने वाली बात यह है कि पेपल की शुरुआत टेस्ला के संस्थापक एलन मस्क ने की थी। उन्होंने ही उस वक्त पहली बार वर्चुअल करेंसी की वकालत भी की थी और 10 साल बाद क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में आए उछाल ने उनकी बात साबित भी की। हालांकि, यह भी सच है कि साल 2000 के बाद जब बिटक्वाइन अस्तित्व में आया, उसके बाद ही सभी तरह की क्रिप्टोकरेंसी में तेजी दर्ज की गई।

नोट: 'कहानी क्रिप्टो की' सीरीज में आज क्रिप्टोकरेंसी के जन्म की दास्तां बताई गई। कल हम आपको बिटक्वाइन की शुरुआत होने और इसके शिखर पर चढ़ने के किस्से से रूबरू कराएंगे।

विस्तार

बात करेंसी की हो और क्रिप्टो का जिक्र न हो, ऐसा होना नामुमकिन है। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बाजार में तो इतने बड़े-बड़े दावे होने लगे हैं कि इसे सोने से भी सोणा कहा जाने लगा है। हालांकि, इन सबसे पहले एक सवाल उठता है कि आखिर क्या है ये क्रिप्टोकरेंसी? कैसे इसे खरीद और बेच सकते हैं? कैसे इनकी माइनिंग होती है और इनकी कीमत लगातार कैसे बढ़ रही है? वैसे ये सवाल काफी पुराने हो सकते हैं, लेकिन अमर उजाला एक खास सीरीज 'कहानी क्रिप्टो की' शुरू कर रहा है। इसकी पहली कड़ी में क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत से उसके क्वाइन बनने तक की कहानी बताई जा रही है। सीरीज की अगली कड़ियों में क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग होने और उनकी कीमतों के आसमान छूने तक के हर किस्से से आपको रूबरू कराया जाएगा।

कब अस्तित्व में आई क्रिप्टोकरेंसी?

क्रिप्टोकरेंसी आजकल काफी चर्चा में है, लेकिन यह सुर्खियों में उस वक्त ज्यादा आई थी, जब जुलाई 2010 के दौरान बिटक्वाइन नाम की क्रिप्टोकरेंसी अस्तित्व में आई और उससे लेन-देन भी होने लगा। उस वक्त बिटकॉइन की कीमत 0.0008 डॉलर थी, जो वर्तमान में 58 हजार डॉलर के आंकड़े को पार कर चुकी है। बिटक्वाइन भले ही आज के जमाने की काफी प्रचलित है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत 1980 से भी पहले हो गई थी।

सबसे पहले बनी थी ब्लाइंडिंग एल्गोरिदम

जानकारी के मुताबिक, 1980 के दौर में अमेरिकन क्रिप्टोग्राफर डेविट चौम ने 'ब्लाइंडिंग' नाम की एल्गोरिदम का अविष्कार किया था, जो सेंट्रल से मॉडर्न वेब-बेस्ड इनक्रिप्शन पर आधारित थी। यह एल्गोरिदम सिक्योर, पार्टियों के बीच अपरिवर्तनीय सूचना के आदान-प्रदान और भविष्य के इलेक्ट्रॉनिक करेंसी ट्रांसफर के लिए आधार तैयार करने के मकसद से बनाई गई थी। हालांकि, इस पर कुछ काम क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई नहीं हुआ।

बी-मनी थी पहली वर्चुअल करेंसी

ब्लाइंडिंग के चर्चा में आने के 15 साल बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर वेई दई ने बी-मनी नाम की वर्चुअल करेंसी को लेकर व्हाइट पेपर तैयार किया। बी-मनी में मॉडर्न क्रिप्टोकरेंसी के कई बेसिक कंपोनेंट्स थे। व्हाइट पेपर में बी-मनी के जटिल प्रोटेक्शन और डिसेंट्रलाइजेशन का जिक्र किया गया था। हालांकि, बी-मनी कभी एक्सचेंज के रूप में बाजार में नहीं आ पाई।

सबसे पहले एलन मस्क ने की थी वर्चुअल करेंसी की वकालत

वर्ष 1990 और 2000 से पहले कई डिजिटल फाइनेंस माध्यम भी सामने आए, जिनमें पेपल (PayPal) आदि शामिल थे। गौर करने वाली बात यह है कि पेपल की शुरुआत टेस्ला के संस्थापक एलन मस्क ने की थी। उन्होंने ही उस वक्त पहली बार वर्चुअल करेंसी की वकालत भी की थी और 10 साल बाद क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में आए उछाल ने उनकी बात साबित भी की। हालांकि, यह भी सच है कि साल 2000 के बाद जब बिटक्वाइन अस्तित्व में आया, उसके बाद ही सभी तरह की क्रिप्टोकरेंसी में तेजी दर्ज की गई।

