क्रिप्टोकरेंसी के फायदे

Demat Account कैसे खोले इन हिंदी

Demat Account कैसे खोले इन हिंदी
0 आशुतोष नायक (Editor) अगस्त 20, 2021

डीमैट अकाउंट क्या होता है? शेयरों को खरीदा और बेचा कैसे जाता है?

डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट के समान है. जैसे एक सेविंग अकाउंट (बचत खाता) पैसे को चोरी होने और किसी भी गड़बड़ी से बचाता है, वैसे ही एक डीमैट अकाउंट निवेशकों के लिए भी यही काम करता है.

डीमैट अकाउंट क्या होता है? शेयरों को खरीदा और बेचा कैसे जाता है?

TV9 Bharatvarsh | Edited By: मनीष रंजन

Updated on: Oct 20, 2022 | 11:17 AM

शेयर मार्केट में निवेश ( इन्वेस्टमेंट ) शुरू करने के लिए आपको तीन अकाउंट ( खातों ) की जरूरत होती है . ये तीन अकाउंट हैं डीमैट अकाउंट , ट्रेडिंग अकाउंट और बैंक अकाउंट . हर अकाउंट का अपना एक अलग काम होता है , लेकिन ट्रांजैक्शन ( लेन – देन ) को पूरा करने के लिए तीनों एक – दूसरे पर निर्भर होते हैं . शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए ये तीन अकाउंट होने चाहिए .

डीमैट अकाउंट क्या है ?

डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट के समान है . जैसे एक सेविंग अकाउंट ( बचत खाता ) पैसे को चोरी होने और किसी भी गड़बड़ी से बचाता है , वैसे ही एक डीमैट अकाउंट निवेशकों के लिए भी यही काम करता है . डीमैट अकाउंट या डीमैटरियलाइज्ड अकाउंट इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में शेयरों और सिक्योरिटीज को रखने की सुविधा देता है . ये अकाउंट फिजिकल शेयरों को डीमैटरियलाइज्ड फॉर्म में स्टोर ( संग्रहित ) करते हैं . फिजिकल शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म ( रूप ) में परिवर्तित करने की प्रक्रिया ( प्रोसेस ) को डिमैटेरियलाइजेशन कहा जाता है . जब भी ट्रेडिंग की जाती है तो इन शेयरों को डीमैट अकाउंट में क्रेडिट या डेबिट किया जाता है . डीमैट अकाउंट के प्रकार ( टाइप ) डीमैट अकाउंट खोलते समय निवेशकों को अपने प्रोफाइल के मुताबिक डीमैट अकाउंट का चुनाव सावधानी से करना चाहिए . कोई भी भारतीय मिनटों में ऑनलाइन डीमैट अकाउंट खोल सकता है . निवेशक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) के साथ डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं . 5 पैसा https://bit.ly/3RreGqO एक ऐसा ही प्लेटफॉर्म है जहां आप आसानी से अपना डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं और ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं . डीमैट अकाउंट चार तरह के होते हैं .

1)- रेगुलर डीमैट अकाउंट एक रेगुलर डीमैट अकाउंट भारतीय निवासी निवेशकों के लिए होता है जो केवल शेयर खरीदना और बेचना चाहते हैं और सिक्योरिटीज को जमा ( डिपॉजिट ) करना चाहते हैं . जब आप शेयर बेचते हैं तो शेयर अकाउंट से डेबिट हो जाते हैं . इसी तरह जब आप शेयर खरीदेंगे तो वह आपके अकाउंट में क्रेडिट हो जाएंगे . यदि आप फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस में ट्रेडिंग कर रहे हैं तो डीमैट अकाउंट की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि इस तरह की डील के लिए स्टोरेज की कोई जरूरत नहीं होती है .

2)- बेसिक सर्विस डीमैट अकाउंट यह एक नए तरह का डीमैट अकाउंट है , जिसे बाजार नियामक ( मार्केट रेगुलेटर ) सेबी (SEBI) ने पेश किया है . छोटे निवेशकों को ध्यान में रखते हुए यह अकाउंट शुरू किया गया है . 50,000 रुपये से कम के स्टॉक और बॉन्ड रखने के लिए कोई मेंटेनेंस चार्ज ( रखरखाव शुल्क ) नहीं देना होगा . 50,000 रुपये से 2 लाख रुपये तक की सिक्योरिटी रखने पर सिर्फ 100 रुपये का चार्ज लगेगा .

