जानें क्यों निवेशकों को लुभा रही ये करंसी

अगर किसी के पास क्रिप्टोकरेंसी है जो उसके पास पैसे हैं, भले ही वो दिख न रहे हों. इससे ऑनलाइन खरीददारी भी होती है और निवेश की तरह भी रखा जाता है. यहां तक कि ये ई-वॉलेट में भी होते हैं, जो ट्रांसफर भी हो सकते हैं.
Explained: क्यों नाइजीरिया जैसा गरीब देश बिटकॉइन में दुनिया में लीडर है?
- News18Hindi
- Last Updated : March 01, 2021, 18:13 IST
बिटकॉइन का नाम आजकल आए-दिन चर्चा में रहता है. इन्वेस्टमेंट की दुनिया में काफी चर्चित बिटकॉइन के बारे में सबसे दिलचस्प बात ये है कि नाइजीरिया जैसा आर्थिक तौर पर बदहाल जानें क्यों निवेशकों को लुभा रही ये करंसी देश इस मामले में सबसे आगे है. वहां पर निवेश के दूसरे पारंपरिक तरीकों की बजाए इसी पर सबसे ज्यादा भरोसा जताया जा रहा जानें क्यों निवेशकों को लुभा रही ये करंसी है, जबकि दुनिया के कई देश अपने यहां बिटकॉइन पर पाबंदी लगाने की कोशिश में हैं.
नाइजीरिया से बिटकॉइन का संबंध समझने से पहले एक बार ये जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर ये है क्या. बिटकॉइन एक तरह की क्रिप्टोकरंसी है. यानी वो पैसे जो गुप्त हों. यानी जानें क्यों निवेशकों को लुभा रही ये करंसी ये पैसे एक तरह की डिजिटल करेंसी हैं, जो क्रिप्टोग्राफी की मदद से बनते हैं. यहां क्रिप्टोग्राफी का मतलब है कोडिंग को सुलझाने की कला.
भारतीय बाजार पर फोकस बढ़ा रही हैं विदेशी फार्मा कंपनियां, जानिए क्यों
इस गति से देखा जाए, तो साल 2025 तक भारतीय फार्मा इंडस्ट्रीज का आकार $100 बिलियन (करीब 7.08 लाख करोड़ रुपये) को पार कर जाएगा. सरकार भी स्वास्थ्य और इससे संबंधित सेवाओं पर जोर दे रही है. इस बाबत कई योजनाएं बनाई गई हैं.
इस मौका को भुनाने के लिए वैश्विक फार्मा कंपनियों ने भारतीय बाजार में नए प्रोडक्ट लॉन्च करने शुरू कर दिए हैं. ब्रांडेड दवा बाजार में इन कंपनियों की हिस्सेदारी 80 फीसदी है. नए जानें क्यों निवेशकों को लुभा रही ये करंसी प्रोडक्ट लॉन्च करने का असर इन फार्मा कंपनियों के कारोबार में नजर आ रहा है.
अपनी वार्षिक रिपोर्ट पेश करते समय जीएसके फार्मा के एमडी ए वैदीश ने कहा, "हम नए क्षितिज पर खड़े हैं." कंपनी ने अप्रैल में डीटीपी वैक्सीन लॉन्च किया. इसका बाजार सिर्फ 275 करोड़ रुपये का है, मगर 135 फीसदी की वार्षिक दर से बढ़ रहा है. जून तिमाही में कंपनी का मुनाफा 235 फीसदी बढ़ा.
क्यों बाजार में तेजी के बाद भी आपके जानें क्यों निवेशकों को लुभा रही ये करंसी म्यूचुअल फंड ने दिया कम रिटर्न?जानें क्यों निवेशकों को लुभा रही ये करंसी
आंकड़ों के अनुसार, 8 लाख करोड़ रुपये का मार्केटकैप हासिल करने वाली पहली भारतीय कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की जानें क्यों निवेशकों को लुभा रही ये करंसी हिस्सेदारी 30 जून 2018 तक विदेशी निवेशकों के पोर्टफलोलियो में महज 5.7 फीसदी थी.
एमएससीआई इंडिया इंडेक्स पर रिलायंस इंडस्ट्रीज की हिस्सेदारी 10.6 फीसदी थी. बीएसई 200 इंडेक्स पर 6.8 फीसदी हिस्सेदारी और निफ्टी 50 इंडेक्स पर 6.8 फीसदी हिस्सेदारी है. कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के अनुसार, म्यूचुअल फंड्स के पोर्टफोलियो जानें क्यों निवेशकों को लुभा रही ये करंसी में कंपनी 2.5 फीसदी का हिस्सा रखती है.
Crypto से जुड़े विज्ञापन पर फिलहाल रोक क्यों लगाने जा रहे हैं WazirX, bitbns जैसे एक्सचेंज
नई दिल्ली
Crypto Ads: भारत में क्रिप्टो करेंसी को मुद्रा के रूप में अनुमति नहीं दी जाएगी। इसका मतलब यह है कि अगर किसी के पास बिटकॉइन या इथेरियम जैसी क्रिप्टो करेंसी है तो वह उससे शेयर, गोल्ड या बॉन्ड की तरह रख सकते हैं, लेकिन उसे करेंसी की तरह पेमेंट करने में उपयोग नहीं कर सकते।
लोकप्रिय इवेंट में विज्ञापनों की बमबारी
पिछले कुछ वक्त में क्रिप्टो एक्सचेंज ने क्रिकेट इवेंट को जानें क्यों निवेशकों को लुभा रही ये करंसी विज्ञापनों से भर दिया है। इस मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि कंपनियां अब इस तरह के विज्ञापन बंद करने और अपने दावे को वापस लेने पर विचार जानें क्यों निवेशकों को लुभा रही ये करंसी कर रही हैं। क्रिप्टो एक्सचेंज के जानें क्यों निवेशकों को लुभा रही ये करंसी विज्ञापनों की पड़ताल की जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि क्रिप्टो एक्सचेंज और ट्रेडिंग प्लेटफार्म अनाप-शनाप दावे कर निवेशकों को भ्रमित कर रही हैं।