नोट: 'कहानी क्रिप्टो की' सीरीज में आज क्रिप्टोकरेंसी के जन्म की दास्तां बताई गई। कल हम आपको बिटक्वाइन की शुरुआत होने और इसके शिखर पर चढ़ने के किस्से से रूबरू कराएंगे।

Cryptocurrency में भारी गिरावट, जानिए यह पैसा बनाने का मौका या खतरे की घंटी

क्रिप्टो मार्केट में नए साल की शुरुआत से ही गिरावट देखी जा रही है. महंगाई दर, लिक्विडिटी और US Fed Reserve के अगले कदम को लेकर आशंकाओं के कारण कई प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी में डबल डिजिट की गिरावट आ चुकी है.

Bitcoin सबसे बड़ी क्रिप्टो है

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 15 जनवरी 2022,
  • (अपडेटेड 15 जनवरी 2022, 6:30 PM IST)
  • Bitcoin नवंबर में था 68,000 डॉलर के पार
  • 40,000 डॉलर से नीचे आया बिटकॉइन

पिछले कुछ दिनों में क्रिप्टोकरेंसी मार्केट (Cryptocurrency Market) में काफी अधिक गिरावट का सेंटिमेंट देखने को मिला है. इस वजह से इंवेस्टर्स इस बात को लेकर काफी चिंता में नजर आ रहे हैं कि उन्हें क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में इंवेस्ट करना चाहिए या नहीं. क्रिप्टो मार्केट नए साल की शुरुआत से ही लगातार गिर रहा है. महंगाई दर, लिक्विडिटी और US Fed Reserve के अगले कदम को लेकर आशंकाओं के कारण कई प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी में डबल डिजिट की गिरावट आ चुकी है.

आई है इतनी गिरावट
CoinMarketCap के अनुसार, सबसे बड़ी Cryptocurrency Bitcoin 11 नवंबर 2021 को 68,000 डॉलर (करीब 50.5 लाख रुपये) के पार पहुंच गई थी. Bitcoin का भाव 10 जनवरी को घटकर 40,000 डॉलर (करीब 29.7 जाख रुपये) के नीचे आ गया. दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ethereum भी 10 जनवरी, 2022 को 3,000 डॉलर (करीब 2.25 लाख रुपये) से नीचे आ गई जो 11 नवंबर को 4,800 डॉलर (करीब 3.5 लाख रुपये) के पार पहुंच गई थी. तीसरी सबसे बड़ी Crypto Binance सात नवंबर, 2021 को 668 डॉलर (करीब 50,000 रुपये) पर पहुंच गई थी. 10 जनवरी 2022 को यह 420 डॉलर (करीब 31,000 रुपये) के नीचे आ गई थी.

10 जनवरी के बाद दिखी है थोड़ी रिकवरी
CoinMarketCap पर उपलब्ध डेटा के अनुसार 10 जनवरी, 2022 के बाद से अब तक Bitcoin, Etherum और Binance सहित सभी क्रिप्टोकरेंसी में थोड़ी ही सही क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई लेकिन तेजी देखने को मिल रही है.

निवेशकों को क्या करना चाहिए
हालांकि, किसी चीज में गिरावट का मतलब यह नहीं होता है कि आप उससे एकदम दूर हो जाओ. शेयर क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई मार्केट के पंडित तो गिरावट के समय शेयरों में इंवेस्टमेंट बढ़ाने की सलाह देते हैं. असल में यह फॉर्मूला Crypto पर भी लागू होता है. ऐसे में अगर कोई इंवेस्टर मार्केट रिसर्च करते रहता है और उसे फंडामेंटल्स बेहतर नजर आते हैं तो यह क्रिप्टो में निवेश का सबसे उचित समय कहा जा सकता है.

इन चीजों को ध्यान में रखना जरूरी
Cryptocurrency अपनी शुरुआत से लेकर काफी Volatile रही है. ऐसे में इसमें निवेश करते समय इंवेस्टर्स को तमाम Aspects को ध्यान में रखना चाहिए. किसी भी अफवाह या जल्दबाजी से बचना चाहिए.