3)- प्रत्यावर्तनीय डीमैट अकाउंट (Repatriable Demat Account) प्रत्यावर्तनीय डीमैट अकाउंट NRI ( अनिवासी भारतीयों ) के लिए है . इसके जरिए वे भारतीय बाजार में निवेश कर सकते हैं और विदेश में भी पैसा भेज सकते हैं . हालांकि फंड ट्रांसफर करने के लिए डीमैट अकाउंट को Demat Account कैसे खोले इन हिंदी NRI (Non-Resident External) अकाउंट से जोड़ना होगा .

4)- गैर प्रत्यावर्तनीय डीमैट अकाउंट (Non-repatriable Demat Account) अनिवासी भारतीयों (NRI) के लिए एक गैर – प्रत्यावर्तनीय डीमैट अकाउंट भी मौजूद है . हालांकि इस अकाउंट के जरिए विदेश में पैसा ट्रांसफर नहीं किया जा सकता .

डीमैट अकाउंट के फायदे

डीमैट अकाउंट बिना किसी परेशानी के शेयरों को तेजी से ट्रांसफर करने की सुविधा देता है . शेयर या सिक्योरिटीज सर्टिफिकेट एक डीमैट अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म से रखे जाते हैं . ऐसे में उनकी चोरी , जालसाजी और नुकसान होने की संभावना बहुत कम होती है . ट्रेडिंग एक्टिविटीज को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है . डीमैट अकाउंट को कभी भी और कहीं से भी एक्सेस किया जा सकता है . बोनस स्टॉक , राइट्स इश्यू , स्प्लिट शेयर अपने आप अकाउंट में जमा हो जाते हैं .

डीमैट अकाउंट कैसे खोलें

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट खोलना अनिवार्य है . आप किसी वित्तीय संस्थान या ब्रोकर के जरिए डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं . सबसे पहले आपको इसके लिए एक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) को चुनना होगा . यह एक वित्तीय संस्थान , अधिकृत बैंक या ब्रोकर हो सकता है . आप उनके साथ एक डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं . DP को ब्रोकरेज चार्ज , सालाना चार्ज और लीवरेज के आधार पर चुना जाना चाहिए . DP का चयन करने के बाद आपको अकाउंट खोलने का फॉर्म , KYC फॉर्म भरना होगा और उसे जमा करना होगा . इसके साथ आपको कुछ दस्तावेज भी देने होंगे . इनमें पैन कार्ड , रेजिडेंस प्रूफ , आईडी प्रूफ और पासपोर्ट साइज फोटो शामिल हैं .

नाबालिग के नाम पर भी खुलवाया जा सकता है Demat Account, लेकिन पूरी करनी होगी ये शर्त

Minor Demate Account in Hindi: शेयर मार्केट ट्रेडिंग के लिए डिमैट एकाउंट जरूरी है, लेकिन क्या आप जानते है कि नाबालिग के नाम पर भी डिमैट खाता खुलवाया जा सकता है। यहां जानिए नाबालिग के लिए डिमैट खाता कैसे खोले? (How to Open Demat Account for Minors)

Demat Account for Minors: किसी कंपनी की सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में रखने के लिए डीमैट खाता (Demat Account) आवश्यक है। कोई भी आसानी से डीमैट खाता खोल सकता है और सिक्योरिटीज रख सकता है। लेकिन क्या आप जानते है कि नाबालिग के लिए भी डीमैट एकाउंट खोला जा सकता है। नाबालिग उस व्यक्ति को संदर्भित करता है जिसकी आयु 18 वर्ष से कम है। नाबालिग के खाते में शेयर आमतौर पर IPO एलोकेशन के रूप में प्राप्त होते हैं।

हालांकि नाबालिग के लिए डिमैट खाता खोलने के लिए कुछ शर्तें होती है, जो हम इस लेख में आपको बताने वाले है। तो आइए समझते है कि नाबालिग के लिए डिमैट खाता कैसे खोले? (How to Open Demat Account for Minors) और इसके लिए शर्तें क्या क्या है।

भारतीय अनुबंध अधिनियम, 1872 के अनुसार, नाबालिग किसी भी कॉन्ट्रैक्ट या एग्रीमेंट के पक्षकार नहीं हो सकते हैं, लेकिन कंपनी अधिनियम किसी भी उम्र के व्यक्ति को कंपनी की सिक्योरिटीज को रखने की अनुमति देता है। इस प्रकार, नाबालिग के नाम पर डीमैट खाता खोलने की अनुमति है।