क्या है Dogecoin? मात्र 2 घंटे में बनाई क्रिप्टो करेंसी, जानें क्यों है इतनी चर्चा का विषय

Dogecoin क्रिप्टो करेंसी के को-क्रिएटर बिली मार्कस (Billy Markus) ने बताया कि उन्होंने क्रिप्टो करेंसी तैयार करते हुए पर्यावरण पर होने वाले प्रभावों पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन इसे सिर्फ 2 घंटे में तैयार किया है।

dogecoin

क्रिप्टो करेंसी क्या है? सबसे पहले आपको यह जानना चाहिए कि क्रिप्टो करेंसी क्या है। क्रिप्टो करेंसी, करेंसी का एक डिजिटल रूप है। इसे आपको अपनी जेब में किसी सिक्के या नोट की नहीं रखना होता है। यह बिलकुल ऑनलाइन काम करती है। यह करेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर बेस्ड होती है। इसमें कोडिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है।

टेक्नोलॉजी के जरिए करेंसी ट्रांजेक्शन की पूरी जानकारी रखी जाती है। इसे आसानी से हैक नहीं किया जा सकता है और इसी के चलते क्रिप्टोकरेंसी में धोखा होने की संभावना नहीं रहती है। वहीं व्यापार के लिए बिना किसी नियमों के इसके जरिए व्यापार होता है। इसे कोई सरकार या विनियामक अथॉरिटी नहीं जारी करती है।

OnePlus मिड रेंज में लॉन्च करेगी OnePlus Nord CE 5G, होंगे शानदार फीचर्स

Tesla ने दुनिया की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin का इस्तेमाल करके वाहनों की खरीद को बंद कर दिया है उसके बाद एलन मस्क का यह ट्वीट आया है। आपको बता दें कि Tesla ने इस साल की शुरुआत में 1.5 बिलियन डॉलर यानी कि भारतीय करेंसी के हिसाब से करीबन 10,990 करोड़ रुपये इंवेस्ट किए थे। कंपनी ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी एक अच्छी शुरुआत है। इनका भविष्य भी काफी बेहतर है और यह पर्यावरण को बड़ा नुकसान नहीं पहुंचाएंगी।

मार्कस ट्विटर पर Shibetoshi Nakamoto यूजर नाम का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने जोर से रोते हुए चेहरे वाले इमोजी के साथ ट्वीट पर प्रतिक्रिया दर्ज की। जब ट्वीट पर लोगों की प्रतिक्रिया आनी शुरू हुई तो उसके बाद मार्कस ने आकर साफ किया। ट्विटर पर एक यूजर ने मार्कस से पूछा कि क्या उन्होंने डिजिटल करेंसी बनाने के दौरान एनर्जी के इस्तेमाल पर ध्यान दिया है। या फिर आपने ऐसा कुछ नहीं सोचा था। Dev कम्युनिटी Doge को ज्यादा कुशल कैसे बना सकती है। उसकी प्रतिक्रिया में Markus ने कहा कि उन्होंने Dogecoin को सिर्फ दो घंटे में तैयार किया और उस दौरान कुछ भी नहीं सोचा।

बेस्ट डील! 7000 रुपये से कम में Orient के ये Air Coolers दिलाएंगे गर्मी से राहत, एनर्जी सेविंग भी

आपको बता दें कि एलन मस्क ने पहले खुद क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई को डॉगफादर के तौर पर भी दिखाया है। फिर बात में ट्वीट किया कि वह सिस्टम ट्रांजेक्शन एफिशिएंसी को बेहतर करने के लिए Dogecoin डेवलपर्स के साथ काम कर रहे थे। एलन मस्क बीते सप्ताह एक कॉमेडी स्केच शो सैटरडे नाइट लाइव में नजर आए, वहां पर उन्होंने कहा कि Dogecoin एक हलचल थी।

मस्क के इस कमेंट के बाद बीते कुछ माह में Bitcoin और Ether के तौर पर बड़े स्तर जाने वाली डिजिटल करेंसी नीचे गिर गई। इस करेंसी को साल 2013 में सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स Billy Markus और Jackson Palmer द्वारा डेवलप किया गया था। यह डिजिटल करेंसी पारंपरिक बैंकिंग सिस्टम की जरूरत से अलग मदद करती है।

क्या होते हैं Crypto Token, आप खुद भी बनाकर बेच सकते हैं अपना टोकन, जानिए कैसे

Crypto Tokens and Crypto Coin: एक तरह की डिजिटल करेंसी होती होती है, जो कॉइन या टोकन किसी भी रूप में हो सकती है. ये दोनों ही चीजें एक-दूसरे से काफी अलग होती हैं. इस आर्टिकल में हम यह जानेंगे कि अपना खुद का क्रिप्टो टोकन कैसे बनाया जा सकता है और यह क्रिप्टो कॉइन से अलग कैसे होता है.

क्या होते हैं Crypto Token, आप खुद भी बनाकर बेच सकते हैं अपना टोकन, जानिए कैसे

Cryptocurrency Explainer : क्रिप्टो टोकन और क्रिप्टो कॉइन में है बड़ा फर्क. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

आप अपनी खुद की क्रिप्टोकरेंसी (how to make cryptocurrency) कैसे बना सकते हैं? इस सवाल का काफी सीधा जवाब हो सकता है, जो आपको चौंका सकता है. पिछले कुछ सालों में ढेरों क्रिप्टोकरेंसी डेवेलप की गई हैं, जिनमें से सबसे पॉपुलर बिटकॉइन, इथीरियम, डॉजकॉइन और लाइटकॉन जैसी करेंसीज़ हैं. सीधे शब्दों में कहें तो क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की डिजिटल करेंसी होती होती है, जो कॉइन या टोकन (token) किसी भी रूप में हो सकती है. ये दोनों ही चीजें क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई एक-दूसरे से काफी अलग होती हैं. इस आर्टिकल में हम यह जानेंगे कि अपना खुद का क्रिप्टो टोकन कैसे बनाया जा सकता है और क्रिप्टो कॉइन से अलग कैसे होता है.

क्रिप्टो टोकन क्या होते हैं?

यह भी पढ़ें

कॉइन और टोकन दोनों ही क्रिप्टोकरेंसी हैं, लेकिन फर्क ये होता है कि कॉइन्स अपनी खुद की ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर चलती हैं. ब्लॉकचेन एक डिजिटल बहीखाता होता है, जिसपर ब्लॉक पर होने वाले ट्रांजैक्शन का डेटा स्टोर होता है. हर ब्लॉक अपने पिछले ब्लॉक से एक यूनीक हैश कोड के जरिए जुड़ा होता है.

टोकन डिजिटल संपत्ति के वर्ग में रखे जाते हैं और ये पहले से मौजूद किसी अन्य ब्लॉकचेन पर काम करते हैं. उदाहरण के लिए इथीरियम एक ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म है और इसका अपना टोकन ईथर है. लेकिन ईथर की ही तरह कई दूसरे टाइप के टोकन्स भी हैं, जो इथीरियम प्लेटफॉर्म पर रन करते हैं.

कॉइन्स अपने खुद के डिजिटल बहीखाते पर चलते हैं और उनकी वैल्यू उनकी वेल्थ ट्रांसफर करने को लेकर है यानी कि वो दरअसल, पूंजी हैं. वहीं, टोकन का अपना कोई प्लेटफॉर्म नहीं होता है, ये किसी और प्लेटफॉर्म पर रन करते हैं. कॉइन्स, जोकि बस डिजिटल ही हो सकती है, टोकन किसी फिजिकल यानी असली चीज को भी दर्शा सकते हैं. यानी कि टोकन एक तरीके के ऑनलाइन कॉन्ट्रैक्ट होते हैं, जिन्हें ऑफलाइन भी किसी चीज से असाइन किया जा सकता है, जैसे कि कोई टिकट, या कूपन या ऐसे ही कोई रिडीम किए जा सकने वाले पॉइंट्स.

क्रिप्टो टोकन रिलीज कैसे किए जाते हैं?

जिस तरह शेयर मार्केट में IPO यानी इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग खुलते हैं, वैसे ही टोकन्स को इनीशियल कॉइन्स ऑफरिंग (ICO) के जरिए रिलीज किया जाता है. टोकन को क्राउडसेल्स के जरिए इंट्रोड्यूस किया जाता हैै. निवेशक ICO खत्म हो जाने के बाद भी सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध टोकन खरीद सकते हैं. अगर कोई नया टोकन बनाना है तो यह क्राउडसेल्स पर बनेगा और इन्हें कोई भी बना सकता है. जिनकी दिलचस्पी होगी, वो टोकन में निवेश करेंगे या फिर उस टोकन को पहले से मौजूद कॉइन्स के जरिए फंड करेंगे. हालांकि, यह एक जोखिम भरा कदम हो सकता है, क्योंकि टोकन वाला निवेशक पैसे लेकर भाग सकता है.

क्रिप्टो टोकन कैसे लॉन्च कर सकते हैं?