आम तौर पर एक नाबालिग का डीमैट एकाउंट उनकी भविष्य की जरूरतों और खर्चों जैसे शिक्षा की जरूरतों, शादी के फंड, नौकरियों के ट्रांसफर और किसी भी अन्य खर्च के लिए धन का ट्रैक रखने के लिए खोला जाता है। इसके अलावा, नाबालिग आर्थिक रूप से साक्षर हो जाएगा और बचत और निवेश के Demat Account कैसे खोले इन हिंदी बारे में जागरूक हो जाएगा।

नाबालिग के नाम से डीमैट एकाउंट दो तरह से खोले जा सकते हैं-

  1. नेचुरल गार्जियन, यानी माता-पिता के माध्यम से
  2. न्यायालय द्वारा नियुक्त अभिभावकों अर्थात कानूनी अभिभावक के माध्यम से

डीमैट खाता खोलने और संचालित करने के लिए एक अभिभावक को नाबालिग की ओर से सभी फॉर्मेलिटीज पूरी करनी होती हैं। नाबालिग के नाम पर खाता खोलने की प्रक्रिया रेगुलर डीमैट एकाउंट खोलने के समान है। इसके लिए एक स्टैण्डर्ड डीमैट एकाउंट खोलने का फॉर्म भरना होगा।

नाबालिगों के लिए डीमैट खाता कैसे खोले? | How to Open Demat Account for Minors

  • एकाउंट खोलने का फॉर्म अभिभावक द्वारा भरा जाना चाहिए।
  • दो अलग-अलग KYC फॉर्म, एक अभिभावक के लिए और दूसरा नाबालिग के लिए, खाता खोलने Demat Account कैसे खोले इन हिंदी के फॉर्म के साथ उपलब्ध कराने होंगे।
  • नाबालिग और अभिभावक दोनों के लिए पहचान और पता स्थापित करने की KYC फॉर्मेलिटीज पूरी करनी होंगी।
  • जन्म तिथि और दस्तावेजी प्रमाण (जन्म प्रमाण पत्र) देना होगा।
  • सभी दस्तावेजों पर अभिभावक के हस्ताक्षर होने चाहिए।
  • नाबालिग और अभिभावक का पैन और पता प्रमाण संलग्न करना होगा।
  • AOF के साथ नाबालिग के नाम का बैंक प्रूफ जमा करना होगा।
  • इन सभी दस्तावेजों को जमा करने पर एक डीमैट खाता खोला जाएगा।

नाबालिग डीमैट एकाउंट की शर्तें | Minor Demat Account Terms

यह ध्यान Demat Account कैसे खोले इन हिंदी दिया जाना चाहिए, कि नाबालिग के नाम पर एक डीमैट खाते में एक जॉइंट होल्डर और नामांकित व्यक्ति नहीं हो सकता है और खाते में डिलीवरी के आधार पर सिक्योरिटीज को रखा जा सकता है। नाबालिग अपने डीमैट एकाउंट के माध्यम से IPO और बायबैक ऑफर के लिए आवेदन कर सकता है। माता-पिता अपने सभी बच्चों के डीमैट खातों के अभिभावक हो सकते हैं।

नाबालिग के नाम पर ट्रेडिंग अककूनय का उपयोग इक्विटी में इंट्राडे ट्रेडों, इक्विटी डेरिवेटिव्स में ट्रेडिंग और करेंसी डेरिवेटिव ट्रेडिंग के लिए नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा, फ़्यूचर्स और ऑप्शंस जैसे फाइनेंसियल डेरिवेटिव्स का भी नाबालिग के डीमैट खाते का उपयोग करके कारोबार नहीं किया जा सकता है।

डीमैट खाता केवल अभिभावक द्वारा तब तक संचालित किया जा सकता है जब तक कि नाबालिग वयस्क न हो जाए। बालिग होने पर नाबालिग का डीमैट खाता तब तक अनुपयोगी हो जाता है जब तक कि सहायक दस्तावेजों (री-केवाईसी) के साथ एक नया खाता खोलने का फॉर्म जमा नहीं किया जाता है, अगर उक्त नाबालिग कोई प्रतिभूति रखना चाहता है।

डीमैट खाते से हुई कमाई से नाबालिग पर कोई टैक्स नहीं लगता है। नाबालिग की आय या तो उनके माता-पिता की आय में जोड़ दी जाती है, यानी माता-पिता जिनकी आय अधिक है या अभिभावक की आय।

अभिभावक की मृत्यु के मामले में, खाते को फ्रीज करने के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र की एक नोटरीकृत प्रति प्रदान की जानी चाहिए और एक नया अभिभावक नियुक्त करने के लिए दस्तावेज पूरा होने के बाद, खाते को सामान्य स्थिति में फिर से एक्टिव किया जा सकता है।

बच्चों को बचत के महत्व को समझाने में एक नाबालिग खाता अत्यधिक उपयोगी है जो भविष्य में बहुत मददगार होगा। वे सही वित्तीय साधनों में निवेश के महत्व को भी जानेंगे और वित्तीय नियोजन को समझेंगे।

निवेश के मंत्र 73: जानिए आपके लिए क्यों जरूरी है डीमैट अकाउंट और घर बैठे इसे खोलने की प्रक्रिया

निवेश

पिछले कुछ वर्षों में निवेश की प्रक्रिया में भारी बदलाव देखा गया है। नई तकनीक के साथ चीजें अधिक गतिशील हो गई हैं। आज, ई-कॉमर्स धीरे-धीरे पसंदीदा विकल्प बन रहा है और स्टॉक मार्केट के लिए भी ऐसा ही है। आप हर दिन जो काम करते हैं, उन्हें देखते हुए इक्विटी या डेट जैसे फाइनेंस को मैनेज करना परेशानियों से भरा हो सकता है। शुक्र है, डिपॉजिटरी एक्ट 1996 ने सभी के लिए अपनी फाइनेंशियल सेक्योरिटीज का मैनेजमेंट केवल कुछ क्लिक जितना आसान बना दिया है।

शेयरों या अन्य सेक्योरिटीज की फिजिकल कॉपी प्राप्त करने के बजाय, एक डीमैट अकाउंट आपको ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का लाभ उठाने में मदद करता है, जहां आप एक स्टैंडर्डाइज्ड इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर अपने फाइनेंशियल सेक्योरिटी रखते हैं।

डीमैट अकाउंट क्या है?
डीमैट अकाउंट एक बैंक खाते की तरह होता है। अंतर सिर्फ इतना है कि यह इलेक्ट्रॉनिक रूप में नकदी के बजाय स्टॉक से जुड़ा है। डीमैट खाता अपने ऑपरेटिव फंक्शन के लिए डीमैट रियलाइजेशन के कंसेप्ट का उपयोग करता है। डीमैट रियलाइजेशन वह प्रक्रिया है जिसमें फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित हो जाते हैं। डीमैट खाता एक छत के नीचे निवेशक के सभी शेयरों को संग्रहित करने के लिए तकनीक का उपयोग करता है: इनमें सरकारी सेक्योरिटी, म्यूचुअल फंड्स, शेयर, बॉन्ड आदि शामिल हैं।

  • अपने पसंदीदा डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (ब्रोकर) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
  • सरल लीड फॉर्म भरें, जिसमें पूछे गए सवालों के अनुसार अपना नाम, फोन नंबर और निवास स्थान की जानकारी दें। फिर आपको अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा।
  • अगले फॉर्म को पाने के लिए ओटीपी दर्ज करें। अपने केवाईसी डिटेल्स जैसे जन्म तिथि, पैन कार्ड डिटेल्स, कॉन्टेक्ट डिटेल्स, बैंक अकाउंट डिटेल्स आदि भरें।
  • अब आपका डीमैट अकाउंट खुल गया है। आपको अपने ईमेल और मोबाइल पर डीमैट अकाउंट नंबर जैसे डिटेल्स प्राप्त होंगे।

एक निवेशक के कई डीमैट खाते हो सकते हैं। यह एक ही डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (डीपी), या अलग-अलग डीपी के साथ हो सकते हैं। जब तक निवेशक सभी एप्लिकेशंस के लिए आवश्यक केवाईसी डिटेल्स प्रदान कर सकता है, तब तक वह आवेदक कई डीमैट अकाउंट संचालित कर सकता है।

स्रोतः एंजेल ब्रोकिंग

पिछले कुछ वर्षों में निवेश की प्रक्रिया में भारी बदलाव देखा गया है। नई तकनीक के साथ चीजें अधिक गतिशील हो गई हैं। आज, ई-कॉमर्स धीरे-धीरे पसंदीदा विकल्प बन रहा है और स्टॉक Demat Account कैसे खोले इन हिंदी मार्केट के लिए भी ऐसा ही है। आप हर दिन जो काम करते हैं, उन्हें देखते हुए इक्विटी या डेट जैसे फाइनेंस को मैनेज करना परेशानियों से भरा हो सकता है। शुक्र है, डिपॉजिटरी एक्ट 1996 ने सभी के लिए अपनी फाइनेंशियल सेक्योरिटीज का मैनेजमेंट केवल कुछ क्लिक जितना आसान बना दिया है।

शेयरों या अन्य सेक्योरिटीज की फिजिकल कॉपी प्राप्त करने के बजाय, एक डीमैट अकाउंट आपको ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का लाभ उठाने में मदद करता है, जहां आप एक स्टैंडर्डाइज्ड इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर अपने फाइनेंशियल सेक्योरिटी रखते हैं।

डीमैट अकाउंट क्या है?
डीमैट अकाउंट एक बैंक खाते की तरह होता है। अंतर सिर्फ इतना है कि यह इलेक्ट्रॉनिक रूप में नकदी के बजाय स्टॉक से जुड़ा है। डीमैट खाता अपने ऑपरेटिव फंक्शन के लिए डीमैट रियलाइजेशन के कंसेप्ट का उपयोग करता है। डीमैट रियलाइजेशन वह प्रक्रिया है जिसमें फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित हो जाते हैं। डीमैट खाता एक छत के नीचे निवेशक के सभी शेयरों को संग्रहित करने के लिए तकनीक का उपयोग करता है: इनमें सरकारी सेक्योरिटी, म्यूचुअल फंड्स, शेयर, बॉन्ड आदि शामिल हैं।

  • अपने पसंदीदा डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (ब्रोकर) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
  • सरल लीड फॉर्म भरें, जिसमें पूछे गए सवालों के अनुसार अपना नाम, फोन नंबर और निवास स्थान की जानकारी दें। फिर आपको अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा।
  • अगले फॉर्म को पाने के लिए ओटीपी दर्ज करें। अपने केवाईसी डिटेल्स जैसे जन्म तिथि, पैन कार्ड डिटेल्स, कॉन्टेक्ट डिटेल्स, बैंक अकाउंट डिटेल्स आदि भरें।
  • अब आपका डीमैट अकाउंट खुल गया है। आपको अपने ईमेल और मोबाइल पर डीमैट अकाउंट नंबर जैसे डिटेल्स प्राप्त होंगे।

एक निवेशक के कई डीमैट खाते हो सकते हैं। यह एक ही डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (डीपी), या अलग-अलग डीपी के साथ हो सकते हैं। जब तक निवेशक सभी एप्लिकेशंस के लिए आवश्यक केवाईसी डिटेल्स प्रदान कर सकता है, तब तक वह आवेदक कई डीमैट अकाउंट संचालित कर सकता है।

डीमैट अकाउंट क्या है? और Demat Account कैसे खोला जाता है

0 आशुतोष नायक (Editor) अगस्त 20, 2021

यदि आप जानना चाहते हैं कि डीमेट अकाउंट क्या होता है? और डीमेट अकाउंट कैसे खोला जाता है। इसमें कौन कौन से डॉक्यूमेंट की जरूरत होती है। और डीमैट खाता खोलने के लिए आपको कितने पैसे लगते हैं, और समय लगता है। डिमैट अकाउंट से जुड़ी सारी जानकारियां आप इस आर्टिकल में पढ़ सकते हैं। वह भी आसान भाषा में तो चलिए जानते हैं कि डीमेट अकाउंट क्या है?

डीमैट अकाउंट क्या है?

जिस प्रकार से आपका बैंक अकाउंट होता है। उसी प्रकार डीमेट अकाउंट होता है। जैसे हम अपने बैंक खाते में पैसे रखते हैं। उसी प्रकार डिमैट खाते में किसी कंपनी के शेयर रखे जाते हैं। आप इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि जिस प्रकार आपका कोई बैंक वॉलेट होता है। जैसे; गूगल पे, फोन पे इत्यादि। जिसमें पैसा तो होता है, लेकिन डिजिटल पैसा होता है। इसी प्रकार डीमेट अकाउंट में आपके डिजिटल शेयर जमा होते हैं। डिमैट अकाउंट खोलने के लिए आपको ऑनलाइन स्टॉक ब्रोकर की आवश्यकता होती है। भारत में एंजल ब्रोकिंग, जिरोधा, 5paisa अपस्टॉक्स (Upstox) जैसे कई स्टॉक ब्रोकर है। जिनके जरिए आप घर बैठे कुछ ही समय मे अपना डीमेट अकाउंट खुलवा सकते हैं।

कितने पैसे लगते हैं डीमैट अकाउंट खोलने में?

जैसा कि हमने पहले ही बताया है कि डीमेट अकाउंट स्टॉक ब्रोकर के जरिए खोला जाता है। ऐसे में बहुत सारे स्टॉक ब्रोकर होते हैं, और उनके डिमैट अकाउंट ओपनिंग चार्ज भी अलग-अलग होते हैं। हालांकि आपका डीमेट अकाउंट किसी भी स्टॉक ब्रोकर के जरिए 300 से ₹700 में आसानी से बनाया जाता है। लेकिन यहां यह ध्यान रखना भी जरूरी है। कि स्टॉक ब्रोकर चुनते समय आपको डीमेट अकाउंट ओपनिंग चार्ज के अलावा अन्य चार्ज भी देखने होते हैं।

क्योंकि शेयर की खरीदारी और बिक्री के दौरान भी आपसे यह स्टॉक ब्रोकर कई प्रकार के चार्ज लेते हैं। ऐसे में आप यह जरूर देख ले कि अकाउंट ओपनिंग चार्ज के अलावा, अकाउंट मेंटेनेंस चार्ज, इक्विटी डिलीवरी ब्रोकरेज चार्ज, इक्विटी इंट्राडे ब्रोकरेज चार्ज आदि कितने लिए जाएंगे?

डीमैट अकाउंट खोलने के लिए कौन-कौन से डॉक्युमेंट्स लगते हैं?

डीमैट अकाउंट खोलने के लिए मुख्यतः तीन डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होती है। जिनमें से एक है आधार कार्ड, जो कि आपके मोबाइल नंबर से जुड़ा होना जरूरी है। दूसरा आपका पैन कार्ड, और तीसरा आपका खुद का बैंक खाता। जोकि इंटरनेट बैंकिंग या किसी वॉलेट से जुड़ा हो। ताकि ट्रेडिंग करते समय ट्रेडिंग अकाउंट में इसकी जरिए पैसे डाले जा सके।

इन तीन डॉक्यूमेंट के अलावा आपको अपनी फोटो, बैंक का 6 माह का स्टेटमेंट आदि की भी जरूरत पड़ सकती है।

कितना समय लगता है डीमेट खाता खुलने में

आप किसी भी स्टॉक ब्रोकिंग ऐप के जरिए कुछ ही 10 मिनट में इस फॉर्म को फिल कर सकते हैं। ठीक वैसे ही जैसे आप किसी नोकरी के लिए आवेदन करते हैं। जिसके बाद 3 से 4 दिन में आपके द्वारा दी गई डिटेल को वेरीफाई कर के स्टॉक ब्रोकर के जरिए आपको बता दिया जाएगा, कि आपका डीमेट अकाउंट खुल गया है। इसमें ज्यादा से ज्यादा तीन से 4 दिन ही लगते हैं। यदि आप सोमवार को अपना डिमैट अकाउंट से संबंधित जानकारी सबमिट करते हैं। तो आपको गुरुवार या शुक्रवार तक शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने की अनुमति मिल सकती है।

क्यों जरूरी है डीमेट एकाउंट

यदि आप शेयर बाजार में ट्रेड या निवेश करना चाहते हैं। तो जाहिर है आप कंपनियों के शेयर खरीदेंगे। ऐसे में जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं। तो आपके ट्रेडिंग अकाउंट में यह शेयर पहुंच जाते हैं, लेकिन जब आप इन शेयर को 1 दिन से ज्यादा के लिए अपने पास रखते हैं। तो स्टॉक एक्सचेंज इन्हें आपके डीमेट अकाउंट में भेजता है। जिसे हम आपके शेयर का लॉकर भी कह सकते हैं। यहां पर आपके द्वारा खरीदे गए शेयर पूरी तरह से सुरक्षित रहते हैं। और आप यहाँ इन्हें सालों तक रख सकते हैं। इसीलिए जरूरी है कि जब आप शेयर बाजार में आए तो आपका डीमेट अकाउंट खुलवाना जरूरी ही नहीं अनिवार्य होता है। इसके बिना आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग नहीं कर सकते हैं।

आशा करते हैं कि आपको डीमेट एकाउंट से जुड़ी दी गई जानकारी पसंद आई होगी। यदि फिर भी आपके मन में डीमेट एकाउंट से जुड़ा कोई सवाल है। तो आप कमेंट करके जरूर बताएं।

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