आमतौर पर धारणा यह है कि अपना क्रिप्टो टोकन बनाना बहुत ही जटिल और लंबी प्रक्रिया है और इसके लिए बहुत ही बारीक तकनीकी जानकारियां और कोडिंग आनी चाहिए. हालांकि, अब यह बात बहुत सही नहीं है. अब ऐसे बहुत से प्लेटफॉर्म हैं, जहां लोग अपना खुद का टोकन बना सकते हैं. उदाहरण के लिए- एक यूजर-फ्रैंडली ऐप्लीकेशन, CoinTool, है जो लोगों को अपना खुद का क्रिप्टो कॉइन बनाने का मौका देता है. इस ऐप पर आप अपने टोकन का नाम और सिंबल चूज़ कर सकते हैं.

जैसाकि हम पहले बता चुके हैं टोकन एक तरीके के कॉन्ट्रैक्ट होते हैं, जो असल में किसी भी चीज को रिप्रेजेंट कर सकते हैं. ऐसा भी हो सकता है कि एक यूजर बिना किसी ICO के कोई क्रिप्टो कॉइन शुरू करे और उसे अपनी छोटी कम्युनिटी तक सीमित रखे, जिसमें उसके दोस्त और परिचित निवेश कर सकते हैं. कॉइन्स की तुलना में टोकन बनाने में ज्यादा आसान होते हैं- कॉइन्स को ऑपरेट करने के लिए उनका अपना ब्लॉकचेन होता है, जबकि टोकन पहले से ही मौजूद नेटवर्क पर काम करते हैं, इससे उन्हें जल्दी और आसानी से बनाया जा सकता है और कॉइन के मुकाबले ये कम खर्चीले होते हैं.

साथ ही, टोकन बनाने पर आपको कोई जुर्माना भी नहीं देना पड़ेगा. यानी कि अगर आप बस जिज्ञासावश क्रिप्टो टोकन बनाते हैं तो आपको कोई नुकसान नहीं होगा. टोकन्स किसी भी चीज का प्रतिनिधित्व करते हैं, ऐसे में उनका खुद का कोई मॉनेटरी वैल्यू नहीं होता है. हालांकि, यह बात ध्यान में रखिए कि अगर आप जिज्ञासा के चलते अपना टोकन बना रहे हैं तो इसे क्राउडसेल पर मत बेचिए, इसमें कई बार गुमराह करने या धोखाधड़ी करने जैसे आरोप लगने की संभावना रहती है.

BitCoin निवेशकों को उतार-चढ़ाव के बीच लगा झटका, DogeCoin ने बनाई बढ़त

बिटकाॅइन के अलावा ईथर के निवेशकों को भी आज झटका लगा है। क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी ईथर की कीमतों में भी 2% की गिरावट देखने को मिली है। जिसके बाद ताजा कीमतें घटकर 1,113 डाॅलर पर आ गई है।

BitCoin निवेशकों को उतार-चढ़ाव के बीच लगा झटका, DogeCoin ने बनाई बढ़त

Cryptocurrency Price Today: आज एक बार फिर BitCoin की ताजा कीमतें 20 हजार डाॅलर के नीचे आकर ट्रेड कर रही हैं। दुनिया की सबसे चर्चित क्रिप्टोकरेंसी बिटकाॅइन की ताजा कीमतें पिछले 24 घंटे के दौरान 2% नीचे आकर 19,847 डाॅलर पर ट्रेड कर रही हैं। CoinGecko के अनुसार पिछले 24 घंटे के दौरान क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट कैप भी 2% घटकर 942 अरब डाॅलर हो गया है।

BitCoin निवेशकों को उतार-चढ़ाव के बीच लगा झटका, DogeCoin ने बनाई बढ़त

बिटकाॅइन के अलावा ईथर के निवेशकों को भी आज झटका लगा है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी ईथर की कीमतों में भी 2% की गिरावट देखने को मिली है। जिसके बाद ताजा कीमतें घटकर 1,113 डाॅलर पर आ गई है। हालांकि, दो क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट के अलावा DogeCoin की कीमतों में तेजी देखने को मिली है। DogeCoin ने पिछले 24 घंटे के दौरान लगभग 1% की छलांग लगाई है।

DogeCoin के अलावा ShibaInu की कीमतों में आज भी तेजी देखने को मिली है। पिछले 24 घंटे के दौरान ShibaInu की कीमतों में 1% की उछाल आई है। जिसके ताजा कीमतें 0.000010 डाॅलर हो गई है। इसके अलावा अगर हम बात करें XRP, Solana, Litecoin, Stellar जैसी कम चर्चित क्रिप्टोकरेंसी की तो बीते 24 घंटे के दौरान इसमें भी गिरावट देखने को मिली है।

लाइव मिंट

रेटिंग: 4.73
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 758
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *